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Volkswagen 87 साल में पहली बार जर्मनी के प्‍लांट बंद करने की कर रही तैयारी

नई दिल्‍ली :  दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वाहन निर्माता Volkswagen यूरोप में ही एशियाई वाहन निर्माताओं से कड़ी चुनौती का सामना कर रही है।…

नई दिल्‍ली :  दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वाहन निर्माता Volkswagen यूरोप में ही एशियाई वाहन निर्माताओं से कड़ी चुनौती का सामना कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी जर्मनी में अपने कुछ प्‍लांट बंद करने की तैयारी कर रही है। ऐसा किन कारणों से किया जा रहा है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

यूरोपियन वाहन निर्माता फॉक्‍सवैगन अपने प्‍लांट्स को बंद करने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मनी में कंपनी अपने कुछ प्‍लांट्स को बंद कर सकती है। खास बात यह है कि 87 सालों में ऐसा पहली बार हो सकता है जब फॉक्‍सवैगन के प्‍लांट को बंद किया जाएगा। इसके साथ ही कंपनी अन्‍य उपायों को भी अपना सकती है।

कंपनी के ग्रुप सीईओ ओलिवर ब्‍लूम ने कहा है कि यूरोप की ऑटोमोटिव इंडस्‍ट्री गंभीर स्थिति में है। यूरोपियन बाजार में लगातार नए वाहन निर्माताओं के आने के कारण प्रतिस्‍पर्धा बढ़ रही है। जिसका नुकसान मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब के तौर पर जर्मनी को हो रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यूरोपियन वाहन निर्माताओं को एशियाई वाहन निर्माताओं से लगातार कड़ी चुनौती मिल रही है। बाजार में चीन की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता BYD के साथ प्रतिस्‍पर्धा बढ़ रही है। वहीं फॉक्‍सवैगन की अपने सबसे बड़े बाजार चीन में भी लगातार हिस्‍सेदारी कम हो रही है। 2024 की पहली छमाही के दौरान चीन की डिलीवरी सात फीसदी तक कम हो गई और मुनाफा भी 93600 करोड़ रुपये रह गया है।

फॉक्‍सवैगन के पास दुनियाभर में 6.83 लाख कर्मचारी हैं और इनमें से अकेले 2.95 लाख कर्मचारी जर्मनी में हैं। ऐसे में अगर कंपनी जर्मनी में अपने कुछ प्‍लांट्स को बंद करती है तो इन कर्मचारियों को भी नुकसान होगा। कर्मचारियों के अलावा कंपनी की क्षमता हर साल 1.4 करोड़ वाहन की है, लेकिन बीते साल 90 लाख वाहनों का ही उत्‍पादन किया गया था।