Suparna Parui – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 28 Jun 2025 07:14:57 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Suparna Parui – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 Tamil Nadu: चलती ट्रेन पटरी से उतरी, यात्रियों की जान बाल-बाल बची https://ekolkata24.com/india/tamil-nadu-train-derailment-passengers-escape-unharmed-in-close-call Sat, 28 Jun 2025 07:14:57 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52093 Tamil Nadu: आज शनिवार की सुबह, अरक्कोनम-काटपाड़ी मेमू पैसेंजर ट्रेन जैसे ही चित्तेरी स्टेशन से रवाना हुई, अचानक एक बड़ा हादसा हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन चलने के दौरान तेज धमाके जैसी आवाज़ सुनाई दी, जिससे यात्री घबरा गए। तुरंत ही लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन इसी बीच ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए।

Read Hindi: চলন্ত ট্রেন লাইনচ্যুত, অল্পের জন্য রক্ষা পেল শতাধিক প্রাণ

कुछ यात्रियों का कहना है कि हादसे के वक्त रेल पटरी का एक हिस्सा टूट गया था। घटना के बाद ट्रेन के भीतर अफरा-तफरी मच गई। कई लोग डर के मारे बाहर निकलने की कोशिश करने लगे।

घटना की खबर मिलते ही रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उनकी तरफ से बताया गया कि इस दुर्घटना में कोई भी घायल या मृत नहीं हुआ है। हालांकि, इस घटना के कारण उस रूट पर रेल सेवा प्रभावित हुई है और मरम्मत का काम जारी है।

रेलवे अधिकारी फिलहाल यह बता पाने में असमर्थ हैं कि स्थिति कब तक सामान्य होगी। साथ ही, इस हादसे के चलते कोई ट्रेन रद्द हुई है या नहीं, इस पर भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

ज्ञात हो कि चित्तेरी स्टेशन पहले भी एक बड़ी रेल दुर्घटना का गवाह बन चुका है। वर्ष 2011 में इसी स्थान पर दो ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर हो गई थी, जिसमें 11 यात्रियों की मौत हुई थी और 70 से अधिक लोग घायल हुए थे।

आज की घटना ने एक बार फिर से रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या रेलवे ट्रैक की नियमित जांच की जा रही है? क्या इंफ्रास्ट्रक्चर की निगरानी सही ढंग से हो रही है? इन तमाम सवालों के जवाब चाह रहे हैं यात्री और आम नागरिक।

रेल प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल तकनीकी स्तर पर सुधार करे, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए व्यापक निगरानी व्यवस्था लागू करे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।

]]>
Cooperative Election: पाण्डुआ में तृणमूल की ऐतिहासिक जीत, सहकारी चुनाव में बजी जीत की घंटी https://ekolkata24.com/west-bengal/pandua-cooperative-election-2025-trinamool-congress-sweeps-belun-paikara-kamtai-societies-in-hooghly Mon, 23 Jun 2025 06:26:23 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52045 हुगली जिले के पाण्डुआ ब्लॉक में तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर से अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। समबाय चुनाव (Cooperative Election) में तृणमूल ने तीन महत्वपूर्ण समबाय समितियों पर कब्जा जमाया। पाण्डुआ के बेलुन धमासिन, जामग्राम मंडलई और जाएर द्वारबासिनी ग्राम पंचायतों के बेरुई समबाय, पैकारा समबाय और कमताई समबाय चुनाव में तृणमूल ने शानदार जीत हासिल की है। इस जीत के बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई, और उन्होंने अकाल होली मनाकर अपनी जीत का जश्न मनाया।

Read Bengali: পাণ্ডুয়া সমবায় নির্বাচনে তৃণমূলের দানা বাঁধল বিজয়ের ঝড়

बेलुन धमासिन ग्राम पंचायत के बेरुई समबाय में तृणमूल ने 12 सीटों में से सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इस चुनाव में सीपीएम और बीजेपी ने भी उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन तृणमूल के सामने वे कोई चुनौती नहीं पेश कर पाए। 784 मतदाताओं के बीच 546 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई, और परिणाम में तृणमूल ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की।

जामग्राम मंडलई ग्राम पंचायत के पैकारा समबाय में भी तृणमूल ने जीत हासिल की। यहां 306 मतदाता थे, और 290 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई। तृणमूल ने इस चुनाव में पूरी तरह से बहुमत प्राप्त किया।

जाएर द्वारबासिनी ग्राम पंचायत के कमताई समबाय में भी तृणमूल ने 11 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि सीपीएम को सिर्फ एक सीट मिली। यहां कुल 407 मतदाता थे और 280 मतदान केंद्र थे। इस कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद तृणमूल ने समबाय बोर्ड पर अपना कब्जा जमाया।

कार्यकर्ताओं का उत्साह और नेताजी के बयान

इस शानदार जीत के बाद तृणमूल कार्यकर्ता उत्साहित होकर अकाल होली मनाने लगे। पाण्डुआ ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के सहायक अध्यक्ष शुभंकर नंदी ने कहा, “यह जीत साम्प्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की जीत है। हमारी प्राथमिकता हमेशा किसानों के विकास और ममता दीदी की नीतियों को समर्थन देने की रही है।”

हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस के महासचिव संजय घोष ने कहा, “यह जीत ममता बनर्जी की जीत है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमेशा आम जनता और किसानों के हित में काम किया है, और इस चुनावी जीत का यही परिणाम है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में भी जनता हमारे साथ रहेगी।”

साथ ही, चुनाव के दौरान कोई अप्रत्याशित घटना न हो, इसके लिए पुलिस बल की बड़ी संख्या में तैनाती की गई थी ताकि चुनाव शांति से संपन्न हो सके।

]]>
Kaliganj Bye-Election Results: आठवें राउंड के बाद तृणमूल की बढ़ी बढ़त, उपचुनाव परिणाम की दिशा क्या होगी? https://ekolkata24.com/top-story/kaliganj-by-election-2025-trinamool-congress-surges-ahead-after-eighth-round-set-for-victory Mon, 23 Jun 2025 06:00:37 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52039 पश्चिम बंगाल में चल रहे उपचुनाव (Kaliganj Bye-Election) में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस ने अपनी स्थिति मजबूत दिखाई है। खासतौर पर कालिगंज उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। आठवें राउंड के वोटों की गिनती के बाद, तृणमूल कांग्रेस को 39,838 वोट प्राप्त हुए हैं, जो कि कांग्रेस और बीजेपी के मुकाबले काफी अधिक हैं। इस आंकड़े से साफ है कि तृणमूल कांग्रेस इस उपचुनाव में विजय की ओर बढ़ रही है।

Read Bengali: কালীগঞ্জে অষ্টম রাউন্ডে তৃণমূলের লিড আরও বাড়ল, কী বলছে উপনির্বাচনের ট্রেন্ড?

कांग्रेस के उम्मीदवार को 14,883 वोट प्राप्त हुए हैं, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार को 13,020 वोट मिले हैं। इस तरह से, तृणमूल की बढ़त दोनों ही प्रमुख विपक्षी दलों के मुकाबले काफी मजबूत दिखाई दे रही है। यह परिणाम यह भी साबित करता है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव बरकरार है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां पार्टी का आधार बहुत मजबूत है।

यह नतीजा केवल तृणमूल के लिए खुशी का कारण नहीं है, बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए भी एक चेतावनी है। बीजेपी, जिनके पास केंद्रीय नेताओं का समर्थन था और जिन्होंने बड़े पैमाने पर प्रचार किया, वे तृणमूल से पीछे रह गए हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि बीजेपी का बंगाल में प्रभाव अब पहले जैसा नहीं रहा है। तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ कांग्रेस की स्थिति भी कमजोर होती दिख रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस उपचुनाव में तृणमूल की सफलता केवल कालिगंज तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। तृणमूल का यह प्रदर्शन राज्य के आगामी चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती पेश कर सकता है।

कालिगंज का यह उपचुनाव पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यदि तृणमूल कांग्रेस इस तरह की सफलता को जारी रखती है, तो आगामी चुनावों में उनकी जीत निश्चित लगती है। वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में तृणमूल के लिए यह एक उत्साहजनक स्थिति है, जबकि बीजेपी और कांग्रेस को अब भविष्य में अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।

]]>
Gold Prices: सोने की कीमत में गिरावट, अब खरीदने का बेहतरीन मौका https://ekolkata24.com/business/gold-prices-drop-in-india-is-now-the-best-time-to-buy Sun, 22 Jun 2025 06:44:04 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51983 दुनिया भर में राजनीतिक अस्थिरता और खासकर पश्चिम एशिया के दो देशों के बीच युद्ध के बाद सोने की कीमतों (Gold Prices) में भारी वृद्धि देखने को मिली। कुछ महीनों पहले सोने की कीमत ने 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार कर लिया था, जो आम लोगों के लिए सोना खरीदना मुश्किल बना रहा था। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतें थोड़ी घट चुकी हैं, लेकिन फिर भी यह कीमत आम आदमी की पहुँच से बाहर है।

Read Bengali: ফের কলকাতায় কমল সোনার দাম! রবিবারই কেনার সুবর্ণ সুযোগ

रविवार को कोलकाता बाजार में सोने की कीमत में शुक्रवार के मुकाबले 600 रुपये से भी ज्यादा की गिरावट आई। इसके अलावा, चांदी की कीमतों में भी बड़ी गिरावट देखी गई है। चांदी का रेट प्रति किलो लगभग 1000 रुपये घट चुका है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।

हालांकि, सोने की कीमतों में गिरावट आई है, फिर भी आम आदमी के लिए यह किफायती नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में 24 कैरट सोने की कीमत 10 ग्राम 98,750 रुपये है, जबकि 22 कैरट सोने का मूल्य 10 ग्राम 94,350 रुपये है। इसके अलावा, चांदी का रेट 1 किलो 1,06,850 रुपये के आस-पास चल रहा है। इस कीमत में और भी बदलाव हो सकते हैं, क्योंकि दुकानदारों के पास जो मापदंड होते हैं, उन पर मज़दूरी और GST भी जुड़ते हैं, जिससे कीमतें अधिक हो जाती हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने की कीमतें लगातार बढ़ती-घटती रहती हैं। इस प्रकार की अस्थिरता के कारण, जब भी सोने की कीमत थोड़ी कम होती है, तब इसे खरीदने का अच्छा मौका होता है। हालांकि, हाल के दिनों में सोने की कीमत में बहुत ज्यादा गिरावट होने की संभावना नहीं दिखाई देती है।

इसके अलावा, जब आप सोना खरीदने के लिए दुकान पर जाएं, तो यह ध्यान में रखें कि दुकानों पर सोने की कीमतों में मज़दूरी भी जोड़ी जाती है। विभिन्न दुकानों में मज़दूरी के अलग-अलग मानक हो सकते हैं, जिससे कीमतें कुछ अधिक हो सकती हैं।

इसलिए, यदि आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो सबसे अच्छा होगा कि आप कीमतों में किसी भी गिरावट का लाभ उठाएं। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल फिलहाल में सोने की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं, इसलिए अभी खरीदारी करना एक अच्छा विचार हो सकता है।

]]>
Mamata Banerjee: मुख्यमंत्री के उद्घाटन के चार साल बाद भी फूलबाजार नहीं खुला https://ekolkata24.com/business/mamata-banerjee-flower-market-in-debra-lies-unused-4-years-after-inauguration Sun, 22 Jun 2025 06:26:55 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51980 फूल मार्केट बनाई गई, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इसका वर्चुअल उद्घाटन भी किया, लेकिन आज भी वह बाजार चालू नहीं हो सका। 6 अक्टूबर 2020 को पश्चिम मिदनापुर जिले के डेबरा के रघुनाथपुर में फूल मार्केट और स्टोर रूम का वर्चुअल उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था। लेकिन आज चार साल बाद भी वह बाजार अब तक शुरू नहीं हो पाया है।

Read Bengali: মুখ্যমন্ত্রীর চমকপ্রদ উদ্বোধনের চার বছর পরেও বসল না ফুলবাজার!

डेबरा ब्लॉक के फूल उत्पादकों और व्यापारियों की सुविधा के लिए एक फूल बाजार बनाने की योजना बनाई गई थी। सरकार का कहना था कि अगर यह बाजार शुरू होता, तो यहां के फूल उत्पादक अन्य जगहों से फूल लाने की बजाय सीधे डेबरा में व्यापार कर सकते थे। इस प्रकार, उनके व्यापार में वृद्धि होती और स्थानीय फूल उत्पादकों को भी अपना उत्पाद सीधे बाजार में बेचने का अवसर मिलता। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।

डेबरा ब्लॉक के एक छोर पर दासपुर और दूसरे छोर पर पूर्व मिदनापुर जिले के पांस्कुड़ा में फूल की खेती होती है। वहां फूलों का काफी उत्पादन होता है और स्थानीय व्यापारी इस बाजार की आवश्यकता महसूस कर रहे थे। सरकार ने इस उद्देश्य के लिए फूल बाजार बनाने की योजना बनाई और इसके लिए लगभग 61 लाख रुपये आवंटित किए। उसी पैसे से 2020 में 11 स्थायी दुकानें, तीन शेड और एक गोदाम बनाने का काम किया गया था।

शेड में सैकड़ों खुदरा विक्रेताओं को फूल बेचने का अवसर देने की योजना थी। एक ओर जहां फूल व्यापार का विकास होता, वहीं दूसरी ओर रोजगार भी बढ़ता। लेकिन यह योजना आज तक पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी। शेड में फूल बेचने की योजना तो थी, लेकिन बाजार अब तक चालू नहीं हो पाया है। यहां तक कि, गोदाम भी खाली पड़ा है।

लाखों रुपये का बर्बादी, विपक्ष के सवाल

विपक्ष का आरोप है कि यह एक गलत योजना का परिणाम है और यह परियोजना कभी भी सफल नहीं हो सकती। उनका कहना है कि लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। यह फूल बाजार का प्रोजेक्ट भले ही क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से था, लेकिन जो राशि खर्च की गई थी, वह पूरी तरह से व्यर्थ नजर आ रही है।

फूल उत्पादक और व्यापारी सरकार की इस उदासीनता से निराश हैं। उनका कहना है कि वे लंबे समय से इस परियोजना के लाभ का इंतजार कर रहे थे, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम न उठाने के कारण अब वे निराश हो गए हैं।

भविष्य क्या है?

इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए सरकार को फिर से एक नई योजना बनानी होगी और फूल बाजार को प्रभावी रूप से लागू करना होगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार किस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रही है, जो इस परियोजना को कार्यान्वित नहीं कर पा रही है। अगर सरकार जल्दी से कोई ठोस कदम उठाती है, तो हो सकता है फूल बाजार चालू हो जाए। लेकिन अगर यह इस तरह से खाली पड़ा रहता है, तो यह एक बड़ा उदाहरण बनेगा कि कैसे सही योजना और कार्यान्वयन के अभाव में लाखों रुपये बर्बाद हो गए।

]]>
Petrol Price: पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर, चेन्नई में मामूली गिरावट! https://ekolkata24.com/business/petrol-prices-stable-in-india-chennai-sees-minor-dip Sun, 22 Jun 2025 06:08:40 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51974 वर्तमान में देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol Price) स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों में तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन चेन्नई में मामूली गिरावट देखी जा रही है। चेन्नई में लगातार दूसरे दिन पेट्रोल की कीमतें कुछ कम हुई हैं, जो देश के अन्य मेट्रो शहरों से थोड़ा अलग परिस्थिति है।

Read Bengali: ছুটির সকালে পেট্রোল-ডিজেলের দাম আরও বাড়ল, জানুন আপনার শহরে কত

2024 के मार्च में आखिरी बार पेट्रोल की कीमत में बड़ा बदलाव हुआ था, जब सरकार ने प्रति लीटर 2 रुपये की कमी की थी। उसके बाद से, देशभर में ईंधन की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि तेल की कीमतें क्यों नहीं बदल रही हैं और यह स्थिरता कैसे बरकरार रखी जा रही है।

ईंधन की कीमतों में स्थिरता का कारण

2022 के मई महीने में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने ईंधन कर में कमी की थी, जिसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग अपरिवर्तित रही हैं। इसके बाद से, पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे तय की जा रही हैं, जिसे सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियां जैसे भारतीय आयल कॉर्पोरेशन घोषित करती हैं।

देश में ईंधन की कीमतों की स्थिरता का एक बड़ा कारण है अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर। जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, तो इसका सीधा असर देश के बाजारों पर पड़ता है। हालांकि, जब तेल की कीमत स्थिर रहती है, तो यह आम जनता के लिए एक राहत की बात होती है।

हालांकि, इस स्थिरता को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती हो सकता है, क्योंकि अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता या रुपया-डॉलर विनिमय दर में बदलाव होता है, तो तेल की कीमतें आसानी से बढ़ सकती हैं। हालांकि सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे करों में कमी और विभिन्न राज्यों में ईंधन कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश, लेकिन फिर भी देश के घरेलू बाजार में उसका असर हमेशा समान नहीं रहता।

भविष्य की संभावना: तेल की कीमतें कितनी बदल सकती हैं?

आने वाले दिनों में अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर और अस्थिर होती है, तो तेल की कीमतों में बदलाव हो सकता है। हालांकि, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर परिवहन क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और आम जीवन पर पड़ेगा, इस पर कई लोगों में चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तेल की कीमत बढ़ती है, तो इसका प्रभाव परिवहन और कृषि से लेकर आम जीवन पर होगा।

देश की अर्थव्यवस्था के लिए, तेल की कीमतों को स्थिर रखना सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति को देखते हुए अगर तेल की कीमत अप्रत्याशित रूप से बढ़ती है, तो सरकार उसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी।

]]>
Ghatal Master Plan: बीजेपी विधायक ने देव को ठहराया ढपबाज https://ekolkata24.com/top-story/bjp-mla-slams-dev-over-ghatal-master-plan-delay-calls-him-dhappabaaz Sun, 22 Jun 2025 05:46:54 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51970 घटाल मास्टरप्लान (Ghatal Master Plan) की योजनाओं को लेकर पिछले कुछ समय से राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है। राज्य में बाढ़ की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इस योजना के लागू होने की आवश्यकता और भी बढ़ गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस मुद्दे पर अब सवाल उठ रहे हैं, “घटाल मास्टरप्लान अब तक क्यों लागू नहीं हुआ?” यह सवाल अब राज्य के राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ता जा रहा है।

Read Bengali: ‘ঘাটাল মাস্টারপ্ল্যান শুধু নির্বাচনী কৌশল’, শীতল কপাটের মন্তব্যে নয়া বিতর্ক, মুখ খললেন দেব

बीजेपी विधायक शीतल कपाटे ने हाल ही में घटाल के सांसद देव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “क्या अब पागलु घटाल में शूटिंग करने आएंगे! अभिनय करते-करते घटाल के लोगों के जीवन और भावनाओं के साथ झूठा अभिनय और कितने दिन करेंगे? घटाल के लोगों को और कितनी बार झूठी वादे देंगे? आपने खुद ढोल बजाया और खुद को मास्टरप्लान चैंपियन कहा और अब घटाल के लोग आपको ढपबाज कह रहे हैं।”

शीतल कपाटे के इस बयान ने राज्य में राजनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि देव ने घटाल के लोगों के साथ लगातार धोखा किया है और उनकी वादों का कोई मूल्य नहीं रह गया है।

वहीं, शासक दल तृणमूल कांग्रेस इस विवाद को लेकर पूरी तरह से खामोश है और शीतल कपाटे की आलोचना की है। घटाल तृणमूल जिला अध्यक्ष अजीत माईती ने शीतल कपाटे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “हमने सुना है कि कुछ समय पहले देव को लेकर उनका रवैया अच्छा था। अगर तृणमूल में शामिल होने का उनका इरादा था, तो वह क्यों अब कुत्सित बयान दे रहे हैं?”

इस विवाद में अब यह सवाल उठने लगा है कि घटाल मास्टरप्लान का आखिरकार क्या होगा? क्या देव अपनी वादों को पूरा करेंगे या इस मुद्दे पर राजनीति और बढ़ेगी? राज्य की जनता अब इस सवाल का जवाब चाहती है, और देखते हैं कि इस योजना का कार्यान्वयन कब होगा।

घटाल के लोग आज भी इस योजना की इंतजार में हैं, लेकिन उनके सामने केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की बौछार हो रही है।

]]>
Gold Price Drop: सोने की कीमतों में गिरावट, 2025-2026 में निवेश का मौका https://ekolkata24.com/business/gold-price-drop-predicted-for-2025-2026-investment-opportunity-in-india Sat, 21 Jun 2025 09:29:21 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51929 सोने की कीमतों (Gold Price) में उतार-चढ़ाव हमेशा से निवेशकों के लिए चिंता का विषय रही है। पिछले कुछ वर्षों में, सोने की कीमतों में अचानक वृद्धि देखी गई, खासकर मध्य-पूर्व में चल रहे संघर्षों के कारण। लेकिन अब, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में सोने की कीमतें घट सकती हैं। आइए हम जानते हैं क्यों सोने की कीमतों में कमी आ सकती है और इसके कारण क्या हो सकते हैं।

Read Bengali: মধ্যবিত্তের খুশির হাওয়া, সোনার দাম ৭৫ হাজারে নামল!

मध्य-पूर्व संकट और सोने की कीमतें:

मध्य-पूर्व में जारी संकट ने सोने की कीमतों में एक उछाल दिया था। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, यदि यह संकट जल्दी हल हो जाता है, तो सोने की कीमतें तेजी से गिर सकती हैं। सिटी बैंक का मानना है कि अगले तिमाही में 10 ग्राम 24 कैरट सोने की कीमत ₹91,755 तक घट सकती है। 2025 के मध्य से लेकर 2026 तक सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है।

सोने की कीमतें कम होने के संभावित कारण:

निवेश की कमी: जब निवेशक सोने में निवेश करने के बजाय अन्य विकल्पों जैसे शेयर बाजार, रियल एस्टेट में निवेश करना शुरू कर देते हैं, तो सोने की कीमतें गिरने लगती हैं।

वैश्विक स्थिति का सामान्य होना: कोविड-19 महामारी के बाद स्थिति अब कुछ सामान्य हो रही है। साथ ही, विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक अब सोने के भंडार में वृद्धि नहीं कर रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है।

फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कमी: जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को कम करता है, तो सोना निवेशकों के लिए आकर्षक बन जाता है, लेकिन जैसे ही ब्याज दरें बढ़ती हैं, निवेशक सोने से बाहर अन्य निवेश में चले जाते हैं।

केंद्रीय बैंकों का सोना बेचना: अगर केंद्रीय बैंक अपने सोने के स्टॉक को बेचना शुरू कर देते हैं और उस पैसे को अन्य निवेशों में लगाते हैं, तो सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है।

2025 से 2026 तक सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना:

वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामान्य होने और सोने में निवेश की मांग कम होने पर, 2025 के मध्य से 2026 तक सोने की कीमतों में गिरावट हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2026 के अंत तक सोने की कीमत ₹76,462 से ₹82,566 तक गिर सकती है।

भारत में सोने की कीमतों पर प्रभाव:

भारत में सोने की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होती हैं। यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें घटती हैं, तो भारत में भी इसका असर दिखाई देगा। ऐसे में भारतीय निवेशकों के लिए सोने में निवेश करना एक अच्छा अवसर हो सकता है।

]]>
Bardhaman: उड़ाल पुल पर उद्घाटन से पहले वाहनों की आवाजाही, विवाद! https://ekolkata24.com/west-bengal/udal-bridge-in-bardhaman-bhedia-sparks-controversy-over-pre-inauguration-vehicle-traffic Sat, 21 Jun 2025 08:17:11 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51922 आउशग्राम के भेड़िया (Bardhaman) में हाल ही में निर्मित उड़ाल पुल को लेकर स्थानीय निवासियों में विवाद उत्पन्न हो गया है। उद्घाटन से पहले ही इस पुल से भारी वाहन तीन दिनों से आवागमन कर रहे हैं। लोरी, डंपर जैसी भारी गाड़ियां बिना किसी औपचारिक उद्घाटन के पुल पर चढ़ रही हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है। प्रशासन द्वारा इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई, जिससे लोगों में असंतोष उत्पन्न हो गया है।

Read Bengali: যাত্রীরা অবাক! উদ্বোধনের আগেই উড়ালপুলে যান চলাচল শুরু

स्थानीय निवासियों का कहना है कि “पुल का निर्माण कब पूरा हुआ, हम यह तक नहीं जान पाए। उद्घाटन से पहले ही भारी वाहन चलने लगे हैं!” इसके साथ ही वे पुल की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं। एक निवासी ने कहा, “अधिकारियों से हमें कोई जानकारी नहीं मिली, और अब हम देख रहे हैं कि बड़े वाहन पुल पर चल रहे हैं।”

एनएचसी विभाग के अधिकारी दीपंकर जाना ने इस संबंध में कहा, “पुल का निर्माण पूरी तरह से पूरा हो चुका है और इसकी टेस्टिंग भी की जा चुकी है। लेकिन उद्घाटन अभी नहीं हुआ है। एक जगह पानी जमा होने के कारण किसी ने पुल का रास्ता खोल दिया होगा।”

यह 116 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का निर्माण दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल के बीच यात्रा को आसान बनाने में मदद करेगा। इसका निर्माण 2021 की शुरुआत में शुरू हुआ था और यह रेल के बर्धमान-रामपुरहाट लूप लाइन के ऊपर स्थित 144 नंबर राष्ट्रीय सड़क पर 2.2 किलोमीटर लंबा है। पुल में 70 पिलर और 134 स्ट्रीटलाइट्स हैं।

स्थानीय निवासी रंजन बैद्य और अनुप हाटी ने कहा, “हम पुल के बनने से खुश हैं, क्योंकि यह हमारी लंबे समय से चली आ रही मांग थी। लेकिन उद्घाटन से पहले ही वाहनों का आवागमन शुरू होना सही नहीं है।” उनका कहना है कि, “हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द उद्घाटन हो और नियमित रूप से वाहन चलने लगे।”

स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि प्रशासन से इस संबंध में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। उन्हें यह भी चिंता है कि उद्घाटन से पहले पुल पर भारी वाहनों का चलना सुरक्षा के लिहाज से खतरे का कारण बन सकता है।

एनएचसी विभाग के अधिकारी ने यह भी कहा कि, “यह पुल भेड़िया के नीचे आंडरपास में जलजमाव की समस्या को सुलझाएगा।” हालांकि, अब तक पुल के उद्घाटन की तिथि की कोई घोषणा नहीं की गई है, और स्थानीय लोग प्रशासन से इसकी जल्दी घोषणा की अपेक्षा कर रहे हैं।

सारांश में, भेड़िया के स्थानीय निवासियों की चिंता यह है कि पुल का उद्घाटन जल्द से जल्द हो और इसके बाद यातायात पूरी तरह से सुरक्षित और नियमों के अनुसार शुरू किया जाए।

]]>
Bhowanipur: भवानिपुर में टीएमसी का प्रसाद वितरण, वोट बैंक की रणनीति? https://ekolkata24.com/top-story/tmc-distributes-jagannath-temple-prasadam-in-kolkatas-bhowanipur-ward-70-to-woo-voters Sat, 21 Jun 2025 08:10:21 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51919 कोलकाता का भवानिपुर (Bhowanipur) विधानसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपना विधानसभा क्षेत्र है। 2021 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में, भवानिपुर के 70 नंबर वार्ड में तृणमूल कांग्रेस भाजपा के मुकाबले बड़े अंतर से पीछे थी। इस 70 नंबर वार्ड के वोट बैंक को लेकर राजनीतिक विश्लेषक कई तरह के विचार व्यक्त कर रहे हैं, और अब यह राजनीतिक चर्चा का मुद्दा बन गया है। अब, इस 70 नंबर वार्ड से ही कोलकाता में दिग्गा के जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद वितरण की शुरुआत हुई है, जो लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

Read Bengali: কলকাতায় পিছিয়ে থাকা ওয়ার্ডেই প্রথম গেল জগন্নাথের প্রসাদ, বিপুল উৎসাহ

इस प्रसाद वितरण के दौरान, वार्ड के काउंसलर असीम बसु ने गुजराती समुदाय के लोगों के घर-घर जाकर प्रसाद वितरित किया और कहा, “मुख्यमंत्री ने प्रसाद भेजा है।” अब सवाल उठता है, क्या यह पहल सिर्फ सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है या इसमें वोट बैंक की राजनीति भी शामिल है? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वोट का अंक ही सबसे अहम मुद्दा है, जो स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद, 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है।

अभी, इस 70 नंबर वार्ड में तृणमूल को भाजपा के मुकाबले 3865 वोटों से पीछे देखा जा रहा है। भवानिपुर विधानसभा क्षेत्र के 8 वार्डों में से 5 वार्डों में भाजपा तृणमूल से आगे थी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आगामी चुनावों में इस क्षेत्र के वोट बैंक को फिर से वापस लाने का जिम्मा तृणमूल कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व और वार्ड के काउंसलर पर है। यही कारण है कि काउंसलर ने गुजराती समुदाय के घर-घर जाकर गुजराती भाषा में भी बात की।

हालांकि, काउंसलर असीम बसु इस पूरे प्रसाद वितरण में किसी प्रकार की वोट की राजनीति नहीं देख रहे हैं। उनका कहना है, “मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रसाद सभी तक पहुंचेगा, इसमें वोट ढूंढने की क्या बात है?” उनका यह बयान कहीं ना कहीं एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश है, जिससे यह स्पष्ट हो कि उनका उद्देश्य चुनावी लाभ की बजाय समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।

केवल गुजराती समुदाय ही नहीं, काउंसलर ने इस दिन कई अवंगाली परिवारों के पास भी जाकर प्रसाद वितरित किया। यह पहल न केवल एक समुदाय के बीच सीमित रही, बल्कि पूरी समाज की ओर से एक सकारात्मक पहल हो सकती है। भवानिपुर के निवासियों ने काउंसलर को गुजराती में धन्यवाद दिया, जिससे यह पहल न सिर्फ राजनीतिक रूप से, बल्कि सामाजिक रूप से भी सकारात्मक परिणाम देने वाली साबित हो सकती है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीतिक सफलता भवानिपुर के इस वार्ड में फिर से लौटकर आती है या नहीं, यह भविष्य के चुनावों पर निर्भर करेगा। लेकिन फिलहाल, यह कार्य क्षेत्रीय लोगों के बीच सामूहिक संबंधों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

]]>
Petrol Prices Today: पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर, चेन्नई में हल्की गिरावट! https://ekolkata24.com/business/petrol-prices-today-stable-rates-in-delhi-mumbai-kolkata-chennai-sees-slight-dip Sat, 21 Jun 2025 07:58:55 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51917 पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol Prices) फिर से आसमान पर! जानिए आज का रेटहाल के दिनों में, देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत स्थिर बनी हुई है। राजधानी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपरिवर्तित रही हैं। हालांकि, चेन्नई में लगातार दूसरे दिन पेट्रोल की कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई है, जो अन्य महानगरों के मुकाबले कुछ असामान्य है। 2024 के मार्च महीने में पेट्रोल की कीमतों में आखिरी बार बड़े बदलाव हुए थे, जब सरकार ने प्रति लीटर 2 रुपये कम किए थे। तब से लेकर अब तक, पूरे देश में ईंधन की कीमतें स्थिर रही हैं। तो सवाल यह उठता है कि आखिर तेल की कीमतें क्यों बदल नहीं रही हैं?

Read Hindi: সপ্তাহান্তে পেট্রোল-ডিজেলের দাম আকাশছোঁয়া! আপনার শহরে কত রেট জেনে নিন

ईंधन की कीमतों में स्थिरता के कारण

2022 के मई महीने में केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने ईंधन पर करों में कमी की थी, जिसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। तेल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे पुनः मूल्यांकन की जाती हैं और इसे राज्य द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियां जैसे कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा सार्वजनिक किया जाता है।

इस स्थिरता के पीछे एक बड़ा कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर है। तेल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य में उतार-चढ़ाव होने पर इसका सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ सकता है। लेकिन जब तेल की कीमत स्थिर रहती है, तो यह आम लोगों के लिए राहत की बात होती है।

तेल की कीमतों की पुनः मूल्यांकन प्रक्रिया

हर दिन सुबह 6 बजे, देशभर में तेल की कीमतों का पुनः मूल्यांकन किया जाता है। यह प्रक्रिया तेल कंपनियों के माध्यम से की जाती है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमत, रुपया-डॉलर विनिमय दर, और आंतरिक करों जैसे एक्साइज ड्यूटी और वैट का असर भी शामिल होता है।

राज्यवार अंतर

देश के विभिन्न राज्यों में तेल की कीमतों में अंतर देखा जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक राज्य अपनी-अपनी वैट और अन्य करों को लागू करता है। उदाहरण के तौर पर, कोलकाता और दिल्ली में पेट्रोल की कीमत लगभग 105 रुपये के आसपास होती है, लेकिन मुंबई और चेन्नई में यह कीमत थोड़ी अधिक या कम हो सकती है। हालाँकि, चेन्नई में इस समय पेट्रोल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है, जो अन्य शहरों से कुछ अलग है।

चेन्नई में कीमतों का गिरना क्यों?

चेन्नई में पेट्रोल की कीमतों में हाल ही में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जो काफी चर्चा का विषय बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट होने के कारण चेन्नई में कीमतों में यह बदलाव हो सकता है। लेकिन यह पूरी तरह से चेन्नई के लिए खास है, क्योंकि अन्य शहरों में इस प्रकार की गिरावट नहीं देखी गई है।

भविष्य में क्या हो सकता है?

फिलहाल, केंद्र सरकार के पास तेल की कीमतें बढ़ाने या घटाने का कोई बड़ा फैसला लेने का कोई संकेत नहीं है। 2022 में सरकार द्वारा ज

्वालानी कर कम करने के बाद से कीमतों में स्थिरता आई है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह कहना मुश्किल है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति, रुपया-डॉलर विनिमय दर, और सरकार की नीतियाँ इन सभी का तेल की कीमतों पर गहरा असर पड़ सकता है।

]]>
Calcutta High Court में राज्य का आदेश खारिज, नौकरी से हटे कर्मचारियों के भत्ते पर फिलहाल रोक https://ekolkata24.com/top-story/calcutta-high-court-rejects-state-order-halts-allowances-for-sacked-group-c-and-d-employees-until-september-26 Fri, 20 Jun 2025 08:31:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51887 कोलकाता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने राज्य सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें नौकरी से हटे ग्रुप C और D के कर्मचारियों को भत्ता देने की बात कही गई थी। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने 26 सितंबर तक इस आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद, राज्य सरकार का यह निर्णय फिलहाल प्रभावी नहीं रहेगा।

Read Bengali: রাজ্যের চাকরিহারা কর্মীদের ভাতা নিয়ে বড় ঘোষণা হাই কোর্টের

राज्य सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि जो ग्रुप C और D के कर्मचारी 2020 के मार्च के बाद नौकरी से हट चुके हैं, उन्हें भत्ते का लाभ दिया जाएगा। लेकिन इस फैसले को लेकर अदालत में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिसके बाद यह मामला हाई कोर्ट में पहुंचा।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार को अब 26 सितंबर तक इस भत्ते की प्रक्रिया शुरू करने से रोका गया है। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि इस मामले की कानूनी अहमियत को देखते हुए इसे स्थगित किया जा रहा है।

अब राज्य सरकार को हाई कोर्ट के अगले आदेश तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं करनी होगी। इस फैसले से नौकरी से हटे कर्मचारियों के लिए भत्ता पाने की उम्मीदें फिलहाल स्थगित हो गई हैं। राज्य सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन कर्मचारियों के बीच इस फैसले से निराशा का माहौल है।

यह देखना अब बाकी है कि हाई कोर्ट की आगामी सुनवाई में इस मामले में क्या नया फैसला लिया जाता है और राज्य सरकार क्या कदम उठाती है।

]]>
Crackdown on Fake Passports: लालबाजार में फर्जी पासपोर्ट के खिलाफ जांच तेज, कार्रवाई की मांग https://ekolkata24.com/kolkata/kolkata-police-intensifies-crackdown-on-fake-passports-urges-rpo-to-cancel-fraudulent-documents Fri, 20 Jun 2025 08:23:25 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51884 कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने हाल ही में एक अहम कदम उठाया है और रीजनल पासपोर्ट ऑफिस (RPO) को एक पत्र भेजा है, जिसमें पुलिस ने मांग की है कि जो पासपोर्ट फर्जी (Fake Passports) दस्तावेजों के आधार पर बने हैं, उन्हें तुरंत रद्द किया जाए। लालबाजार सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और मालदा के कुछ क्षेत्रों के नाम सामने लाए हैं, जहां पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था।

Read Bengali: অবৈধ পাসপোর্টে দেশজুড়ে উদ্বেগ, লালবাজারে কঠোর পদক্ষেপ

पुलिस की जांच में पता चला है कि दक्षिण 24 परगना के गोसाबा के पाठानखाली ग्राम पंचायत से लगभग साढ़े तीन हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार किए गए थे। इन दस्तावेजों के आधार पर कई लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया और कुछ लोग पासपोर्ट प्राप्त भी कर चुके हैं। चिंता की बात यह है कि इन पासपोर्ट के माध्यम से कई लोग विदेश भी जा चुके हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इन फर्जी पासपोर्टों के माध्यम से विदेश जाने की कोशिश की गई है।

इसी तरह, हावड़ा के बासुदेवपुर और मालदा के माणिकचक से भी फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने की शिकायतें आई हैं। कोलकाता पुलिस के पास इन फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की एक सूची आई है। इस आधार पर, लालबाजार ने रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को पत्र भेजकर यह मांग की है कि जिन पासपोर्टों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किया गया है, उन्हें रद्द किया जाए। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि ये फर्जी जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए जाएं।

पुलिस के अनुसार, ग्राम पंचायत की ओर से पहले ही जानकारी दी गई थी कि अगर ये प्रमाणपत्र फर्जी साबित होते हैं तो स्वास्थ्य विभाग उन्हें रद्द कर सकता है। उसी अनुरूप, स्वास्थ्य विभाग ने इन प्रमाणपत्रों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। पासपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का कोई भी मौका नहीं छोड़ा जा सकता। जब यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो, तो ऐसे अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना जरूरी है।

लालबाजार ने पहले ही प्रभावी कदम उठाए हैं और उम्मीद की जा रही है कि सरकार भी इस मामले में जल्द निर्णय लेगी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जो पासपोर्ट जारी किए गए हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

]]>
West Bengal Flood Alert: तूफान की संभावना, मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए https://ekolkata24.com/west-bengal/west-bengal-cm-orders-immediate-action-as-heavy-rain-and-cyclone-threat-trigger-flood-alerts-across-districts Fri, 20 Jun 2025 08:15:45 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51881 West Bengal Flood Alert: पिछले कुछ दिनों से बंगाल में भारी बारिश हो रही है, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्सों में यह स्थिति सबसे गंभीर है, और इस पर नबान्न ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें बाढ़ की संभावना और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा की गई।

बारिश और बाढ़ का खतरा
पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नबान्न ने सभी जिलाधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे अपनी-अपनी जिलों में बाढ़ की स्थिति की निगरानी रखें और सभी उपायों को तेज़ी से लागू करें। पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है, और इसीलिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

निम्नदाब के कारण स्थिति और बिगड़ी
राज्य में लगातार बारिश और एक निम्नदाब क्षेत्र के निर्माण के कारण बाढ़ की स्थिति और भी विकट हो गई है। इस निम्नदाब से बरसात की तीव्रता और बढ़ गई है। इसके प्रभाव से राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है, जो आगे आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है।

पश्चिम बंगाल में जलस्तर का बढ़ना और दुर्घटनाएं
पश्चिम बंगाल के पश्चिमी जिलों में जलस्तर बढ़ने के कारण कई स्थानों पर पानी भरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। असनसोल जैसे स्थानों में तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण माटी की दीवार गिर गई और एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान उमापद मंडल के रूप में हुई है। यह घटना असनसोल के नगर निगम के 3 नंबर वार्ड की है।

नबान्न की तैयारी
नबान्न ने इस बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन को पूरी तरह से तैयार रहने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के अधिकारियों से कहा है कि वे अपने क्षेत्रों में स्थिति की लगातार निगरानी रखें और बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए सभी संभावित उपायों को अपनाएं।

जलाशय से पानी छोड़ने की स्थिति
डिवीसी द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण पश्चिम बंगाल के कई क्षेत्रों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है। राज्य सरकार ने इस बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं।

राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जल स्तर बढ़ने के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक आपदाओं की संभावना भी जताई जा रही है, जिसे लेकर प्रशासन ने सभी को तैयार रहने का निर्देश दिया है।

]]>
West Bengal Sales Tax Bill : बकाया राशि वसूलने के लिए सेल्स टैक्स संशोधन बिल विधानसभा में पारित https://ekolkata24.com/business/west-bengal-assembly-passes-sales-tax-amendment-bill-2025-to-recover-%e2%82%b98000-crore-in-arrears Fri, 20 Jun 2025 08:11:58 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51876 विक्रय कर, सेंट्रल सेल्स टैक्स (CST) और एंट्री टैक्स के बकाए को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद के कारण राज्य सरकार (West Bengal ) के कोषागार में लगभग 8-9 हजार करोड़ रुपये का बकाया पड़ा हुआ है। इन पैसे को प्राप्त करने के लिए सरकार को विभिन्न कदम उठाने थे और इसी कारण विधानसभा में गुरुवार को ‘द वेस्ट बंगाल सेल्स टैक्स (सेटलमेंट ऑफ डिस्प्यूट) अमेंडमेंट बिल-2025’ पारित किया गया। राज्य सरकार का मानना है कि इस बिल के माध्यम से राज्य कोषागार में एक महत्वपूर्ण राशि वापस आ सकेगी।

इस बिल के तहत, उन करदाताओं को ‘वन टाइम सेटलमेंट’ का अवसर प्रदान किया जा रहा है जो लंबे समय से बकाए करों को लेकर विवादित हैं। इसके अनुसार, बकाए कर की 75 प्रतिशत राशि का भुगतान करने पर करदाता अपने बाकी बकाए पर से ब्याज और जुर्माना माफ करा सकते हैं। इससे उन करदाताओं को नए तरीके से बकाया कर चुका कराने का अवसर मिलेगा जो पहले भुगतान करने में अनिच्छुक थे।

राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि वर्तमान में 5,469 करोड़ रुपये का वैट, 1,040 करोड़ रुपये का एंट्री टैक्स और 966 करोड़ रुपये का सेंट्रल सेल्स टैक्स बकाया है। राज्य सरकार का मानना है कि यदि इन बकाए में से कुछ भी वसूला जा सके, तो उस पैसे का उपयोग राज्य के विकासात्मक कार्यों में किया जा सकता है।

चंद्रिमा भट्टाचार्य ने यह भी बताया कि 2023 में जब इस प्रकार के टैक्स विवादों के समाधान के लिए संशोधन लाया गया था, तब करीब 20,000 मामले थे। उस समय, 50 प्रतिशत बकाया कर का भुगतान करने पर सेटलमेंट की सुविधा दी गई थी। उन 20,000 मामलों से राज्य सरकार को 907 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।

राज्य सरकार का मानना है कि इस संशोधन बिल के तहत अधिक बकाया कर वसूला जा सकेगा। इससे राज्य के विकासात्मक परियोजनाओं के लिए आवश्यक धन प्राप्त हो सकेगा। राज्य सरकार का आरोप है कि पिछले कुछ वर्षों से केंद्रीय योजनाओं जैसे 100 दिन के काम, आवास योजना और ग्रामीण सड़क परियोजना के लिए आवंटित धन में लगातार कमी आई है और यह अब लगभग बंद हो चुका है।

राज्य सरकार के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा क्योंकि अगर बकाया राशि वापस आ जाती है तो इससे राज्य के महत्वपूर्ण विकास कार्यों को पुनः चालू किया जा सकेगा और लोगों को लाभ होगा।

]]>
Agnimitra Paul Questions: ‘मेरी गाड़ी चेक होती है, ममता की गाड़ी क्यों बच जाती है?’ https://ekolkata24.com/top-story/west-bengal-assembly-security-row-agnimitra-paul-questions-mamatas-car-exemption Thu, 19 Jun 2025 08:46:00 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51851 13 जून से पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रवेश के समय सुरक्षा जांच और गाड़ियों की तलाशी को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पाल (Agnimitra Paul) ने तलाशी को लेकर एक बार फिर पुलिस से तीखी बहस की। उनका सवाल था — “क्या ममता बनर्जी की गाड़ी की भी तलाशी होती है?”

Read Bengali: ‘আমার গাড়ি চেক হয়, মমতার গাড়ি কেন রেহাই? বিস্ফোরক অগ্নিমিত্রা

अग्निमित्रा पाल ने कहा, “नियम सबके लिए एक होना चाहिए। अगर मेरी गाड़ी की तलाशी होती है, तो मुख्यमंत्री की गाड़ी की भी होनी चाहिए। मैं कोई विशेषाधिकार नहीं मांग रही हूं।”

विवाद का एक और पहलू सामने आया जब बीजेपी के उत्तरिय (दुपट्टे) को गाड़ी से हटाने के लिए कहा गया। इस पर विधायक ने कहा, “टीएमसी के नेताओं की गाड़ियों में ‘एगिए बांग्ला’ और ममता बनर्जी की तस्वीरें लगी होती हैं, तब कोई आपत्ति नहीं होती। सिर्फ बीजेपी का उत्तरिय देखकर गाड़ी रोक दी जाती है?”

विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने सफाई देते हुए कहा, “सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया गया है। गेट पर तैनात गार्ड्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे आने-जाने वाले वाहनों की जांच करें। यह सुरक्षा का मामला है, राजनीति का नहीं।”

बीजेपी का आरोप है कि सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है। विधानसभा के भीतर कोई प्रतीकात्मक विरोध न हो, इसके लिए ‘तुलसी का पौधा’ जैसी चीजें अंदर न लाने देने के नाम पर यह तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में एक बार फिर से तीखा मोड़ ला दिया है। विपक्ष का कहना है कि लोकतांत्रिक संस्था में सभी को बराबर अधिकार मिलना चाहिए। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्मा सकता है।

]]>
South Eastern Railway: करमंडल और धौलि एक्सप्रेस के मार्ग और स्टॉपेज में होगा बड़ा बदलाव https://ekolkata24.com/business/south-eastern-railway-shifts-karmandal-and-dhauli-express-to-howrah-station-from-shalimar-starting-august-25-2025 Thu, 19 Jun 2025 06:58:44 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51841 दक्षिण-पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) ने पश्चिम बंगाल से ओडिशा के पुरी और तमिलनाडु के चेन्नई जाने वाली दो महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों के आरंभिक स्टेशन में बड़ा बदलाव किया है। २५ अगस्त से शालीमार स्टेशन के बजाय ये दोनों ट्रेनें हावड़ा स्टेशन से चलेंगी।

ये दोनों ट्रेनें हैं—

१२८४१/१२८४२ शालीमार-चेन्नई करमंडल एक्सप्रेस

१२८२१/१२८२२ शालीमार-पुरी धौलि एक्सप्रेस

इस परिवर्तन के बाद यात्रियों के लिए हावड़ा स्टेशन से ट्रेन पकड़ना अधिक सुविधाजनक होगा क्योंकि यह स्टेशन यातायात का बड़ा हब है और कनेक्टिविटी बेहतर है।

करमंडल एक्सप्रेस का नया टाइमिंग
अप (हावड़ा से प्रस्थान): पहले शालीमार से ३:१५ बजे दोपहर, अब हावड़ा से ३:१० बजे दोपहर

डाउन (हावड़ा में आगमन): पहले शालीमार पर ११:०५ बजे सुबह, अब हावड़ा पर ११:०० बजे सुबह

धौलि एक्सप्रेस का नया टाइमिंग
अप (हावड़ा से प्रस्थान): पहले शालीमार से ९:१५ बजे सुबह, अब हावड़ा से ९:१० बजे सुबह

डाउन (हावड़ा में आगमन): पहले शालीमार पर ७:२५ बजे शाम, अब हावड़ा पर ७:३० बजे शाम

बदलाव के कारण और फायदे
यह परिवर्तन यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया गया है। हावड़ा स्टेशन एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है जहां से यात्री अपनी यात्रा आरंभ कर सकते हैं। हावड़ा स्टेशन पर सुविधाएं और कनेक्टिविटी शालीमार की तुलना में बेहतर हैं, जिससे यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी।

इस बदलाव से यात्रियों को ट्रेन पकड़ने में आसानी होगी, समय की बचत होगी, और यात्रा अधिक आरामदायक बनेगी। रेलवे ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे इस बदलाव के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव से दोनों एक्सप्रेस ट्रेनों की सेवा और बेहतर होगी, और यात्री अनुभव में सुधार होगा।

]]>
Kesari Chapter 2: विवाद: स्वतंत्रता संग्राम पर सवाल उठाने का विरोध तेज https://ekolkata24.com/entertainment/kesari-chapter-2-sparks-controversy-over-historical-distortion-of-khudiram-bose-mamata-banerjee-slams-film Thu, 19 Jun 2025 06:26:46 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51835 अक्षय कुमार की हालिया फिल्म ‘केसरी चैप्टर २’ (Kesari Chapter 2) एक बार फिर विवादों में। इस बार फिल्म के खिलाफ ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के आरोप में बिधाननगर साउथ थाने में केस दर्ज किया गया है।

इस विवाद पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर बंगाल को अपमानित करने की कोशिश होगी, तो जनता जवाब देना जानती है।”

क्या है विवाद?
रणजीत विश्वास नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एफआईआर दर्ज कर कहा है कि फिल्म में मुफ्फरपुर षड्यंत्र केस के एक दृश्य में क्रांतिकारी खुदीराम बोस को ‘खुदीराम सिंह’ कहा गया है और बारिंद्रकुमार घोष को ‘वीरेंद्र कुमार’। यह न सिर्फ ऐतिहासिक विकृति है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के लिए अपमानजनक।

ममता बनर्जी का कड़ा बयान
ममता बनर्जी ने कहा, “फिल्म बनाकर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर दिखाया जा रहा है। खुदीराम बोस को ‘सिंह’ बनाकर पेश करना शर्मनाक है।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “हम किसी भी राज्य का अपमान नहीं करते, लेकिन अगर आप हमारे नायकों का अपमान करेंगे, तो बंगाल चुप नहीं बैठेगा।”

सोशल मीडिया पर आक्रोश
फिल्म जब अप्रैल में रिलीज़ हुई थी, तब भी इस पर विरोध देखा गया था। हालांकि तब कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हुई। अब जब फिल्म ओटीटी पर आई है, तो यह विवाद फिर से ज़ोर पकड़ रहा है।

व्यावसायिक सफलता बनाम ऐतिहासिक जिम्मेदारी
‘केसरी चैप्टर २’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन अब आलोचकों का कहना है कि व्यावसायिक लाभ के चक्कर में फिल्म ने इतिहास को गलत तरीके से दर्शाया, जिससे युवा पीढ़ी को भ्रमित किया जा सकता है।

]]>
Gold price: भारी उछाल, लेकिन ग्राहक गायब—कोलकाता में २२ कैरेट सोने का हाल https://ekolkata24.com/business/gold-prices-soar-in-kolkata-22-carat-hits-%e2%82%b992650-amid-iran-israel-tensions Thu, 19 Jun 2025 06:14:36 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51832 भारत में सोने की कीमतों (Gold Prices) में एक बार फिर जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। वैश्विक बाजार में भू-राजनीतिक अस्थिरता, खासकर ईरान और इज़राइल के बीच जारी तनाव के कारण निवेशक सोने को एक सुरक्षित संपत्ति मानकर भारी मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं। नतीजा—शुद्ध 24 कैरेट सोने का भाव ₹1 लाख के पार, और 22 कैरेट सोना भी ₹92,000 के ऊपर बिक रहा है।

इस तेजी ने आम ग्राहकों को चौंका दिया है। विशेष रूप से शादी-ब्याह के सीजन में यह मूल्य वृद्धि मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर भारी पड़ रही है।

📌 क्या है आज 19 जून को भारत के प्रमुख शहरों में सोने का भाव?
शहर 22 कैरेट (10 ग्राम) 24 कैरेट (10 ग्राम)
कोलकाता ₹92,650 ₹1,00,080
दिल्ली ₹92,800 ₹1,00,120
मुंबई ₹92,650 ₹1,00,080
अहमदाबाद ₹92,700 ₹99,970
पुणे ₹92,650 ₹1,00,080
जयपुर ₹92,800 ₹1,00,120
बेंगलुरु ₹92,650 ₹1,00,080
लखनऊ ₹92,800 ₹1,00,120
चेन्नई ₹92,650 ₹1,00,080

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों में 22 कैरेट सोने की कीमत ₹92,600 से ₹92,800 के बीच है, जबकि 24 कैरेट सोना ₹1,00,000 से ऊपर बिक रहा है।

📈 कीमतों में बढ़ोतरी का कारण क्या है?
ईरान-इज़राइल संघर्ष:
मध्य पूर्व में चल रहा संघर्ष वैश्विक निवेशकों को डरा रहा है। जब भी वैश्विक स्तर पर राजनीतिक या आर्थिक अनिश्चितता होती है, निवेशक शेयर मार्केट छोड़कर सोने में निवेश करते हैं। यही हो रहा है अब।

डॉलर में कमजोरी:
अमेरिकी डॉलर कमजोर पड़ने पर सोने की कीमतें ऊपर जाती हैं, क्योंकि सोना डॉलर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार का हिस्सा है।

महंगाई और ब्याज दरों की अनिश्चितता:
अमेरिका और यूरोप में महंगाई को लेकर चिंता बनी हुई है। इससे ब्याज दरों में स्थिरता नहीं आ रही, और निवेशक सोने में पैसा डाल रहे हैं।

💍 आम जनता पर असर
सोने की कीमतें बढ़ने से गहनों की खरीद पर सीधा असर पड़ा है।

शादी-ब्याह के सीजन में सोने की खरीददारी आमतौर पर बढ़ जाती है, लेकिन इस बार कई परिवार बजट में फिट न बैठने के कारण गहनों की खरीद टाल रहे हैं।

कुछ लोग हल्के वजन के या नकली गहनों की तरफ रुख कर रहे हैं।

ज्वेलर्स का कहना है कि ग्राहकों की संख्या में 20-30% की कमी आई है।

📊 निवेशकों के लिए संकेत
लंबे समय में सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। लेकिन वर्तमान उच्च कीमतों पर निवेश करने से पहले विशेषज्ञ सलाह लेना आवश्यक है।
जो लोग पहले ही निवेश कर चुके हैं, उनके लिए यह मुनाफा कमाने का अच्छा समय हो सकता है।

]]>
Kolkata Market Prices: सब्जियों के बढ़ते दाम, कीमतों में बढ़ोतरी से आम जनता परेशान https://ekolkata24.com/business/kolkata-market-prices-surge-vegetables-fish-meat-strain-budgets Wed, 18 Jun 2025 10:12:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51820 वर्तमान में कोलकाता के बाजारों (Kolkata Market Prices) में खाद्य सामग्रियों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, जिससे आम जनता, खासकर मध्यवर्गीय परिवारों के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। सब्जियों, मछली और मांस के दाम बढ़ने के कारण घर का बजट तंग हो गया है। आइए, एक नजर डालते हैं कि वर्तमान में कोलकाता बाजार में किस किस सामान का क्या मूल्य है।

सब्जियों के दाम:
सब्जियों के दाम में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। कुछ सब्जियां थोड़ी सस्ती मिल रही हैं, लेकिन अधिकांश के दाम काफी ज्यादा हो गए हैं, जिससे आम जनता के लिए बजट संभालना मुश्किल हो गया है।

ज्योति आलू (Kolkata Market Price) अब २२ रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है, जो कई लोगों के लिए ज्यादा प्रतीत हो रहा है।

चंद्रमुखी आलू (Kolkata Market Price) बिक रहा है २८ रुपये प्रति किलोग्राम।

पपीता (Kolkata Market Price) की कीमत इस समय १५ से २० रुपये प्रति किलोग्राम है, जो अपेक्षाकृत सस्ता है।

कद्दू (Kolkata Market Price) या गॉर्ड ३० रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है।

ढेंड़श, उच्से और बैगन (Kolkata Market Price) ४० रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहे हैं।

कच्ची मिर्च (Kolkata Market Price) १२ से १३ रुपये प्रति १०० ग्राम और टमाटर (Kolkata Market Price) ५० से ६० रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहे हैं।

इन बढ़ी हुई कीमतों के कारण आम जनता के लिए खासकर मध्यवर्गीय परिवारों के लिए खाना पकाने का खर्च बढ़ गया है, और यह उनके लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गया है।

मछली का बाजार:
मछली के बाजार में भी कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। कई प्रकार की मछलियां तो अब ‘सोने’ से भी महंगी हो गई हैं।

कातला मछली (Kolkata Market Price) अब ३६० से ४०० रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है।

भेटकी मछली (Kolkata Market Price) ५०० रुपये प्रति किलोग्राम से शुरू हो रही है।

सबसे महंगी मछली इलीश मछली (Kolkata Market Price) है, ५00-६०० ग्राम वज़न वाली इलीश मछली की कीमत ९०० से १००० रुपये प्रति किलोग्राम है।

छोटे इलीश मछली (Kolkata Market Price) की कीमत ६०० रुपये प्रति किलोग्राम (३५० ग्राम) है।

कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों जैसे दक्षिण कोलकाता, उत्तर कोलकाता और अन्य हिस्सों में खाद्य सामग्रियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और इन कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। इस स्थिति ने आम जनता को काफी चिंतित कर दिया है।

मांस का बाजार:
इसके अलावा, मांस के बाजार में भी दाम बढ़ चुके हैं। मांस के दामों में वृद्धि ने घर के बजट को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।

]]>