नई दिल्ली : अमेरिका से भारत लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लेस किलर ड्रोन खरीदने जा रहा है। इस डील को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अंतिम रूप दे दिया है। भारत, अमेरिका से 31 MQ-9B (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट ड्रोन खरीदने जा रहा है. इन ड्रोन की कीमत करीब 3 अरब डॉलर है।
पिछले साल जून में रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और लेजर-गाइडेड बमों से लैस MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी।
मोदी और बाइडेन ने इंडिया-अमेरिका डिफेंस इंडस्ट्रियल को-ऑपरेशन रोडमैप को सराहा. इस रोडमैप के तहत जेट इंजन, गोला-बारूद और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम जैसे भारी इक्वीपमेंट्स और हथियारों का निर्माण शामिल है. इस अहम सहयोग में लिक्विड रोबोटिक्स और भारत के सागर डिफेंस इंजीनियरिंग, मेरिटाइम सुरक्षा को बढ़ाने के लिए मानवरहित सतही वाहनों के प्रोडक्शन पर भी जोर दिया गया.
क्वाड सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका साझेदारी को काफी मजबूत बताया। दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की। द्विपक्षीय बैठक में रूस यूक्रेन युद्ध और मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा पर चर्चा हुई।
बैठक में दोनों लीडर्स ने यूएस-इंडिया सीईओ फोरम की सह-अध्यक्षता करने वाली दो कंपनियों लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के बीच सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान पर टीमिंग समझौते की सराहना की।
यह समझौता भारतीय बेड़े और सी-130 सुपर हरक्यूलिस विमान संचालित करने वाले वैश्विक भागीदारों की तैयारी का समर्थन करने के लिए भारत में एक नई रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा स्थापित करेगा। अमेरिका-भारत रक्षा और एयरोस्पेस सहयोग में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दोनों पक्षों की गहरी होती रणनीतिक और प्रौद्योगिकी साझेदारी संबंधों को दर्शाता है।