ईपीएफओ (EPF) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 236वीं बैठक में ईपीएफ सब्सक्राइबर्स के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक की अध्यक्षता श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने की। बैठक में ब्याज की गणना, निवेश प्रबंधन और प्रक्रिया को सरल बनाने के उपायों पर चर्चा हुई। यह बैठक 30 नवंबर को आयोजित हुई।
सेटलमेंट की तारीख तक ब्याज का भुगतान
CBT ने ईपीएफ स्कीम, 1952 के पैराग्राफ 60(2)(बी) में संशोधन को मंजूरी दी। पहले के नियमों के अनुसार, 24 तारीख तक निपटाए गए दावों पर केवल पिछले महीने तक का ब्याज दिया जाता था। लेकिन अब नए संशोधन के तहत सदस्यों को निपटान की तारीख तक का ब्याज मिलेगा।
इस फैसले से ईपीएफ सदस्यों को वित्तीय लाभ होगा और उनकी शिकायतें कम होंगी। इसके अलावा, माह के 25 से महीने के अंत तक ब्याज-bearing क्लेम प्रोसेस न होने की समस्या का समाधान होगा। इससे दावों का तेजी से निपटान, कम पेंडेंसी और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा।
सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS)
बैठक में यह बताया गया कि सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम का पहला पायलट प्रोजेक्ट अक्टूबर 2024 में करनाल, जम्मू और श्रीनगर में सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। नवंबर 2024 में दूसरा पायलट 20 अतिरिक्त क्षेत्रीय कार्यालयों में शुरू किया गया, जिसमें 8.3 लाख पेंशनभोगियों के लिए 195 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
CPPS को ईपीएफओ के आईटी मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट CITES 2.01 के तहत लागू किया जाएगा। यह 1 जनवरी 2025 से ऑपरेशनल होगा और 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लाभान्वित करेगा। यह प्रणाली देश भर में किसी भी बैंक या शाखा से पेंशन प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी।
ईडीएलआई (EDLI) लाभों का विस्तार
CBT ने ईडीएलआई लाभों के विस्तार को मंजूरी दी, जो 28 अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा। इस फैसले के तहत ईपीएफ सदस्यों को न्यूनतम 2.5 लाख रुपये और अधिकतम 7 लाख रुपये का लाभ मिलेगा। यह प्रस्ताव 6385.74 करोड़ रुपये की अधिशेष राशि के साथ स्वीकृत किया गया है।
वार्षिक रिपोर्ट संसद में पेश करने की सिफारिश
CBT ने 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए ईपीएफओ की 71वीं वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी दी। इसे संसद में पेश करने के लिए केंद्र सरकार को भेजने की सिफारिश की गई।
ईपीएफओ के नए फैसले न केवल सदस्यों के वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाएंगे, बल्कि सेवा की गुणवत्ता में सुधार कर एक सदस्य-केंद्रित मॉडल की ओर कदम बढ़ाएंगे।