Fuel Prices in India Today: हर दिन सुबह 6 बजे, भारत की तेल विपणन कंपनियां (OMCs) जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और रुपये-डॉलर विनिमय दर के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। यह नियमित अपडेट, जिसे डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग कहा जाता है, जून 2017 से लागू है। इसके तहत उपभोक्ताओं को नवीनतम और विश्वसनीय ईंधन मूल्य की जानकारी मिलती है। 9 जून 2025 को, देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें निम्नलिखित हैं:
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शहरवार पेट्रोल और डीजल की कीमतें (9 जून 2025, प्रति लीटर)
शहर | पेट्रोल (रुपये) | डीजल (रुपये) |
नई दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 104.21 | 92.15 |
कोलकाता | 105.36 | 90.76 |
चेन्नई | 100.75 | 92.34 |
अहमदाबाद | 94.49 | 90.17 |
बेंगलुरु | 102.92 | 89.02 |
हैदराबाद | 107.46 | 95.70 |
जयपुर | 104.70 | 90.21 |
लखनऊ | 94.69 | 87.80 |
पुणे | 104.04 | 90.57 |
चंडीगढ़ | 94.30 | 82.45 |
इंदौर | 106.48 | 91.88 |
पटना | 105.58 | 93.80 |
सूरत | 95.00 | 89.00 |
नासिक | 95.50 | 89.50 |
पेट्रोल और डीजल की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं। इनमें शामिल हैं:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें
पेट्रोल और डीजल का उत्पादन कच्चे तेल से होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर खुदरा कीमतों पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि ब्रेंट क्रूड की कीमत बढ़ती है, तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी बढ़ती हैं। हाल के सप्ताहों में, ब्रेंट क्रूड की कीमतें $75 प्रति बैरल के आसपास रही हैं, जो वैश्विक आपूर्ति और मांग के आधार पर बदलती रहती हैं। - रुपये-डॉलर विनिमय दर
भारत अपनी तेल आवश्यकताओं का लगभग 85% आयात करता है। जब भारतीय रुपये की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होती है, तो आयात लागत बढ़ जाती है, जिसका असर ईंधन की कीमतों पर पड़ता है। हाल के महीनों में रुपये की स्थिरता ने कीमतों को कुछ हद तक नियंत्रित रखा है। - केंद्र और राज्य सरकार के कर
पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत का एक बड़ा हिस्सा केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) से आता है। अलग-अलग राज्यों में VAT की दरें अलग-अलग होने के कारण कीमतों में अंतर देखा जाता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में VAT 16.75% है, जबकि मुंबई में यह 24% है। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बदलाव भी कीमतों को प्रभावित करता है। हाल ही में, 8 अप्रैल 2025 को उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी, लेकिन OMCs ने इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला। - परिशोधन और वितरण लागत
कच्चे तेल को उपयोग योग्य ईंधन में बदलने की प्रक्रिया में रिफाइनरी की दक्षता, तकनीकी लागत और परिवहन खर्च शामिल होते हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में ईंधन पहुंचाने की लागत अधिक होने के कारण वहां कीमतें भी अधिक होती हैं। - चाहिदा और आपूर्ति का समीकरण
ईंधन की मांग और आपूर्ति का संतुलन भी कीमतों को प्रभावित करता है। गर्मियों में यात्रा और कृषि गतिविधियों के कारण पेट्रोल और डीजल की मांग बढ़ती है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है। उदाहरण के लिए, मई 2025 में पेट्रोल की खपत में 8.77% की वृद्धि दर्ज की गई थी, जो गर्मी की यात्रा के कारण थी।
इस सप्ताह कीमतों में बदलाव
9 जून 2025 तक, देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बदलाव देखा गया है। कुछ शहरों में कीमतें स्थिर रहीं, जबकि अन्य में छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव दर्ज किए गए। उदाहरण के लिए, गाजियाबाद में 5 जून को पेट्रोल की कीमत में 96 पैसे प्रति लीटर की कमी देखी गई थी। वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमतें 103.50 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहीं, जो वैश्विक तेल बाजार में स्थिरता और स्थानीय कर नीतियों में बदलाव की कमी को दर्शाता है।
वैश्विक तेल बाजार में हाल के रुझानों को देखें तो, ब्रेंट क्रूड की कीमतें अप्रैल 2025 में 19% की गिरावट के बाद जून में $75 प्रति बैरल के आसपास रही हैं। इसके बावजूद, भारत में खुदरा कीमतों पर इसका तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि तेल कंपनियां पिछले नुकसान की भरपाई कर रही हैं। साथ ही, सरकार ने भी कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए कई बार उत्पाद शुल्क में कटौती की है, जैसे मई 2022 में पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कमी।
क्या कीमतें जल्द कम होंगी?
हालांकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है, लेकिन भारत में तत्काल राहत की संभावना कम है। तेल कंपनियां अभी भी डीजल पर हुए नुकसान की भरपाई कर रही हैं, और उत्पाद शुल्क में हाल की वृद्धि का बोझ भी कंपनियों ने खुद वहन किया है। इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में कहा कि इससे राज्यों की आय पर असर पड़ेगा, इसलिए यह अभी संभव नहीं है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
उपभोक्ता तेल कंपनियों के मोबाइल ऐप जैसे Fuel@IOC या SMS सेवाओं के माध्यम से दैनिक कीमतों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत जानने के लिए “RSP 102090” टाइप करके 92249 92249 पर SMS करें। इसके अलावा, कीमतों में दैनिक बदलाव को देखते हुए, उपभोक्ताओं को नियमित रूप से अपडेट चेक करने की सलाह दी जाती है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें भारत में कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें वैश्विक तेल की कीमतें, विनिमय दर, कर और परिवहन लागत शामिल हैं। जून 2025 में कीमतें ज्यादातर स्थिर रही हैं, लेकिन कुछ शहरों में मामूली बदलाव देखे गए हैं। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे दैनिक अपडेट्स पर नजर रखें और तेल कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइटों या ऐप्स का उपयोग करें। भविष्य में, यदि वैश्विक तेल की कीमतें और नीचे जाती हैं, तो भारत में भी कीमतों में कमी की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन यह तेल कंपनियों और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा।