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**भूस्खलन और सड़क अवरोध
मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि रविवार शाम तक राज्य में 285 सड़कें भूस्खलन और मिट्टी के कटाव के कारण बंद हो गई हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य सोमवार शाम तक कम से कम 234 सड़कों को फिर से खोलना है।” हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य की सभी राष्ट्रीय राजमार्गें अभी भी कार्यरत हैं। फिर भी, 968 बिजली ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने के कारण कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। सिरमौर (57 सड़कें) और मंडी (44 सड़कें) जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-5) पर कोटी के पास एक भूस्खलन के कारण दो से तीन किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम हो गया। शिमला-कालका रेल लाइन भी भारी बारिश के कारण प्रभावित हुई, हालांकि सुबह 9 बजे तक मलबा हटाकर रेल सेवा बहाल कर दी गई।
**आईएमडी का पूर्वानुमान और चेतावनी
आईएमडी के शिमला केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, सोलन, शिमला, हमीरपुर और चंबा जिलों के कुछ अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश मंडी के पंडोह में (130 मिमी), इसके बाद मंडी शहर में (120 मिमी), शिमला के सुन्नी में (113 मिमी) और पालमपुर में (80 मिमी) दर्ज की गई। शर्मा ने आगे बताया कि जून में राज्य में सामान्य से 34 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। हालांकि, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के उच्च ऊंचाई वाले जिलों में क्रमशः 20 प्रतिशत और 50 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।
आईएमडी ने कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, चंबा, सोलन और ऊना जिलों में मध्यम से उच्च फ्लैश फ्लड का जोखिम है। मौसम विभाग ने 5 जुलाई तक राज्य में नम मौसम की भविष्यवाणी की है और निवासियों व पर्यटकों को नदियों, नालों और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
**प्रशासन की प्रतिक्रिया
राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और सोलन जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया है कि सोमवार (30 जून) को सभी स्कूल बंद रखे जाएं। मंडी जिले के डिप्टी कमिश्नर अपूर्व देवगन ने आईआईटी मंडी, लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और अन्य चिकित्सा संस्थानों को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए छुट्टी घोषित की है। शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई, लेकिन पूर्व सतर्कता के कारण इमारत को पहले ही खाली कर लिया गया था। शिमला के रामपुर पंचायत में क्लाउडबर्स्ट के कारण कुछ घर और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।
**प्रभाव और नुकसान
पिछले 24 घंटों में बारिश से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई है, जिसमें ऊना और बिलासपुर में दो लोग डूब गए और शिमला में एक व्यक्ति ऊंचाई से गिरकर मर गया। 20 जून से मानसून शुरू होने के बाद से कुल 20 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्यास नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण मंडी जिले के पंडोह बांध के फ्लडगेट खोले गए हैं। राज्य को कुल 75.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है। आईएमडी का ऑरेंज अलर्ट और प्रशासन की तत्परता के बावजूद, स्थिति अभी भी चिंताजनक है। निवासियों और पर्यटकों को सतर्कता बरतने और मौसम संबंधी सलाह का पालन करने की सलाह दी गई है।[
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**सैफ की भावनात्मक प्रतिक्रिया
सैफ अली खान, जो खुद एक स्थापित अभिनेता और बॉलीवुड में एक प्रमुख हस्ती हैं, ने अपने बेटे की पहली फिल्म को लेकर गर्व और उत्साह व्यक्त किया है। हाल ही में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “मुझे इब्राहिम की पहली फिल्म देखकर बहुत गर्व हुआ। यह उसका पहला प्रयास है, और मुझे लगता है कि उसने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।” सैफ ने यह भी बताया कि उन्होंने इब्राहिम को सलाह दी थी कि वह अपनी प्रतिभा पर भरोसा रखे और आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से ले। उन्होंने कहा, “इब्राहिम में एक स्वाभाविक आकर्षण है, जो दर्शकों को अपनी ओर खींच सकता है। लेकिन उसे अभी बहुत कुछ सीखना है।”
‘नादानियां’ के रिलीज होने के बाद इब्राहिम और खushi कपूर के अभिनय को सोशल मीडिया पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने इब्राहिम के अभिनय को अपरिपक्व बताया, लेकिन सैफ ने अपने बेटे का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “पहली फिल्म में कोई भी परफेक्ट नहीं हो सकता। मैंने भी अपनी पहली फिल्म में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। इब्राहिम में संभावनाएं हैं, और मुझे विश्वास है कि वह भविष्य में और बेहतर करेगा।” सैफ का यह बयान इब्राहिम के प्रति उनके अटूट समर्थन और प्यार को दर्शाता है।
**इब्राहिम का बॉलीवुड सफर
इब्राहिम अली खान का बॉलीवुड डेब्यू लंबे समय से प्रतीक्षित था। उनके पिता सैफ और बहन सारा अली खान की तरह, वह भी बॉलीवुड में अपनी जगह बनाना चाहते हैं। ‘नादानियां’ एक युवा पीढ़ी की प्रेम कहानी है, जिसे करण जौहर की धर्माटिक एंटरटेनमेंट ने प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म में इब्राहिम का सहज अभिनय और उनके पिता के साथ उनकी आश्चर्यजनक समानता प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। कई लोगों ने उन्हें “सैफ अली खान की जवानी की कार्बन कॉपी” करार दिया है।
हालांकि, इब्राहिम का रास्ता आसान नहीं रहा। नेपोटिज्म के आरोपों के कारण उन्हें और उनकी सह-कलाकार खushi कपूर को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। एक साक्षात्कार में इब्राहिम ने कहा, “मुझे पता था कि नेपोटिज्म को लेकर बात होगी, लेकिन इतनी कठोर आलोचना की उम्मीद नहीं थी। मैं सीख रहा हूं और खुद को बेहतर करना चाहता हूं।” उनकी यह सकारात्मक सोच उनकी प्रोफेशनलिज्म को दर्शाती है।
**सैफ की सलाह और समर्थन
सैफ अली खान अपने बेटे को बॉलीवुड की चुनौतियों से निपटने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने इब्राहिम को सलाह दी कि वे कड़ी मेहनत करें और आलोचनाओं को रचनात्मक रूप से लें। सैफ ने कहा, “बॉलीवुड में टिके रहने के लिए धैर्य और मेहनत की जरूरत है। इब्राहिम में वह क्षमता है।” इसके अलावा, सैफ ने अपने बेटे के फैशन सेंस और स्टाइल की भी तारीफ की है, जिसने उन्हें युवा पीढ़ी में लोकप्रिय बनाया है।
इब्राहिम का अगला प्रोजेक्ट ‘सरजमीन’ भी चर्चा में है। इस फिल्म में वे पृथ्वीराज सुकुमारन और काजल के साथ अभिनय कर रहे हैं, जहां वे एक अलग तरह के किरदार में नजर आएंगे। यह फिल्म उनके अभिनय कौशल की एक और परीक्षा होगी।
इब्राहिम अली खान का बॉलीवुड डेब्यू उनके पिता सैफ अली खान के लिए गर्व का पल है। सैफ का सार्वजनिक समर्थन और सलाह इब्राहिम के लिए एक मजबूत प्रेरणा है। भले ही ‘नादानियां’ ने उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, लेकिन इब्राहिम की प्रतिभा और उनके पिता का समर्थन उन्हें बॉलीवुड में एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा। प्रशंसक अब उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
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**जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
पिछले कुछ दशकों में पश्चिम बंगाल में औसत तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आम और लीची की फसलों के लिए विशिष्ट तापमान और आर्द्रता की आवश्यकता होती है। लेकिन अत्यधिक गर्मी और शुष्क मौसम ने फल उत्पादन को कम कर दिया है। उदाहरण के लिए, मालदा, जिसे “भारत की आम की राजधानी” कहा जाता है, वहां पिछले एक दशक में आम का उत्पादन लगभग 30% तक कम हो गया है। इसी तरह, उत्तर बंगाल के लीची किसान बताते हैं कि असमय बारिश और तीव्र गर्मी के कारण फलों की गुणवत्ता और मात्रा में कमी आई है।
अनियमित वर्षा ने इस समस्या को और जटिल कर दिया है। आम और लीची की फसलों को निश्चित समय पर संतुलित वर्षा की आवश्यकता होती है। लेकिन अप्रत्याशित या अत्यधिक बारिश के कारण फल गिर रहे हैं और उनकी मिठास कम हो रही है। 2024 में, मालदा और मुर्शिदाबाद में असमय बारिश के कारण आम का उत्पादन लगभग 20% कम हुआ। इसके अलावा, बार-बार आने वाले तूफान और चक्रवात फल के पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
**किसानों पर प्रभाव
यह स्थिति किसानों के लिए एक बुरे सपने की तरह है। मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तर दिनाजपुर जैसे जिलों में हजारों किसान परिवार, जो आम और लीची की खेती पर निर्भर हैं, अपनी आजीविका खो रहे हैं। कम उत्पादन और बाजार की मांग को पूरा न कर पाने के कारण किसान कर्ज के बोझ तले दब रहे हैं। कई किसान अपनी जमीन बेचने को मजबूर हो रहे हैं या अन्य व्यवसायों की ओर रुख कर रहे हैं।
मालदा के एक किसान, रमेश मंडल, कहते हैं, “हर साल हम अच्छी फसल की उम्मीद करते हैं, लेकिन गर्मी और बारिश की कमी ने हमारे सपनों को तोड़ दिया है। अब बाजार में आम बेचकर भी लागत नहीं निकल रही।” यह स्थिति न केवल किसानों के लिए, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी हानिकारक है। आम और लीची के निर्यात पर निर्भर व्यापारी भी नुकसान झेल रहे हैं।
**समाधान के उपाय
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ उपाय सुझाए हैं। सबसे पहले, जलवायु-सहिष्णु आम और लीची की किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता है, जो उच्च तापमान और अनियमित वर्षा को सहन कर सकें। दूसरा, किसानों के लिए आधुनिक सिंचाई विधियों और जल संरक्षण तकनीकों को लागू करना चाहिए। तीसरा, किसानों को जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी पहल की आवश्यकता है।
सरकार को किसानों के लिए वित्तीय सहायता और फसल बीमा योजनाओं को बढ़ावा देना चाहिए। इसके अलावा, अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करके जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए नई रणनीतियों का आविष्कार किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल में आम और लीची की खेती जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर संकट का सामना कर रही है। यह समस्या न केवल किसानों के लिए, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी खतरा है। इसलिए, तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। किसानों, सरकार और शोधकर्ताओं के संयुक्त प्रयासों से इस संकट से निपटा जा सकता है। बंगाल के गौरव, आम और लीची, को बचाने के लिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ समन्वित कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।
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आकर्षक कहानियां और सांस्कृतिक गहराई
बंगाली थ्रिलर अपनी गहरी कहानियों और जटिल किरदारों के लिए जाने जाते हैं। उदाहरण के लिए, “बोहुरूपी”, जो 1998-2005 के बीच पश्चिम बंगाल में हुई बैंक ڈकैतियों पर आधारित है, ने अपनी एक्शन, भावनाओं और साम _
कास्ट और कुशल निर्देशन
शिबोप्रसाद मुखर्जी, अभिर चटर्जी और ऋतुपर्णा सेनगुप्ता जैसे सितारों ने बंगाली थ्रिलर में अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। इसके अलावा, नंदिता रॉय और शिबोप्रसाद मुखर्जी जैसे निर्देशकों की कुशलता ने बंगाली थ्रिलर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। “खाकी: द बंगाल चैप्टर” जैसे सीरीज में जीत मदनानी और प्रसेनजीत चटर्जी के अभिनय ने दर्शकों में उत्साह पैदा किया है। यह सीरीज मार्च 2025 में नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के बाद से टॉप 10 में बनी हुई है।
तकनीकी उत्कृष्टता और वैश्विक अपील
बंगाली थ्रिलर की उच्च गुणवत्ता वाली प्रोडक्शन वैल्यू और सिनेमैटोग्राफी ने इसे वैश्विक दर्शकों के लिए आकर्षक बना दिया है। प्लेटफॉर्म्स बंगाली कंटेंट के लिए हिंदी और अंग्रेजी डबिंग प्रदान कर रहे हैं, जिससे इसकी पहुंच बढ़ी है। उदाहरण के लिए, होइचोइ के “निकोश छाया” और “कालरात्रि” जैसे सीरीज ने अलौकिक और रहस्यमय तत्वों के संयोजन से दर्शकों का दिल जीता है। 2025 में होइचोइ के सब्सक्राइबर में 25% की वृद्धि हुई है, जिसमें से अधिकांश थ्रिलर कंटेंट की लोकप्रियता के कारण है।
बंगाली थ्रिलर ने अपनी कहानियों, अभिनय और तकनीकी कुशलता के माध्यम से भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर एक विशेष स्थान बनाया है। 2025 में यह ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि “मैडम सेनगुप्ता” और “दांतेर लोराई” जैसे नए कंटेंट दर्शकों में उत्साह पैदा कर रहे हैं। बंगाली सिनेमा की यह सफलता न केवल स्थानीय दर्शकों को, बल्कि वैश्विक दर्शकों को भी आकर्षित कर रही है।[
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आठवें वेतन आयोग का उद्देश्य
आठवां वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों को वर्तमान आर्थिक स्थिति और मुद्रास्फीति के अनुरूप करना है। सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसने न्यूनतम मूल वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया था। इस बार आठवें आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने की उम्मीद है। इससे न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 41,000 से 51,480 रुपये हो सकता है। पेंशन के मामले में भी न्यूनतम राशि 9,000 रुपये से बढ़कर लगभग 25,740 रुपये हो सकती है। इसके अलावा, डियरनेस अलाउंस (डीए), हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस (टीए) में भी समायोजन की उम्मीद है।
मध्यमवर्गीय परिवारों पर प्रभाव
भारत की अर्थव्यवस्था में मध्यमवर्गीय परिवार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे उपभोग-आधारित अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, क्योंकि भारत के जीडीपी का 55-60% उपभोग पर निर्भर है। आठवें वेतन आयोग के कारण सरकारी कर्मचारियों के हाथ में अतिरिक्त आय होगी, जो उनकी खर्च करने की क्षमता को बढ़ाएगी। इससे खुदरा व्यापार, आवास, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 40,000 रुपये से बढ़कर 91,200 रुपये (2.28 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर) हो जाता है, तो डीए (70%) और एचआरए (24%) सहित कुल वेतन लगभग 1,76,000 रुपये हो सकता है। यह मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए जीवन स्तर में सुधार का एक बड़ा अवसर है।
हालांकि, इस वेतन वृद्धि के कुछ नकारात्मक पहलू भी हो सकते हैं। पहला, डीए को वेतन में मिला दिया जाएगा, जिसके बाद नया डीए शून्य से शुरू होगा, जो अल्पकाल में वेतन वृद्धि के प्रभाव को कम कर सकता है। दूसरा, एनपीएस योगदान और सीजीएचएस जैसे कटौती में वृद्धि हो सकती है, जिससे हाथ में आने वाला वेतन कुछ कम हो सकता है। इसके अलावा, विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेतन वृद्धि मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे सकती है, क्योंकि बढ़ी हुई खर्च क्षमता से वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ेगी। यह उन मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए जीवनयापन की लागत बढ़ा सकता है, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं।
निजी क्षेत्र के साथ असमानता
आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों में आयकर राहत की मांग बढ़ी है। भारत के मध्यमवर्ग का बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र में काम करता है और उनका मानना है कि सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की तुलना में उनके लिए पर्याप्त कर राहत नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2025-26 में आयकर स्लैब में बदलाव या छूट की सीमा बढ़ाने से मध्यमवर्गीय परिवारों पर कर का बोझ कम हो सकता है, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
आठवां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिरता को बढ़ाएगा, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य के निवेश पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ेगा, क्योंकि वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च हो सकता है। इस खर्च को पूरा करने के लिए सरकार कर बढ़ा सकती है या अन्य क्षेत्रों में बजट कम कर सकती है, जो परोक्ष रूप से मध्यमवर्गीय परिवारों को प्रभावित कर सकता है।
आठवां वेतन आयोग मध्यमवर्गीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, क्योंकि यह उनकी आय बढ़ाएगा और आर्थिक स्थिरता लाएगा। हालांकि, मुद्रास्फीति, बढ़ी हुई कटौती और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सुविधाओं की कमी इस आयोग के लाभ को कुछ हद तक कम कर सकती है। सरकार को ऐसी नीतियां अपनानी चाहिए जो सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए समान लाभ सुनिश्चित करें।[
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कुछ यात्रियों का कहना है कि हादसे के वक्त रेल पटरी का एक हिस्सा टूट गया था। घटना के बाद ट्रेन के भीतर अफरा-तफरी मच गई। कई लोग डर के मारे बाहर निकलने की कोशिश करने लगे।
घटना की खबर मिलते ही रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उनकी तरफ से बताया गया कि इस दुर्घटना में कोई भी घायल या मृत नहीं हुआ है। हालांकि, इस घटना के कारण उस रूट पर रेल सेवा प्रभावित हुई है और मरम्मत का काम जारी है।
रेलवे अधिकारी फिलहाल यह बता पाने में असमर्थ हैं कि स्थिति कब तक सामान्य होगी। साथ ही, इस हादसे के चलते कोई ट्रेन रद्द हुई है या नहीं, इस पर भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
ज्ञात हो कि चित्तेरी स्टेशन पहले भी एक बड़ी रेल दुर्घटना का गवाह बन चुका है। वर्ष 2011 में इसी स्थान पर दो ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर हो गई थी, जिसमें 11 यात्रियों की मौत हुई थी और 70 से अधिक लोग घायल हुए थे।
आज की घटना ने एक बार फिर से रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या रेलवे ट्रैक की नियमित जांच की जा रही है? क्या इंफ्रास्ट्रक्चर की निगरानी सही ढंग से हो रही है? इन तमाम सवालों के जवाब चाह रहे हैं यात्री और आम नागरिक।
रेल प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल तकनीकी स्तर पर सुधार करे, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए व्यापक निगरानी व्यवस्था लागू करे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।
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मानस भुइयां ने कहा, “केंद्र सरकार बंगाल विरोधी है। हमने बार-बार घाटाल मास्टर प्लान के लिए केंद्र से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि इस परियोजना के लिए कोई धनराशि नहीं दी जाएगी। फिर भी, ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सरकार इस परियोजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। 2025-26 वित्तीय वर्ष के बजट में घाटाल मास्टर प्लान के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, और अगले दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
घाटाल मास्टर प्लान के तहत शिलाबती, रूपनारायण, और कंसाबती सहित दस प्रमुख नदियों की खुदाई और तटबंधों को मजबूत करने का काम किया जाएगा। इसके अलावा, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर के कुछ नहरों का विकास भी इस परियोजना का हिस्सा है। यह परियोजना 657 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले लगभग 10 लाख लोगों को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करेगी। राज्य सरकार ने 2018 से 2021 तक 341.49 करोड़ रुपये खर्च कर सात नदियों के 115.80 किलोमीटर हिस्से की खुदाई पूरी की है। चंद्रेश्वर खाल की खुदाई लगभग पूरी हो चुकी है, और पांच सुइलिस गेटों का निर्माण 60-70% पूरा हो गया है।
मानस भुइयां ने बीजेपी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा, “बीजेपी नेता दावा करते हैं कि राज्य सरकार घाटाल मास्टर प्लान को लागू नहीं करना चाहती। लेकिन सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ही धनराशि नहीं दे रही है।” उन्होंने घाटाल के लोगों से अपील की, “आप लोग न्याय करें, कौन आपके साथ खड़ा है। ममता बनर्जी ने राज्य के खजाने से धनराशि आवंटित कर काम शुरू कर दिया है।” यह परियोजना मार्च 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है, जो घाटाल की बाढ़ समस्या के समाधान में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
]]>Vivo X200 FE में 6.31-इंच का AMOLED डिस्प्ले है, जिसका रेजोल्यूशन 2640×1216 पिक्सल और 120Hz रिफ्रेश रेट है। 460 PPI पिक्सल डेंसिटी के साथ यह डिस्प्ले यूजर्स को शार्प और स्मूथ विज़ुअल अनुभव देगा। ग्लास बैक डिज़ाइन और 186 ग्राम वजन इसे हल्का और स्टाइलिश बनाता है। फोन चार आकर्षक रंगों में उपलब्ध होगा—मॉडर्न ब्लू, लाइट हनी येलो, फैशन पिंक, और मिनिमलिस्ट ब्लैक।
Vivo X200 FE में MediaTek Dimensity 9300+ चिपसेट है, जो तेज़ और शक्तिशाली परफॉर्मेंस देता है। यह Android 15 पर आधारित Funtouch OS 15 पर चलता है। फोन में 12GB LPDDR5X रैम और 512GB UFS 3.1 स्टोरेज है, साथ ही 12GB वर्चुअल रैम का सपोर्ट भी है, जो मल्टीटास्किंग के दौरान बिना किसी रुकावट के स्मूथ परफॉर्मेंस सुनिश्चित करता है। कुछ लीक में Dimensity 9400e चिपसेट का भी जिक्र है, जो जल्द ही चीन में लॉन्च हो सकता है।
Vivo X200 FE में Zeiss के साथ मिलकर बनाया गया ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप है, जिसमें शामिल हैं:
50MP Sony IMX921 प्राइमरी सेंसर (OIS के साथ)
फ्रंट में 50MP सेल्फी कैमरा है, जो 4K 60fps वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट करता है। यह सेटअप लो-लाइट, पोर्ट्रेट, और वाइड-एंगल फोटोग्राफी में शानदार रिजल्ट्स देगा।
फोन में 6500mAh की विशाल बैटरी है, जो 90W अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग और 40W वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट करती है। USB Type-C पोर्ट के जरिए यह तेजी से चार्ज होता है और हेवी यूजर्स के लिए पूरे दिन का बैकअप देता है।
सिक्योरिटी: इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर
कनेक्टिविटी: डुअल सिम, eSIM, 5G, Wi-Fi 6, Bluetooth 5.4, NFC
ड्यूरेबिलिटी: IP68 और IP69 रेटिंग (धूल और पानी से सुरक्षा)
AI फीचर्स: AI Seasonal Portraits, AI Screen Translation, AI Captions
अतिरिक्त: डुअल स्टीरियो स्पीकर्स, IR ब्लास्टर, मेटल फ्रेम
X200 FE की भारत में शुरुआती कीमत ₹49,990 से ₹60,000 के बीच हो सकती है। यह दो वेरिएंट्स में आएगा: 12GB रैम + 256GB स्टोरेज और 16GB रैम + 512GB स्टोरेज। फोन फ्लिपकार्ट, अमेज़न, और Vivo की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। लॉन्च ऑफर्स में बैंक डिस्काउंट और एक्सचेंज बोनस शामिल हो सकते हैं।
X200 FE का मुकाबला OnePlus 13s, Oppo Reno 14 Pro, और Samsung Galaxy A56 जैसे फोनों से होगा। इसका कॉम्पैक्ट डिज़ाइन, शक्तिशाली कैमरा, और बड़ी बैटरी इसे मिड-रेंज सेगमेंट में एक मज़बूत दावेदार बनाती है। खासकर फोटोग्राफी और परफॉर्मेंस पर फोकस करने वाले यूजर्स के लिए यह एक आकर्षक विकल्प होगा। BIS और IMDA सर्टिफिकेशन से पुष्टि होती है कि इसका ग्लोबल लॉन्च नजदीक है, और भारत में जुलाई 2025 में यह धूम मचा सकता है।
Vivo X200 FE निश्चित रूप से मिड-रेंज मार्केट में नया बेंचमार्क सेट करने की क्षमता रखता है, खासकर उन लोगों के लिए जो प्रीमियम फीचर्स को किफायती दाम में चाहते हैं।
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राज्य शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार, पुस्तकालयों के लिए किताबें खरीदने की सूची तैयार की गई है। इस सूची में पांच अलग-अलग सेट शामिल हैं, जिनमें ममता बनर्जी की लिखी 18 से 19 किताबें शामिल हैं। इन किताबों में प्रमुख हैं—दुआरे सरकार, शिशु मन, कलम, हमारा संविधान और कुछ बातें, कोलकाता का दुर्गा उत्सव, जागरण का बंगाल, और आमी। ये किताबें मुख्यमंत्री के राजनीतिक दर्शन, सामाजिक दृष्टिकोण, शिक्षा और संस्कृति से संबंधित विचारों राज्य के विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का विवरण प्रस्तुत करती हैं।
राज्य सरकार का इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों में पठन संस्कृति को बढ़ावा देना और उन्हें राज्य की शासन व्यवस्था, संस्कृति और सरकारी योजनाओं के बारे में गहरी जानकारी प्रदान करना है। हालांकि, इस निर्णय को लेकर शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षाविदों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों ने इस पहल का स्वागत किया है, उनका मानना है कि इससे छात्रों को राज्य के नेतृत्व के दृष्टिकोण और सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी। उदाहरण के लिए, दुआरे सरकार किताब में राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तृत विवरण है, जो छात्रों के लिए शिक्षाप्रद हो सकता है।
दूसरी ओर, कुछ शिक्षाविदों और आलोचकों ने इस निर्णय की आलोचना की है। उनका कहना है कि पुस्तकालय में किताबों के चयन में और विविधता होनी चाहिए थी। केवल एक व्यक्ति की लिखी किताबों पर इतना जोर देना छात्रों के ज्ञान के दायरे को सीमित कर सकता है। उन्होंने सवाल उठाया है कि विश्व साहित्य, विज्ञान, इतिहास या अन्य विषयों की किताबों के बजाय मुख्यमंत्री की किताबों पर इतना ध्यान देना कितना उचित है।
राज्य के दिशानिर्देशों में यह भी उल्लेख किया गया है कि किताबें किन प्रकाशन संस्थानों से खरीदनी होंगी, यह भी निर्दिष्ट कर दिया गया है। इन प्रकाशकों में कुछ प्रसिद्ध संस्थान शामिल हैं, जो मुख्यमंत्री की किताबें प्रकाशित करते हैं। सरकार का दावा है कि इस नियम से खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। हालांकि, कुछ शिक्षक और स्कूल प्रबंधन का मानना है कि विशिष्ट प्रकाशकों से किताबें खरीदने की बाध्यता स्कूलों की स्वतंत्रता को कुछ हद तक सीमित करती है।
अनुदान राशि के उपयोग के लिए भी विस्तृत दिशानिर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक स्कूल को 1 लाख रुपये में किताबें खरीदनी होंगी और शेष राशि का उपयोग पुस्तकालय की अन्य जरूरतों, जैसे—शेल्फ, अलमारी या पढ़ने की मेज खरीदने के लिए किया जा सकता है। इस राशि का हिसाब रखना होगा और इसे शिक्षा विभाग में जमा करना होगा।
इस पहल के माध्यम से राज्य सरकार छात्रों में पठन संस्कृति को बढ़ावा देना चाहती है। हालांकि, यह पहल कितनी सफल होगी और इसका छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह समय ही बताएगा।
इस नए स्कूटर का डिज़ाइन पूरी तरह से नॉस्टलजिक है। इसका फ्रंट एप्रन और फेंडर पुराने Kinetic Honda ZX की याद दिलाते हैं। रियर हिस्सा और बड़ी सीट भी उसी पुराने स्टाइल को बयां करती है। हालांकि, Kinetic यहीं नहीं रुका। इसमें आधुनिक टच भी जोड़े गए हैं, जैसे कि एक खास हेडलाइट डिज़ाइन और दोनों सिरों पर DRL (Daytime Running Light)। इसके अलावा, स्कूटर के छोटे विंडस्क्रीन पर ‘Kinetic’ लेटरिंग शामिल की गई है, जो मूल मॉडल के प्रति एक श्रद्धांजलि है।
हालांकि स्कूटर के इंजन स्पेसिफिकेशन्स, बैटरी रेंज, या फीचर्स से संबंधित कोई ठोस जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन अनुमान है कि इसे महाराष्ट्र के अहिल्या नगर में हाल ही में शुरू हुए Kinetic Watts and Volts के नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में बनाया जाएगा। कंपनी इस नए प्लांट के जरिए भारत के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है।
यह नया Kinetic ई-स्कूटर सिर्फ एक वाहन नहीं है, बल्कि एक रेट्रो रिवाइवल है। यह आधुनिक तकनीक के साथ एक दिग्गज डिज़ाइन का पुनर्जनम है। भारतीय यूजर्स, खासकर वे जो Kinetic Honda के साथ बड़े हुए हैं, उनके लिए यह स्कूटर एक भावनात्मक वापसी होगी।
लीक हुए पेटेंट के अनुसार, यह स्कूटर Bajaj Chetak, TVS iQube, Ather Rizta, Hero Vida, और Ola S1 जैसे फैमिली-ओरिएंटेड इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के साथ मुकाबला करेगा। इसका डिज़ाइन Kinetic Honda ZX से प्रेरित है, जिसमें स्लिम फ्रंट एप्रन, रेक्टेंगुलर हेडलाइट, और साइड पैनल्स पुराने मॉडल की याद दिलाते हैं। आधुनिक फीचर्स जैसे टेलिस्कोपिक फ्रंट फोर्क, 12-इंच अलॉय व्हील्स, फ्रंट डिस्क ब्रेक, और LED लाइटिंग इसे समकालीन बनाते हैं।
Kinetic ने ‘Zwag’ नाम भी ट्रेडमार्क किया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह स्कूटर का नाम होगा या किसी अन्य मॉडल का। अनुमान है कि इसकी टॉप स्पीड 70-80 किमी/घंटा और बैटरी रेंज 100-150 किमी हो सकती है, जो 2.2-3.7 kWh बैटरी पैक पर आधारित होगी। इसमें LCD डिस्प्ले, स्मार्टफोन कनेक्टिविटी, टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन, और कॉल/एसएमएस अलर्ट जैसे फीचर्स मिलने की उम्मीद है।
Kinetic का नया इलेक्ट्रिक स्कूटर डिज़ाइन पेटेंट इस बात का संकेत है कि कंपनी रेट्रो लुक और आधुनिक इलेक्ट्रिक तकनीक के मिश्रण के साथ मार्केट में धमाल मचाने की तैयारी में है। यह स्कूटर उन लोगों के लिए एक भावनात्मक और प्रैक्टिकल ऑप्शन होगा जो पुराने Kinetic Honda के दीवाने थे। लॉन्च की तारीख अभी सामने नहीं आई है, लेकिन संभावना है कि 2026 की शुरुआत में यह बाजार में आ सकता है। पुराने ज़माने का स्वाद अब इलेक्ट्रिक अवतार में लौट रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह स्कूटर प्रतिस्पर्धी मार्केट में अपनी जगह कैसे बनाता है।
]]>एक्सेस पॉइंट: यह फीचर व्हाट्सएप के सेटिंग्स मेन्यू में Chat Theme सेक्शन के तहत उपलब्ध होगा। यहां से यूजर्स AI-जनरेटेड वॉलपेपर चुन सकते हैं।
कस्टमाइजेशन: यूजर्स चाहें तो सभी चैट्स के लिए एक ही थीम सेट कर सकते हैं या प्रत्येक चैट या ग्रुप के लिए अलग-अलग थीम चुन सकते हैं। इससे यूजर्स अपने व्यक्तिगत चैट्स या ग्रुप चैट्स को थीम-बेस्ड और आकर्षक बना सकते हैं।
टेक्स्ट प्रॉम्प्ट: Meta AI के जरिए यूजर्स टेक्स्ट प्रॉम्प्ट टाइप करके वॉलपेपर बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, “जंगल का दृश्य” या “चांदनी रात” टाइप करने पर AI उस विवरण के आधार पर कई थीम-बेस्ड डिजाइन तैयार करेगा।
रिफाइनमेंट: यदि शुरुआती डिजाइन पसंद नहीं आता, तो यूजर्स प्रॉम्प्ट बदलकर नए डिजाइन बना सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में यूजर्स थीम, रंग, और आर्ट स्टाइल पर पूरा नियंत्रण रख सकते हैं।
यह नया फीचर खास तौर पर ग्रुप चैट्स के लिए उपयोगी होगा, जैसे ट्रिप प्लानिंग, फेस्टिवल, या किसी खास इवेंट के लिए। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी थीम-बेस्ड चैट ग्रुप बनाते हैं, तो उस थीम से मिलता-जुलता AI-जनरेटेड वॉलपेपर बनाकर चैट का माहौल बना सकते हैं। इससे ग्रुप की बातचीत का मूड और जीवंत हो जाएगा।
यह फीचर अभी केवल कुछ एंड्रॉयड बीटा यूजर्स के लिए उपलब्ध है, जो WhatsApp के लेटेस्ट बीटा अपडेट (2.25.19.11) का उपयोग कर रहे हैं।
Meta ने बताया है कि आने वाले हफ्तों में इसे और यूजर्स के लिए रोलआउट किया जाएगा, और जल्द ही iOS और व्हाट्सएप के स्टेबल वर्जन पर भी यह उपलब्ध होगा।
यह फीचर Meta AI के Llama 3 मॉडल द्वारा संचालित है, जिसका उपयोग पहले से व्हाट्सएप पर इमेज जनरेशन और बातचीत के लिए हो रहा है।
Meta ने स्पष्ट किया है कि यह AI फीचर पूरी तरह वैकल्पिक है और केवल तभी काम करेगा जब यूजर “@Meta
AI” टाइप करेगा या AI के साथ सीधे इंटरैक्ट करेगा। व्हाट्सएप के बाकी चैट्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहेंगे, और Meta AI को निजी बातचीत तक पहुंच नहीं होगी।
व्हाट्सएप का यह नया फीचर यूजर्स के लिए निजीकरण का एक नया स्तर लाता है, जो इसे Telegram या Signal जैसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में और आकर्षक बना सकता है। X पर यूजर्स पहले ही इस फीचर को लेकर उत्साहित हैं, जहां कई लोग इसे “चैटिंग के लिए क्रिएटिव अपग्रेड” बता रहे हैं। हालांकि, कुछ यूजर्स ने Meta AI के UI में प्रमुखता और इसे डिसेबल करने के ऑप्शन की कमी पर चिंता जताई है। फिर भी, यह फीचर व्हाट्सएप के विशाल यूजर बेस में लोकप्रिय होने की पूरी संभावना रखता है, खासकर उन लोगों में जो क्रिएटिव कस्टमाइजेशन पसंद करते हैं।
WhatsApp का AI-चालित चैट वॉलपेपर फीचर चैटिंग अनुभव को एक नए आयाम में ले जाएगा। यह यूजर्स को अपने चैट्स को और अधिक निजी, रचनात्मक, और जीवंत बनाने का मौका देता है। ग्रुप चैट्स के लिए थीम-बेस्ड वॉलपेपर बनाने की क्षमता इसे इवेंट प्लानिंग या फेस्टिवल्स के दौरान खास तौर पर लोकप्रिय बना सकती है। अगले कुछ हफ्तों में इस फीचर के व्यापक रोलआउट के बाद, व्हाट्सएप की चैटिंग और भी रंगीन और मजेदार हो जाएगी।
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कानूनी कार्रवाई की मांग
हिंदू वॉयस की पोस्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस (उपपोलीस) से शक्तिरूपा साधुखान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। उनका कहना है कि वह 2024 से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को संपादित करके इस तरह के अपमानजनक कार्य करती आ रही हैं, जिसमें हाल ही में बाबा लोकेनाथ की तस्वीर का अपमान शामिल है। उनका दावा है कि पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि वह ‘बंगला पक्ष’ नामक संगठन की सदस्य हैं। इसलिए, उन्होंने उत्तर प्रदेश के नागरिकों से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आह्वान किया है। साथ ही, श्रीराम तीर्थ नामक संगठन से भी इस मामले में शामिल होने का अनुरोध किया गया है।
बंगला पक्ष की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद बंगला पक्ष के नेता कौशिक मैती ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि शक्तिरूपा साधुखान पिछले दो वर्षों से बंगला पक्ष से संबंधित नहीं हैं। विभिन्न संगठन-विरोधी गतिविधियों और अन्य कारणों से उन्हें निष्कासित किया गया था। इस बयान से स्पष्ट होता है कि शक्तिरूपा का यह कार्य व्यक्तिगत पहल हो सकता है और यह बंगला पक्ष के औपचारिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब नहीं है। बंगला पक्ष एक बंगाली राष्ट्रवादी संगठन है, जो बंगला भाषा और संस्कृति के संरक्षण में काम करता है, लेकिन धार्मिक संवेदनशीलता पर इस तरह के हमले से उनका सीधा संबंध सिद्ध नहीं हुआ है।
सामाजिक प्रतिक्रिया और कानूनी जटिलताएं
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। कई लोग शक्तिरूपा के खिलाफ सख्त सजा की मांग कर रहे हैं, जैसे कि उन्हें जेल भेजने के लिए कानूनी कार्रवाई का आह्वान। हालांकि, उत्तर प्रदेश में इस तरह का मुकदमा दर्ज करने की कानूनी वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। भारत के दंड प्रक्रिया संहिता (धारा 177-178) के अनुसार, यदि कोई अपराध जनता की शांति-व्यवस्था को प्रभावित करता है, तो विभिन्न राज्यों में मुकदमा दर्ज करना संभव है। लेकिन, उत्तर प्रदेश पुलिस की 2023 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक अपराध के मामलों का 65% अनसुलझा रहता है, जो इस मामले की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है।
ऐतिहासिक संदर्भ
धार्मिक संवेदनशीलता के मामले में भारत के कानून के तहत धारा 295ए के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी धार्मिक समूह की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्द, चित्र या अन्य तरीकों से अपमान करता है, तो उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है। 2021 में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी जैसे कुछ लोगों को हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो इस तरह की घटनाओं के प्रति समाज की संवेदनशीलता को दर्शाता है। इस घटना से पता चलता है कि शक्तिरूपा के खिलाफ कानूनी दबाव बढ़ सकता है, लेकिन राज्याधिकार और सबूत संग्रह की जटिलताएं इसे जटिल बना सकती हैं।
Dear @Uppolice , requesting you to take necessary action against this girl named Shaktirupa Sadhukhan,from West Bengal.
This girl intentionally posted(on 19th June) an edited photo to insult Prabhu Sri Ram and to hurt the feelings of the Hindus.
Also requesting @ShriRamTeerth… pic.twitter.com/ermOLP6Hzm
— Hindu Voice (@HinduVoice_in) June 23, 2025
समाज की दुविधा और भविष्य
इस घटना ने समाज में गहरी दुविधा पैदा की है। एक ओर, हिंदू समुदाय के सदस्य धार्मिक प्रतीकों के प्रति सम्मान की मांग कर रहे हैं, वहीं बंगला पक्ष जैसे संगठन इस तरह के कार्यों को व्यक्तिगत पहल मान रहे हैं। इस विवाद से उठे सवाल हैं कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी व्यापक हो सकती है और धार्मिक संवेदनशीलता की सीमा कहां खत्म होती है। इस घटना का परिणाम भारतीय कानून और सामाजिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
शक्तिरूपा साधुखान की विवादास्पद पोस्ट ने धार्मिक और सामाजिक विवाद को जन्म दिया है। हालांकि वह अब बंगला पक्ष से जुड़ी नहीं हैं, फिर भी उनके पिछले कार्यों ने उनके खिलाफ सवाल खड़े किए हैं। उत्तर प्रदेश में एफआईआर की मांग लागू होगी या नहीं, यह समय पर निर्भर करेगा। यह घटना भारत के विविधतापूर्ण समाज में धर्म और संस्कृति की सीमाओं को निर्धारित करने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परीक्षा बन गई है।
लीक जानकारी के अनुसार, Oppo Reno 14 Pro के 8GB रैम और 256GB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत लगभग ₹41,990 हो सकती है। वहीं, 12GB रैम और 512GB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत ₹45,990 के आसपास हो सकती है। ये कीमतें टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी के आधार पर थोड़ी बदल सकती हैं। फोन फ्लिपकार्ट और Oppo की ऑफिशियल वेबसाइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। लॉन्च ऑफर्स में बैंक डिस्काउंट और एक्सचेंज बोनस भी शामिल हो सकते हैं।
Reno 14 Pro में 6.83-इंच का FHD+ AMOLED डिस्प्ले होगा, जो 120Hz रिफ्रेश रेट और 1200 निट्स पीक ब्राइटनेस के साथ आएगा। डिस्प्ले को Crystal Shield ग्लास प्रोटेक्शन मिलेगा। डिज़ाइन के मामले में, यह फोन ग्लास बैक और मेटल फ्रेम के साथ प्रीमियम लुक देता है। यह IP68 और IP69 रेटिंग के साथ धूल और पानी से सुरक्षित होगा। फोन Frost Silver, Midnight Black, और Aurora Purple जैसे आकर्षक रंगों में उपलब्ध हो सकता है।
फोन MediaTek Dimensity 8450 चिपसेट से लैस होगा, जो AnTuTu में ~16 लाख का स्कोर देता है। इसमें 16GB LPDDR5X रैम और 1TB तक UFS 3.1 स्टोरेज का ऑप्शन होगा। यह Android 15-बेस्ड ColorOS 15 पर चलेगा, जो स्मूथ और फीचर-रिच यूजर एक्सपीरियंस देता है। Oppo तीन मेजर Android अपडेट्स और चार साल के सिक्योरिटी पैच का वादा करता है।
Reno 14 Pro का कैमरा सेटअप शानदार है। इसमें ट्रिपल रियर कैमरा सिस्टम होगा, जिसमें शामिल हैं:
50MP प्राइमरी सेंसर (OIS के साथ)
सामने 50MP का सेल्फी कैमरा (Samsung JN5 सेंसर) होगा, जो 4K 60fps वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट करता है। यह सेटअप लो-लाइट, पोर्ट्रेट, और वाइड-एंगल फोटोग्राफी में बेहतरीन रिजल्ट्स देगा।
नोट: कुछ स्रोतों में 240MP कैमरे का ज़िक्र है, लेकिन यह गलत या अतिशयोक्ति लगता है। ज़्यादातर विश्वसनीय स्रोत 50MP क्वाड-कैमरा सेटअप की ही पुष्टि करते हैं।
फोन में 6200mAh की विशाल बैटरी होगी, जो 80W SuperVOOC फास्ट चार्जिंग और 50W AIRVOOC वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट करती है। यह बैटरी हेवी यूजर्स को पूरे दिन का बैकअप और तेज़ चार्जिंग का लाभ देगी।
कनेक्टिविटी: 5G SA/NSA, Wi-Fi 6, Bluetooth 5.4, NFC, USB Type-C
सिक्योरिटी: इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर, फेशियल रिकग्निशन
अतिरिक्त: स्टीरियो स्पीकर्स, IR ब्लास्टर, X1 चिप (नेटवर्क ऑप्टिमाइज़ेशन), नैनो आइस क्रिस्टल हीट सिंक
बॉडी: मेटल फ्रेम, वेलवेट ग्लास फिनिश, 201 ग्राम वजन
Oppo Reno 14 Pro का भारत में लॉन्च 3 जुलाई 2025 को होने की संभावना है। यह फ्लिपकार्ट, अमेज़न, और Oppo इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। प्री-बुकिंग जल्द शुरू हो सकती है, और फ्लैश सेल्स में भारी डिमांड की उम्मीद है।
Oppo Reno 14 Pro का मुकाबला Vivo V50, OnePlus 13s, और Nothing Phone 3 जैसे फोनों से होगा। इसकी चार 50MP कैमरे, बड़ी बैटरी, और प्रीमियम डिज़ाइन इसे मिड-रेंज सेगमेंट में एक मज़बूत दावेदार बनाते हैं। ₹41,990 की शुरुआती कीमत इसे वैल्यू-फॉर-मनी बनाती है, खासकर उन यूजर्स के लिए जो फोटोग्राफी और परफॉर्मेंस पर फोकस करते हैं। लॉन्च ऑफर्स और डिस्काउंट्स इसे और आकर्षक बना सकते हैं। Oppo Reno 14 Pro निश्चित रूप से भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में धूम मचाने के लिए तैयार है।
]]>Lava Storm Play 5G की कीमत ₹9,999 रखी गई है, लेकिन लॉन्च ऑफर के तहत ₹500 का इंस्टेंट बैंक डिस्काउंट मिल रहा है। इस छूट के बाद फोन की प्रभावी कीमत केवल ₹9,499 हो जाती है, जो इसे भारत के सबसे किफायती और शक्तिशाली 5G फोनों में से एक बनाता है। इसके अलावा, कंपनी एक्सचेंज डिस्काउंट भी दे रही है, जिससे फोन की कीमत और कम हो सकती है।
फोन में 6.56-इंच का HD+ डिस्प्ले है, जो 90Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करता है। यह फीचर गेमिंग और वीडियो स्ट्रीमिंग के दौरान स्मूथ और रिफ्रेशिंग विज़ुअल एक्सपीरियंस देता है। डिज़ाइन के मामले में, यह फोन प्रीमियम लुक देता है, जो इस कीमत में दुर्लभ है। फोन Astral Blue और Cosmic Titanium रंगों में उपलब्ध है, जिसमें ब्लू वेरिएंट का यूनिक डिज़ाइन खास तौर पर आकर्षक है।
Lava Storm Play 5G में MediaTek Dimensity 6080 प्रोसेसर (कुछ स्रोतों में गलती से 7060 बताया गया) है, जो इस प्राइस सेगमेंट में एक शक्तिशाली 5G चिपसेट है। फोन में 6GB फिजिकल RAM और 6GB वर्चुअल RAM (कुल 12GB RAM) के साथ 128GB इंटरनल स्टोरेज है, जिसे माइक्रोएसडी कार्ड से बढ़ाया जा सकता है। यह कॉन्फिगरेशन रोजमर्रा के काम और लाइट से मीडियम गेमिंग के लिए उपयुक्त है। AnTuTu बेंचमार्क में इसकी स्कोर 500,000+ बताई गई है, जो इस कीमत में प्रभावशाली है।
फोन के रियर पैनल पर 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर (Sony IMX752) और एक AI सेंसर है, जो दिन की रोशनी में क्लियर और डिटेल्ड फोटो ले सकता है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है, जो इस कीमत में अच्छा परफॉर्म करता है।
Lava Storm Play 5G में 5000mAh की बैटरी है, जो सिंगल चार्ज पर पूरे दिन आसानी से चल सकती है। इसमें 18W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट है, जो फोन को जल्दी चार्ज करता है और यूजर्स को लंबा बैकअप देता है।
फोन Android 13 Go Edition पर चलता है, जो लाइटवेट और स्मार्ट फीचर्स से लैस है। कंपनी का दावा है कि यह क्लीन सॉफ्टवेयर है, जिसमें कोई ऐड्स या ब्लोटवेयर नहीं है। सिक्योरिटी के लिए साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलॉक फीचर मौजूद हैं। Lava ने एक Android OS अपग्रेड और दो साल के सिक्योरिटी अपडेट्स का वादा किया है।
IP64 रेटिंग: धूल और पानी से सुरक्षा।
कनेक्टिविटी: 5G, Wi-Fi, Bluetooth, USB Type-C, 3.5mm हेडफोन जैक।
सर्विस: Lava का Free Service@Home प्रोग्राम, जो रिमोट एरियाज में भी सपोर्ट देता है।
₹10,000 से कम में 5G कनेक्टिविटी, 50MP Sony कैमरा, 12GB RAM (वर्चुअल सहित), और 5000mAh बैटरी जैसे फीचर्स वाला स्मार्टफोन मार्केट में कम ही देखने को मिलता है। Lava Storm Play 5G उन यूजर्स के लिए परफेक्ट है, जो लिमिटेड बजट में दमदार परफॉर्मेंस, अच्छा कैमरा, और फ्यूचर-रेडी 5G फोन चाहते हैं। इसकी तुलना में Poco M6 5G (₹9,499 से शुरू) और Realme Narzo 70x (₹10,998) जैसे फोन हैं, लेकिन Lava का क्लीन सॉफ्टवेयर और Sony कैमरा इसे थोड़ा बढ़त देता है।
पहली सेल में भारी डिमांड की उम्मीद है, क्योंकि सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे “कीमत के हिसाब से शानदार” बता रहे हैं। Amazon पर 24 जून, दोपहर 12 बजे से शुरू होने वाली सेल में यह फोन कितना कमाल करता है, यह देखना बाकी है। Lava Storm Play 5G निश्चित रूप से बजट 5G सेगमेंट में नया बेंचमार्क सेट करने की क्षमता रखता है।
Lava Storm Play 5G अपनी कीमत, स्पेसिफिकेशन्स, और क्लीन सॉफ्टवेयर के दम पर बजट 5G मार्केट में हलचल मचा सकता है। यह फोन स्टूडेंट्स, यंग प्रोफेशनल्स, और फर्स्ट-टाइम स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक वैल्यू-फॉर-मनी ऑप्शन है। अगर आप ₹10,000 से कम में 5G फोन ढूंढ रहे हैं, तो Lava Storm Play 5G निश्चित रूप से आपकी लिस्ट में होना चाहिए।
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ओवैसी के अनुसार, “इस हमले ने नेतन्याहू की मदद की है, जो फिलिस्तीनियों के कसाई हैं। गाजा में जो नरसंहार हो रहा है, उसे छिपाने के लिए इस हमले का इस्तेमाल किया गया है। गाजा में 55,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, और अमेरिका इससे चिंतित नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “हम पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या इसी के लिए वे ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देना चाहते थे?”
पाकिस्तान और ईरान के करीबी संबंधों को ध्यान में रखते हुए यह सवाल खास तौर पर महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान ने हाल ही में ट्रंप की “व्यावहारिक कूटनीति” और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में उनकी भूमिका के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उन्हें नामांकित किया था। हालांकि, ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद पाकिस्तान ने इस हमले की तीखी निंदा की और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।
इस घटना के पृष्ठभूमि में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि उनके प्रशासन ने ईरान के फोर्डो, नतान्ज और इस्फाहान की तीन परमाणु सुविधाओं पर प्रहार किया है। ट्रंप का दावा है, “हमने उनके हाथ से बम छीन लिया है।” लेकिन ईरान के विदेश मंत्री ने इस हमले को “अनुचित” और “अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन” के रूप में वर्णित किया है।
गाजा में हो रहे नरसंहार की चिंता को लेकर ओवैसी की टिप्पणी एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2024 की रिपोर्ट के साथ मेल खाती है, जिसमें कहा गया है कि इजरायल गाजा के फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, “इजरायल गाजा के फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है और यह जारी है।” इस संदर्भ में ओवैसी की टिप्पणी एक बड़े अंतरराष्ट्रीय चिंता का प्रतिबिंब है।
पाकिस्तान की द्वि-मुखी भूमिका को लेकर ओवैसी का सवाल उनकी कूटनीतिक दक्षता का प्रमाण है। पाकिस्तान ईरान के साथ करीबी संबंध रखते हुए भी ट्रंप की प्रशंसा कर रहा था और बाद में हमले की निंदा कर रहा है, जिससे उनकी कूटनीतिक स्थिति जटिल हो जाती है। ओवैसी का सवाल इस जटिलता पर जोर देता है और पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिरता पर सवाल उठाता है।
इस घटना का एक अन्य पहलू इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिका की सक्रिय भूमिका है। ट्रंप का हमला इजरायल और ईरान के बीच विवाद में अमेरिका के स्पष्ट जुड़ाव को स्थापित करता है। गाजा में नरसंहार की चिंता ओवैसी के अनुसार, एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना चाहिए।
संक्षेप में, असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी इस हमले को गाजा में नरसंहार को छिपाने की एक कोशिश के रूप में वर्णित करती है और पाकिस्तान की कूटनीतिक भूमिका पर सवाल उठाती है। उनका सवाल इस जटिल अंतरराष्ट्रीय स्थिति में एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करता है।
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फिटमेंट फैक्टर: वेतन वृद्धि की कुंजी
आठवें वेतन आयोग में ‘फिटमेंट फैक्टर’ वेतन वृद्धि का मुख्य आधार होगा। यह वर्तमान मूल वेतन पर लागू होने वाला एक गुणक है। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने न्यूनतम मूल वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया। विशेषज्ञों का मानना है कि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है, जो लगभग 186% की वृद्धि है। हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आसपास हो सकता है, जिससे न्यूनतम वेतन 34,560 रुपये तक पहुंच सकता है।
वेतन और भत्तों पर प्रभाव
केवल मूल वेतन ही नहीं, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और परिवहन भत्ता (TA) सहित अन्य भत्ते भी संशोधित होंगे। वर्तमान में DA मूल वेतन का 55% है, और जनवरी 2026 तक इसके 70% तक पहुंचने की संभावना है। नए मूल वेतन पर इन भत्तों की गणना से कर्मचारियों का कुल वेतन काफी बढ़ेगा। उदाहरण के लिए, लेवल 1 के कर्मचारी का वेतन (DA, HRA, TA सहित) वर्तमान में 36,020 रुपये है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो यह बढ़कर 79,540 रुपये तक हो सकता है।
पेंशनभोगियों के लिए राहत
पेंशनभोगी भी इस आयोग से लाभान्वित होंगे। सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम पेंशन 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हुई थी।। आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने पर न्यूनतम पेंशन 25,740 रुपये तक पहुंच सकती है। इसके अलावा, ग्रेच्यु, ईपीएफएफ, और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भी बढ़ेंगे, जो पेंशनभो, गियों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
आर्थिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि आठवां वेतन आयोग कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ाएगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। सातवें वेतन आयोग के पहले साल में सरकार पर 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च आया था। आठवें वेतन आयोग के लिए 1.75 से 2.25 लाख करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता हो सकती है। इससे खुदरा, रियल एस्टेट, और ऑटोमोटिव क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी।
चुनौतियां और अपेक्षाएं
कर्मचारी यूनियन फिटमेंट फैक्टर 3.0 से 3.5 की मांग कर रही हैं, जो न्यूनतम वेतन को 54,000 रुपये के करीब ले जा सकता है। हालांकि, आर्थिक बाध्यताओं के कारण सरकार इस मांग को स्वीकार न करे। इसके अलावा, आयोग की रिपोर्ट तैयार करने और अनुमोदन में कम से कम एक साल लग सकता है, जिससे 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में लागू होने की संभावना है।
आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उनकी आर्थिक स्थिरता बढ़ाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को गति देगा। हालांकि, वेतन वृद्धि बड़ी राहत लाएगी या मामूली रहेगी, यह फिटमेंट फैक्टर और सरकार के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।
]]>Q7 Signature Edition में कई कॉस्मेटिक बदलाव किए गए हैं, जो Audi Genuine Accessories का हिस्सा हैं। इस वर्जन में LED puddle lamps दिए गए हैं, जो Audi का लोगो प्रोजेक्ट करते हैं। इसके अलावा डायनामिक हब कैप्स हैं, जो गाड़ी चलने के दौरान स्थिर रहते हैं, साथ ही स्टेनलेस स्टील पेडल कैप्स और एक मेटालिक की कवर भी पैकेज में शामिल है। अलॉय व्हील का डिज़ाइन वही है, लेकिन नया पेंट फिनिश दिया गया है। यह SUV पांच रंगों में उपलब्ध होगी – Sakhir Gold, Waitomo Blue, Mythos Black, Glacier White, और Samurai Grey। हालांकि, ये बदलाव SUV की मूल संरचना या बॉडीवर्क को प्रभावित नहीं करते और केवल एक्सेसरीज़ तक सीमित हैं।
Technology ट्रिम पर आधारित इस Signature Edition में दो खास एक्सेसरीज़ जोड़ी गई हैं – एक इन-कार कॉफी मेकर (Espresso Mobile system) और एक डैशकैम, जिसमें Universal Traffic Recorder है। इसके अलावा, Q7 Technology वेरिएंट के सभी प्रीमियम फीचर्स यथावत हैं, जिनमें Audi Virtual Cockpit Plus, 19-स्पीकर Bang & Olufsen 3D साउंड सिस्टम, डुअल टचस्क्रीन के साथ MMI Navigation, वायरलेस चार्जिंग, फोर-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, और 360-डिग्री कैमरा के साथ पार्क असिस्ट प्लस शामिल हैं।
Q7 Signature Edition में सात सीटों का लेआउट बरकरार है, जिसमें इलेक्ट्रिकली फोल्डेबल थर्ड-रो सीटें और सेंसर-बेस्ड बूट लिड ऑपरेशन शामिल हैं। सेफ्टी के मामले में भी कोई कमी नहीं है – इसमें आठ एयरबैग, लेन डिपार्चर वॉर्निंग, और इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल जैसे फीचर्स हैं।
Signature Edition में वही 3.0L V6 TFSI पेट्रोल इंजन है, जो 340 हॉर्सपावर और 500 Nm टॉर्क जनरेट करता है। इसके साथ 8-स्पीड ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन और 48V माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम दिया गया है। यह SUV 0-100 किमी/घंटा की रफ्तार सिर्फ 5.6 सेकंड में पकड़ लेती है और इसकी टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है। Audi का मशहूर quattro ऑल-व्हील ड्राइव सिस्टम, अडैप्टिव एयर सस्पेंशन, और सात ड्राइविंग मोड्स (ऑफ-रोड मोड सहित) इस SUV को हर तरह के रास्तों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
Audi Q7 Signature Edition की एक्स-शोरूम कीमत ₹99.81 लाख है, जो दिल्ली में ऑन-रोड ₹1.14 करोड़ तक पहुंच सकती है। यह मॉडल सीमित संख्या में उपलब्ध है, जिससे इसकी एक्सक्लूसिविटी और बढ़ जाती है। बुकिंग Audi की आधिकारिक वेबसाइट (www.audi.in) (www.audi.in) या अधिकृत डीलरशिप्स के जरिए की जा सकती है।
Audi Q7 Signature Edition का मुकाबला Mercedes-Benz GLS, BMW X7, और Volvo XC90 जैसे लग्जरी SUV से होगा। इसके एक्सक्लूसिव डिज़ाइन एलिमेंट्स, इन-कार कॉफी मेकर जैसे यूनिक फीचर्स, और सीमित उपलब्धता इसे उन खरीदारों के लिए आकर्षक बनाते हैं जो प्रीमियम SUV में लग्जरी और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का मिश्रण चाहते हैं। यह लॉन्च भारतीय बाजार में Audi की ब्रांड इमेज को और मजबूत करता है, खासकर लग्जरी SUV सेगमेंट में।
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बेलुन धमासिन ग्राम पंचायत के बेरुई समबाय में तृणमूल ने 12 सीटों में से सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इस चुनाव में सीपीएम और बीजेपी ने भी उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन तृणमूल के सामने वे कोई चुनौती नहीं पेश कर पाए। 784 मतदाताओं के बीच 546 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई, और परिणाम में तृणमूल ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की।
जामग्राम मंडलई ग्राम पंचायत के पैकारा समबाय में भी तृणमूल ने जीत हासिल की। यहां 306 मतदाता थे, और 290 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई। तृणमूल ने इस चुनाव में पूरी तरह से बहुमत प्राप्त किया।
जाएर द्वारबासिनी ग्राम पंचायत के कमताई समबाय में भी तृणमूल ने 11 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि सीपीएम को सिर्फ एक सीट मिली। यहां कुल 407 मतदाता थे और 280 मतदान केंद्र थे। इस कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद तृणमूल ने समबाय बोर्ड पर अपना कब्जा जमाया।
इस शानदार जीत के बाद तृणमूल कार्यकर्ता उत्साहित होकर अकाल होली मनाने लगे। पाण्डुआ ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के सहायक अध्यक्ष शुभंकर नंदी ने कहा, “यह जीत साम्प्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की जीत है। हमारी प्राथमिकता हमेशा किसानों के विकास और ममता दीदी की नीतियों को समर्थन देने की रही है।”
हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस के महासचिव संजय घोष ने कहा, “यह जीत ममता बनर्जी की जीत है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमेशा आम जनता और किसानों के हित में काम किया है, और इस चुनावी जीत का यही परिणाम है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में भी जनता हमारे साथ रहेगी।”
साथ ही, चुनाव के दौरान कोई अप्रत्याशित घटना न हो, इसके लिए पुलिस बल की बड़ी संख्या में तैनाती की गई थी ताकि चुनाव शांति से संपन्न हो सके।
]]>Geekbench की रिपोर्ट के अनुसार, Samsung Galaxy Z Flip 7 में मौजूद Exynos 2500 एक 10-कोर प्रोसेसर है, जिसने सिंगल-कोर टेस्ट में 2356 और मल्टी-कोर टेस्ट में 8076 स्कोर हासिल किया है। हालांकि यह चिपसेट Snapdragon 8 Elite से थोड़ा पीछे है, फिर भी यह काफी शक्तिशाली है और Samsung के S25 सीरीज में भी इस्तेमाल हो चुका है। फोन में 12GB RAM और नया Xclipse 950 GPU होने की संभावना है। फोन Android 16 आधारित One UI 8 इंटरफेस पर चलेगा और इसमें सैटेलाइट कनेक्टिविटी सपोर्ट होने की उम्मीद है। Galaxy Z Flip 7 में 4-इंच का कवर डिस्प्ले हो सकता है और यह 512GB तक इंटरनल स्टोरेज ऑप्शन के साथ आएगा।
Samsung Galaxy Z Flip 7 में 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर और 12 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड कैमरा होगा, जो पिछले जेनरेशन की तुलना में बेहतर फोटोग्राफी एक्सपीरियंस देगा। फ्रंट में भी एक बेहतर सेल्फी कैमरा होने की संभावना है। फोन में 4000mAh की बैटरी होने की उम्मीद है, जो 25W वायर्ड और 15W वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करेगी।
यह फ्लिप फोन तीन स्टाइलिश रंगों में आएगा—Jet Black, Blue Shadow, और Coral Red। नए डिज़ाइन और हाई-एंड फीचर्स के साथ, Galaxy Z Flip 7 निश्चित रूप से Samsung की फोल्डेबल फोन सीरीज में एक और सफल जोड़ बनने जा रहा है। इसका बड़ा कवर डिस्प्ले और पतला डिज़ाइन इसे Motorola Razr Ultra जैसे प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले और आकर्षक बनाता है।
लीक हुई जानकारी के आधार पर, Galaxy Z Flip 7 में Exynos 2500 चिपसेट का इस्तेमाल विवादास्पद हो सकता है, क्योंकि कुछ यूजर्स Snapdragon 8 Elite को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, Samsung का ProVisual Engine और AI-बेस्ड फोटोग्राफी इम्प्रूवमेंट्स कैमरा परफॉर्मेंस को बेहतर बना सकते हैं। फोन की लॉन्च डेट 9 या 10 जुलाई 2025 को होने की संभावना है, जो Samsung के Galaxy Unpacked इवेंट में कन्फर्म होगी। यह फोन फोल्डेबल मार्केट में नया बेंचमार्क सेट करने के लिए तैयार है।
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कांग्रेस के उम्मीदवार को 14,883 वोट प्राप्त हुए हैं, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार को 13,020 वोट मिले हैं। इस तरह से, तृणमूल की बढ़त दोनों ही प्रमुख विपक्षी दलों के मुकाबले काफी मजबूत दिखाई दे रही है। यह परिणाम यह भी साबित करता है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव बरकरार है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां पार्टी का आधार बहुत मजबूत है।
यह नतीजा केवल तृणमूल के लिए खुशी का कारण नहीं है, बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए भी एक चेतावनी है। बीजेपी, जिनके पास केंद्रीय नेताओं का समर्थन था और जिन्होंने बड़े पैमाने पर प्रचार किया, वे तृणमूल से पीछे रह गए हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि बीजेपी का बंगाल में प्रभाव अब पहले जैसा नहीं रहा है। तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ कांग्रेस की स्थिति भी कमजोर होती दिख रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस उपचुनाव में तृणमूल की सफलता केवल कालिगंज तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। तृणमूल का यह प्रदर्शन राज्य के आगामी चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती पेश कर सकता है।
कालिगंज का यह उपचुनाव पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यदि तृणमूल कांग्रेस इस तरह की सफलता को जारी रखती है, तो आगामी चुनावों में उनकी जीत निश्चित लगती है। वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में तृणमूल के लिए यह एक उत्साहजनक स्थिति है, जबकि बीजेपी और कांग्रेस को अब भविष्य में अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
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