उत्तरकाशी में फंसे 9 ट्रैकर्स की मौत, 13 लोगों को एयरलिफ्ट बचाया गया

देहरादून : उत्तरकाशी के सहस्त्र ताल ट्रैकिंग रूट पर 22 सदस्यों का दल खराब मौसम के चलते फंस गया था। 4 जून को रेस्क्यू ऑपरेशन…

देहरादून : उत्तरकाशी के सहस्त्र ताल ट्रैकिंग रूट पर 22 सदस्यों का दल खराब मौसम के चलते फंस गया था। 4 जून को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। 22 में से 13 लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है। 9 ट्रैकर्स के शव भी बरामद कर लिए गए हैं। रेस्क्यू शुरू होने से खत्म होने तक उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार जिला प्रसाशन से अपडेट लेते रहे. इस रेस्क्यू ऑपरेशन को 36 घंटे में पूरा किया गया।

उत्त्तरकाशी के सहस्त्र ताल ट्रैक रूट पर चल रहे 22 सदस्यों दल का रेस्क्यू अभियान आज यानि गुरुवार को पूरा हो गया है। खराब मौसम में कुफरी टॉप पर फंसे 13 ट्रैकर्स का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। जबकि, 9 शव बरामद किए गए हैं। कर्नाटक ट्रेकिंग एसोसिएशन का 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल उत्तरकाशी के सिल्ला गांव से 29 मई को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुआ था। 4 जून को तेज तूफान और बारिश के चलते दल रास्ता भटक गया।

ट्रैकिंग दल के एक सदस्य ने मंगलवार की शाम को यह जानकारी जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी तक पहुंचाई, जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। इस ट्रैकिंग दल ने पर्यटन और वन विभाग से 29 मई से 7 जून तक की अनुमति ली थी. ट्रैकर्स के कुफरी टॉप में फंसने की सूचना मिलते ही मंगलवार देर शाम से रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया, जो कि आज पूरा हो गया है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन 36 घंटे तक चला. राज्य पुलिस, वन विभाग, एसडीआरएफ और वायुसेना की मदद से यह रेस्क्यू पूरा किया गया। सभी ट्रैकर्स को एरलिफ्ट करके सुरक्षित जगह पहुंचाया गया।

रेस्क्यू के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जिला प्रसाशन से अपडेट लेते रहे. 22 में से 13 लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया था। जबकि, 9 शवों को भी बरामद कर लिया गया है। शवों को पंचनामा के लिए अस्पताल भिजवाया गया है। मौजूदा वक्त में घटनास्थल पर मौसम साफ है। नटीण हेलीपैड पर रेस्क्यू के लिए जरूरी वाहन और स्टाफ तैनात किए गए हैं। मातली हेलीपैड में एक एंबुलेंस तैनात की गई है। SDRF के जवान मातली हेलीपैड पर तैनात हैं। पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं।

अस्पताल में भर्ती एक ट्रैकर ने बताया कि घटना वाले दिन उनका ग्रुप वापस लौट रहा था। जिस जगह पर वो फंसे थे, वहां बर्फबारी हो रही थी और अचानक 90 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं, जिससे पूरा ग्रुप वहां फंस गया। सहस्त्र ताल ट्रैक उत्तराखंड के गढ़वाल इलाके में स्थित एक लोकप्रिय ट्रैक है। यहां की सुंदरता देखने लायक है. इन दिनों ट्रैकर्स और सैलानी ट्रैक का भ्रमण करने आते रहते हैं। करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्र ताल ट्रैक की शुरुआत ऋषिकेश से होती है। ऋषिकेश से कमद गांव की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है। उत्तरकाशी से ‘कुछ कल्याण बेस’ से सहस्त्र ताल ट्रैक की चढ़ाई शुरू होती है।

सहस्त्र ताल तक पहुंचने के लिए कुल ट्रैक की लंबाई लगभग 30-35 किलोमीटर है, जो अलग-अलग रास्तों पर निर्भर करती है। ट्रैक को पूरा करने में आमतौर पर 7-8 दिन लगते हैं। इस ट्रैक में कई सुंदर ताल शामिल हैं। यह ट्रैक हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों, हरे-भरे घास के मैदानों और घने जंगलों के बीच से होकर गुजरता है। लेकिन जितना सुंदर यह ट्रैक है, उतना ही कठिन इसका सफर भी है। यहां ट्रैकिंग के लिए शरीर का फिट होना बेहद जरूरी है। ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी भी कभी कबार महसूस की जाती है।