प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि डीप फेक सबसे बड़े खतरों में से एक है जिसका भारत की प्रणाली इस समय सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे समाज में अराजकता पैदा हो सकती है। प्रधानमंत्री ने मीडिया से भी लोगों को बढ़ती समस्या के बारे में शिक्षित करने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ को लोगों का समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के वक्त भारत की उपलब्धियों ने लोगों में यह विश्वास पैदा किया कि अब देश रुकने वाला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि छठ पूजा ‘राष्ट्रीय पर्व’ बन गया है जो बेहद प्रसन्नता की बात है।
दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में भाजपा के दिवाली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि जब डीपफेक के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग की बात आती है तो नागरिकों और मीडिया दोनों को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।पीएम मोदी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब डीपफेक को लेकर चर्चा लगातार जारी है। इसमें शामिल है कि कैसे डीपफेक मौजूदा विधानसभा चुनावों में चुनावी लोकतंत्र की अखंडता के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा कर रहे हैं, जिससे नकली और असली क्लिप के बीच अंतर करना मुश्किल हो गया है।इस टेक्नोलॉजी की नींव पर बनी एप्स बेहद नुकसान पहुंचा सकती है। इससे किसी व्यक्ति के चेहरे पर दूसरे का चेहरा लगाया जा सकता है। वो भी इतनी सफाई और बारिकी से कि नीचे वाले चेहरे के सभी हाव भाव ऊपर वाले चेहरे पर दिख सकते हैं। ये उसी तरह है जैसे एकता कपूर के सिरीयल में प्लास्टिक सर्जरी से पुराने चेहरे को नया बना दिया जाता था।