नई दिल्ली : माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। सीपीएम नेता ने 72 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। सीपीएम के अखिल भारतीय महासचिव को गंभीर श्वसन संक्रमण का पता चलने के बाद 19 अगस्त को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। उन्हें शुरू से ही आईसीयू में रखा गया था। सोमवार की उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. डॉक्टरों को कृत्रिम सांस की मदद लेनी पड़ रही थी। आखिरकार गुरुवार को उन्होंने आखिरी सांस ली।
येचुरी की 8 अगस्त को दिल्ली में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी। इसी दिन पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया था। वामपंथी नेता के निधन से देश के राजनीतिक गलियारों में शोक का माहौल है। कहने की जरूरत नहीं है कि थोड़े ही समय में बुद्धदेव भट्टाचार्य और येचुरी की मृत्यु ने भारत के वामपंथी राजनीतिक हलकों में एक बड़ा शून्य पैदा कर दिया है। 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। इसके साथ ही एक युग का अंत हो गया।
सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और पार्टी के संसदीय समूह के नेता थे। उनका जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आपातकाल में जेएनयू में रहते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वह लगातार तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1984 में उनको सीपीआई एम की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था। 2015 में उनको पार्टी का महासचिव चुना गया।