गर्मी का कहर जारी, सुल्तानपुर में 17 मौतें, मेडिकल कॉलेज में बेड फुल, फर्श पर हो रहा इलाज

सुल्तानपुर: देशभर में भीषण गर्मी से हाहाकार मचा हुआ है। यूपी में गर्मी से सैकड़ों लोगों की मौतें हो चुकी हैं। सुल्तानपुर में पारा 45…

सुल्तानपुर: देशभर में भीषण गर्मी से हाहाकार मचा हुआ है। यूपी में गर्मी से सैकड़ों लोगों की मौतें हो चुकी हैं। सुल्तानपुर में पारा 45 डिग्री के पार चला गया है। ऐसे में भीषण गर्मी की वजह से लोगों का बुरा हाल है। राजकीय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी मरीजों से फुल है। बेड कम पड़ जाने से फर्श पर इलाज हो रहा है। बीते गुरुवार को यहां 17 मौतें हुई हैं। हालांकि, स्वास्थ अधिकारी हीट वेव से मौत की बात से इनकार कर रहे हैं।

इमरजेंसी में हालात यह हैं कि डायरिया, वोमेटिंग, लूज मोशन, सांस और फीवर के मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड के बेड खाली नहीं हैं। जमीन, बेंच और स्ट्रेचर पर मेडिकल स्टॉफ को ट्रीटमेंट देना पड़ रहा है। तीमारदार कपिल देव ओझा बताते हैं कि वे अपने भाई को लेकर आए और भर्ती कराया। हीट वेव की चपेट में आने से उन्हें डायरिया हुआ है। हरिद्वार सिंह अपनी बेटी प्रियंका को लेकर भर्ती कराए हुए हैं। उन्होंने बताया कि बिटिया कल से डिहाइड्रेशन का शिकार है। हीट वेव का शिकार है। सुबह इमरजेंसी में लेकर आए। डॉक्टर इसको देख नहीं रहे थे। बहुत विनती के बाद यही फर्श पर इलाज हो रहा है। भीड़ की वजह से यहां दो तीन डॉक्टरों की आवश्यकता है।

सुमित्रा सिंह अपने बाबा विजय को लेकर दिखाने आई। वो आठ दिनों से बीमार हैं, लेकिन डॉक्टर एडमिट नहीं कर रहे, वो ओपीडी में दिखाने की सलाह दे रहे हैं। इंद्रदेव मिश्रा ने बताया तीन दिन से बिटिया डायरिया का शिकार है। काफी देर से भर्ती किया गया है। इमरजेंसी में मौजूद वर्ड बॉय संतोष ने बताया कि तापमान ज्यादा होने की वजह से ज्यादा तर डायरिया के पेशेंट आ रहे हैं।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के सीएमएस एसके गोयल ने बताया कि गर्मी बहुत पड़ रही है और हीट वेव का असर लोगों में दिख रहा है। उससे बीमार होकर भी लोग आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हीट वेव से एक भी मौत की सूचना हमें अभी तक नहीं है। गुरुवार को हमारे चिकित्सालय में टोटल 17 मौतें हुई हैं, जिसमें तीन मौतें लकवे के मरीज की, शॉक्ड के 5 मरीज, सांस फूलने के कारण 6 मरीज, सड़क दुर्घटना में एक और बुखार से दो मरीजों की मौत हुई है। हालांकि, वो हीट वेव से मौत नहीं होने की बात अंत तक कहते रहे।