शिमला में मस्जिद की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच हिंदू संगठनों ने…

शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच हिंदू संगठनों ने आज बड़ा विरोध प्रदर्शन बुलाया और प्रदर्शनकारियों ने इकट्ठा होकर ढली टनल पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उसके पसीने छूट गए. आखिरकार प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी।

प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा है और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। प्रदर्शनकारी मस्जिद की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें नियंत्रित करने में कुछ हद तक कामयाब हुई है। प्रदर्शनकारियों को मौके से खदेड़ा गया है, लेकिन कुछ ही दूर पर उनका विरोध प्रदर्शन जारी है।

दरअसल, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर टनल में चेकिंग के बाद केवल आम लोगों को पैदल आने जाने की अनुमति दी थी। संजौली की ढली टनल को पूरी तरह बंद कर दिया गया था, ताकि कोई भी प्रदर्शनकारी अंदर न जा सके। वहीं, टनल के पास पेट्रोल पंप के सामने प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया है।
मामले में बीती सुनवाई के बाद 5 अक्टूबर की तारीख मिली है। संजौली में शांति व्यवस्था के मद्देनजर पूरे इलाके में बुधवार की सुबह 7 बजे से धारा 163 लागू कर दी गई, जिसके बाद पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई थी।

संजौली इलाके में मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘स्थिति बिल्कुल साफ है। सभी को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है और सरकार ने भी यह कहा है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए जिससे वहां की शांतिपूर्ण स्थिति प्रभावित हो। इसलिए पुलिस ने एहतियाती कदम उठाए हैं। इलाके में धारा 163 लगा दी गई है और इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, ताकि ऐसी कोई स्थिति न आए जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठें।

जहां तक ​​उस अवैध ढांचे के निर्माण का सवाल है, मामला न्यायालय में विचाराधीन है, सुनवाई के बाद सरकार फैसला लेगी। हमने साफ तौर पर कहा है कि अगर यह अवैध पाया गया तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी और इसे गिराया जाएगा, लेकिन यह ऐसा कदम है जो नगर आयुक्त का आदेश आने के बाद उठाया जाएगा, उससे पहले कार्रवाई करना ठीक नहीं होगा।’

इससे पहले हिंदू संगठनों ने बड़े प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। प्रदर्शन को लेकर शिमला एसपी ने कहा था, ‘हमने BNSS 163 के तहत प्रक्रियाओं को लागू किया है। सब कुछ नॉर्मल है और लोग अपने स्कूलों और ऑफिस जा रहे हैं। एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात कर दी गई है। हम ड्रोन से भी निगरानी कर रहे हैं। अगर कोई कानून का उल्लंघन करता है तो हम ऐसे लोगों के खिलाफ सबूत जुटाएंगे। हिमाचल के लोग शांतिप्रिय लोग हैं। इसलिए अगर लोग जुटते भी हैं तो यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा।’

वहीं, आज सदन के अंदर कानून व्यवस्था को लेकर शिमला शहरी विधायक हरीश जनार्दन ने इस पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत चर्चा मांगी और सदन में प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बनाने रखने के निर्देश दिए. जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के ही मंत्री ने अपनी जन्म भावनाएं सदन में उठाई थी और उसके बाद कांग्रेस हाई कमान के पास ही मामला पहुंचा तो अब मंत्री को हटाने की बात कर रहे हैं इस पर मुख्यमंत्री भी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला जन भावनाओं से जुड़ा है और इसको लेकर कल शिमला में हिंदू समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे में सरकार को भी इसे शांतिपूर्ण तरीके से हैंडल करना चाहिए. उन्होंने लोगों से भी प्रदर्शन शांतिपूर्ण करने की अपील की। साथ ही जो अवैध निर्माण हुआ है उसे भी तोड़ने को लेकर कार्रवाई करने की सरकार से मांग उठाई।

प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी काम कानून के दायरे में रहकर ही होंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला किसी एक खास भवन से जुड़ा हुआ नहीं है. पूरे प्रदेश में अवैध निर्माण पर सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि संजौली मस्जिद का मामला संवेदनशील है. मामला अभी नगर निगम अदालत में चल रहा है दोनों पक्षों ने जवाब दिए हैं मामले पर जल्द फैसला आएगा।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह मामला स्ट्रीट वेंडर के मामले से शुरू हुआ था। इस बारे में पार्षद और कई संगठनों के लोग मुख्यमंत्री से भी मिले थे और प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी में संशोधन की मांग की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूरे मामले पर गंभीर है। बाहर से आना वाला व्यक्ति हो या प्रदेश का ही किसी भी घर दुकान में काम करने वाले व्यक्ति का वेरिफिकेशन जरूरी है। इसको लेकर सब कमेटी भी बनाई गई है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है। प्रदेश में सभी काम कानून के दायरे में रहकर ही किए जाने चाहिए।