सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे दिखने वाली महिला स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) कमांडो की तस्वीर वायरल हो रही है। यह तस्वीर 27 नवंबर को पोस्ट की गई थी और तब से इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। मंडी की सांसद कंगना रनौत समेत कई लोगों ने इस फोटो को साझा किया है।
SPG में महिला कमांडो का रोल
कई लोगों ने दावा किया कि यह पहली बार है जब किसी महिला कमांडो को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में देखा गया। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि यह महिला कमांडो पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में तैनात देखी गई थी। हालांकि, सात साल पहले भी ऐसा ही विवाद उठा था, जब एक वीडियो में पीएम की सुरक्षा में एक महिला कमांडो दिखी थी।
SPG के सूत्रों के मुताबिक, महिलाएं कई सालों से इस स्पेशल यूनिट का हिस्सा हैं। शुरुआत में इन्हें एडवांस डिप्लॉयमेंट जैसे कार्य सौंपे जाते थे। लेकिन 2015 से SPG की क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) में भी महिलाओं को शामिल किया गया। वर्तमान में SPG में लगभग 100 महिला कमांडो हैं, जो क्लोज प्रोटेक्शन और एडवांस सिक्योरिटी कोऑर्डिनेशन दोनों में सेवाएं दे रही हैं।
तस्वीर का स्रोत और जिम्मेदारी
वायरल तस्वीर संसद की घटना के समय की बताई जा रही है। यहां महिला SPG कमांडो आमतौर पर गेट पर तैनात होती हैं और महिला आगंतुकों की जांच और सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। इसके अलावा, जब कोई महिला मेहमान प्रधानमंत्री से मिलती हैं, तो ये कमांडो सुरक्षा जांच, एस्कॉर्ट और आसान पहुंच का काम संभालती हैं।
प्रधानमंत्री के विदेशी दौरे के दौरान भी महिला SPG कमांडो सुरक्षा दल का हिस्सा होती हैं। ये एडवांस सिक्योरिटी कोऑर्डिनेशन और अन्य सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती हैं।
SPG का इतिहास
1985 में SPG की स्थापना की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करना है। SPG अधिकारियों को नेतृत्व, क्लोज प्रोटेक्शन कौशल और प्रोफेशनलिज़्म के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ये खुफिया विभाग और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस के साथ मिलकर काम करते हैं।
SPG में महिला कमांडो की भागीदारी एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि देश की उन्नत सुरक्षा प्रणाली में उनकी क्षमताओं का प्रमाण भी है। प्रधानमंत्री के पीछे महिला कमांडो की यह तस्वीर हमारी सुरक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण का एक प्रतीक बन चुकी है।