कोलकाता : रेप और मर्डर केस की न्याय की मांग कर रहे कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी से हस्तक्षेप करने की फरियाद की है। उन्होंने राष्ट्रपति पत्र लिखा है और पत्र की प्रति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी है।
कोलकाता रेप केस में न्याय की मांग को लेकर जूनियर्स डॉक्टर्स पिछले 34 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन और हड़ताल समाप्त करने को लेकर राज्य की सीएम ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच बातचीत के प्रयास फेल हो चुके हैं। गुरुवार को नबान्न में बैठक नहीं होने के बाद ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों ने माफी मांगी थी और इस्तीफा देने तक की पेशकश कर दी थी। वहीं, डॉक्टर्स भी आंदोलन पर अड़े हैं और न्याय की मांग को लेकर इस बार प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।
बता दें कि नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर मामले में न्याय की मांग पर जूनियर डॉक्टर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में डॉक्टरों से अपील की थी कि वे काम पर लौट आएं। उसके बाद से लगातार राज्य सरकार और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच बातचीत की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक बातचीत के प्रयास सफल नहीं हुए हैं।
गुरुवार को भी राज्य सचिवालय नबान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जूनियर डॉक्टरों की बैठक विफल रही। परिणामस्वरूप फिर से प्रदर्शनकारी डॉक्टर साल्टलेक लौट गए और स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शन जारी रखा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि न्याय की मांग पर वे लोग अगले 33 दिनों तक और भी प्रदर्शन कर सकते हैं।
डॉक्टरों को जब उनकी मांगों का कोई समाधान नहीं निकला तो उन्होंने वैकल्पिक रास्ता अपनाया है। उन्होंने गतिरोध तोड़ने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजा है।
आंदोलनकारियों ने न सिर्फ राष्ट्रपति को, बल्कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र की प्रतियां भेजी हैं। यहां तक कि पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी गया है। इस पत्र को भेजने के संबंध में जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे नबान्न गये थे। हालांकि, गुरुवार शाम को अपने अनुभव के आधार पर, उन्हें लगता है कि गतिरोध को तोड़ने के लिए राष्ट्रपति से संपर्क करना नितांत आवश्यक है।
इस दिन डॉक्टरों ने चार पन्नों का पत्र भेजा. जूनियर डॉक्टरों ने पत्र में नौ अगस्त को लेडी डॉक्टर की मौत की घटना के बाद से अब तक जो कुछ भी हुआ, उसका जिक्र किया है. डॉक्टरों ने अपने पत्र में कहा है कि भले ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सुरक्षित है, लेकिन राज्य के बाकी मेडिकल कॉलेजों (सागरदत्त, एसएसकेएम) की तरह अस्पतालों में भी हमले होते रहते हैं.
डॉक्टरों के संगठन के नेता उत्पल बनर्जी ने कहा, ”हमने राष्ट्रपति को पहले भी पत्र लिखकर सूचित किया है कि आपको इस मामले को देखना चाहिए. दोबारा जूनियर डॉक्टरों ने दोबारा पत्र भेजा. यह सच है कि राज्य प्रशासन की भूमिका से जूनियर डॉक्टर पूरी तरह निराश हैं. और अगर उन्हें निराशा हुई तो वे राष्ट्रपति के पास जाएंगे. यह सामान्य है.”
वहीं वरिष्ठ वकील और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर विकासरंजन भट्टाचार्य ने कहा, ”कोई भी केंद्र से लेकर राष्ट्रपति तक आवेदन कर सकता है. लेकिन डॉक्टरों के आंदोलन की मांगें जनहित संबंधों से जुड़ी हैं. और राज्य सरकार को इस मुद्दे का समाधान करना होगा. हालांकि, राज्य सरकार की अक्षमता के कारण यह आंदोलन लंबा खिंचता जा रहा है. इस कारण डॉक्टरों को पूरा अधिकार है कि वे इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की फरियाद करें