कोलकाता : पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी लोकसभा चुनाव 2024 की लड़ाई दिलचस्प दिख रही है। मंगलवार को मतगणना के दौरान राज्य की 42 में से 32 सीटों पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस आगे चल रही है। जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी महज नौ सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।
बाकी एक सीट पर कांग्रेस की बढ़त है। मुर्शिदाबाद की बहरामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी ने बढ़त बनाए रखी है। बाकी राज्य की चर्चित बसीरहाट सीट पर संदेशखाली आंदोलन का मुख्य चेहरा रही रेखा पात्रा ढाई लाख वोटो से पीछड़ गई हैं। अब उनकी जीत की उम्मीद धुंधली पड़ने लगी है।
बशीरहाट में तृणमूल उम्मीदवार हाजी नुरुल इस्लाम दो लाख 40 हजार 803 वोटों से आगे चल रहे हैं। दोपहर तक उन्हें 4 लाख 52 हजार 559 वोट मिले थे। रेखा को दो लाख 11 हजार 756 वोट मिले। इस मतगणना की घोषणा होते ही तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। जवाब में रेखा पात्रा ने कहा, “जो लोग शुरुआत में जीतते हैं, वे अंत में हार जाते हैं। शुरुआत में मेरे पास कम था।
अंत में जीत मेरी ही होगी। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि बशीरहाट में रेखा और हाजी नुरुल के वोटों में अंतर के कारण संभावना कम है। इधर संदेशखाली में भाजपा के एक पार्टी दफ्तर में आग लगा दी गई है जिसका आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है।
हुगली जिले में सुबह से ही लड़ाई दिलचस्प चल रही थी और हुगली तथा आरामबाग लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार आगे थे। जबकि श्रीरामपुर से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कल्याण बनर्जी आगे चल रहे थे लेकिन दोपहर 1:00 बजे के करीब तीनों सीटों पर तृणमूल उम्मीदवारों ने बढ़त बना ली है। चुनाव से पहले तृणमूल से भाजपा में लौटे बैरकपुर के निवर्तमान सांसद अर्जुन सिंह 10 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं। उनके केंद्र के तृणमूल उम्मीदवार पार्थ भौमिक आगे हैं।
वहीं, दमदम में सौगत रॉय 8184 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं, बारासात में तृणमूल की काकली घोष दस्तीदार 39 हजार 880 वोटों के साथ आगे चल रही हैं। लेकिन बनगांव में निवर्तमान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार शांतनु ठाकुर 5022 वोटों से आगे हैं। यहां तक कि दुर्गापुर बर्दवान लोकसभा सीट से भाजपा के धाकड़ कैंडिडेट दिलीप घोष भी पीछे हो गये हैं और तमलुक से कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली भी पीछे चल रहे हैं। तृणमूल उम्मीदवार देवांग्शु भट्टाचार्य उनसे सात हजार वोटो के अंदर से आगे हैं।