अगस्त का पहला रविवार Friendship Day

नई दिल्ली :  कोई व्यक्ति जन्म के बाद खुद से जो पहला रिश्ता बनाता है, उसे दोस्ती कहते हैं। परिवार से बाहर एक दोस्त ही…

नई दिल्ली :  कोई व्यक्ति जन्म के बाद खुद से जो पहला रिश्ता बनाता है, उसे दोस्ती कहते हैं। परिवार से बाहर एक दोस्त ही आपका मार्गदर्शक, सलाहकार, राजदार और शुभचिंतक होता है। इसी दोस्ती के नाम एक खास दिन समर्पित किया गया है, जिसे फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि दुनियाभर में साल में दो बार दोस्ती दिवस मनाते हैं। ऐसे में कई लोग असमंजस में हैं कि असली मित्रता दिवस किस दिन मनाएं। दोस्ती दिवस मनाने की शुरुआत किसने और कब पहली बार की थी, इसकी कहानी भी काफी रोचक है। आइए जानते हैं जुलाई या अगस्त में से कब मनाया जाता है फ्रेंडशिप डे, इस दिन का इतिहास और महत्व जानिए।

कुछ लोगों को फ्रेंडशिप डे को लेकर असमंजस है कि 30 जुलाई और अगस्त के पहले रविवार में से सही फ्रेंडशिप डे कौन सा होता है। दरअसल, साल 1930 में जॉयस हॉल ने हॉलमार्क कार्ड के रूप में उत्पन्न किया था। बाद में 30 जुलाई 1958 को आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई। लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश अगस्त के पहले रविवार को ही दोस्ती दिवस मनाते हैं।

दोनों फ्रेंडशिप डे में अंतर ये हैं कि 30 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाया जाता है, जो देशों के बीच परस्पर सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने के लिए मनाते हैं। वहीं अगस्त के पहले रविवार को दोस्तों के नाम समर्पित किया गया। इस दिन लोग अपने एक दूसरे के साथ दोस्ती के रिश्ते को सेलिब्रेट करते हैं। भारत में इसी दिन को दोस्ती दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पहली बार मित्रता दिवस 1935 को अमेरिका में मनाया गया। शुरुआत में अगस्त के पहले महीने में दोस्ती के प्रतीक के तौर पर इस दिन को मनाया गया, हालांकि बाद में हर साल मित्रता दिवस अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने का फैसला लिया गया।

अमेरिका में 1935 में अगस्त के पहले रविवार के दिन एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। कहते हैं कि इस हत्या के पीछे अमेरिकी सरकार थी। जिसकी मौत हुई थी, उसका दोस्त इस खबर से हताश हो गया और खुद भी आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती और लगाव को देखते हुए अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। इसका प्रचलन बढ़ा और भारत समेत कई देशों ने फ्रेंडशिप डे को अपनाया।

व्यक्ति के जीवन में दोस्त जरूर होते हैं। अगर न हों तो एक दोस्त जरूर बनाना चाहिए। दोस्ती कभी भी हो सकती हैं, उसमें उम्र, लिंग या किसी अन्य तरीके का कोई भेद नहीं होता। दोस्त आपका ऐसा समर्थक होता है जो आपकी तरक्की के लिए अच्छी सलाह देता है और आपकी खुशी में खुश होता है। ऐसे में आपके जीवन को सरल, सुलझा हुआ और अधिक मनोरंजक बनाने के लिए दोस्ती दिवस मनाते हैं और इस मौके पर दोस्त को खास महसूस कराते हैं।