चल रहे इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के इस सीजन की शुरुआत एफसी गोवा के लिए खास अच्छी नहीं रही। पहले ही मुकाबले में खालिद जमील की जमशेदपुर एफसी के खिलाफ उन्हें ड्रॉ खेलना पड़ा। लेकिन समय के साथ आकाश सांगवान और संदेश झिंगान जैसे खिलाड़ियों की अगुवाई में यह टीम अपनी लय में लौट आई। हालांकि, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड और मुंबई सिटी एफसी के खिलाफ कुछ लड़खड़ाहट दिखी, लेकिन चेन्नईयिन एफसी के खिलाफ बड़ी जीत के बाद एफसी गोवा ने बेहतरीन प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बेंगलुरु एफसी को हराकर उन्होंने सबको चौंका दिया।
पिछले गुरुवार को केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ एफसी गोवा ने एक और अहम मुकाबला खेला। पहले हाफ में दबाव में दिखने वाली यह टीम समय के साथ खेल पर नियंत्रण बनाती चली गई। आखिरी में बोरिस सिंह के एकमात्र गोल ने उन्हें इस मुकाबले में जीत दिलाई। इस जीत के साथ एफसी गोवा ने टेबल के टॉप 6 में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है।
हालांकि, इस मैच में आर्मांडो सादिकु और बोर्हा हेरेरा जैसे अहम विदेशी खिलाड़ी शुरुआती प्लेइंग इलेवन में नहीं थे।
कोच मनोलो मार्क्वेज़ (Manolo Marquez) के इस फैसले ने सबको हैरान कर दिया। मैच के बाद इस फैसले पर बात करते हुए मनोलो ने कहा, “हमारी टीम में छह विदेशी खिलाड़ी हैं, जिनमें से चार पूरी तरह फिट होकर खेलने के लिए तैयार थे। लेकिन सादिकु और बोर्हा इस हफ्ते कुछ शारीरिक समस्याओं से गुजर रहे थे। खासकर सादिकु की हालत पिछले दो दिनों में काफी मुश्किल रही।”
मनोलो ने आगे कहा, “केरला ब्लास्टर्स के घरेलू स्टेडियम में खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने शुरुआत में हमसे ज्यादा आक्रामक खेल दिखाया। लेकिन हमने अपने प्लान पर टिके रहते हुए वह गोल किया और उसके बाद खेल को अच्छी तरह नियंत्रित किया। हालांकि, अंत में उनका हमला हमारे लिए चिंता का कारण बना, लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने समझदारी से खेल संभाला। यही हमारी जीत की कुंजी रही।”
केरला ब्लास्टर्स जैसी मजबूत टीम के खिलाफ इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि एफसी गोवा ने फिर से अपनी लय पकड़ ली है। आने वाले मुकाबलों में उनके अन्य अहम खिलाड़ियों की फिटनेस और रिजर्व बेंच की भूमिका टीम को और मजबूत बना सकती है।