केरल ब्लास्टर्स ने पिछले गुरुवार को अपने घरेलू मैदान पर एफसी गोआ के खिलाफ मुकाबला खेला। इस मैच की शुरुआत से ही केरल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन समय के साथ गोआ की आक्रमकता ने केरल के रक्षात्मक खेल को परेशान कर दिया। पहले हाफ में केरल के गोलकीपर सचिन सुरेश ने शानदार बचाव किया, लेकिन अंततः गोआ के बोरिस सिंह ने पहले हाफ के अंत में एक गोल दागकर अपनी टीम को बढ़त दिलाई।
पहले हाफ में गोआ का 1-0 से बढ़त बनाना तय हुआ। लेकिन दूसरे हाफ की शुरुआत से ही केरल ने आक्रमण तेज किया, हालांकि गोल करने में नाकाम रहे। नोआ सादौरा, आद्रियान लुना, क्वामी पेपरा और संदीप सिंह जैसे प्रमुख खिलाड़ियों ने कई गोल के मौके गंवाए। इसके अलावा, गोआ के रक्षात्मक खिलाड़ियों संदीश झिंगन और आकाश सांगवान ने केरल के हमलों को पूरी तरह से नकार दिया। अंततः, गोआ ने वही एकमात्र गोल कर 1-0 से जीत हासिल की।
मैच के बाद केरल ब्लास्टर्स के कोच मिकेल स्टेहरे (Mikael Stahre) ने इस हार को लेकर अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि हम पहले 25 से 30 मिनट तक अच्छे खेल रहे थे और हमारी योजना के अनुसार खेल रहे थे। लेकिन उसके बाद हम अपना रिदम खोने लगे। हमारी टीम के कुछ खिलाड़ी तकनीकी गलतियों के कारण मैच में गोल नहीं कर सके और हमें तीन अंक खोने पड़े। यह हमारे लिए बहुत निराशाजनक है।”
स्टेहरे ने आगे कहा, “सभी कोच और विशेषज्ञ इस मैच का विश्लेषण करेंगे और हम इससे कुछ सीखेगा। हमारे रिजर्व बेंच के खिलाड़ी भी सक्रिय थे और उन्होंने अच्छा प्रयास किया, लेकिन ये सब बेकार हो गया क्योंकि हमें मैच जीतने का मौका नहीं मिला।”
अब केरल ब्लास्टर्स के लिए अगला चुनौती है 7 दिसंबर को बेंगलुरु एफसी के खिलाफ कांतिरवा स्टेडियम में मैच। स्टेहरे और उनकी टीम गोआ मैच को भुलाकर अगली चुनौती के लिए तैयार हैं। उनका मुख्य उद्देश्य है कि वे अपनी गलतियों से सीखें और आगामी मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन करें।