AAP – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Tue, 17 Sep 2024 08:25:38 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png AAP – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी मार्लेना https://ekolkata24.com/top-story/atishi-marlena-will-be-the-third-woman-chief-minister-of-delhi Tue, 17 Sep 2024 08:25:38 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49653 नई दिल्ली :  दिल्ली में विधायक दल की बैठक के बाद अब मुख्यमंत्री के तौर पर जल्द ही आतिशी मार्लेना के नाम की पुष्टि होने वाली है। विधायक दल की मीटिंग में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम पर प्रस्ताव रखा है। जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। इसी के साथ अब आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होगी। इससे पहले स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने 52 दिन तक सीएम के तौर पर दिल्ली की सत्ता संभाली थी। उसके बाद स्वर्गीय शीला दीक्षित 15 साल तक मुख्यमंत्री रही।

पहली बार 2020 में दिल्ली की कालकाजी सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनी आतिशी आज दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गयी है। उनका ये सफर यूं तो काफी उतार चढ़ाव वाला रहा लेकिन आतिशी ने पार्टी के लिए हर संभव काम किया। हालांकि विधायक बनने से पहले आतिशी ने जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर काम किया है। इसके अलावा साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने वाली मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य रह चुकी है। आतिशी ने आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है।

बीते दिनों जब केजरीवाल और सिसोदिया को शराब नीति घोटाला मामले में जेल में जाना पड़ा तो आतिशी ने अपनी पार्टी की साख बचाई। उन्होंने सरकार के अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी उठाने के साथ ही पार्टी पर उठे हर सवालों का सहजता से जवाब भी दिया। इसी तरह तेज तर्रार आतिशी ने अपनी पार्टी के साथ ही केजरीवाल का भी भरोसा जीता। यही वजह है कि स्वतंत्रता दिवस पर केजरीवाल ने ध्वजारोहण के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा था। अब आतिशी दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाने जा रही है।

स्वर्गीय सुषमा स्वराज के बाद शीला दीक्षित के हाथों में दिल्ली की सत्ता सौंपी गई। 1998 में कांग्रेस से चुनाव जीतकर आई शीला दीक्षित को इसके बाद 2003 और 2008 के चुनाव में भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला। इस तरह उन्होनें 15 साल 25 दिन तक तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला। हालांकि 2013 में उन्हें हार माननी पड़ी और केजरीवाल दिल्ली के सीएम बने।

दिल्ली में सबसे कम मुख्यमंत्री का सफर स्वर्गीय सुषमा स्वराज का रहा। सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रही। सीएम के तौर पर उनका कार्यकाल 12 अक्टूबर 1998 से 2 दिसंबर 1998 तक रहा। दरअसल जब दिल्ली में प्याज की कीमतें बढ़ी तो विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंग वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। इसी के बाद सुषमा स्वराज को पार्टी ने मुख्यमंत्री का पद दिया। हालांकि कुछ दिनों बाद जब विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी की बुरी हार हुई। जिसके बाद कांग्रेस की शीला दीक्षित को ये पद मिला।

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सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई के दौरान जज ने खुद को केस से किया अलग https://ekolkata24.com/top-story/during-the-hearing-on-sisodias-bail-the-judge-recused-himself-from-the-case Thu, 11 Jul 2024 10:06:56 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48888 नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार ने मनीष सिसोदिया की उन याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया जिनमें आबकारी नीति घोटाला मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने का अनुरोध किया गया था। जमानत याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने संबंधी सिसोदिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद दूसरी पीठ 15 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।

जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, हमारे भाई को कुछ परेशानी है। वह व्यक्तिगत कारणों से इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है। पीठ ने कहा कि एक अन्य पीठ 15 जुलाई को इस मामले पर विचार करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से चार जून को इनकार कर दिया था। आप नेता सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सिसोदिया ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

सीबीआई ने सिसोदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था।

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केजरीवाल की CBI कस्टडी खत्म, कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत https://ekolkata24.com/uncategorized/kejriwals-cbi-custody-ends-court-grants-him-14-days-judicial-custody Sat, 29 Jun 2024 12:05:06 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48668 नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। केजरीवाल की तीन दिन की रिमांड पूरी होने पर शनिवार को सीबीआई ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली शराब नीति मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने सबूतों के साथ सामना कराने के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन उन्हें तीन दिन की रिमांड मिली। अदालत ने 12 जुलाई को केजरीवाल को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।

अदालत में वकील विक्रम चौधरी ने केजरीवाल की ओर से दायर आवेदन को पढ़ा, जिसमें केस डायरी सहित जमा की गई सभी सामग्री को रिकॉर्ड पर रखने के लिए सीबीआई को निर्देश देने की मांग की गई। अदालत ने कहा आप इन पहलुओं को अदालत पर विचार करने के लिए छोड़ सकते हैं। चौधरी ने कहा सुप्रीम कोर्ट में मेरे सह-आरोपी की जमानत याचिका में उन्होंने कहा कि वे 3 जुलाई तक जांच पूरी कर लेंगे।

कोर्ट ने कहा, निश्चित तारीख तक जांच पूरी करने के संबंध में उन्होंने जो भी बयान दिया है, भले ही उन प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं किया गया हो, इससे आपको जमानत लेने का आधार मिल जाएगा। आप यह नहीं कह सकते कि JC नहीं दी जा सकती।

चौधरी ने कहा, मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि कृपया आईओ से कहें कि वे जो भी कह रहे हैं, उसका पालन करें। ताकि कल मैं किसी भी फोरम पर इस मुद्दे पर बहस कर सकूं… मैं विशेष रूप से कुछ कहना चाहता हूं। मैं सारा मामला अदालत पर छोड़ता हूं। कोई भी केस डायरी की कॉपी नहीं मांग सकता। मैं आपके आधिपत्य की निष्पक्ष रूप से सहायता करने के लिए यहां हूं। आपका आधिपत्य उनसे विशेष रूप से पूछ सकता है कि वह सामग्री कहाँ है।

उन्होंने आगे कहा, मैं कह रहा हूं कि यदि वे पहले तीन मामलों में आपके विवेक को संतुष्ट करने में असमर्थ हैं, तो आज रिमांड कार्यवाही अवैध है। यदि वे आपके आधिपत्य को संतुष्ट करने में असमर्थ हैं… कोर्ट ने कहा, आपका प्रार्थना खंड इसे स्पष्ट नहीं कर रहा है। जिस मैदान का आपने उल्लेख नहीं किया है।

चौधरी ने कहा, भले ही जज ने पीसी या जेसी की अनुमति दे दी हो, किसी भी स्थिति में न्यायिक हिरासत को बढ़ाने की मांग आती है, तो ऐसा नहीं है कि जज इसे बढ़ा देगा, यदि हिरासत ठोस आधार पर नहीं है… मेरा मुख्य जोर इस बात पर है कि अदालत ये सब कुछ रिकॉर्ड पर ले सकता है।

कोर्ट ने सीबीआई के वकील से कहा, मैं चाहूंगा कि आईओ केस डायरी, संबंधित पन्नों को चिह्नित करें।
केजरीवाल के वकील ने कहा, आरोपी की पत्नी और परिवार यहां है, यदि आप की इजाजत हो तो आदेश पारित होने तक आरोपी को उनसे मिलने की अनुमति दी जाए। अदालत ने कहा कि कोर्ट के भीतर अनुमति है। अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा।

अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं दे रहे। रिमांड अवधि के दौरान वो जानबूझकर सवालो के सीधे सीधे जवाब देने से बच रहे है। उनके बयान सबूतों से मेल नहीं खाते। केजरीवाल का बड़ा राजनीतिक रसूख है। वो दिल्ली के मुख्यमंत्री है। वो गवाहो को प्रभावित कर सकते है। सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते है। जिन सम्भावित गवाहों के बयान अभी दर्ज होने है, उनको प्रभावित कर सकते है। जो अभी सबूत इकट्ठे होने बाकी है, उनसे छेड़छाड़ कर सकते है। इस तरीके से जांच को प्रभावित कर सकते है।

पूछताछ के दौरान अरविंद केजरीवाल का जब सबूतों से सामना कराया गया तो वो उनके मद्देनजर पूछे गए सवालों का कोई संतोषजनक जवाब उन्होंने नहीं दिया। केजरीवाल ने इसका कोई स्‍पष्‍टीकरण नहीं दिया कि नई आबकारी नीति मामले में आखिर होल सेल प्रॉफिट का मार्जिन 5 से 12 फीसदी बढ़ाने की जरूरत क्या थी। इस बारे में कोई अध्ययन / आधार के बिना ही ऐसा फैसला क्यों ले लिया गया।

जब कोविड की दूसरी लहर पूरी पीक थी तब ऐसी क्या जल्दबाज़ी थी कि संसोधित आबकारी नीति के लिए 1 दिन के अंदर ही सर्कुलेशन के ज़रिए कैबिनेट की मंजूरी हासिल की गई। यह तब हुआ जब साउथ लॉबी के लोग दिल्ली में ही मौजूद थे और विजय नायर के साथ मीटिंग कर रहे थे।

केजरीवाल से विजय नायर की शराब कारोबारियों के साथ मीटिंग और उसकी ओर से आबकारी नीति में मनमाफिक बदलाव की एवज में जब रिश्वत की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका भी कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
केजरीवाल ने मंगूटा रेड्डी, अर्जुन पांडे और मूथा गौतम के साथ अपनी मुलाकात को लेकर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

गोवा में चुनाव प्रचार के दौरान AAP द्वारा 44.54 करोड़ के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर भी उन्होने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। अभी जांच जारी है, जांच अहम मोड़ पर है। कुछ अहम गवाहों के बयान दर्ज होने है। कुछ अहम डिजिटल सबूत अभी इकट्ठा होने बाकी है। केजरीवाल का बड़ा राजनीतिक रसूख है। वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं ।सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं लिहाजा उन्हें ज्यूडिशल कस्टडी में भेजा जाएं।

सीबीआई का कहना है कि केजरीवाल की कस्टडी में रखने की जरूरत थी ताकि उन्हें मामले से संबंधित दस्तावेज दिखाए जा सकें। जांच एजेंसी ने ये आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाया और शराब नीति के निजीकरण का ठीकरा उनके सिर फोड़ा। वहीं केजरीवाल ने अदालत में इन दावों का खंडन किया है, उन्होंने कहा कि वो और सिसोदिया दोनों ही निर्दोष हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘मैं निर्दोष हूं, और अन्य आप नेता, जिसमें मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं वो भी निर्दोष हैं।’

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आप ‘ ने घाटाल के भाजपा उम्मीदवार हिरन चटर्जी की शैक्षणिक योग्यता पर उठाया सवाल , उम्मीदवारी रद्द करने की मांग https://ekolkata24.com/uncategorized/aap-challenges-ghatal-bjp-candidate-hiran-chatterjees-educational-qualifications-key-questions-raised Thu, 23 May 2024 11:45:24 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47489 कोलकाता : आम आदमी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज चुनाव आयोग से मिला। इसके बाद ये सभी कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में बीजेपी नेता व भाजपा के घाटल लोकसभा सीट के उम्मीदवार हिरन चटर्जी की शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा उठाया।

मीडिया से बातचीत में उन लोगों ने कहा ‘ हमने हिरन चटर्जी के चुनावी हलफनामे में उनकी शैक्षणिक योग्यता/उपलब्धियों के संबंध में विसंगतियां देखीं।वह मई 2023 से “आईआईटी खड़गपुर में रिसर्च फेलो” होने का दावा करता है हालाँकि, हाल ही में आईआईटी खड़गपुर के एक आरटीआई जवाब से पता चला है कि “वह न तो एक शोध सहयोगी है, न ही एक वैज्ञानिक, न ही वे किसी विभाग का कोई कर्मचारी है।

इससे साफ है कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में निजी जानकारी में गड़बड़ी की है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है। हमने अपनी चिंता व्यक्त करने और आगामी आम चुनावों में उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग रखी।

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Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल पर तल्ख टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई https://ekolkata24.com/top-story/arvind-kejriwal-after-strong-remarks-on-arvind-kejriwal-supreme-court-hearing-again-today Mon, 29 Apr 2024 20:43:30 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47304 सोमवार की सुनवाई के दौरान, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के वकील ने अदालत से कहा कि किसी को केवल अपराध के सबूत पर गिरफ्तार किया जा सकता है, “केवल संदेह पर नहीं”।

नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय को बयान देने से इनकार करने के बावजूद अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए। मामले की सुनवाई कर रही दो-न्यायाधीश पीठ का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा, “यदि आप धारा 50 के बयानों की रिकॉर्डिंग के लिए नहीं जाते हैं, तो आप यह बचाव नहीं कर सकते कि उनका बयान दर्ज नहीं किया गया था।”

पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) की धारा 50 ईडी अधिकारियों को समन जारी करने और दस्तावेज़, सबूत और अन्य सामग्री पेश करने की शक्ति से संबंधित है।

अपनी याचिका में, श्री केजरीवाल ने तर्क दिया है कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है और उनकी हिरासत भी अवैध है। इसका मकसद राजनीतिक था, यह समय से स्पष्ट हो गया – आम चुनाव से पहले। उनकी याचिका में कहा गया, “यह प्रयास एक राजनीतिक दल को खत्म करने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की निर्वाचित सरकार को गिराने का है।”

सोमवार की सुनवाई के दौरान, उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि किसी को केवल अपराध के सबूत पर ही गिरफ्तार किया जा सकता है, “केवल संदेह पर नहीं”। उन्होंने कहा था, ”यह धारा 45 पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कानून) की भी सीमा है,” उन्होंने कहा था कि जांच एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के बयान को दोबारा दर्ज नहीं किया है।
“क्या आप यह कहकर खुद का खंडन नहीं कर रहे हैं कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत उनके बयान दर्ज नहीं किए गए थे? आप धारा 50 के तहत बयान दर्ज करने के लिए समन पर उपस्थित नहीं होते हैं और फिर कहते हैं कि यह दर्ज नहीं किया गया था पीठ ने यह सवाल करते हुए कहा कि यदि श्री केजरीवाल बार-बार समन के बावजूद उपस्थित नहीं हुए तो जांच अधिकारी क्या कर सकते हैं।
श्री सिंघवी ने जवाब दिया था, “धारा 50 के बयानों को दर्ज न करना मुझे अपराध मानने के कारण गिरफ्तार करने का बचाव नहीं है।” “मैं कह रहा हूं कि अन्य सामग्री भी मेरे अपराध को स्थापित नहीं करती है। ईडी मुझे गिरफ्तार करने के लिए मेरे घर आई थी। फिर ईडी मेरे घर पर धारा 50 के तहत मेरा बयान क्यों दर्ज नहीं कर सकती?” उसने जोड़ा।
प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को दिए अपने हलफनामे में कहा था कि मुख्यमंत्री नौ बार पूछताछ के लिए समन में शामिल नहीं हुए हैं। “आज, आप यह नहीं कह सकते कि हम आपको गिरफ्तार कर लेंगे क्योंकि आप समन पर उपस्थित नहीं हुए। क्या आप कह सकते हैं कि चूंकि आपने सहयोग नहीं किया, इसलिए आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा? असहयोग अपराध का आधार या गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। यह अदालत पिछले साल कहा गया था कि असहयोग पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता,” श्री सिंघवी ने अदालत को बताया।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल 16 अप्रैल को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने श्री केजरीवाल से पूछताछ की थी और उनके सभी सवालों के जवाब दिए थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने तर्क दिया है कि श्री केजरीवाल पूछताछ से बच रहे थे और पीएमएलए की धारा 17 के तहत अपना बयान दर्ज करते समय, वह टालमटोल और असहयोग कर रहे थे। 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए श्री केजरीवाल पूछताछ के लिए एजेंसी की हिरासत में थे। उन्हें 1 अप्रैल को न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल ले जाया गया था।
इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था और कहा था कि बार-बार समन जारी नहीं करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के पास “थोड़ा विकल्प” बचा था।

सीबीआई ने तर्क दिया है कि शराब कंपनियां 2021-22 की दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति को तैयार करने में शामिल थीं जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। यह नीति, जिससे उन्हें 12 प्रतिशत का लाभ मिलता, शराब लॉबी से रिश्वत प्राप्त करने के बाद तैयार की गई थी, जिसे “साउथ ग्रुप” कहा जाता था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि रिश्वत का दुरुपयोग किया गया। सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी.

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Arvind Kejriwal: इंसुलिन विवाद के बीच दिल्ली कोर्ट ने एम्स को मेडिकल बोर्ड गठित कर जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की जांच करने का निर्देश दिया https://ekolkata24.com/uncategorized/arvind-kejriwal-delhi-court-directs-aiims-to-constitute-medical-board-to-examine-aap-leader-and-cm-arvind-kejriwal Mon, 22 Apr 2024 12:18:31 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47256 तिहाड़ जेल में इंसुलिन प्रशासन को लेकर विवाद के बीच दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)  की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को तिहाड़ जेल के अधीक्षक को पत्र लिखा, जहां वह 1 अप्रैल से बंद हैं, उन्होंने दावा किया कि वह हर दिन इंसुलिन मांग रहे हैं और एम्स के डॉक्टरों ने कभी नहीं कहा कि उनकी मधुमेह की स्थिति के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है।
अधीक्षक को उनका पत्र तिहाड़ प्रशासन द्वारा एक बयान जारी करने के एक दिन बाद आया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों के साथ उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंस की व्यवस्था की थी, जिसके दौरान न तो “केजरीवाल द्वारा इंसुलिन का मुद्दा उठाया गया था, न ही डॉक्टरों द्वारा इसका सुझाव दिया गया था”।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि तिहाड़ प्रशासन ने “राजनीतिक दबाव” के तहत “झूठा और भ्रामक” बयान जारी किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री के आरोपों पर तिहाड़ जेल अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

‘अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश’: AAP
यह घटनाक्रम आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा आरोप लगाए जाने के दो दिन बाद आया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में “हत्या करने की साजिश” रची गई थी क्योंकि उन्हें टाइप -2 मधुमेह के लिए इंसुलिन तक पहुंच से वंचित कर दिया गया था।

“मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन नहीं दिया जा रहा है। अगर मधुमेह के मरीज को समय पर इंसुलिन नहीं दिया जाता है, तो उस व्यक्ति के लिए यह जीवन या मृत्यु का सवाल बन जाता है। उन्हें (अरविंद केजरीवाल) मारने की साजिश रची जा रही है।” संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, दिल्ली के लोग इस अपराध का जवाब देंगे।
“वह व्यक्ति जिसने दिल्ली के नागरिकों को बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं प्रदान कीं… केजरीवाल जिसने लोगों के लिए मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की… आप देखिए, आज देश में ऐसी क्रूर सरकार है जो दवाओं की व्यवस्था नहीं कर रही है।” केजरीवाल जी और इंसुलिन, “उन्होंने कहा।

अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तार किया था और 1 अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

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Arvind Kejriwal: जेल में ही रहेंगे अरविंद केजरीवाल, गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका खारिज https://ekolkata24.com/top-story/arvind-kejriwal-to-stay-in-jail-petition-against-arrest-rejected47178 Tue, 09 Apr 2024 14:05:52 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47178 दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार दोपहर कहा कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जेल में ही रहेंगे और कथित शराब नीति घोटाले में उनकी 21 मार्च की गिरफ्तारी को मुख्यमंत्री की चुनौती खारिज कर दी गई। श्री केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए एक घंटे के भीतर पुष्टि की कि वह सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेगी।
अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने यह सुझाव देने के लिए सामग्री प्रस्तुत की थी कि आम आदमी पार्टी के नेता ने अब समाप्त हो चुकी नीति को तैयार करने की साजिश रची थी और 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत की मांग में शामिल थे, जिसमें से कुछ का इस्तेमाल 2022 के गोवा चुनाव के लिए अभियान खर्चों को वित्तपोषित करने के लिए किया गया था। .

अदालत ने ईडी द्वारा अनुमोदकों (आरोपी जो सरकारी गवाह बन गया) और आप गोवा के एक उम्मीदवार द्वारा दिए गए बयानों पर भी गौर किया, जिसमें दावा किया गया था कि उसे कथित रिश्वत के साथ भुगतान किया गया था।
इसलिए श्री केजरीवाल (Arvind Kejriwal)  की गिरफ्तारी को वैध करार दिया गया और उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसलिए, अदालत ने पहले के रिमांड आदेशों को बरकरार रखा – जिसने उसे ईडी की हिरासत में भेज दिया और फिर 15 अप्रैल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेज दिया।

श्री केजरीवाल हिरासत में लिये जाने वाले पहले मौजूदा मुख्यमंत्री हैं।

अनुमोदनकर्ता के बयानों पर न्यायालय
फैसला पढ़ते हुए – दोपहर 2:30 बजे निर्धारित किया गया और फिर दोपहर 3:15 बजे तक विलंबित हुआ – अदालत ने श्री केजरीवाल की 3 अप्रैल की दलीलों पर कोई गौर नहीं किया, जिसमें उन्होंने अनुमोदकों के बयानों पर सवाल उठाया था।

अदालत ने कहा कि अभियुक्तों को क्षमादान देने पर संदेह करना (अन्य अभियुक्तों को फंसाने वाली जानकारी के बदले में) “न्यायिक प्रक्रिया पर आक्षेप लगाने के समान है”। अदालत ने सख्त लहजे में कहा, ”यह कानून 100 साल से अधिक पुराना है…यह याचिकाकर्ता को फंसाने के लिए गलत तरीके से बनाया गया एक साल पुराना कानून नहीं है।”
पिछले हफ्ते, वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया था, “… पहले बयानों में मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं होगा। कुछ को गिरफ्तार किया जाता है और पहली बार, उन्होंने मेरे खिलाफ बयान दिया और जमानत ले ली। फिर उन्हें माफी मिल गई और वे बन गए।” अनुमोदनकर्ता।”

उस समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में गिरफ्तार किए गए आप सांसद संजय सिंह को जमानत देने का संदर्भ दिया गया था। अदालत ने कहा कि अनुमोदकों में से एक ने शुरू में श्री सिंह को फंसाया नहीं था।

हालाँकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि श्री केजरीवाल के पास ऐसे सभी दस्तावेजों का निरीक्षण करने और उनसे पूछताछ करने का अवसर होगा, लेकिन “उचित चरण” पर। “…यह वह चरण नहीं है,” इसमें कहा गया।

श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर अदालत
अदालत ने गिरफ्तारी के समय के बारे में भी सवाल उठाए।

श्री केजरीवाल और आप ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले की गई थी – मुख्यमंत्री सहित पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं को किनारे करने और अभियान योजनाओं को बाधित करने के लिए।

सिंघवी ने कहा, “‘समान खेल का मैदान’ (चुनाव से पहले) सिर्फ एक मुहावरा नहीं है। यह ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव’ का हिस्सा है जो लोकतांत्रिक ढांचे का हिस्सा है। इस मामले से समय संबंधी मुद्दों की बू आती है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह इतनी जल्दी क्या है? मैं राजनीति के बारे में बात नहीं कर रहा हूं… मैं कानून के बारे में बात कर रहा हूं।” उन्होंने तर्क दिया कि गिरफ्तारी का मतलब “पहला वोट पड़ने से पहले आम आदमी पार्टी को खत्म करना” था।
हालाँकि, अदालत ने कहा कि जाँच एजेंसी ने चुनाव की तारीखों की परवाह किए बिना कार्रवाई की। इसमें यह भी कहा गया है कि श्री केजरीवाल – जिन्होंने अक्टूबर से लेकर कई सम्मनों को नजरअंदाज किया था – को पता होगा कि चुनाव नजदीक आ रहा है और इसलिए, उनके पास जांच में शामिल होने के लिए सीमित समय होगा।

न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने कहा, “राजनीतिक विचारों को अदालत के समक्ष नहीं लाया जा सकता… इस अदालत के समक्ष मामला केंद्र सरकार और अरविंद केजरीवाल के बीच संघर्ष का मामला नहीं है। यह अरविंद केजरीवाल और ईडी के बीच का मामला है।” .

फैसले पर आप बनाम बीजेपी
याचिका खारिज होने पर प्रतिद्वंद्वी दलों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने एक्स पर पोस्ट किया, “अपराधी तो अपराधी होता है। फैसले ने आप के गैंग लीडर को आईना दिखाया है…”
आम आदमी पार्टी की ओर से जवाब देते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बार फिर कहा कि न तो ईडी और न ही केंद्रीय जांच ब्यूरो को कथित रिश्वत का कोई पैसा मिला है।

तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल
ईडी द्वारा आगे की हिरासत मांगने से इनकार करने के बाद श्री केजरीवाल को 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल नंबर 2 में भेज दिया गया था।

हालाँकि, जाँच एजेंसी ने तर्क दिया कि उसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह पूछताछ के दौरान “असहयोगी” और “टाल-मोल” कर रहा था, और यदि मुक्त किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
जेल में रहते हुए, श्री केजरीवाल अपने दिन की शुरुआत सुबह 6:30 बजे अन्य विचाराधीन कैदियों के साथ करेंगे, लेकिन मधुमेह रोगी के रूप में अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं को देखते हुए, घर का बना खाना और बोतलबंद पीने का पानी लेंगे।

कथित दिल्ली शराब नीति मामला
अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया सहित उनके दो सहयोगियों को अब खत्म हो चुकी शराब नीति में कथित रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

ईडी का मानना ​​है कि नीति ने खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत और थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत का असंभव उच्च लाभ मार्जिन प्रदान किया। बाद में, छह प्रतिशत AAP द्वारा रिश्वत के रूप में वसूल किया जाना था, जिसकी राशि ₹ 600 करोड़ से अधिक थी। इसके बाद इसे कथित तौर पर चुनाव खर्च के रूप में इस्तेमाल किया गया।
श्री केजरीवाल और आप ने बार-बार सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ राजनीतिक साजिश का दावा किया है, जो भारतीय विपक्षी गुट के एक हाई-प्रोफाइल सदस्य हैं।

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जनता से पूछा- कभी शक्ल देखी सनी देओल का : केजरीवाल https://ekolkata24.com/uncategorized/asked-the-public-have-you-ever-seen-sunny-deols-face-kejriwal Sat, 02 Dec 2023 14:31:40 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46724 आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शनिवार को पंजाब के दौरे पर है। उन्होंने गुरदासपुर के सांसद और बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल पर 2019 में अपनी जीत के बाद से अपना निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने को लेकर निशाना साधा। सनी देओल की आलोचना करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पिछली बार, आप सभी ने सनी देओल को वोट दिया था। क्या वह कभी यहां आए थे? वह कभी नहीं आए, तो क्या फायदा हुआ? हम सभी ने सोचा कि वह एक बड़े अभिनेता थे, और अगर हम उन्हें वोट देते हैं, वह कुछ करेंगे। ये बड़े लोग कुछ नहीं करने वाले हैं। गुरदासपुर से लोकसभा सांसद सनी देओल ने इस साल संसद के मानसून सत्र के दौरान सदन में एक भी दिन नहीं बिताया। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार नहीं है कि भाजपा सांसद देओल ने सत्र के दौरान कोई उपस्थिति नहीं होने की सूचना दी है। 2019 से, जब वह सांसद चुने गए, तब तक चार सत्रों में उनकी उपस्थिति शून्य थी और तब तक कुल उपस्थिति 19% थी।

केजरीवाल ने लोगों से कहा कि अपना वोट ‘आम आदमी’ को दीजिए, वे आपके काम तो आएंगे। सनी देओल ने इस साल की शुरुआत में दोबारा चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार करते हुए दावा किया कि वह राजनीति के लिए तैयार नहीं हैं ।

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Kejriwal: ‘ভালো আছি,’ চণ্ডীগড়ের ভোটে হার নিয়ে ‘স্পিকটি নট’ https://ekolkata24.com/uncategorized/aap-chief-kejriwal-not-speaking-about-chandigarh-mayor-election Sun, 09 Jan 2022 08:31:01 +0000 https://ekolkata24.com/?p=18538 চণ্ডীগড়ের পুরভোটে বিপুল জয় পেলেও পুরসভার মেয়র নির্বাচনে হেরে গিয়েছে কেজরিওয়ালের (Kejriwal) আম আদমি পার্টি। বিধানসভা ভোটের ঠিক আগে এই ঘটনাই আপ যে যথেষ্ট অস্বস্তিতে পড়েছে তা বলাই বাহুল্য।

আপকে হারিয়ে গেরুয়া ধ্বজের জয়জয়কার হয়েছে চণ্ডীগড় পুরসভায়। আপকে মাত্র ১ ভোটে হারিয়ে বাজিমাত করেন বিজেপির সরবজিৎ কৌর। তিনি চণ্ডীগড় পুরনিগমে মেয়র নির্বাচিত হন। জানা গিয়েছে, সরবজিৎ কৌর আম আদমি পার্টির অঞ্জু কাত্যালকে মাত্র এক ভোটে পরাজিত করেছেন । সেই কথায় আছে না, একটা ভুল গোটা অঙ্ককে বদলে দিতে পারে, এক্ষেত্রেও মাত্র ১টি ভোটের ব্যবধানে গেরুয়া শিবিরের কাছে পরাজিত হয়েছে আপ।

এর আগে পুরভোটে জয় নিয়ে উচ্ছাস দেখালেও মেয়র নির্বাচনে দলের হার নিয়ে একেবারে মুখে কুলুপ এঁটেছেন আপ প্রধান কেজরিওয়াল। ‘আমি আবার ফিরে এসেছি’। করোনা থেকে সুস্থ হয়ে এমনটাই সকলকে বার্তা দেন দিল্লির মুখ্যমন্ত্রী তথা আম আদমি পার্টি প্রধান অরবিন্দ কেজরিওয়াল। তিনি এক ভিডিও বার্তায় জানান, ‘কোভিডের কারণে গত ২ দিন ধরে জ্বর ছিল। ৬-৭ দিন হোম আইসোলেশনে থাকার পর আমি এখন ঠিক আছে এবং আপনাদের সেবা করতে হাজির হয়েছি আবার।’

সেইসঙ্গে দিল্লিতে লকডাউন ইস্যুতে তিনি বলেন, এখনই রাজ্যে লকডাউনের প্রয়োজন নেই। সকলে দয়া করে মাস্ক পড়ুন। দিল্লিতে হু হু করে বাড়ছে সংক্রমণ। গত ২৪ ঘণ্টায় দিল্লিতে এক ধাক্কায় ২২ হাজার জন করোনাই আক্রান্ত হয়েছেন। যা চিন্তার বিষয়।

করোনার তৃতীয় ঢেউ আছড়ে পরেছে দেশে। হু হু করে বাড়ছে সংক্রমিতের সংখ্যা। রাজনৈতিক জগতেও থাবা বসিয়েছে এই মরণ সংক্রমণ। চলতি মাসে করোনায় আক্রান্ত হওয়ার খবর সকলকে নিজেই জানান দিল্লির মুখ্যমন্ত্রী। তারপর থেকেই তিনি হোম আইসোলেশনে ছিলেন। গতবছর তাঁর স্ত্রী করোনায় আক্রান্ত হলেও সেইসময় তিনি রেহাই পান, কিন্তু এবারে আর শেষ রক্ষা হয়নি।

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Election 2022 : ‘কারচুপি’ করে জিতল বিজেপি, কংগ্রেসের পরোক্ষ সমর্থন https://ekolkata24.com/uncategorized/election-2022-bjp-won-mayoral-election-by-one-vote Sun, 09 Jan 2022 05:22:27 +0000 https://ekolkata24.com/?p=18500 টান টান উত্তেজনা। মাত্র এক ভোটের (Election 2022) ব্যবধানে হল ফয়সালা। চণ্ডীগড়ের মেয়র নির্বাচন জিতল বিজেপি৷ যদিও ভোট গণনার সময় কারচুপি হয়েছে বলে অভিযোগ আম আদমি পার্টির।

শহরের নতুন মেয়র সরবজিৎ কৌর। মেয়র নির্বাচনের লড়াইয়ে সর্বোচ্চ তিনটি পদেই জয় পেয়েছে গেরুয়া শিবির। কিছু দিন আগে চণ্ডীগড়ের স্থানীয় নির্বাচনে মুখে হাসি ফুটেছিল অরবিন্দ কেজরিওয়ালের পার্টির। আপ-এর পক্ষ থেকে দাঁড়িয়েছিলেন অনুজ কাটিয়াল।

উল্লেখযোগ্যভাবে ভোটদান থেকে নিজেদের বিরত রেখেছিল কংগ্রেস। ৫ রাজ্যে নির্বাচনের আগে রাজনৈতিক বোদ্ধাদের ভাবিয়ে তোলার জন্য যা যথেষ্ট। জাতীয় স্তরে বিজেপি, কংগ্রেসের সম্পর্ক আদায়-কাঁচকলায়। বিজেপিকে ক্ষমতাচ্যুত করতে আম আদমির সঙ্গে একই মঞ্চে উঠেছিল কংগ্রেস। তাহলে ভোটের ময়দানে আপের পাশে হাত শিবির কেন দাঁড়ল না, এ ব্যাপারে সংশয়ের অবকাশ রয়েছে বৈকি।

 

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p style=”text-align: justify;”>আপের পক্ষ থেকে অবশ্য কংগ্রেস প্রসঙ্গে কিছু বলা হয়নি। তারা আক্রমণ শানিয়েছে বিজেপির বিরুদ্ধে। এক ভোটের ব্যবধানে জয়ের মধ্যে ‘ক্ষমতার অপব্যবহার’ দেখছে কেজরিওয়ালের দল। চণ্ডীগড়ে আপ সভাপতি প্রেম গর্গের দাবি, বিজেপির ষড়যন্ত্রে একটি ভোট বাতিল করা হয়েছে। অন্য দিকে একটা ছেঁড়া কাগজকে বিজেপির পক্ষের ভোট বলে গণ্য করা হয়েছে৷ আমরা ক্রস ভোটিং-এর ব্যাপারে তদন্ত করবো।

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Punjab: পুরভোটে ধাক্কা বিজেপির, সরকার গড়ার স্বপ্ন কেজরির https://ekolkata24.com/uncategorized/punjab-chandigarh-municipal-election-aam-admi-party Mon, 27 Dec 2021 12:38:34 +0000 https://ekolkata24.com/?p=16800 News Desk: পাঞ্জাব বিধানসভার ভোট দরজায় কড়া নাড়ছে। বিধানসভা ভোটের আগে চণ্ডীগড় পুরসভার নির্বাচন হয়ে গেল। এই নির্বাচনে বড় ধাক্কা খেল বিজেপি। কংগ্রেসের অবস্থাও তথৈবচ। কংগ্রেস ও বিজেপির দ্বৈরথের মাঝে উল্কার গতিতে এগিয়ে এল আম আদমি পার্টি ।

পাঞ্জাবের পুরভোটে প্রথমবার লড়াই করেই একক বৃহত্তম দলের স্বীকৃতি আদায় করে নিল কেজরিওয়ালের আপ। আসন্ন বিধানসভা নির্বাচনের আগে এই ফলাফল অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ বলে মনে করছে রাজনৈতিক মহল।

দু’দিন আগে চণ্ডীগড় পুরসভার ৩৫টি ওয়ার্ডে ভোট গ্রহণ হয়। সোমবার সকালে শুরু হয় ভোট গণনা। শেষ পাওয়া খবর অনুযায়ী আপ দখল করেছে ১৪ টি ওয়ার্ড। কংগ্রেসের দখলে গিয়েছে মাত্র ৮টি। তুলনায় বিজেপি জয়ী হয়েছে ১২টি ওয়ার্ডে। শিরোমনি অকালি দল পেয়েছে একটি ওয়ার্ডে জয়ী হয়েছে।

এই পুর নির্বাচনী ফলাফল সামনে আসতেই কংগ্রেসের কপালে চিন্তার ভাঁজ পড়েছে। কারণ কৃষি আইনকে কেন্দ্র করে বিজেপি পাঞ্জাবে যথেষ্ট ব্যাকফুটে। এই অবস্থায় রাজ্যে ক্ষমতায় পুনর্দখলের স্বপ্ন দেখছিল কংগ্রেস। কিন্তু রাহুল গান্ধীর দল অন্তর্কলহে জরাজীর্ণ।

কয়েক মাস আগেই রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী অমরিন্দর সিংকে পদ থেকে সরিয়ে দিয়েছিলেন রাহুল গান্ধী। এরপরে এই প্রবীণ কংগ্রেস নেতা নিজে একটি রাজনৈতিক দল গঠন করে বিজেপির সঙ্গে জোট করে নির্বাচনে লড়ার কথা বলেছেন।

রাজনৈতিক মহল মনে করছে, আসন্ন বিধানসভা নির্বাচনে বিজেপি আদৌ ভালো ফল করতে পারবে না। তাই আম আদমি পার্টি যে ভোট কাটবে সেটা পুরোটাই কংগ্রেসের। আপ যদি ভাল রকম ভোট কেটে নেয় সে ক্ষেত্রে কংগ্রেসের জয়ের আশা ধুলিস্যাৎ হয়ে যাবে।

তবে রাজনৈতিক মহলের কেউই আপ ও কংগ্রেসের এই লড়াইয়ে বিজেপিকে এগিয়ে রাখতে চাইছেন না।তাঁরা বলছেন, আগামী বিধানসভা নির্বাচনে পাঞ্জাবের ক্ষমতা দখলের সম্ভাবনা সবচেয়ে বেশি আম আদমি পার্টির। অন্যথায় ত্রিশঙ্কু ফলাফল হতে পারে। সে ক্ষেত্রে আপ, কংগ্রেস বা বিজেপি কোনও দলই সরকার গড়ার ম্যাজিক ফিগারে পৌঁছতে পারবে না। অমরিন্দর এবং বিজেপির জোট করলেও বিধানসভা ভোটে এই জোট খুব একটা কার্যকরী হবে না। অন্যদিকে শিরোমনি অকালি দলের ভবিষ্যৎ আদৌ ভাল নয়।

পুর নির্বাচনের ফলাফল সামনে আসতেই আপ নেতা রাঘব চাড্ডা বলেছেন, এই জয় প্রমাণ করল পাঞ্জাবের মানুষ আম আদমি পার্টিকে সমর্থন করছে। আমাদের নেতা কেজরিওয়াল মানুষের জন্য যে সমস্ত পদক্ষেপ করেছেন সেগুলির প্রতি পাঞ্জাবের মানুষের আস্থা ও বিশ্বাস আছে। সে কারণে প্রথমবার লড়তে নামে একটি দলকে তাঁরা একক বৃহত্তম দলের মর্যাদা দিয়েছেন। এজন্য আপের পক্ষ থেকে পাঞ্জাববাসীদের আমি অভিনন্দন জানাই। উল্লেখ্য, আপের তরফে পাঞ্জাবের এই পুরভোটের দায়িত্বে ছিলেন আপ নেতা চাড্ডা।

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