Alipurduar – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 12 Jun 2025 16:20:16 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Alipurduar – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 भीषण गर्मी से अलिपुरद्वार के स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति घटी, सुबह स्कूल चलाने की मांग https://ekolkata24.com/west-bengal/north-bengal/scorching-heat-hits-alipurduar-schools-parents-urge-shift-to-morning-sessions Thu, 12 Jun 2025 16:20:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51422 अयन दे, अलिपुरद्वार: उत्तर बंगाल के अलिपुरद्वार (Alipurduar) जिले में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप छाया हुआ है। पिछले कुछ दिनों से तापमान का पारा असामान्य रूप से बढ़ रहा है और कई इलाकों में यह 35 से 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। नमी के कारण यह गर्मी और असहनीय हो गई है, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। विशेष रूप से स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में उल्लेखनीय कमी देखी जा रही है। अलिपुरद्वार कॉलेजिएट स्कूल की इंग्लिश मीडियम शाखा की एक शिक्षिका ने गुरुवार दोपहर करीब एक बजे बताया कि भीषण गर्मी के कारण कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम हो गई है। इस तीव्र गर्मी में छात्र बार-बार कक्षा छोड़कर ठंडा पानी पीने के लिए बाहर जा रहे हैं, जिससे पढ़ाई का माहौल भी प्रभावित हो रहा है।

जिले के अन्य स्कूलों में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। शिक्षक-शिक्षिकाओं और अभिभावकों का एक बड़ा वर्ग दावा कर रहा है कि इस भीषण गर्मी में दिन के समय स्कूल चलाना बच्चों के लिए कठिन है। उनका कहना है कि सुबह के समय स्कूल चलाने से छात्र-छात्राओं को तीव्र गर्मी और नमी से कुछ राहत मिल सकती है। एक अभिभावक ने कहा, “इस गर्मी में बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं। दोपहर की तेज धूप में स्कूल में रहना उनके लिए मुश्किल है। अगर स्कूल सुबह आयोजित हों तो बच्चों के लिए सुविधाजनक होगा।”

हालांकि, शिक्षकों ने बताया कि सरकारी निर्देश के बिना स्कूल का समय बदलना संभव नहीं है। अलिपुरद्वार जिले के कई स्कूलों के शिक्षकों से बात करने पर पता चला कि प्रशासनिक अधिकारियों से कोई आधिकारिक निर्देश न मिलने तक वे मौजूदा समय-सारिणी का पालन करने को मजबूर हैं। एक शिक्षक ने कहा, “हम समझ सकते हैं कि बच्चों को कितनी तकलीफ हो रही है। लेकिन सरकारी निर्देश के बिना हम समय में बदलाव नहीं कर सकते।”

इस तीव्र गर्मी ने न केवल छात्रों की उपस्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि शिक्षकों पर भी अतिरिक्त दबाव डाला है। कक्षा में पढ़ाने के दौरान छात्रों का बार-बार पानी पीने के लिए बाहर जाना पढ़ाई की निरंतरता को बाधित कर रहा है। इसके अलावा, कई छात्र गर्मी के कारण अस्वस्थ हो रहे हैं, जिससे अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है।

अलिपुरद्वार के स्थानीय प्रशासन से अभिभावक और शिक्षक समुदाय ने जल्द से जल्द उपाय करने की अपील की है। कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि गर्मी की तीव्रता कम होने तक स्कूलों का समय सुबह कर दिया जाए या ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की जाए। हालांकि, अभी तक कोई सरकारी घोषणा नहीं की गई है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक गर्मी की तीव्रता बनी रह सकती है। ऐसी स्थिति में स्कूलों में पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था और कक्षाओं में पंखे जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने की मांग भी उठ रही है। अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्द ही कदम उठाए जाएं। इस गर्मी में स्कूलों में पढ़ाई एक चुनौती बन गई है, और सुबह स्कूल चलाने की मांग तेजी से जोर पकड़ रही है।

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Alipurduar: कार्तिका जंगल के पास राज्य सड़क पर हाथियों का झुंड, यातायात ठप https://ekolkata24.com/west-bengal/wild-elephants-block-alipurduar-kartika-jungle-road-cause-temporary-chaos Wed, 11 Jun 2025 18:46:36 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51372 अयन दे, अलीपुरद्वार: बुधवार की शाम अलीपुरद्वार (Alipurduar) जिले के कुमारग्राम ब्लॉक में कार्तिका जंगल के पास राज्य सड़क पर एक हाथी झुंड के दिखने से हड़कंप मच गया। जंगल से निकलकर हाथियों का यह झुंड राज्य सड़क पर आकर खड़ा हो गया, जिसके कारण कुछ समय के लिए वाहनों का आवागमन और आम लोगों का यातायात पूरी तरह ठप हो गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस झुंड में शावकों सहित कई हाथी शामिल थे। हाथियों के इस झुंड को देखने के लिए आसपास के इलाके में लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। हालांकि, कुछ समय बाद हाथी सड़क पार कर जंगल में वापस चले गए, जिसके बाद राज्य सड़क पर वाहनों और लोगों का आवागमन सामान्य हो गया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि हाथियों का झुंड कुछ समय तक सड़क पर खड़ा रहा, लेकिन उन्होंने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। इस घटना ने इलाके में थोड़े समय के लिए दहशत फैलाई, लेकिन कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में हाथियों का आना-जाना कोई नई बात नहीं है। अक्सर जंगल से निकलकर हाथियों का झुंड भोजन की तलाश में बस्तियों के पास आ जाता है।

अलीपुरद्वार जिले में हाथी और मानव के बीच संघर्ष एक गंभीर समस्या है। पिछले कुछ महीनों में जिले के विभिन्न हिस्सों में हाथियों के हमले में कई लोगों की मौत हो चुकी है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, हाथियों के लिए भोजन की कमी और उनके आवागमन के रास्ते में बाधा इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। कार्तिका जंगल का इलाका हाथियों के आवागमन का एक महत्वपूर्ण गलियारा है। हालांकि, जंगल के पास मानव बस्तियां और कृषि गतिविधियों के कारण हाथी अक्सर बस्तियों में प्रवेश कर जाते हैं।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हाथियों का झुंड संभवतः भोजन की तलाश में जंगल से बाहर आया था। हमने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने को कहा है और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि हाथियों के आवागमन के लिए विशेष गलियारे बनाने की योजना पर काम चल रहा है, ताकि इस तरह की घटनाओं को कम किया जा सके।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब हाथी सड़क पर खड़े थे, तब कुछ लोगों ने वीडियो और तस्वीरें लीं। हालांकि, वन विभाग ने चेतावनी दी है कि हाथियों के पास जाना खतरनाक हो सकता है। इस घटना के बाद इलाके में हाथियों के आवागमन को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। वन विभाग ने लोगों को जंगल के पास न जाने की सलाह दी है।

यह घटना अलीपुरद्वार में हाथी-मानव संघर्ष की समस्या को एक बार फिर सामने लाई है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन से इस समस्या के समाधान के लिए और प्रभावी कदम उठाने की मांग उठ रही है।

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पैराड ग्राउंड विवाद पर पर्यावरण अदालत पहुंचे कार्यकर्ता संगठन https://ekolkata24.com/west-bengal/storm-over-alipurduar-parade-ground-tmc-vs-bjp-as-green-court-action-looms Mon, 09 Jun 2025 05:12:39 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51202 अयान डे अलीपुरद्वार: पैरेड ग्राउंड (Alipurduar Parade Ground) एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। इस ऐतिहासिक मैदान में हरियाली को नुकसान और पर्यावरणीय क्षति के आरोपों के बीच विभिन्न स्वयंसेवी संगठन अब पर्यावरण न्यायालय का रुख करने की योजना बना रहे हैं। यह जानकारी अलीपुरद्वार के विधायक सुमन कांजिलाल ने दी है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर इस मुद्दे को लेकर ‘गंदी राजनीति’ करने का आरोप लगाया है। इस घटना ने स्थानीय राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच तीखी चर्चा को जन्म दिया है।

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पिछले 29 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीपुरद्वार के पैरेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस जनसभा के बाद एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन मैदान की स्थिति अब भी खराब है। लगातार बारिश के कारण मैदान के कई हिस्सों में पानी जमा हो गया है। इसके अलावा, जनसभा के लिए बनाए गए पेवर ब्लॉक की सड़कें, कंक्रीट के ढांचे और अन्य अस्थायी निर्माण अब तक हटाए नहीं गए हैं। इन परिस्थितियों ने मैदान की हरियाली पर गंभीर प्रभाव डाला है। स्थानीय निवासी और स्वयंसेवी संगठन इस नुकसान के लिए प्रशासन पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

अलीपुरद्वार के विधायक सुमन कांजिलाल ने इस मुद्दे पर कहा, “पैरेड ग्राउंड हमारे लिए एक भावनात्मक स्थान है। यह मैदान सिर्फ एक खुली जगह नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। हम चाहते हैं कि यह मैदान अपनी पुरानी हरियाली वापस पाए। भविष्य में इस मैदान को और नुकसान न हो, इसके लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठन और आम लोग पर्यावरण न्यायालय का रुख कर सकते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि मैदान की हरियाली को बहाल करने के लिए पुनर्वनीकरण की पहल की जाएगी और इस संबंध में प्रशासन के साथ चर्चा चल रही है।

वहीं, बीजेपी नेतृत्व का दावा है कि टीएमसी इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। एक बीजेपी नेता ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस पैरेड ग्राउंड के मुद्दे पर गंदी राजनीति कर रही है, सिर्फ अपनी राजनीतिक मौजूदगी दिखाने के लिए। कोई भी इस मैदान को नुकसान नहीं चाहता, लेकिन इसे राजनीतिक लाभ के लिए हथियार बनाना गलत है।” उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन मैदान को बहाल करने के लिए काम शुरू कर चुका है और जल्द ही इसे पुरानी स्थिति में लाया जाएगा।

स्थानीय स्वयंसेवी संगठन, जो लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं, ने बताया कि पैरेड ग्राउंड की हरियाली को हुए नुकसान का स्थानीय पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। एक संगठन के प्रतिनिधि ने कहा, “यह मैदान सिर्फ खेलकूद या जनसभाओं के लिए नहीं है, बल्कि यह स्थानीय जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जनसभा के लिए किए गए निर्माण कार्यों ने मैदान की मिट्टी और पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाया है। हम इस मुद्दे को पर्यावरण न्यायालय में ले जाने की सोच रहे हैं।”

अलीपुरद्वार जिला, जो 2014 में जलपाईगुड़ी से अलग होकर बना था, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन संपदा के लिए जाना जाता है। पैरेड ग्राउंड इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। हालांकि, जनसभा के बाद मैदान की मौजूदा स्थिति ने स्थानीय लोगों में रोष पैदा किया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह मैदान हमारा गर्व है। इसे इस हालत में देखकर हम दुखी हैं। प्रशासन को तुरंत कदम उठाकर मैदान को बहाल करना चाहिए।”

पर्यावरण न्यायालय की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण हो सकती है। हाल ही में, पर्यावरण संरक्षण कानून में संशोधन की मांग करते हुए कई संगठनों और विशेषज्ञों ने नागरिकों को सीधे मुकदमा दायर करने का अधिकार देने की वकालत की है। इस संदर्भ में, पैरेड ग्राउंड के नुकसान का मुद्दा यदि पर्यावरण न्यायालय में पहुंचता है, तो यह एक मिसाल कायम कर सकता है।

पैरेड ग्राउंड की मौजूदा स्थिति ने अलीपुरद्वार के स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं में गहरी चिंता पैदा की है। स्वयंसेवी संगठनों का पर्यावरण न्यायालय का रुख करने का फैसला और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है। आने वाले दिनों में प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालता है और मैदान की हरियाली को बहाल करने के लिए क्या कदम उठाता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के विरोध में अलीपुरद्वार में प्रदर्शन https://ekolkata24.com/uncategorized/chinmoy-krishna-das-arrest-sparks-outrage-in-alipurduar Fri, 29 Nov 2024 12:16:03 +0000 https://ekolkata24.com/?p=50392 बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अलीपुरद्वार (Alipurduar) में सनातन जागरण समिति ने जोरदार प्रदर्शन किया। मंगलवार को दोपहर चार बजे बीएमसी क्लब मैदान से यह विरोध मार्च शुरू हुआ। मार्च अलीपुरद्वार की विभिन्न सड़कों से होते हुए प्रशासनिक भवन, डुआर्स कन्या के सामने समाप्त हुआ।

मार्च के अंत में समिति के सदस्यों ने जिलाधिकारी आर बिमला को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की गई।

इस विरोध प्रदर्शन में लगभग सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शन में सनातन जागरण समिति के स्थानीय नेता और विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना बेहद जरूरी है।

समिति के सदस्यों ने कहा, “हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सभ्य समाज के लिए एक शर्मनाक स्थिति है। हम इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समक्ष उठाना चाहते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी एक धार्मिक नेता और शांति के दूत हैं। उनकी गिरफ्तारी और उन पर अत्याचार पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। बांग्लादेश सरकार को तुरंत इस अन्याय को खत्म कर हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, “हिंदू उत्पीड़न बंद करो”, “चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को रिहा करो”, और “धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करो।” मार्च शांति पूर्वक संपन्न हुआ, लेकिन इसका संदेश बिल्कुल स्पष्ट था।

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শীতের পিচে কালিম্পংকে তাড়া পুরুলিয়ার, পিছনেই বর্ধমান https://ekolkata24.com/uncategorized/winter-west-bengal-cold-temperature Mon, 20 Dec 2021 13:19:22 +0000 https://ekolkata24.com/?p=15535 News Desk: উত্তুরে কনকনি শীত নাকি দক্ষিণের হু হু ঠাণ্ডা কোনটা বেশি কাঁপায়? যার শীত যেমন সেই বোঝে তেমন। তবে হাওয়া অফিসের হিসেবে উঠে এসেছে মধ্য ডিসেম্বরের শীত হিসেব। এতে শৈলশহর কালিম্পংকে তাড়া করছে জঙ্গলমহল ঘেরা পুরুলিয়া।

সোমবারের তাপমাত্রা পরিসংখ্যানে দেখা গেছে কালিম্পং ও পুরুলিয়ায় তাপমাত্রা ৭.৫ ডিগ্রি সেলসিয়াস। এ যেন শীতের পিচে একে অপরের রান তাড়া করার দৌড়। ঠিক এক রান পিছনে পূর্ব বর্ধমানের বর্ধমান। এখানে তাপমাত্রা ৮.৬ ডিগ্রি সেলসিয়াস। এর গায়ে গায়ে দৌড়চ্ছে দার্জিলিং জেলার শিলিগুড়ি। তবে শীত রান রেটে সেরা দার্জিলিং শহর। এখানে তাপমাত্রা নেমেছে ৩.৫ ডিগ্রি সেলসিয়াসে।

আবহাওয়া দফতর সূত্রে খবর, সোমবার কলকাতায় সর্বনিম্ন তাপমাত্রা ১১.২ ডিগ্রি সেলসিয়াস। বাঁকুড়ায় সর্বনিম্ন তাপমাত্রা ৮.৯ ডিগ্রি সেলসিয়াস। মালদায় সর্বনিম্ন তাপমাত্রা ১১.৫ ডিগ্রি সেলসিয়াস। নদিয়ার কৃষ্ণনগরে সর্বনিম্ন তাপমাত্রা দেখা গিয়েছে ১০ ডিগ্রি সেলসিয়াস। পূর্ব মেদিনীপুরের দীঘায় সর্বনিম্ন তাপমাত্রা ৯.৬ ডিগ্রি সেলসিয়াস। পশ্চিম নবর্ধমানের আসানসোলে সর্বনিম্ন তাপমাত্রা ৯.৫ ডিগ্রি সেলসিয়াস। হুগলির তাপমাত্রা ১০.২ ডিগ্রি সেলসিয়াস রেকর্ড করা হয়েছে।

তাপমাত্রার নিম্নগামী স্রোতে হিমালয় সংলগ্ন দার্জিলিং, কালিম্পং, জলপাইগুড়ি, আলিপুরদুয়ারে কনকনিয়ে শীত পড়েছে। দক্ষিণের ছোটনাগপুর মালভূমির অন্তর্গত পুরুলিয়া, বাঁকুড়া, পশ্চিম মেদিনীপুর, ঝাড়গ্রামে হু হু করে তাপমাত্রা নামছে।

রাজ্যে শীত পড়ছে জাঁকিয়ে। বড় দিনের আগেই জবুথবু হবে বাঙালি জনজীবন।

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Bhutan: করোনায় মৃত ৩ জন ! ওমিক্রন রুখতে নামলেন ড্রাগন রাজা https://ekolkata24.com/uncategorized/bhutan-government-starting-to-prevent-covid-19-new-varient-omicron Mon, 29 Nov 2021 16:17:32 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12811 প্রসেনজিৎ চৌধুরী: শুরু হয়ে গিয়েছে যুদ্ধ প্রস্তুতি। রক্ষা করতে হবে করোনা বিরোধী শক্তিশালী দুর্গকে। যে দুর্গের বিখ্যাত ড্রাগন দরজা পেরিয়ে অদৃশ্য জীবাণু ঘাতক হামলা করলেও গত দু বছরে তেমন কিছু ক্ষতি করতে পারেনি। এমনই দুর্গ-ভুটান (Bhutan) ফের তৈরি। রাজধানী থেকে প্রত্যন্ত জেলা, মফস্বল, প্রবল ঠান্ডায় কুঁকড়ে থাকা গ্রামাঞ্চলেও চলছে প্রতিরোধের ছক চলছে।

বিশ্ব কাঁপতে শুরু করেছে করোনাভাইরাসের নতুন ভ্যারিয়েন্ট ওমিক্রন আতঙ্কে। দক্ষিণ আফ্রিকা থেকে দ্রুত ছড়িয়ে পড়ছে সেটি। বিশেষজ্ঞেররা বলছেন, এই ভ্যারিয়েন্ট ডেল্টার থেকেও ভয়াবহ। করোনাভাইরাস হামলা রুখেছে গুটিকয়েক দেশ। তাদের অন্যতম লাওস, ভিয়েতনাম। তাদেরই সঙ্গে এক সারিতে এসেছে পশ্চিমবঙ্গের প্রতিবেশি দেশ ভুটান।

ভুটানের সংবাদ সংস্থা ও স্থানীয় সংবাদ মাধ্যমগুলি জানাচ্ছে, রাজা জিগমে খেসর নামগিয়াল ওয়াংচুকের নির্দেশে সরকার সংগ্রহ করছে ওমিক্রন ভ্যারিয়েন্টের সর্বশেষ তথ্য। চিকিৎসক প্রধানমন্ত্রী লোটে শেরিং ও তাঁর সরকারের স্বাস্থ্যমন্ত্রী দেচেন ওয়াংমোর আধুনিক জনস্বাস্থ্য বিজ্ঞানের ব্যবহারিক প্রয়োগ নিয়ে বিশ্বজোড়া প্রশংসিত।

ড্রাগন রাজার ফরমান সরকারের মাধ্যমে ‘ড্রাগনভূমি’র সর্বত্র ছড়িয়েছে। এই ফরমানে বলা হয়েছে, যে অরেঞ্জ ফাইটাররা কোভিড লকডাউন পর্যায়ে জনস্বাস্থ্য রক্ষা করেছিলেন তাদের পরবর্তী যুদ্ধের জন্য প্রস্তুত হতে হবে। কারণ, ওমিক্রন ভ্যারিয়েন্ট আরও ভয়াবহ আকার নিতে চলেছে বলেই বিশেষজ্ঞরা মনে করছেন।

থিম্পুর রাজবাড়ি থেকে নির্দেশ আসতেই ভুটান জুড়ে শুরু হয়েছে তুমুল ব্যস্ততা। নির্দেশ এসেছে, করোনা মোকাবিলায় বিখ্যাত কমলা যোদ্ধাদের (ডি সুং বা ডি সুপ) পরবর্তী ব্যাচগুলিকে দেশের ২০টি জেলাতেই নতুন করে কাজ শুরু করতে হবে। বিশেষত ভারত লাগোয়া জেলাগুলিতে নজর দিতে বলা হয়েছে।

ভারত ও চিনের মাঝে ছোট দেশ ভুটান। উত্তরে চিনের সঙ্গে সীমান্ত এলাকা থেকে দক্ষিণ ও পূর্ব দিকে ভারত লাগোয়া এলাকা নিয়েই চিন্তা ভুটান সরকারের। সড়কপথে বিশ্বের সঙ্গে এদিক দিয়েই সংযোগ রক্ষা করে ভুটান সরকার। ভারত সংলগ্ন ভুটানের জনবহুল জেলাগুলির অন্যতম চুখা, সমদ্রুপ জংখার।

পশ্চিমবঙ্গ, সিকিম, অসম, অরুণাচল প্রদেশের সঙ্গে ভুটানের সীমান্ত। পশ্চিমবঙ্গের তিনটি জেলা জলপাইগুড়ি, কালিম্পং, আলিপুরদুয়ারের সঙ্গে ভুটান সংলগ্ন। এখানেই আছে দক্ষিণ এশিয়ার অন্যতম স্থলপথ বাণিজ্যকেন্দ্র ফুন্টশোলিং-জয়গাঁ সীমান্ত। ভুটানের চুখা জেলার ফুন্টশোলিং ও ভারতের দিকে আলিপুরদুয়ার জেলার জয়গাঁর মাঝে বিখ্যাত ‘ভুটান গেট’।

করোনা লকডাউন পর্বে এই বিখ্যাত ভুটান গেট বন্ধ করে বিশ্ব থেকে স্থলপথে বিচ্ছিন্ন হয়েছিল ভুটান। এরপর দেশব্যাপী শুরু হয়েছিল করোনা প্রতিরোধ। সীমান্তের এপারে যখন পশ্চিমবঙ্গে করোনায় মৃত্যু মিছিল চলছিল তখন ওপারে ভুটানের এলাকায় সংক্রমণ রুখতে মরণপণ চেষ্টা চালায় দেশটির সরকার। সেই কাজে তাদের সফলতা দেখে চমকে গিয়েছে দুনিয়া। অদৃশ্য জীবাণু ঘাতকদের হামলা রুখে বিশ্ব স্বাস্থ্য সংস্থার কাছে বিস্ময় নাম এখন ভুটান। তারা ফের তৈরি।

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Weather update: দক্ষিণ ভাসিয়ে বৃষ্টি উত্তরমুখী, ভুটান পাহাড়ে হাতির মতো ঘুরছে মেঘ https://ekolkata24.com/uncategorized/weather-updateheavy-rain-expected-in-north-bengal Fri, 01 Oct 2021 06:12:55 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=6183 নিউজ ডেস্ক: বৃষ্টিসুর আর মেঘাসুরের জোড়া হামলা শারদোতসবের আগে দক্ষিণবঙ্গ জলে ডুবিয়ে এবার মত্ত হাতির মতো মেঘ (Weather update) গজরাচ্ছে উত্তরবঙ্গের মাথায়।

আবহাওয়া বিভাগ উত্তরবঙ্গের পাহাড় ও সমতলে ভারি বৃষ্টির পূর্বাভাস দিল। দার্জিলিং, কালিম্পং, জলপাইগুড়ি, মালদহ, উত্তর ও দক্ষিণ দিনাজপুরে জল থই থই চেহারা হবে। শনি ও রবিবার উত্তরবঙ্গ জুড়ে ভারি বৃষ্টি হবে।

প্রতিবেশি দেশ ভুটানের পাহাড়ে জমছে মেঘ। ভুটানের সীমান্ত এলারার বিভিন্ন জেলায় ভারি বৃষ্টির সম্ভাবনা রয়েছে। থিম্পু থেকে এমন জানাচ্ছে দেশটির সংবাদ মাধ্যম। ভুটান পাহাড়ের মেঘ হুড়মুড়িয়ে নেমে আসে উত্তরবঙ্গের আলিপুরদুয়ার ও জলপাইগুড়ি জেলায়। কলকাতা আবহাওয়া বিভাগ জানাচ্ছে, রবিবার কোচবিহার এবং আলিপুরদুয়ারে ভারি বৃষ্টির পূর্বাভাস রয়েছে।

ভারি বৃষ্টির কারণে ভুটান থেকে ভারতে আসা নদী তিস্তা, জলঢাকা, কালজানি, ডান সহ উত্তরবঙ্গের অন্যান্য নদীতে জলস্তর বাড়বে বলেই আশঙ্কা। দুর্যোগের কারণে, দার্জিলিং ও কালিম্পং জেলার পাহাড়ি পথে ধ্বস নামতে পারে। তেমনই সিকিম যাওয়ার রাস্তা বিচ্ছিন্ন হতে পারে ধ্বসের কারণে। রবিবার বিকেল থেকে বৃষ্টির দাপট কমবে বলে মনে করা হচ্ছে।

ইতিমধ্যেই নজিতবিহীন বৃষ্টিপাতের জেরে দক্ষিণবঙ্গের বাঁকুড়া, পূর্ব ও পশ্চিম বর্ধমান, বীরভূমের বহু এলাকায় দারকেশ্বর, দামোদর, অজয়, কংসাবতী, গন্ধেশ্বরী সহ বিভিন্ন নদনদীর জলস্তর বেড়েছে। বাঁকুড়ার পরিস্থিতি খুব খারাপ। বীরভূমেও বন্যা পরিস্থিতি। ঝাড়খণ্ডে বৃষ্টির জেরে ডিভিসি জল ছাড়তে শুরু করেছে। এর ফলে দামোদরের জলে পূর্ব ও পশ্চিম বর্ধমান ছাড়িয়ে হুগলি, হাওড়ার বিস্তির্ণ এলাকা জলমগ্ন। আবহাওয়া বিভাগ জানাচ্ছে, শনিবার বীরভূম এবং মুর্শিদাবাদে ভারি বৃষ্টি হতে পারে।

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উত্তরে বিজেপির ধস নামছে, চিন্তা বাড়ছে দিলীপ-শুভেন্দুর https://ekolkata24.com/uncategorized/bjp-facing-organizational-trouble-in-north-bengal Mon, 30 Aug 2021 13:42:12 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=3469 নিউজ ডেস্ক: উপনির্বাচন না হলে রাজ্যে সাংবাদিক সংকট তৈরি হবে মুখ্যমন্ত্রীর পদ নিয়েই। তৃণমূল যেমন চিন্তায় তেমনি প্রধান বিরোধী দলের চিন্তা দলে ধস নামা নিয়ে। যে জোয়ার ভোটের আগে ছিল তাতে এখন ভাটার টান। বিজেপির অন্যতম শক্তিশালী ঘাঁটি উত্তরবঙ্গের আলিপুরদুয়ার। সেখানেই হুড়মুড়িয়ে ধস নামছে।

জেলার কালচিনিতে বিজেপি ছাড়লেন ৫০০ জন। তারা যোগ দিলেন তৃণমূল শিবিরে। সম্প্রতি উত্তরবঙ্গের গিয়ে বিরোধী দলনেতা শুভেন্দু অধিকারী দাবি করেন, বিজেপি নির্বাচনে সরকার গড়তে না পারলেও প্রধান বিরোধী দল হয়েছে। রোজই দলে আসছেন বহু কর্মী।

আলিপুরদুয়ারের বিজেপির পাকা অবস্থান বলে দাবি করেন শুভেন্দু অধিকারী। সেই জেলাতেই বিজেপির গুরুত্বপূর্ণ নেতা নেপাল বর্মণ ও দলের তফসিলি উপজাতি মোর্চার জেলা সহ সভাপতি রশ্মি বাগোয়ার সহ প্রায় ৫০০ অনুগামী তৃণমুল কংগ্রেসে যোগ দিয়েছেন। কালচিনির চুয়াপাড়া, ভূতরি, রাঙামাটি ও সেন্ট্রাল ডুয়ার্স এলাকা থেকে বিজেপির কর্মীরা এদিন দলে দলে গিয়ে তৃণমুল কংগ্রেসে নাম লেখান। বিজেপি নেতা জন বারলার বিরুদ্ধে গোষ্ঠী অসন্তোষ বাড়ছে জেলায়। বিজেপির একাংশের কটাক্ষ, উনি শুধু কথার সাংসদ। প্রতিশ্রুতি দেন।

সাংসদ জন বারলার বিরুদ্ধে ক্ষোভ দলেই। কোচবিহারেও বিজেপির বড় শক্তি। সাংসদ নিশীথ প্রামানিক স্বরাষ্ট্র দফতরের প্রতিমন্ত্রী। তিনিও এখন নীরব। আলিপুরদুয়ারের মতো কোচবিহারেও বিজেপি শিবিরে ধস নামবে বলে মনে করছেন উত্তরের বিজেপি নেতারা। সূত্রের খবর, এই বিষয়টি দেখভাল করছেন তৃণমূল কংগ্রেসের দুই যুযুধান হেভিওয়েট রবীন্দ্রনাথ ঘোষ ও গৌতম দেব।

দার্জিলিং জেলায় চমক দিয়ে সিপিআইএমের হেভিওয়েট নেতা প্রাক্তন মন্ত্রী অশোক ভট্টাচার্যের রাজনৈতিক কেরিয়ারটাই শেষ করে দিয়েছেন তাঁরই শিষ্য শংকর ঘোষ। গুরুকে হারিয়ে তিনি এখন শিলিগুড়ির বিজেপি বিধায়ক। সূত্রের খবর তিনিও তৃণমূল কংগ্রেসে যাচ্ছেন। তাঁকে টানতে মরিয়া গৌতম দেব।

শিলিগুড়ি গত দুটি বিধানসভায় তৃণমূল কংগ্রেসের অধরা। গতবার সিপিআইএম ও এবার বিজেপি জিতেছে। শিলিগুড়িকে কব্জা করতে তৃণমূল মরিয়া। শংকর ঘোষ পক্ষত্যাগ করলেই ষোলকলা পূর্ণ হবে। দার্জিলিং ও কালিম্পং পার্বত্যাঞ্চলে বিজেপির সমর্থন ভেঙে দিয়েছে তৃণমূল। লোকসভা ও বিধানসভার ফল পাহাড়ি এলাকায় ভালো নয়।

তবে সাম্প্রতিক সময়ে গোর্খা জনমুক্তি মোর্চার গুরুং শিবির ফের বেশি সক্রিয়। বিজেপি ঘনিষ্ঠ মোর্চা শিবির নিষ্ক্রিয়। জলপাইগুড়ি,উত্তর ও দক্ষিণ দিনাজপুর এবং মালদহে তৃণমূল কংগ্রেস পঞ্চায়েত ভিত্তিক শক্তি ধরে রেখে নিজের জমি শক্ত করবে। তৃণমূল কংগ্রেসের দাবি, বিজেপির ধস শুরু হয়েছে উত্তরে। আলিপুরদুয়ার থেকে ধস গড়িয়ে নামছে নিচের দিকে।

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