Aravind Kejriwal – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 05 Sep 2024 08:50:50 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Aravind Kejriwal – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 ‘केजरीवाल ने ईडी मामले में जमानत के बाद CBI की कार्रवाई को ‘इंश्योरेंस गिरफ्तारी’ बताया, कोर्ट में दी दलील https://ekolkata24.com/uncategorized/%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%9c%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%88%e0%a4%a1%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82 Thu, 05 Sep 2024 08:50:50 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49508 नई दिल्ली :  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। दिल्ली शराब नीति घोटाले में जेल में बंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ दिल्ली सीएम की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है। वहीं वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, केजरीवाल का पक्ष रख रहे हैं।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि ‘सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें केजरीवाल का नाम नहीं है। साथ ही केजरीवाल को बीते दिनों अंतरिम जमानत देते हुए भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सीएम समाज के लिए खतरा नहीं हैं।’ सिंघवी ने ये भी कहा कि दो बार सुप्रीम कोर्ट और एक बार ट्रायल कोर्ट केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे चुका है।

सिंघवी के अनुसार, एक बार सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत पर रिहा किया था और एक बार ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी केजरीवाल को जमानत मिल चुकी है। सिंघवी ने दलील दी कि केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं और समाज के लिए खतरा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ‘सीबीआई ने दो वर्षों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी, लेकिन फिर बीती 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। केजरीवाल की गिरफ्तारी एक तरह से इंश्योरेंस गिरफ्तारी थी।’ सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर 23 अगस्त को सीबीआई से हलफनामा देने को कहा था। साथ ही केजरीवाल को दो दिनों के भीतर सीबीआई के हलफनामे पर जवाब देने का निर्देश दिया था।

सिंघवी की दलीलों पर सीबीआई का पक्ष रख रहे एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पहली आपत्ति तो ये है कि केजरीवाल को जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए न कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए। राजू ने कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल कोई खास व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग तरीका अपनाया जा रहा है।

अरविंद केजरीवाल ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। एक याचिका में केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। वहीं दूसरी याचिका में केजरीवाल ने जमानत देने की अपील की है। इससे पहले 5 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने दलील दी थी कि दिल्ली सीएम जमानत पर बाहर आने के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

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केजरीवाल की CBI कस्टडी खत्म, कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत https://ekolkata24.com/uncategorized/kejriwals-cbi-custody-ends-court-grants-him-14-days-judicial-custody Sat, 29 Jun 2024 12:05:06 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48668 नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। केजरीवाल की तीन दिन की रिमांड पूरी होने पर शनिवार को सीबीआई ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली शराब नीति मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने सबूतों के साथ सामना कराने के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन उन्हें तीन दिन की रिमांड मिली। अदालत ने 12 जुलाई को केजरीवाल को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।

अदालत में वकील विक्रम चौधरी ने केजरीवाल की ओर से दायर आवेदन को पढ़ा, जिसमें केस डायरी सहित जमा की गई सभी सामग्री को रिकॉर्ड पर रखने के लिए सीबीआई को निर्देश देने की मांग की गई। अदालत ने कहा आप इन पहलुओं को अदालत पर विचार करने के लिए छोड़ सकते हैं। चौधरी ने कहा सुप्रीम कोर्ट में मेरे सह-आरोपी की जमानत याचिका में उन्होंने कहा कि वे 3 जुलाई तक जांच पूरी कर लेंगे।

कोर्ट ने कहा, निश्चित तारीख तक जांच पूरी करने के संबंध में उन्होंने जो भी बयान दिया है, भले ही उन प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं किया गया हो, इससे आपको जमानत लेने का आधार मिल जाएगा। आप यह नहीं कह सकते कि JC नहीं दी जा सकती।

चौधरी ने कहा, मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि कृपया आईओ से कहें कि वे जो भी कह रहे हैं, उसका पालन करें। ताकि कल मैं किसी भी फोरम पर इस मुद्दे पर बहस कर सकूं… मैं विशेष रूप से कुछ कहना चाहता हूं। मैं सारा मामला अदालत पर छोड़ता हूं। कोई भी केस डायरी की कॉपी नहीं मांग सकता। मैं आपके आधिपत्य की निष्पक्ष रूप से सहायता करने के लिए यहां हूं। आपका आधिपत्य उनसे विशेष रूप से पूछ सकता है कि वह सामग्री कहाँ है।

उन्होंने आगे कहा, मैं कह रहा हूं कि यदि वे पहले तीन मामलों में आपके विवेक को संतुष्ट करने में असमर्थ हैं, तो आज रिमांड कार्यवाही अवैध है। यदि वे आपके आधिपत्य को संतुष्ट करने में असमर्थ हैं… कोर्ट ने कहा, आपका प्रार्थना खंड इसे स्पष्ट नहीं कर रहा है। जिस मैदान का आपने उल्लेख नहीं किया है।

चौधरी ने कहा, भले ही जज ने पीसी या जेसी की अनुमति दे दी हो, किसी भी स्थिति में न्यायिक हिरासत को बढ़ाने की मांग आती है, तो ऐसा नहीं है कि जज इसे बढ़ा देगा, यदि हिरासत ठोस आधार पर नहीं है… मेरा मुख्य जोर इस बात पर है कि अदालत ये सब कुछ रिकॉर्ड पर ले सकता है।

कोर्ट ने सीबीआई के वकील से कहा, मैं चाहूंगा कि आईओ केस डायरी, संबंधित पन्नों को चिह्नित करें।
केजरीवाल के वकील ने कहा, आरोपी की पत्नी और परिवार यहां है, यदि आप की इजाजत हो तो आदेश पारित होने तक आरोपी को उनसे मिलने की अनुमति दी जाए। अदालत ने कहा कि कोर्ट के भीतर अनुमति है। अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा।

अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं दे रहे। रिमांड अवधि के दौरान वो जानबूझकर सवालो के सीधे सीधे जवाब देने से बच रहे है। उनके बयान सबूतों से मेल नहीं खाते। केजरीवाल का बड़ा राजनीतिक रसूख है। वो दिल्ली के मुख्यमंत्री है। वो गवाहो को प्रभावित कर सकते है। सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते है। जिन सम्भावित गवाहों के बयान अभी दर्ज होने है, उनको प्रभावित कर सकते है। जो अभी सबूत इकट्ठे होने बाकी है, उनसे छेड़छाड़ कर सकते है। इस तरीके से जांच को प्रभावित कर सकते है।

पूछताछ के दौरान अरविंद केजरीवाल का जब सबूतों से सामना कराया गया तो वो उनके मद्देनजर पूछे गए सवालों का कोई संतोषजनक जवाब उन्होंने नहीं दिया। केजरीवाल ने इसका कोई स्‍पष्‍टीकरण नहीं दिया कि नई आबकारी नीति मामले में आखिर होल सेल प्रॉफिट का मार्जिन 5 से 12 फीसदी बढ़ाने की जरूरत क्या थी। इस बारे में कोई अध्ययन / आधार के बिना ही ऐसा फैसला क्यों ले लिया गया।

जब कोविड की दूसरी लहर पूरी पीक थी तब ऐसी क्या जल्दबाज़ी थी कि संसोधित आबकारी नीति के लिए 1 दिन के अंदर ही सर्कुलेशन के ज़रिए कैबिनेट की मंजूरी हासिल की गई। यह तब हुआ जब साउथ लॉबी के लोग दिल्ली में ही मौजूद थे और विजय नायर के साथ मीटिंग कर रहे थे।

केजरीवाल से विजय नायर की शराब कारोबारियों के साथ मीटिंग और उसकी ओर से आबकारी नीति में मनमाफिक बदलाव की एवज में जब रिश्वत की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका भी कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
केजरीवाल ने मंगूटा रेड्डी, अर्जुन पांडे और मूथा गौतम के साथ अपनी मुलाकात को लेकर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

गोवा में चुनाव प्रचार के दौरान AAP द्वारा 44.54 करोड़ के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर भी उन्होने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। अभी जांच जारी है, जांच अहम मोड़ पर है। कुछ अहम गवाहों के बयान दर्ज होने है। कुछ अहम डिजिटल सबूत अभी इकट्ठा होने बाकी है। केजरीवाल का बड़ा राजनीतिक रसूख है। वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं ।सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं लिहाजा उन्हें ज्यूडिशल कस्टडी में भेजा जाएं।

सीबीआई का कहना है कि केजरीवाल की कस्टडी में रखने की जरूरत थी ताकि उन्हें मामले से संबंधित दस्तावेज दिखाए जा सकें। जांच एजेंसी ने ये आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाया और शराब नीति के निजीकरण का ठीकरा उनके सिर फोड़ा। वहीं केजरीवाल ने अदालत में इन दावों का खंडन किया है, उन्होंने कहा कि वो और सिसोदिया दोनों ही निर्दोष हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘मैं निर्दोष हूं, और अन्य आप नेता, जिसमें मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं वो भी निर्दोष हैं।’

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Delhi: ওমিক্রন রুখতে জারি হলুদ সতর্কতা, অনির্দিষ্টকালের জন্য বন্ধ স্কুল-কলেজ https://ekolkata24.com/uncategorized/delhi-yellow-warning-issued-to-stop-omicron-school-college-closed-indefinitely Tue, 28 Dec 2021 16:45:02 +0000 https://ekolkata24.com/?p=16989 News Desk: যত দিন যাচ্ছে আরও তীব্র হচ্ছে ওমিক্রনের আতঙ্ক। দেশজুড়ে বাড়ছে সংক্রমিতের সংখ্যা। রাজধানী দিল্লিতে ইতিমধ্যেই ওমিক্রন সংক্রমিতের সংখ্যা ১০০-র গণ্ডি পেরিয়েছে। এই পরিস্থিতিতে বড় সিদ্ধান্ত নিল দিল্লি সরকার। রাজধানীজুড়ে জারি হল হলুদ সতর্কতা।

করোনার বর্তমান পরিস্থিতি নিয়ে আলোচনা করতে মঙ্গলবার একটি জরুরী বৈঠকের আয়োজন করা হয়। এই বৈঠকের পরই হলুদ সতর্কতা জারি করেছে কেজরিওয়ালের সরকার।

আগামী বুধবার থেকে বন্ধ রাখা হচ্ছে স্কুল-কলেজ সহ বিভিন্ন শিক্ষা প্রতিষ্ঠান এবং সিনেমা হল। তবে ‘অড এবং ইভেন’ পদ্ধতিতে শপিং মল খোলা রাখার অনুমতি দেওয়া হয়েছে। দিল্লি সরকারের তরফে আরও জানানো হয়েছে, ৫০ শতাংশ কর্মচারী নিয়ে অফিস খোলা থাকবে।

পুনরায় কবে স্কুল খোলা হবে সেবিষয় পরবর্তীকালে আলোচনার মাধ্যমে জানাবে দিল্লি সরকার। উল্লেখ্য, দিল্লির স্কুলগুলিতে আগামী বছরের ১ জানুয়ারি থেকে ১৫ জানুয়ারি পর্যন্ত শীতকালীন ছুটি ঘোষণা করা হয়েছে।

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Mamata Banerjee: সোনিয়াকে উপেক্ষা করার কারণ সম্পর্কে বিস্ফোরক মমতা https://ekolkata24.com/uncategorized/mamata-banerjees-question-is-whether-meeting-sonia-gandhi-is-a-constitutional-rule Thu, 25 Nov 2021 08:29:02 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12327 Mamata Banerjee meeting with Sonia Gandhi
নিউজ ডেস্ক, নয়াদিল্লি: রাজধানীকে এলেই প্রতিবারই আমায় সোনিয়া গান্ধীর (Sonia Gandhi) সঙ্গে দেখা করতে হবে কেন? সংবিধানে কি এমন কোন নিয়ম আছে যে, দিল্লি আসলেই সোনিয়া গান্ধীর সঙ্গে দেখা করতে হবে? সংবাদমাধ্যমের উদ্দেশ্যে চাঞ্চল্যকর এই প্রশ্নটিই ছুড়ে দিলেন তৃণমূল কংগ্রেস নেত্রী তথা পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা (Mamata Banerjee) বন্দ্যোপাধ্যায়।

চার দিনের সফরে সোমবার দিল্লি (Delhi) এসে পৌঁছেছেন মমতা। এই সফরে প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদি (Narendra Modi), দিল্লির মুখ্যমন্ত্রী অরবিন্দ কেজরিওয়াল-সহ (Aravind Kejriwal) বেশ কিছু রাজনৈতিক নেতাদের সঙ্গে দেখা করেছেন তিনি।

অতীত অভিজ্ঞতায় দেখা গিয়েছে, মমতা দিল্লি আসলে অবশ্যই সোনিয়ার সঙ্গে দেখা করেন। কিন্তু এবারই তার ব্যতিক্রম ঘটলো। চার দিনের এই সফরে সোনিয়ার সঙ্গে দেখা করার কথা উচ্চারণও করলেন না নেত্রী। তাই সংবাদমাধ্যম মুখ্যমন্ত্রীর কাছে জানতে চায়, আপনি কি এবার সোনিয়া গান্ধীর সঙ্গে দেখা করবেন না? তার উত্তরে মমতা স্পষ্ট বলেন, ওনারা এখন পাঞ্জাবের বিধানসভা নির্বাচন নিয়ে খুব ব্যস্ত। তাই কিভাবে দেখা হবে। এরপরই মুখ্যমন্ত্রী কিছুটা রাগত স্বরে বলেন, আমি দিল্লি এলে প্রতিবারই কেন সোনিয়ার সঙ্গে দেখা করবো বলুন তো? এটা কি কোনও সাংবিধানিক নিয়ম নাকি?

মমতার এই কথার যথেষ্ট তাৎপর্য রয়েছে বলে মনে করছে রাজনৈতিক মহল। কারণ পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভা নির্বাচনে বিজেপিকে পর্যদুস্ত করার পরেই নিজের রাজ্যের গণ্ডি ছাড়িয়ে তৃণমূল ক্রমশ জাতীয় স্তরের রাজনীতিতে জায়গা করে নিচ্ছে। নিজের জায়গা করতে গিয়ে তৃণমূল মূলত কংগ্রেসেই ভাঙন ধরাচ্ছে। তৃণমূল কংগ্রেসের এই উত্থান ও দল ভঙানোর নীতিতে বেজায় খাপ্পা কংগ্রেস। এই পরিস্থিতিতে মমতার এই মন্তব্য যথেষ্ট তাৎপর্যপূর্ণ বলে মনে করছে রাজনৈতিক মহল। পাশাপাশি মমতা এবং তাঁর দলের কাজে বিরোধীজোটের ঐক্য নিয়েও শুরু হয়েছে জল্পনা।

মমতা এদিন স্পষ্ট জানিয়েছেন, উত্তরপ্রদেশের নির্বাচনে তাঁর দল অখিলেশ যাদবের সমাজবাদী পার্টির পাশেই থাকবে। অখিলেশ চাইলে তিনি উত্তরপ্রদেশে প্রচার করতেও যাবেন। কারণ তাঁর একমাত্র লক্ষ্য হল বিজেপিকে ক্ষমতায় থেকে হঠানো। একই সঙ্গে মমতা জানিয়েছেন, ৩০ নভেম্বর তিনি মুম্বই যাচ্ছেন। দেখা করবেন এনসিপি নেতা শরদ পাওয়ার এবং রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী উদ্ধব ঠাকরের সঙ্গে।

উল্লেখ্য, রাজ্যে রাজ্যে বিরোধীদের অনৈক্যের মধ্যেই মহারাষ্ট্রে এনসিপি, কংগ্রেস ও শিবসেনা জোট সরকার গঠন করেছে। এই পরিস্থিতিতে কংগ্রেসের শরিকদের নিজের কাছে টানতে মমতা উদ্যোগী হয়েছেন, এমন কথাও উঠেছে রাজনৈতিক মহলে। পাশাপাশি রাজনৈতিক মহল এই প্রশ্নও তুলেছে যে, কংগ্রেসকে বাদ রেখে কি কোন বিরোধী জোট করা সম্ভব? কংগ্রেসকে বাদ দিয়ে জোট করতে গেলে সব আঞ্চলিক দলকে মমতা কি নিজের পাশে পাবেন?

আবার রাজনৈতিক মহলের একাংশ প্রশ্ন তুলেছেন, কংগ্রেস যদি বিরোধী জোটে থাকে সেই জোটে কেজরিওয়াল, অখিলেশ যাদবের মতো নেতা কি সামিল হবেন!

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