Assam – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Wed, 07 Aug 2024 17:29:00 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Assam – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 असम और बंगाल में भी हो सकती है उथल-पुथल, बांग्लादेश को लेकर चिंतित मुख्यमंत्री हिमंत शर्मा https://ekolkata24.com/top-story/there-may-be-turmoil-in-assam-and-bengal-too Wed, 07 Aug 2024 17:29:00 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49254 दिसपुर : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चिंता जताई है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हिंसक तरीके से सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद बांग्लादेश एक बार फिर भारत के पूर्वोत्तर से आए उग्रवादियों का सुरक्षित ठिकाना बन सकता है।

सरमा ने मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में हसीना की अवामी लीग पार्टी का समर्थन करने वाले हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 2041 के बाद पड़ोसी असम, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी बड़े पैमाने पर जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण इसी तरह की उथल-पुथल पैदा हो सकती है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश में स्थिति पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने आशंका जताई कि पड़ोसी देश फिर से उग्रवादियों का केंद्र बन सकता है और वहां से लोग अवैध रूप से (पूर्वोत्तर) क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं।

शर्मा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र बांग्लादेश की नयी सरकार के साथ संवाद जारी रखेगा तथा पूर्वोत्तर राज्यों की चिंता उसकी बातचीत के एजेंडे में ऊपर रहेगी। मुख्यमंत्री ने डेरगांव में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, “हम बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम से चिंतित हैं और यदि समस्या जारी रही तो हमें डर है कि इसका इस क्षेत्र पर दो तरह से असर पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा की सुरक्षा की जानी चाहिए क्योंकि “पड़ोसी देश के लोग भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से इस क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “शेख हसीना के शासनकाल में पूर्वोत्तर क्षेत्र के उग्रवादियों को बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। हमारे लिए यह चिंता का विषय होगा कि कहीं पड़ोसी देश फिर से उग्रवादियों का गढ़ न बन जाए।” उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पूर्ववर्ती बांग्लादेश सरकार के सहयोग से “हम पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सफल रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि पड़ोसी देश की नयी सरकार भी इस सहयोग को बनाए रखेगी।”

बांग्लादेश में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 440 हो गयी। स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी। मुख्यमंत्री ने इससे पहले दिन में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “इस अनिश्चित समय में, जब हम बांग्लादेश से लगी अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, मेरा ध्यान अक्सर भविष्य के असम-2041 की ओर जाता है।”

 

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सड़क हादसे के घायलों का होगा मुफ्त इलाज, पायलट प्रोजेक्ट चंडीगढ़ और असम में शुरू https://ekolkata24.com/top-story/road-accident-victims-will-get-free-treatment-pilot-project-started-in-chandigarh-and-assam Sat, 03 Aug 2024 19:23:00 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49224 नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार ने एक योजना विकसित की है, जिसमें सड़क दुर्घटना में पीड़ितों को कैशलेस इलाज दिया जाएगा।

इस योजना को चंडीगढ़ और असम में पायलट आधार पर लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत, सड़क दुर्घटना में शामिल लोगों को अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिए जाएंगे।

यह योजना मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत स्थापित मोटर वाहन दुर्घटना कोष के तत्वावधान में संचालित की जा रही है। इस योजना से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने में मदद मिलेगी और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को बेहतर उपचार प्रदान करने में मदद मिलेगी।

 

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10 राज्यों में मुंह के बल गिरी बीजेपी,  पार्टी के 400 पार का सपना रह गया अधूरा https://ekolkata24.com/uncategorized/party-dream-of-crossing-400-remained-unfulfilled Tue, 04 Jun 2024 11:26:06 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47980 नई दिल्ली :  लोकसभा चुनावों 2024 के नतीजे आ रहे है। ऐसे में कई रात्यों में बीजेपी की जीत हो रही है तो वही कई राज्यों में बीजेपी मुंह के बल गिरती नजर आ रही है। दरअसल 10 राज्यों के रुझानों में पार्टी बहुत ज्यादा सीटों पर आगे नहीं दिख रही है। यहां स्थानीय पार्टियों की पकड़ मजबूत नजर आ रही है, जबकि दो राज्यों में राहत है।

सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी का खेल बिगड़ता दिख रहा है। वहीं, हरियाणा और बंगाल में भी बीजेपी उम्मीदवार पीछे चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की वीआईपी सीट अमेठी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भारी वोटों के अंतर से पीछे चल रही हैं। यहां कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा बढ़त बनाए हुए हैं। उत्तर प्रदेश में 34 सीटों पर बीजेपी, जबकि समाजवादी पार्टी 35 सीटों पर आगे चल रही है।

इसके अलावा सात सीटों पर कांग्रेस आगे है। इस तरह हिसाब से INDIA गठबंधन राज्य की 80 में से 44 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, एनडीए 35 सीटों पर आगे चल रहा है।

बिहार की बात करें तो राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से एनडीए 34 सीटों पर आगे है, जबकि 4 पर INDIA गठबंधन आगे चल रहा है और दो पर अन्य दल आगे हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 17 सीटें जीती थीं और 16 पर जनता दल (यूनाइटेड) के पास गई थीं।

हरियाणा में बीजेपी को 5 सीटों पर का नुकसान हो सकता है। 10 लोकसभा सीटों में से पांच पर बीजेपी और पांच पर कांग्रेस आगे चल रही है। पिछले चुनाव के नतीजे देखें तो बीजेपी को राज्य की 10 की 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी का जादू चलता दिख रहा है। एक बार फिर से सत्तारूढ़ कांग्रेस 30 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी सिर्फ 11 सीटों पर ही लीड करती दिख रही है।

मणिपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर भी कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है।
गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से एक पर कांग्रेस आगे चल रही है।
राजस्थान में भी बीजेपी को 10 सीटों पर नुकसान हो सकता है।
कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों पर जो रुझान सामने आए हैं, उनमें बीजेपी 16 सीटों पर आगे चल रही है।
पंजाब में 2019 में बीजेपी को दो सीटें मिली थीं। इसके अलावा तेलंगाना और ओडिशा में बीजेपी को राहत है।
ओडिशा की 21 में से 18 पर और तेलंगाना की 17 में से 8 पर बीजेपी आगे है।

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गडकरी ने असम को 26 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की सौगात https://ekolkata24.com/uncategorized/gadkari-gifts-26-national-highway-projects-to-assam Tue, 31 Oct 2023 14:49:19 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46414 केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने मंगलवार असम सहित पूर्वोत्तर को बड़ी सौगात दी। उन्होंने गुवाहाटी में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 26 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि एनएच-37 दिमा हसाओ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाएगा और पश्चिमी मणिपुर के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। पाइकन से गुवाहाटी हवाईअड्डा खंड जोगीघोपा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, नए पुलों के निर्माण से भीड़भाड़ कम होगी और क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक प्रगति बढ़ेगी।

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শান্তির পথে মোস্ট ওয়ান্টেড পরেশ বড়ুয়া? ফাঁসির আসামীকে নিয়ে ঢাকা-দিল্লি টানাটানি https://ekolkata24.com/uncategorized/ulfa-chief-paresh-baruah-india-bangladesh-diplomacy Sun, 02 Jan 2022 15:02:17 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17652 প্রসেনজিৎ চৌধুরী: অনেকগুলো ছদ্মনাম। কখনও কামারুজ্জামান, কখনও নুরুজ্জামান, এই সব নামেই একসময় বাংলাদেশে থেকে বারবার নাশকতার ছক করা শীর্ষ ভারতীয় বিচ্ছিন্নতাবাদী জঙ্গি নেতা পরেশ বড়ুয়া শান্তি আলোচনায় আগ্রহী!

অসমের মুখ্যমন্ত্রী হিমন্ত বিশ্বশর্মার এমন ইঙ্গিতের পরেই গুয়াহাটি থেকে নয়াদিল্লি হয়ে বাংলাদেশ, চিন, থাইল্যান্ড, ফিলিপিন্স এমনকি মায়ানমারের সামরিক সরকারও হতচকিত। ঢাকা, বেজিং, ব্যাংকক, ম্যানিলা, নেপিদ (ইয়াঙ্গন) সর্বত্র আলোচনা বড়ুয়ার অবস্থান কী হতে পারে।

ব্রহ্মপুত্র উপত্যকা তীব্র শোরগোল। সশস্ত্র বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠন আলফা (স্বাধীনতা) কি অস্ত্র নামিয়ে নেবে? এমনই প্রশ্ন উঠেছে। অসমের মুখ্যমন্ত্রীর ইঙ্গিত, বড়ুয়া সদর্থক বার্তা দিয়েছেন। কারণ, একের পর এক বিচ্ছিন্নতাবাদী গোষ্ঠীর সদস্যরা আত্মসমর্পণ করছে। ডিমাসাল্যান্ডের দাবিদার ডিএনএলএ, বোড়োল্যান্ডের দাবিদার এনডিএফবি(সংবিজিত) গোষ্ঠীর সদস্যদের ভূমিকায় আলফা (স্বাধীনতা) ক্যাডারদের মনে প্রভাব ফেলছে। পরেশ বড়ুয়া এটা ভালোই বুঝতে পারছেন।

paresh baruah

দক্ষিণ এশিয়ার শীর্ষ বিচ্ছিন্নতাবাদী নেতা পরেশ বড়ুয়া স্বশাসিত অসমের দাবিতে আতঙ্ক জাগানো এক নাম। অসমে রক্তাক্ত বিচ্ছিন্নতাবাদ জোরদার করতে নব্বই দশকে পরেশ বড়ুয়া ভারত থেকে বাংলাদেশের আলফার গোপন ডেরায় চলে যায়। ভারত বিরোধী আন্তর্জাতিক আগ্নেয়াস্ত্র পাচারের ষড়যন্ত্রী বড়ুয়া বাংলাদেশের কাছে ফাঁসির আসামী।

আলফা (স্বাধীনতা) প্রধান যদি ভারতে আত্মসমর্পণ করতে চায় সেক্ষেত্রে ঢাকা-নয়াদিল্লি কূটনৈতিক অবস্থান কী হতে পারে। উঠছে এমন প্রশ্ন। এর আগে পরেশ বড়ুয়ার সহযোগী আলফা নেতা অনুপ চেতিয়া সহ কয়েকজন আলফা জঙ্গি নেতাকে ভারতে পুশ ব্যাক (ঠেলে পাঠানো) করেছে বাংলাদেশ সরকার।

কেন টানাপোড়েন সম্ভাবনা?
পরেশ বড়ুয়া ভারত সরকারের সঙ্গে শান্তি আলোচনায় অংশ নিলে বাংলাদেশের তরফে ভারতের উপর চাপ তৈরি করা হবে। বড়ুয়াকে ভারত থেকে এনে সাজা কার্যকরের দাবি ঢাকার তরফে আসবেই  বলে মনে করছেন কূটনৈতিক বিশেষজ্ঞরা। 

অসম সহ উত্তর পূর্বাঞ্চলের রাজ্যগুলিতে সশস্ত্র বিচ্ছিন্নতাবাদী আন্দোলননের অন্যতম নেতা পরেশ বড়ুয়ার এখন মূল গতিবিধি চিন, মায়ানমারে। গোয়েন্দা বিভাগের তথ্য, মূলত চিনেই অবস্থান করে এই বিচ্ছিন্নতাবাদী নেতা। কূটনৈতিক মহলের ধারণা, চিনের তরফে সাড়া না এলে সে দেশে আশ্রিত বড়ুয়ার পক্ষে কোনও পদক্ষেপ নেওয়া সম্ভব নয়।

বাংলাদেশে পরেশ বড়ুয়া
ঢাকা, চট্টগ্রাম, ময়মনসিংহে কামারুজ্জামান, নুরুজ্জামান নামে পরেশ বড়ুয়া সহ অন্যান্য আলফা নেতৃত্ব  ঘাঁটি গেড়েছিল। চট্টগ্রামের ‘দশ ট্রাক অস্ত্র’ মামলায় পরেশ বড়ুয়া বাংলাদেশ সরকারের কাছে ফাঁসির আসামী। চাঞ্চল্যকর এই ঘটনার সময় বাংলাদেশে চলছিল বিএনপি-জামাত ইসলামি জোট সরকার। প্রধানমন্ত্রী ছিলেন খালেদা জিয়া।

দশ ট্রাক অস্ত্র মামলা
খালেদা জিয়ার সরকারের অভ্যন্তরে সুকৌশলে সংযোগ স্থাপন করেছিল বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠন আলফা। পরিকল্পনা মাফিক চট্টগ্রাম বন্দর থেকে বিপুল পরিমান আগ্নেয়াস্ত্র চোরাচালানের সবুজ সংকেত আসে। ২০০৪  সালের ১লা এপ্রিল চালান হস্তান্তর হওয়ার আগেই পর্দা ফাঁস হয়। বন্দরের নিরাপত্তারক্ষীরা আটক করেন বহু পেটি। আগ্নেয়াস্ত্র বোঝাই সেই পেটিগুলি নিয়ে যেতে দশটি ট্রাক লেগেছিল। এই কারনে নাম দশ ট্রাক অস্ত্র মামলা। বিপুল পরিমাণ সেই চোরাই আগ্নেয়াস্ত্র উদ্ধারের পর ঘটনাস্থলে গিয়ে পূর্ণাঙ্গ তদন্তের নির্দেশ দেন তৎকালীন স্বরাষ্ট্র প্রতিমন্ত্রী লুতফুজ্জামান বাবর। তবে কাউকেই ধরা যায়নি। প্রশ্ন উঠতে থাকে সরকারের ভূমিকা নিয়েই।

দুই প্রাক্তন মন্ত্রীর ফাঁসির সাজা
বিএনপি সরকারের পতনের পর আওয়ামী লীগ সরকারের আমলে এই দশ ট্রাক অস্ত্র মামলার তদন্তে নাটকীয় মোড় নেয়। গোয়েন্দা তথ্যের ভিত্তিতে প্রাক্তন স্বরাষ্ট্র প্রতিমন্ত্রী লুতফুজ্জামান বাবর অন্যতম ষড়যন্ত্রী হিসেবে চিহ্নিত হয়। খালেদা জিয়া সরকারের ততকালীন শিল্পমন্ত্রী মতিউর রহমান নিজামীর নাম জড়ায়। পরে মুক্তিযুদ্ধে গণহত্যা চালানোর মামলায় জামাত ইসলামির শীর্ষ নেতা নিজামীর ফাঁসি কার্যকর করেছে বাংলাদেশ সরকার। আর বাবর ফাঁসির আসামী হয়ে বন্দি। তার বিরুদ্ধে বাংলাদেশে নাশকতার মামলা চলছে।

এই মামলায় বাংলাদেশের ৫ প্রাক্তন সেনা কর্মকর্তা ফাঁসির আসামী। তদন্তে উঠে এসেছে সরকারের অভ্যন্তর থেকে সেনাবাহিনীর ভিতরে চক্রান্তের জাল ছড়িয়েছিল আলফা। পলাতক পরেশ বড়ুয়া ওরফে কামারুজ্জামান ওরফে নুরুজ্জামানও ফাঁসির আসামী।

বাংলাদেশ ত্যাগ করার পর উত্তর মায়ানমার ও চিনের সংলগ্ন এলাকায় পরেশ বড়ুয়ার অবস্থান বারবার তথ্য প্রমাণ সহ গোয়েন্দা বিভাগ প্রকাশ করেছে। চিন ও মায়ানমার সরকার নীরব।

অসম সহ উত্তর পূর্বাঞ্চলে নাশকতা-বিস্ফোরণ, গণহত্যার বিভিন্ন মামলায় জড়িত পরেশ বডুয়ার নাম। আলফা এখন দ্বিখন্ডিত। সশস্ত্র পথের অনুসারী গোষ্ঠী আলফা (স্বাধীনতা)। এর সর্বোচ্চ নেতা পরেশ বড়ুয়া।

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AFSPA: বিতর্কিত আইনকে যুক্তিসঙ্গত করতে মরিয়া বিজেপি সরকার https://ekolkata24.com/uncategorized/rationalization-of-the-armed-forces-special-powers-act-himanta-biswa-sarma Sun, 02 Jan 2022 08:27:09 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17616 কেন্দ্রীয় সরকারের মাথার উপর এখনো খাঁড়ার মতো ঝুলছে বিতর্কিত আফস্পা আইন। ১৪ জন নিরীহ গ্রামবাসীর মৃত্যুর পর প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীর কাছ থেকে মিলেছিল কেবল কিছু শব্দ মাত্র। কিন্তু উত্তর-পূর্বের বাসিন্দাদের অনেকেই চাইছেন আফস্পা আইনের পূর্ণ প্রত্যাহার। সরকার কি শুনবে সেই কথা?

এখনই হয়তো পুরোপুরি তুলে নেওয়া হচ্ছে না বিতর্কিত এই আইন। অন্তত অসমের মুখ্যমন্ত্রী হিমন্ত বিশ্বশর্মার কথায় মিলেছে তেমনি আভাস। রবিবার গুয়াহাটিতে এক সাংবাদিক সম্মেলনে তিনি বলেছেন, “অসমের ৫-৬ টি জেলা থেকে ইতিমধ্যে সেনা তুলে নেওয়ার কথা বলা হয়েছে। ২০২২ সালে আফস্পা আইনে কিছু সংশোধন করা হতে পারে। যা হবে যুক্তিগ্রাহ্য।”

হিমন্ত জানিয়েছেন, “নাগাল্যান্ডের ঘটনা বিবরণী চেয়ে পুর্ণ রিপোর্ট পাঠানো হবে কেন্দ্রীয় সরকারের কাছে। ইতিমধ্যে গঠন করা হয়েছে একটি বিশেষ প্যানেল। ৪৫ দিনের মধ্যে রিপোর্ট জমা দেওয়ার কথা রয়েছে। কাগজপত্র জমা হওয়ার পর ইতিবাচক দিকে এগোনো যাবে বলে আশা করা হচ্ছে।”

আফস্পা আইন নিয়ে বিতর্কের সূত্রপাত সম্প্রতি নয়। এই আইন লাগু হওয়ার পর থেকেই রাজনৈতিক মহলের একাংশে একাধিকবার হয়েছে আলোচনা। তা সত্বেও গত বছরের ৩০ ডিসেম্বর নাগাল্যান্ডে আফপ্সার প্রয়োগকাল আরও বৃদ্ধি করে কেন্দ্র। কারণ হিসেবে বলা হয় ‘নাগাল্যান্ডের পরিস্থিতি বিপজ্জনক এবং চিন্তাব্যঞ্জক’।

উল্লেখ্য,৪ ডিসেম্বর নাগাল্যান্ডের মন জেলায় নিরাপত্তাবাহিনীর গুলিতে মৃত্যু হয়েছিল ৬ জনের৷ এরপর শুরু হয়েছিল অশান্তি। গ্রামবাসীরাও ঘুরে দাঁড়িয়েছিলেন বলে খবরে প্রকাশ। মৃত্যু হয় আরও ৮ জন গ্রামবাসীর৷ এক জওয়ানেরও মৃত্যু হয়েছে বলে জানা গিয়েছিল।

এমন মর্মান্তিক ঘটনার পর স্বভাবতই আলোড়িত হয়েছিল দেশ। বিজেপি বিরোধী দলগুলো চাপ বাড়াতে থাকে কেন্দ্রের ওপর। নাগাল্যান্ডের মুখ্যমন্ত্রী নেফিউ রিও, মেঘালয়ের মুখ্যমন্ত্রী কনরাড সাংমা-ও বিরোধীতা করেছেন আফস্পা আইনের।

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Assam:উচ্ছেদ হওয়া পরিবারগুলির বেশিরভাগ জবরদখলকারী ছিল না,সমীক্ষা রিপোর্ট https://ekolkata24.com/uncategorized/evicted-families-of-assams-dhalpur-not-illegal-immigrants-or-land-grabbers-says-report Sat, 25 Dec 2021 13:04:17 +0000 https://ekolkata24.com/?p=16201 News Desk: মাস দুয়েক আগে অসমের দরং জেলার ঢলপুর অঞ্চলে উচ্ছেদ অভিযানকে কেন্দ্র করে রক্তারক্তি কাণ্ড ঘটেছিল। সম্প্রতি একটি সংস্থার সমীক্ষা রিপোর্টে বলা হয়েছে, সেদিনের উচ্ছেদ অভিযানে বিতাড়িত পরিবারগুলি সকলেই অবৈধ অভিবাসী জমি দখলকারী ছিল না। যদিও রাজ্যের বিজেপি সরকারের দাবি ছিল, উচ্ছেদ হওয়া পরিবারগুলি সকলেই ছিল জমি দখলকারী।

সেন্টার ফর মাইনরিটি স্টাডিজ রিসার্চ অ্যান্ড ডেভেলপমেন্ট এই সমীক্ষা চালায়। ‘ঢলপুর দ্য ট্রুথ বিহাইন্ড’, (dhalpur the truth behind) শীর্ষক এই সমীক্ষাটির সঙ্গে যুক্ত ছিলেন ১৪ জন গবেষক। তারা ১৫ দিন ধরে সমীক্ষাটি চালিয়েছিলেন।

সমীক্ষায় উচ্ছেদ হওয়া ৯৬৩টি পরিবারের মধ্যে ৫১৭ টি পরিবারের সঙ্গে যোগাযোগ করা হয়। তাদের সঙ্গে কথা বলে এবং সমস্ত নথিপত্র যাচাই করে সমীক্ষকরা বলেছেন, ঢলপুরে উচ্ছেদ হওয়া পরিবারগুলির বেশিরভাগই জমি দখলকারী ছিল না।

রাজ্য সরকার অবশ্য এই রিপোর্ট নিয়ে সরাসরি কোনও প্রতিক্রিয়া জানায়নি। তারা বলেছে, ঢলপুরের উচ্ছেদ অভিযান নিয়ে কারও কোনও অসুবিধা থাকলে তারা আদালতে যেতেই পারে।

রাজ্যের বিজেপি সরকারের দাবি, ঢলপুরে ৭৭ হাজার ৪২০ বিঘা সংরক্ষিত জমি আছে। কিন্তু প্রায় দুই দশক ধরে বেশকিছু পরিবার বেআইনিভাবে ওই জমি দখল করে রেখেছে। নভেম্বরের প্রথমে এই বেআইনি দখলদারদের উচ্ছেদ করতে গেলেই পুলিশকে আক্রান্ত হতে হয়। দখলকারীদের হামলায় ৯ জন পুলিশ কর্মী জখম হয়েছিলেন। পরিস্থিতি সামাল দিতে পুলিশ গুলি চালালে দুই দখলকারীর মৃত্যু হয়। এই রক্তাক্ত ঘটনা নিয়ে গোটা দেশেই নিন্দার ঝড় উঠেছিল।

ব্রহ্মপুত্রের চর অঞ্চলের বিস্তীর্ণ এলাকায় দীর্ঘদিন ধরেই কিছু অনুপ্রবেশকারী বাস করছেন। ব্রহ্মপুত্র উপত্যকার ঢলপুর অঞ্চলটিতে মূলত সংখ্যালঘু সম্প্রদায়ের মানুষের বাস। এদের মধ্যে অনেকেই অবৈধভাবে বাংলাদেশ থেকে এখানে এসে বসবাস করছেন।

কিছু রাজনৈতিক দলের অভিযোগ, সংখ্যালঘু সম্প্রদায়ের মানুষ হওয়ার কারণে ঢলপুরে উচ্ছেদ অভিযানে নেমেছিল বিজেপি সরকারের পুলিশ। যদিও এ ধরনের অভিযোগ উড়িয়ে দিয়েছে মুখ্যমন্ত্রী হিমন্ত বিশ্বশর্মা সরকার। অসম সরকারের দাবি, সরকারি জমি দখলকারীদের কাছ থেকে উদ্ধার করতেই অভিযান চালানো হয়েছিল।

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অরুণাচলে উঁকি দিল লুপ্তপ্রায় টাকিন, কাজিরাঙায় ক্যামেরাবন্দি শ্বেত হরিণ https://ekolkata24.com/uncategorized/photos-of-rare-animal-takin-captured-in-arunachal-pradesh Sun, 19 Dec 2021 15:45:45 +0000 https://ekolkata24.com/?p=15481 News Desk: বক্সার জঙ্গলে সম্প্রতি দেখা মিলেছে বাংলার বিখ্যাত রয়েল বেঙ্গল টাইগারের। তবে শুধু পশ্চিমবঙ্গ নয়, এবার দেশের অন্যান্য রাজ্যেও গহন অরণ্যে ক্যামেরাবন্দি হচ্ছে একের পর এক লুপ্তপ্রায় বিরল প্রাণী। সেই তালিকায় জুড়ল আরও দুই লুপ্তপ্রায় প্রাণী। একই দিনে এল জোড়া সুখবর।

অরুণাচল প্রদেশের (arunachal Pradesh) দুর্গম অরণ্যে দেখা মিলল বিরল তালিকাভুক্ত লুপ্তপ্রায় প্রাণী তাকিন। এটি ভুটানের জাতীয় প্রাণী।

অরুণাচলের পূর্ব কামেং জেলার সেপ্পা জঙ্গল দুর্লভ প্রাণীদের অন্যতম আবাসস্থল হিসেবেই পরিচিত। স্নো লেপার্ড বা তুষার চিতার (snow leopard) সন্ধান চালাতে সম্প্রতি এই জঙ্গলের ৩ হাজার ৫০০ মিটার উচ্চতায় দুর্গম জঙ্গলে ক্যামেরা বসানো হয়েছিল। কিন্তু সেই লুকোনো ক্যামেরায় এমন এক ছবি মিলল যার জন্য বনদফতরের আধিকারিকরাও তৈরি ছিলেন না। লুকোনো ক্যামেরায় ধরা পড়ল লাল তালিকাভুক্ত (অতি বিরল) টাকিন (takin) নামের প্রাণীটি।

প্রাণীটি আদতে ছাগল গোত্রের। কিন্তু তার দেহ অনেক বড়। বিশ্বের বড় স্তন্যপায়ী প্রাণীর অন্যতম এই টাকিন। ভারতের জঙ্গলে এই বিরলতম প্রাণীর খোঁজ পাওয়ায় স্বাভাবিকভাবেই অবাক হয়েছেন বন্যপ্রাণী বিশেষজ্ঞরা। তবে ভুটানে এই প্রাণী সংরক্ষিত হয় দেশটির পশুশালায়।

আর অসমের কাজিরাঙ্গা অরণ্যে ক্যামেরাবন্দি হল বিরল হোয়াইট হগ ডিয়ার (white hog deer)। রবিবার কাজিরাঙ্গা জাতীয় উদ্যানে (Kaziranga National Park) খোঁজ মিলেছে অতি দুর্লভ এক সাদা হগ ডিয়ারের।একটি ভিডিয়ো সোশ্যাল মিডিয়ায় ভাইরাল হয়েছে। দেখা গিয়েছে, অন্যান্য হরিণের সঙ্গে জঙ্গলের ভেতর চরে বেড়াচ্ছে সাদা হরিণটি।

অসম বনদফতরের তরফে জানানো হয়েছে, যে ভিডিওটি ভাইরাল হয়েছে তা ‘হগ ডিয়ার’ বা শ্বেত হরিণ। সাধারণত এই ধরনের হরিণগুলি ছোট ও সাদা রঙের হয়। তবে এই হরিণটি অ্যালবিনো। অ্যালবিনো সাধারণত জিনগত একটি সমস্যা, যার জেরে প্রাণীর রং সাদা হয়ে যায়। এই হরিণটিও একটি অ্যালবিনো হরিণ। উল্লেখ্য, ওয়াইল্ডলাইফ ফটোগ্রাফার জয়ন্ত কুমার শর্মার তোলা একটি সাদা হরিণের ছবি সম্প্রতি ভাইরাল হয়েছিল সোশ্যাল মিডিয়ায়।

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Assam: বাঙালি অধ্যুষিত জেলায় নাগা জঙ্গিদের গুলি, দাবি অসম পুলিশের https://ekolkata24.com/uncategorized/naga-militants-shot-in-bengali-inhabited-district-claims-assam-police Tue, 14 Dec 2021 16:22:44 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14852 News Desk: নাগাল্যান্ডের মন জেলায় খনি শ্রমিকদের জঙ্গি সন্দেহে গুলি করে মারার পর থেকেই উত্তর পূর্বাঞ্চলের রাজ্যগুলিতে জঙ্গি হামলার আশঙ্কা করা হয়। সেই আশঙ্কা সত্যি করেই নাগা বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠনের হামলা হয়েছে অসমের (Assam) বাঙালি অধ্যুষিত এলাকা কাছাড়ে।

অসম পুলিশ জানাচ্ছে, রাজ্যের কাছাড় জেলার সঙ্গে মনিপুরের সীমানাবর্তী এলাকা জিরিঘাট। এখানকার শামটিলায় এক ব্যক্তি গুলিবিদ্ধ হয়েছেন। জখম ব্যক্তির চিকিৎসা চলছে।

অসমের কাছাড় জেলার সঙ্গে মনিপুরের আন্ত:রাজ্য সীমানা। হামলার খবর পেয়েই ঘটনাস্থলে যান কাছাড় জেলা পুলিশ সুপার রমনদীপ কাউর সহ পুলিশের উচ্চপদস্থ কর্তারা। এলাকায় আতঙ্ক ছড়িয়েছে।

Randeep Kaur SP kachar Dist

রমনদীপ কাউর, পুলিশ সুপার, কাছাড় জেলা

প্রাথমিক তদন্তে উঠে আসছে মনিপুরের দিক থেকে হামলা চালানো হয়। এতে জড়িত নাগা বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠন এনঅসসিএন (আই-এম) গোষ্ঠী। কাছাড়ের পুলিশ সুপার বলেছেন, মনিপুর সীমামায় শামটিলা গ্রামে কিছু নাগা বিচ্ছিন্নতাবাদী প্রবেশ করে। এই গ্রামে থাকা নাগা জাতির কয়েকজনের সঙ্গে বচসা হয়। এর পরেই গুলি চালায় নাগা বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠন এনএসসিএন (আই-এম) জঙ্গিরা।

এই বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠনটি কেন্দ্র সরকারের সঙ্গে শান্তি আলোচনা চালাচ্ছে। কী করে তারা গুলি চালাতে পারে তাও প্রশ্নের। কাছাড় জেলা পুলিশ জানিয়েছে প্রাথমিক অনুসন্ধান চলছে। পরবর্তীতে আরও জানানো হবে।

অসমের কাছাড় জেলার সঙ্গে মনিপুর, নাগাল্যান্ড ও মিজোরামের আন্ত:রাজ্য সীমানা। এই এলাকাগুলিতে বারবার হামলার ঘটনা ঘটে। সম্প্রতি অসম ও মিজোরাম আন্ত:রাজ্য সীমানায় দুই রাজ্যের পুলিশের মধ্যে গুলির লড়াই হয়েছিল। এতে অসম পুলিশের একাধিক সদস্যের মৃত্যু হয়।

অসম, নাগাল্যান্ড, মনিপুর ও মিজোরামের এই আন্ত:রাজ্য সীমানা এলাকায় বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠনগুলি সক্রিয়। উত্তর পূর্বাঞ্চলের অন্যতম বিচ্ছন্নতাবাদী নাগা গোষ্ঠী এনএসসিএন এখন কয়েকটি ভাগে বিভক্ত। মূল দুই গোষ্ঠী হলো এনএসসিএন (আইএম) ও এনএসসিএন খাপলাং। দ্বিতীয় গোষ্ঠীটি নাশকতা ঘটানো ও সেনা বাহিনীর উপর বিভিন্ন সময় হামলা করেছে।

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Assam: মারাদোনার চুরি যাওয়া হাতঘড়ি উদ্ধার অসমে https://ekolkata24.com/uncategorized/assam-police-have-recovered-a-luxury-swiss-watch-belonging-to-the-late-footballer-diego-maradona Sat, 11 Dec 2021 11:34:22 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14441 News Desk: প্রয়াত কিংবদন্তি ফুটবলার দিয়েগো মারাদোনার কয়েক কোটি টাকার হুব্লুট সংস্থার হাত ঘড়ি উদ্ধার করল অসম (Asasm) পুলিশ। দুবাইতে খোয়া গিয়েছিল প্রয়াত মারাদোনার দুর্মূল্য ঘড়ি। দুবাই পুলিশের সহযোগিতায় অসম পুলিশ অভিযান চালিয়ে ঘড়ি উদ্ধার করে।

২০১১ সালে দুবাইয়ের (dubai) একটি ক্লাবে প্রশিক্ষণ দিতে এসেছিলেন ফুটবলের রাজপুত্র মারাদোনা (maradona)। নির্দিষ্ট সময় পর মারাদনা দুবাই থেকে তাঁর দেশে ফিরে যান। দেশে ফিরে যাওয়ার আগে মারাদোনার ব্যবহার করা বেশ কিছু জিনিস স্মারক হিসেবে রেখে দেয় দুবাইয়ের একটি সংস্থা। মারাদোনার ব্যবহার করা জিনিসগুলি তাদের সংগ্রহশালায় রেখেছিল ওই সংস্থা। সেখান থেকেই একটি দামি ‘হুবলট’ ঘড়ি (watch) খোয়া গিয়েছিল। কিছু দিন ধরেই ওই ঘড়িটির খোঁজ চলছিল। শেষ পর্যন্ত তার খোঁজ পাওয়া গেল অসমের শিবসাগরে (shibsagar in assam)। ঘড়ি চুরির এই ঘটনায় ওয়াজিদ হুসেন নামে এক ব্যক্তিকে গ্রেফতার করা হয়েছে। ওই ব্যক্তি দুবাইয়ে নিরাপত্তা রক্ষীর কাজ করতেন। ফুটবলের রাজপুত্র প্রয়াত মারাদোনার ঘড়ি চুরি নিয়ে ইতিমধ্যেই বিশ্বজুড়ে হইচই শুরু হয়েছে।

গত মাসেই ফুটবলের রাজপুত্রর প্রথম মৃত্যুবার্ষিকী পালিত হয়েছে। ২০১০ সালে বিশ্বকাপ ফুটবলের ঠিক পরেই অর্থাৎ ২০১১ সালে দুবাইয়ের একটি ক্লাবে প্রশিক্ষকের দায়িত্ব নিয়ে এসেছিলেন মারাদোনা। সে সময় মারাদোনার ব্যবহার করা বেশ কিছু জিনিস দুবাইয়ের একটি সংস্থার কাছে স্মারক হিসেবে থেকে যায়। সেই সমস্ত জিনিসের মধ্যেই কিছুদিন আগে একটি দামি হুবলট ঘড়ি খোয়া যায়। যার দাম ভারতীয় মুদ্রায় প্রায় কুড়ি লাখ টাকা। ঘড়ি চুরির তদন্ত করছিল দুবাই পুলিশ। সম্প্রতি দুবাই পুলিশ বিষয়টি জানায় অসম পুলিশকে। দুবাই পুলিশের দেওয়া তথ্যের ভিত্তিতেই অসমের শিব সাগর থেকে ওয়াজিদ নামে ওই ব্যক্তিকে গ্রেফতার করা হয়। উদ্ধার করা হয় মারাদোনার ঘড়িটি। ধৃত ব্যক্তি দুবাইয়ের একটি সংস্থায় নিরাপত্তারক্ষীর কাজ করতেন। ওই সংস্থার সংগ্রহেই ছিল মারাদোনার ঘড়িটি। যা পরবর্তী ক্ষেত্রে চুরি হয়ে যায়।

বিষয়টি জানার পর প্রথম থেকেই অসমের শিবসাগরের ওই বাসিন্দার উপর সন্দেহ ছিল দুবাই পুলিশের। কারণ চুরির ঘটনার পর ওই নিরাপত্তারক্ষী দুবাই থেকে হঠাৎই শিবসাগর ফিরে আসেন। কিছুদিন আগে দুবাই পুলিশ বিষয়টি জানায় অসম সরকারকে। শেষ পর্যন্ত দুবাই ও অসম পুলিশ যৌথ অভিযান চালিয়ে শনিবার ভোর চারটে নাগাদ ওই ব্যক্তিকে গ্রেফতার করে। তার বাড়ি থেকেই মিলেছে মারাদোনার ওই ঘড়ি।

অসম পুলিশের ডিজি ভাস্করজ্যোতি মহান্তি ঘড়ি চুরির ঘটনার কথা স্বীকার করেছেন। জেলার পুলিশ সুপার রাকেশ রোশন জানিয়েছেন, ওয়াজিদ নামে ওই ব্যক্তি ২০১৬ সাল থেকে দুবাইয়ের একটি সংস্থায় নিরাপত্তা রক্ষীর কাজ করতেন। তিন দিন আগে তিনি দুবাই থেকে দেশে ফেরেন। সম্ভবত ঘড়ি চুরি করার কারণেই তিনি তড়িঘড়ি দেশে ফিরে আসেন। বিষয়টি আমাদের জানিয়েছিল দুবাই পুলিশ। দুবাই পুলিশের দেওয়া তথ্যের উপর ভিত্তি করে আমরা ওয়াজিদকে গ্রেফতার করেছি। পুলিশ সুপার আরও জানিয়েছেন, এই মুহূর্তে তাঁরা ওয়াজিদকে জিজ্ঞাসাবাদ করছেন। তবে ধৃতকে দুবাই পুলিশের হাতে তুলে দেওয়া হবে কিনা সে বিষয়ে এখনও কোনও সিদ্ধান্ত হয়নি।

উল্লেখ্য, বেঁচে থাকাকালীন মারাদোনা তিনবার ভারতে এসেছেন। যার মধ্যে দু’বার এসেছেন কলকাতায় এবং একবার কেরলে। তিনি কখনও অসমে যাননি। কিন্তু ঘড়ির সুবাদে মারাদোনা পৌঁছে গেলেন অসমেও।

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Mamata Banerjee: এ মাসেই অসম-মেঘালয়ে মমতা ও অভিষেক https://ekolkata24.com/uncategorized/tmc-supremo-mamata-banerjee-along-with-abhishek-banerjee-to-visit-meghalaya-in-december Fri, 10 Dec 2021 06:02:23 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14298 নিউজ ডেস্ক : চলতি মাসে অসম, মেঘালয় ও গোয়া সফরে যাচ্ছেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় (Mamata Banerjee)। তাঁর সঙ্গে যাবেন দলের সাধারণ সম্পাদক অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায়ও।

সূত্রের খবর, আগামী ২০ ডিসেম্বর মুখ্যমন্ত্রী অসমে (Assam) যাবেন। তবে ওই রাজ্যে এখনও তাঁর কোন দলীয় কর্মসূচি নেই। ওইদিন গুয়াহাটিতে কামাখ্যা মন্দিরে (Kamakhya temple) পুজো দিয়ে তারপর দিন অর্থাৎ ২১ ডিসেম্বর সেখান থেকে সড়ক পথে শিলং (Shilong) যাবেন। সেখানে সংগঠনের কাজ খতিয়ে দেখার পর সাংবাদিক সম্মেলন করতে পারেন তৃণমূল (TMC) সুপ্রিমো।

এদিকে আগামী ১৩ ডিসেম্বর আবার গোয়া (Goa) যাচ্ছেন মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় ও অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায়। এর আগে দুজনেই গোয়ায় রাজনৈতিক সফর করেছেন। আগামী সপ্তাহে গোয়ায় ফের তাঁদের ঠাসা কর্মসূচি রয়েছে। গত ২৫ নভেম্বর সদলবলে তৃণমূলে (TMC) যোগ দিয়েছেন মেঘালয়ের প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী মুকুল সাংমা (Mukul Sangma)-সহ ১২ জন বিধায়ক। এ রাজ্যের মন্ত্রী মানস ভুঁইঞার উপস্থিতিতে ঘাসফুল শিবিরের পতাকা হাতে তুলে নেন তাঁরা। আর তাঁরা কংগ্রেস ছেড়ে তৃণমূলে যোগ দিতেই মেঘালয়ের প্রধান বিরোধী দলের তকমা পেয়েছে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের দল।

অন্যদিকে, মেঘালয়ে সম্প্রতি যথেষ্ট শক্তি বাড়িয়েছে তৃণমূল। কংগ্রেসের ১২ জন কাউন্সিলরকে নিয়ে প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী মুকুল সাংমা তৃণমূলে যোগ দিয়েছেন। মমতা এই প্রথম মেঘালয়ে গিয়ে সেখানকার তৃণমূলের নেতাকর্মীদের সঙ্গে সাংগঠনিক বৈঠক করবেন। দলীয় সূত্রে খবর একটি জনসভা করার পরিকল্পনা নেওয়া হচ্ছে। সবমিলিয়ে, তৃণমূল নেত্রীর শিলং সফর বেশ তাৎপর্যপূর্ণ হতে চলেছে, তা বলাই বাহুল্য।

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Bankura: অসমে ডি-ক্যাম্পের ভয়াবহ বন্দিদশা কাটিয়ে ফের ভোটার গঙ্গাধর https://ekolkata24.com/uncategorized/after-released-from-d-camp-indian-citizen-gangadhar-received-new-voter-card Tue, 07 Dec 2021 11:35:56 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13966 তিমিরকান্তি পতি, বাঁকুড়াঃ অবশেষে ভোটার সচিত্র পরিচয় হাতে পেলেন চার বছর অসমের ডিটেনশন ক্যাম্পে কাটানো, বিষ্ণুপুরের (Bankura) রাধানগর গ্রামের যুবক গঙ্গাধর প্রামানিক। মঙ্গলবার স্থানীয় মহকুমাশাসক অনুপ কুমার দত্ত গঙ্গাধরের বাড়িতে গিয়ে তাঁর হাতে সচিত্র ভোটার পরিচয়পত্র তুলে দেন।

মাত্র ১৬ বছর বয়সে বাড়ি থেকে কাজের খোঁজে বেরিয়ে অসমে পৌঁছে গেছিলেন রাধানগর গ্রামের যুবক গঙ্গাধর প্রামানিক। সেখানে কিছুদিন হোটেলে কাজ করেন তিনি। সঙ্গে সচিত্র ভোটার পরিচিতি পত্র সহ অন্যান্য প্রয়োজনীয় কাগজপত্র না থাকা ২০১৭ সালে অসম পুলিশ তাকে বাংলাদেশি অনুপ্রবেশকারী সন্দেহে গ্রেফতার করে।

ওই বছরেরই ১২ ডিসেম্বর থেকে ‘গোয়ালপাড়া ডিটেনশান ক্যাম্পে’ জায়গা হয় বাঁকুড়ার বাসিন্দা গঙ্গাধরের। অসমের ‘সিটিজেন ফর জাস্টিস অ্যাণ্ড পিস’ নামে একটি স্বেচ্ছাসেবী সংগঠনের সৌজন্যে বন্দিদশা থেকে মুক্তি পেয়ে চলতি বছরের সেপ্টেম্বর মাসে রাধানগরের বাড়িতে ফেরেন গঙ্গাধর প্রামানিক।

বিষ্ণুপুর মহকুমা শাসকের সৌজন্যে সচিত্র ভোটার পরিচিতিপত্র হাতে পেয়ে খুশি এক সময় ‘নিজ দেশে পরবাসী জীবন কাটানো গঙ্গাধর প্রামানিক।

মহকুমাশাসক অনুপ কুমার দত্ত বলেন, ভোটার পরিচিতি পত্র না থাকায় অসমে কাজ করতে গিয়ে সমস্যায় পড়েছিল রাধানগরের গঙ্গাধর প্রামানিক। সেখান থেকে ফেরার পর সচিত্র ভোটার পরিচিতিপত্রের জন্য সে আবেদন করেছিল। সমস্ত তথ্য, প্রমাণ যাচাই করে তার হাতে এই পরিচিতি পত্র তুলে দেওয়া হলো।

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Assam: চাপে পড়ে রাষ্ট্রদ্রোহিতার অভিযোগে অভিযুক্ত সাংবাদিককে মুক্তি দিল অসম পুলিশ https://ekolkata24.com/uncategorized/assam-journalist-booked-on-sedition-charges-for-article-released-on-pr-bond Tue, 07 Dec 2021 11:08:29 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13958 News Desk: বিভিন্ন মহল থেকে নিন্দা ও সমালোচনার (Criticism)ঝড় ওঠায় শেষ পর্যন্ত রাষ্ট্রদ্রোহিতার অভিযোগে অভিযুক্ত সাংবাদিক (journalist) অনির্বাণ রায়চৌধুরীকে (Anirban Roychudhury) ব্যক্তিগত বন্ডে মুক্তি দিল অসম (Assam) পুলিশ।

বিতর্কিত দুটি নিবন্ধ লেখার জন্য অসামের শিলচর (Silchar district) জেলার ওই সাংবাদিককে গ্রেফতার করা হয়েছিল। শান্তনু সূত্রধর (Santanu Sutradhar) নামে এক ব্যবসায়ীর অভিযোগের ভিত্তিতে ওই সাংবাদিককে গ্রেফতার করা হয়। পুলিশ ওই সাংবাদিকের বিরুদ্ধে বিভিন্ন গোষ্ঠীর মধ্যে বিদ্বেষ এবং রাষ্ট্রদ্রোহিতা-সহ একাধিক ধারায় অভিযোগ দায়ের করে।

‘অসম বুলেটিন’ নামে একটি নিউজ পোর্টাল চালান অনির্বাণ। সম্প্রতি তাঁর লেখা দু’টি নিবন্ধ নিয়ে বিতর্ক তৈরি হয়। ওই দুটি নিবন্ধে সাংবাদিক অনির্বাণ ১৯৬১ সালের অসমীয়া ভাষা সংশোধনী আইন এবং স্থানীয় সামাজিক ও সাংস্কৃতিক সংগঠন নিয়ে প্রশ্ন তুলেছিলেন।

ব্যক্তিগত বন্ডে মুক্তি পাওয়ার পর অনির্বাণ মঙ্গলবার সাংবাদিকদের জানিয়েছেন, পুলিশ তাঁর কাছে বারবার জানতে চাইছিল যে, তিনি কেন এই ধরনের নিবন্ধ লিখেছেন? পুলিশের ধারণা, তাঁর লেখা মানুষের ভাবাবেগে আঘাত করতে পারে। তবে অনির্বাণ পুলিশকে পাল্টা জানিয়ে দিয়েছেন যে, তাঁর লেখার প্রতিটি শব্দ তিনি বিশ্বাস করেন এবং সঠিক বলেই মনে করেন। তাই সেগুলি বদল করার কোনও প্রশ্নই ওঠে না। তিনি তাঁর লেখা বদল করবেন না বলে জানালেও, তদন্তে পুলিশের সঙ্গে সব ধরনের সহযোগিতা করায় তাঁকে মুক্তি দেওয়া হয়েছে বলে অনির্বাণ জানান।

সম্প্রতি অসমের বরাক উপত্যকায় আরও তিন জেলার সাংবাদিকদের বিরুদ্ধে বেশ কয়েকটি এফআইআর দায়ের হয়েছে। প্রতিটি ক্ষেত্রেই মুখ্যমন্ত্রী হিমন্ত বিশ্বশর্মার হস্তক্ষেপ চেয়ে জেলার সাংবাদিকরা চিঠি দিয়েছেন। সাংবাদিকদের পক্ষ থেকে মুখ্যমন্ত্রীর কাছে আর্জি জানানো হয়েছে, তাঁদের স্বাধীনভাবে কাজ করতে দেওয়া হোক। কাছাড় জেলার পুলিশ সুপার অবশ্য জানিয়েছেন, অনির্বাণকে ইতিমধ্যেই জেরা করা হয়েছে। তাঁকে ব্যক্তিগতভাবে মুক্তি দেওয়া হলেও প্রয়োজনে আবারও ডাকা হতে পারে।

রাজনৈতিক মহল মনে করছে, অসমের বিজেপি সরকার তাদের বিরুদ্ধে কোনও লেখাই প্রকাশ হতে দিতে চায় না। যেহেতু অনির্বাণের লেখাগুলিতে বিজেপি সরকারের সমালোচনা ছিল তাই মুখ্যমন্ত্রী তথা বিজেপির ইঙ্গিতেই অনির্বাণকে গ্রেফতার করেছিল পুলিশ। কিন্তু বিভিন্ন মহল থেকে চাপ ওঠায় শেষ পর্যন্ত বিজেপি সরকারের পুলিশ পিছু হটতে বাধ্য হয়েছে। এটা সংবাদমাধ্যম ও সাংবাদিক অনির্বাণের নৈতিক জয়।

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Nagaland: নাগাল্যান্ড যাচ্ছে তৃণমূলের প্রতিনিধি দল https://ekolkata24.com/uncategorized/trinamool-delegation-going-to-nagaland Mon, 06 Dec 2021 05:31:20 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13733 নিউজ ডেস্ক : শনিবার রাতে অসম রাইফেলসের হাতে ১৩ জন গ্রামবাসী মারা যায়। এরপরই উন্মত্ত জনতা মন জেলার অসম রাইফেলস ক্যাম্পে ভাঙচুর চালালে এক জওয়ানের মৃত্যু হয়। এরই মধ্যে অসম রাইফেলসের গুলিতে নিহতদের ও আহতদের পরিবারের সঙ্গে দেখা করতে আজ নাগাল্যান্ডের (Nagaland) মন জেলায় প্রতিনিধি দল পাঠাচ্ছে তৃণমূল (TMC)।

দলের তরফে রাজ্যসভার সাংসদ ও তৃণমূলের সর্বভারতীয় মুখপাত্র ডেরেক ও’ব্রায়েন বিবৃতি দিয়ে এই ঘোষণা করেছেন। প্রতিনিধি দলে থাকছেন তৃণমূলের চার সাংসদ প্রসূন বন্দ্যোপাধ্যায়, অপরূপা পোদ্দার, সুস্মিতা দেব, শান্তনু সেন ও মিজোরামের প্রাক্তন অ্যাডভোকেট জেনারেল বিশ্বজিত্‍ দেব।

উল্লেখ্য, শনিবার রাতে জঙ্গি দমন অভিযান চলাকালীন সেনাবাহিনীর গুলিতে ১৩ জন নিরাপরাধ গ্রামবাসীর মৃত্যু হয়েছে। সংঘর্ষে নিহত হন এক জাওয়ানও। এই ঘটনায় পরিস্থিতি ক্রমশ উত্তপ্ত হয়। উত্তেজনা নিরসনে ইন্টারনেট পরিষেবা বন্ধ করা হয়।

কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহ নাগাল্যান্ডের এই ঘটনায় ইতিমধ্যেই তদন্তের আশ্বাস দিয়েছেন। ঘটনাকে দুর্ভাগ্যজনক আখ্যা দিয়ে বিবৃতি প্রকাশ করেছে ভারতীয় সেনাবাহিনী। উচ্চ পর্যায়ের তদন্তের আশ্বাস দেওয়া হয়েছে। ভয়াবহ এই ঘটনায় উদ্বেগ প্রকাশ করেছেন বাংলার মুখ্যমন্ত্রীও। নিরীহ গ্রামবাসীদের মৃত্যুর সঠিক বিচারের দাবি জানিয়েছেন তিনি টুইট করেছেন, ‘নাগাল্যান্ডের খবর অত্যন্ত উদ্বেগজনক। শোকাহত পরিবারের প্রতি আমার আন্তরিক সমবেদনা। আহতদের দ্রুত আরোগ্য কামনা করছি। আমাদের অবশ্যই ঘটনার পুঙ্খানুপুঙ্খ তদন্ত নিশ্চিত করতে হবে এবং নিশ্চিত করতে হবে যে সকল ভুক্তভোগী যেন ন্যায়বিচার পান!’

প্রসঙ্গত, এই প্রথন নয়, এর আগেও দেশের নানাপ্রান্তে বিভিন্ন ঘটনার জেরে প্রতিনিধি দল পাঠিয়েছে তৃণমূল। এনআরসির সময় অসমে প্রতিনিধি দল পাঠিয়েছিল তৃণমূল কংগ্রেস। তবে তাঁদের বিমানবন্দরের বাইরে বেরোতে দেওয়া হয়নি। পরে তিনসুখিয়ায় পাঁচ বাঙালির হত্যার ঘটনার পরও অসমে যায় তৃণমূলের প্রতিনিধি দল। দিল্লি সীমানায় কৃষি আইন বাতিলের দাবিতে আন্দোলনকারীদের সঙ্গে গিয়েও দেখা করেছিলেন ডেরেক ও’ব্রায়েন সহ তৃণমূলের সাংসদ ও নেতারা। উত্তরপ্রদেশের লখিমপুর খেরিতে কৃষকদের পিষে দেওয়ার ঘটনার পরও সেখানে পৌঁছে গিয়েছিল তৃণমূলের সাংসদের প্রতিনিধি দল। তবে সেখানে প্রিয়াঙ্কা-রাহুল সহ কংগ্রেস দল আটকে যান। এবার নাগাল্যান্ডে যাচ্ছে তৃণমূল নেতৃত্ব।

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Nagaland: ফের অসম রাইফেলসের গুলি চালানোর অভিযোগ, আরও মৃত্যু https://ekolkata24.com/uncategorized/section-144-imposed-in-nagalands-mon-district-after-vandalized-assam-rifles-camp Sun, 05 Dec 2021 15:42:56 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13695 News Desk: নাগাল্যান্ডের (Nagaland) পরিস্থিতির তীব্র উত্তেজনপূর্ণ। মন জেলার অসম রাইফেলসের বিরুদ্ধে ফের গুলি চালানোর অভিযোগ উঠল। আরও দুই ব্যক্তির মৃত্যুর খবর আসছে।গুয়াহাটি ও কোহিমার বিভিন্ন সংবাদ মাধ্যমের খবর,মৃতের সংখ্যা বেড়ে হয়েছে ১৬ জন। মৃতদের মধ্যে ১৫ জন নাগাল্যান্ডের মন জেলার তুরি-ওটিং গ্রামের বাসিন্দা। মৃত এক অসম রাইফেলস জওয়ান।

পড়ুন: Nagaland: বড়দিনের আগেই রক্তাক্ত নাগাভূমি, নাগা পাহাড়ে ভয়ের মেঘ

জঙ্গি সন্দেহে গ্রামবাসী শ্রমিকদের উপর শনিবার গুলি চালায় অসম রাইফেলস। রক্তাক্ত পরিস্থিতির পর নাগাল্যান্ড সহ উত্তর পূর্বাঞ্চল জুড়েই ধিক্কার শুরু হয়েছে। রাজ্য ও কেন্দ্রের তরফে বলা হয়েছে অসম রাইফেলস ‘ভুল’ করে গুলি চালিয়েছিল। এতে ক্ষোভ সামলানো যায়নি।

Mon district massacre

গ্রামবাসীদের গুলি করে মারার প্রতিবাদে রবিবার দুপুর থেকে নাগাল্যান্ডের মন জেলা তীব্র উত্তেজনাপূর্ণ। স্থানীয় অসম রাইফেলস ক্যাম্পে ভাঙচুর ও আউট পোষ্ট জ্বালিয়ে দেওয়া হয়েছে। এতে স্পষ্ট সামগ্রিক পরিস্থিতি নাগাল্যান্ড রাজ্য প্রশাসনের হাতের বাইরে।

গুয়াহাটির সংবাদ মাধ্যম জানাচ্ছে, আউট পোস্টে হামলা, আগুন ধরানো রুখতে শূন্যে গুলি চালায় অসম রাইফেলস। অভিযোগ এবারেও গুলি লেগে আরও দুই ব্যক্তি মারা গেছেন।

Nagaland Assam rifles

নাগাল্যান্ডের মন জেলার তুরি-ওটিং সড়কের পাশে ওটিং গ্রামে রক্তাক্ত পরিস্থিতির প্রতিবাদে ক্ষোভ ছড়িয়েছে অসম, মেঘাল়য, মনিপুর, মিজোরামে। বিক্ষোভের আক্রোষে উত্তপ্ত পুরো উত্তর পূর্বাঞ্চল।

দিল্লি সফর কাটছাঁট করে তড়িঘড়ি কোহিমা ফিরছেন নাগাল্যান্ডের মুখ্যমন্ত্রী নেইফিউ রিও। তিনি ডিমাপুর হয়েই আসবেন। এদিকে ক্ষোভের আঁচে উত্তপ্ত ডিমাপুর। বিভিম্ন সংগঠনের তরফে মুখ্যমন্ত্রীকে ঘেরাও করার প্রস্তুতি চলছে। রাজধানী কোহিমা শহরেও তীব্র ক্ষোভ দেখাচ্ছেন স্থানীয় বাসিন্দারা।

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এখনই গোটা দেশে NRC কার্যকর হচ্ছে না, জানাল কেন্দ্র https://ekolkata24.com/uncategorized/no-decision-on-nationwide-nrc-said-union-minister Tue, 30 Nov 2021 15:52:09 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12904 News Desk: এখনই গোটা দেশে এনআরসি (NRC) বা জাতীয় নাগরিকপঞ্জি কার্যকর করার কোনও পরিকল্পনা নেই সরকারের। মঙ্গলবার সংসদে এক প্রশ্নের উত্তরে জানালেন স্বরাষ্ট্র মন্ত্রকের প্রতিমন্ত্রী নিত্যানন্দ রাই।

তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদ মালা রায় কেন্দ্রের কাছে জাতীয় নাগরিকপঞ্জি সম্পর্কে জানতে চান। সাংসদ প্রশ্ন করেন,দেশে কবে থেকে এনআরসি চালু হবে? প্রশ্নের জবাবে মন্ত্রী বলেন, এখনই দেশজুড়ে এনআরসি কার্যকর করার কোনও পরিকল্পনা কেন্দ্রের নেই।

উল্লেখ্য,এনআরসি নিয়ে রক্তাক্ত চেহারা নিয়েছিল অসম। এনআরসি বিরোধিতা করে দেশজুড়ে প্রতিবাদ আন্দোলন শুরু করেছিল বিরোধীরা। ঘটনার জেরে এনআরসি এবং নাগরিকত্ব সংশোধনী আইন বা সিএএ নিয়ে ধীরে চলো নীতি নিয়েছে মোদী সরকার।

কেন্দ্রীয় মন্ত্রী নিত্যানন্দ রাই জানিয়েছেন, এখনও পর্যন্ত শুধু অসমে এনআরসি কার্যকর হয়েছে। ২০১৯-এর ৩১ অগাস্টে অসমে এনআরসির চূড়ান্ত তালিকা প্রকাশ করা হয়েছে। তবে গোটা দেশে এখনই এনআরসি বা জাতীয় নাগরিকপঞ্জি কার্যকর করার কোনও চিন্তা-ভাবনা নেই সরকারের।

নাগরিকত্ব সংশোধনী আইন নিয়ে মন্ত্রী বলেন, এ ব্যাপারে ২০১৯ সালের ১২ ডিসেম্বর একটি বিজ্ঞপ্তি জারি হয়েছে। ২০২০ সালের ১০ জানুয়ারি থেকে ইতিমধ্যেই এই আইন চালু হয়েছে।

এনআরসি ও সিএএ নিয়ে পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভা ভোটে তীব্র আক্রমনাত্মক ছিলেন বিজেপির হয়ে প্রচারে আসা অমিত শাহ, উত্তর প্রদেশের মুখ্যমন্ত্রী যোগী আদিত্যনাথ। অপর দিকে তৃণমূল কংগ্রেস নেত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় ছিলেন তীব্র বিরোধিতায়। এনআরসি ও সিএএ বিরোধিতা করে বামফ্রন্ট ও কংগ্রেস। রাজ্যের নাগরিক সমাজের বড় অংশ এই নিয়ম প্রয়োগের বিরোধিতা করেন। প্রচারে বিজেপি বারবার দাবি করে রাজ্যে ক্ষমতায় এলে লাগু হবে এনআরসি।

বিজেপি বিরোধীরা অসমের উদাহরণ টেনে দেখান সে রাজ্যে এনআরসি ও সিএএ প্রয়োগে বাংলাভাষীদের চরম দূর্দশার চিত্র। অসমে যে ১৯ লক্ষ মানুষ এন়ারসিতে কাটা পড়েছেন তাদের বেশিরভাগ হিন্দু। ফলে চরম বিড়ম্বনায় পড়ে বিজেপি। তবে অসমে বিজেপি সরকার ধরে রেখেছে। অভিযোগ, এনআরসি ও সিএএ নিয়ে সে রাজ্যে দুর্দশার কবলে পড়া বাংলাভাষী সমাজ ক্ষুব্ধ। তারা অচিরেই বিজেপি থেকে মুখ ঘুরিয়ে নেবেন বলে হুঁশিয়ারি দিয়েছে বাঙালি সংগঠনগুলি।

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Assam: হিন্দু অসমবাসী বাঙালিদের প্রতি জাতিগত সংঘর্ষের সতর্কতা দিলেন হিমন্ত https://ekolkata24.com/uncategorized/himanta-biswasarma-warned-of-ethnic-clashes-against-non-hindu-bengalis Sat, 27 Nov 2021 16:43:03 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12609 News Desk: “ব্রহ্মপুত্র উপত্যকায় হিন্দু বাঙালির মধ্যে উত্তেজনা বৃদ্ধি করার ষড়যন্ত্র করছে একাংশ। এখানে বাঙালিদের কষ্ট দেওয়ার জন্য একাজ করছে এরা। বরাকে হিন্দু বাঙালিরা সংখ্যালঘুতে পরিণত হয়েছে। সেখানে হিন্দুর সংখ্যা নেই বললেই চলে। এমতাবস্থায় একটি চক্র ব্রম্মপুত্র উপত্যকার বাঙালিদের বিপদাপন্ন করতে একাংশ বার বার চাইছে “। এ কথা বলেন অসমের (Assam) মুখ্যমন্ত্রী ডক্টর হিমন্ত বিশ্বশর্মা (Himanta Biswasarma)।

শনিবার গুয়াহাটিতে সাংবাদিক বৈঠক ডেকে তিনি আরও বলেন , এই এলাকার বাঙালিদের দুর্বল করতে চক্রান্ত করা হচ্ছে। বরাকে অসমিয়ার উপর আক্রমণ হয়না। বরঞ্চ ব্রহ্মপুত্র উপত্যকায় বসবাস করা হিন্দু বাঙালিদের মধ্যে যাতে ভাতৃঘাতী সংঘর্ষ হয় ,এরজন্য কুট কৌশল চালানো হচ্ছে। বিভিন্ন চাপ সৃষ্টি করা হচ্ছে। কেননা বরাক উপত্যকায় অসমিয়া ভাষার হোর্ডিং মোছার সঙ্গে সঙ্গেই ব্রহ্মপুত্র উপত্যকায় বসবাস করা বাঙালিদের কোনও সংগঠন হামলা করতে পারে। এমনটাই পরিকল্পনা করা হয়েছিল। আর একথা তারা জানেন। তাই হোর্ডিং মুছে দেওয়া ব্যক্তি যদি বাঙালি প্রেমিক হন ,তাহলে একাজ করতেই পারেন না।বলেন , নিজের জাতিকে বিপদাপন্ন করার ষড়যন্ত্র তারাই করছেন।

তবে নাম উল্লেখ না করেই তিনি বলেন ,ওই ব্যক্তি বাঙালি বিদ্বেষী। আর বরাক উপত্যকায় অন্য রাজনৈতিক শক্তির যেভাবে আগ্রাসন শুরু হয়েছে ,তাতে মদত যোগাচ্ছে এরা। এধরণের শক্তিকে যেভাবেই হোক প্রতিহত করতে হবে। তিনি বলেন ,বর্তমান সরকারকে এখনো বুঝে উঠতে পারেননি এরা। সমাজে অস্থিরতা সৃষ্টি করলে কোনওভাবেই মেনে নেবো না। বর্তমান সরকার এক্ষেত্রে খুবই শক্ত। তবে একজন অখ্যাত ব্যক্তি যাতে বিখ্যাত হতে না পারেন, সেদিকে লক্ষ্য রেখেই যাবতীয় ব্যবস্থা নেওয়া হচ্ছে। এদের বেশি গুরুত্ব দিলে অখ্যাত ব্যক্তি বিখ্যাত হয়ে যাবে।

হিমন্ত বিশ্বকর্মা বলেন, মুখ্যমন্ত্রী পদে আমি রয়েছি ,যেদিন ঠেলা পড়বে, তখন সহজেই বুঝে যাবেন। তিনি বলেন, সময় এলে পুরো ঠেলা দিয়ে দেব। এধরণের ব্যক্তিকে কোনওদিন সহজভাবে নেওয়াটা ঠিক হবে না। বাস্তবে বাঙালির বিরুদ্ধে এরা কাজ করছেন।

মুখ্যমন্ত্রী ডক্টর শর্মা বলেন ,বিতর্কিত ওই ব্যক্তির বিরুদ্ধে কিছু পদক্ষেপ নিলে আবেগের পরিস্থিতি সৃষ্টি হবে। এক্ষেত্রে পদক্ষেপ গ্রহণের জন্য বিজেপি দলের পক্ষ থেকে ব্যবস্থা নেওয়া হচ্ছে। তাঁর কথায় ,এই ব্যক্তি কার ইশারায় কাজ করছেন, সেটা আমাদের জানতে হবে। কেননা ওই ব্যক্তি যা করছেন ,বরাকের বাঙালি হিন্দুরা বিপদে পড়ছেন।সংখ্যালঘু হচ্ছেন বাঙালি হিন্দুরা। সেখানে হিন্দু বাঙালিরা এখন আর সংখ্যাগুরু নয়। যদিও আমরা এখানে বসেই যা খুশি তাই ভাবছি। কিন্তু শিলচর সহ গোটা বরাকে হিন্দু বাঙালিদের খুব বাজে অবস্থা। এনিয়ে তিনি আরও বলেন ,সেখানে হিন্দু বাঙালি বিধায়ক কজন রয়েছেন। ব্রহ্মপুত্র উপত্যকায় বসবাস করা হিন্দু বাঙালিদের উপর যাতে নেতিবাচক প্রভাব পড়ে।

মুখ্যমন্ত্রী ডক্টর শর্মা বলেন ,একটি হোডিং খুললেই অসমিয়া ভাষা নিঃশেষ হয়ে যায় না। তাছাড়া বরাকে গেলে আমি অসমিয়াতেই ভাষণ দেই।কিন্তু বিতর্কিত কাজে কালিয়াবর , মালিগাঁও , ডিব্রুগড় , তিনসুকিয়ায় বসবাস করা সাধারণ বাঙালি মানুষের ক্ষতি হয়। তাছাড়া ,হোজাই ,লামডিঙে বাংলায় পোস্টার আছ। আমরা কোনও আপত্তি করিনা।

মুখ্যমন্ত্রী বলেন, আমাদের সেটুকু সদ্ভাব আছে বলে মন্তব্য করেন তিনি। বলেন ,এই সদ্ভাবটুকু শেষ করার জন্য একটি চক্র চেষ্টা করছে। অন্যদিকে ,নতুন করে একটি দল এখানে আসতে চাইছে।

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Assam: বৃদ্ধা মালতি সরকারের আতঙ্ক, ভারতীয়ত্ব প্রমাণের জোড়া নোটিশে বিপুল আর্থিক বোঝা https://ekolkata24.com/uncategorized/nrc-victims-of-bengali-speaking-assamese-community-threatening-bjp-government Fri, 26 Nov 2021 15:38:21 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12512 News Desk: ‘ডি” ভোটার, বিদেশি ন্যায়াধীকরণ, ডিটেনশন ক্যাম্পের নামে অসমের (Assam) বাঙালিদের হয়রানি করার কাহিনী আর নতুন হয়ে থাকেনি । ১৯৯৭ সাল থেকে ‘ডি’ ত্রাস চলেছে। ভোট আসে ভোট যায় ,কিন্তু ‘ডি’-র তকমা সেঁটে দেওয়া বাঙালিদের বদলায় না ভাগ্য। এনআরসি তালিকায় দাগ পড়ে যাওয়া লক্ষ লক্ষ অসমবাসীর বেশিরভাগই হিন্দু-অভারতীয় বলে চিহ্নিত।

এই ইস্যু নিয়ে বহু অসমের বাঙালি নেতাা নিজের পলিটিক্যাল কেরিয়ার গড়েছেন। যদিও ভোটার পর সবই হিমঘরে চলে যায়। তবে রাজনৈতিক কারণেই বা প্রশাসনিক গাফিলতির শিকার হচ্ছেন বাঙালিরা। মাঝে মধ্যে এমন কিছু কর্মকান্ড সবাইকে বাকরুদ্ধ করে দেয়।

একই ব্যক্তির নামে দুটি ‘ডি’ নোটিশ। এমনটাই ঘটনা ঘটেছে বরপেটা জেলার বরপেটা রোড, কাটাঝার গ্রামের বাসিন্দা মালতী সরকারের সাথে। জানা গেছে, বরপেটা জেলার ৯ নং বিদেশি শনাক্তকরণ ট্রাইবুনাল ২৭২৯ /৯৭ নাম্বারের বিদেশি সংক্রান্তিও একটি মামলার ভিত্তিতে ২০২১ সালের ২০শে জানুয়ারী জারি করা হয়েছে নোটিশ। এই নোটিশে মালতির পিতা ও স্বামীর নাম উল্লেখ করা হয়নি।

D-voter malati sarkar

মালতি দেবীর পরিবার জানায়, ১৮ ফেব্রুয়ারি ভারতীয় নাগরিকত্বের যাচাই করতে প্রয়োজনীয় নথি নিয়ে হওয়ার নির্দেশ দেওয়া হয়েছিল। এই নির্দেশ মেনেই তিনি বরপেটা জেলার ফরেনার্স ট্রাইবুন্যালে নিজের ভারতীয় নাগরিকত্বের পরীক্ষায় নির্ধারিত সময়ে হাজির হন।

এই মামলার চূড়ান্ত না হতেই ফের প্রয়াত রাধাকৃষ্ণ সরকারে কন্যা ও প্রয়াত পি সরকারের স্ত্রী মালতী সরকারের নামে ৩৬৬৯/০৯ নাম্বারের একটি মামলায় আরেকটি নোটিশ জারি করা হয়। মালতি দেবীর ছেলে আনন্দ সরকারের নতুন বাড়ি বঙ্গাইগাঁও জেলার অন্তর্গত মানিকপুর থানা এলাকায় আবারও একটি “ডি” নোটিশ গত ফেব্রুয়ারি ১৮ তারিখে জারি করা হয়। এতে মানসিকভাবে ভেঙ্গে পড়েছেন বয়স্ক মহিলা ও তাঁর পরিবার।

উপায়ন্তর হয়ে আবারও আইনজীবীর সাহায্যে বঙ্গাইগাওঁ ১ নং বিদেশি ন্যায়াধীকরণে দৌড়ঝাঁপ আরম্ভ করেছেন ছেলে আনন্দ সরকার। তিনি জানান, ইতিমধ্যেই বরপেটার কাটাঝারের বাড়ি থেকে চলতি মামলাতেই তাদের আর্থিক ক্ষতি হয়েছে। মানসিক অশান্তিতে মায়ের শরীরের অবস্থা আজকাল ভালো যায়না। অনেকটাই ভেঙ্গে পড়েছেন মা। তবে বঙ্গাইগাওঁ ১নং এফ টি থেকে বলা হয়েছে , যত তাড়াতাড়ি সম্ভব বরপেটা জেলার এফটিতে ভারতীয় নাগরিকত্বের তথ্য জমা দিয়ে এই মামলার নিস্পত্তি করতে হবে।

এই ঘটনায় সারা অসম বাঙালি ঐক্যমঞ্চের নজরে আসলে সাধারণ সম্পাদক অমৃতলাল দাস বলেন , বর্তমানের অসম সরকার বাঙালি জনসাধারণকে কেবলমাত্র ভোট ব্যাঙ্ক হিসাবে চাইলে সেই আত্মীয়তা আর বেশিদিন টিকিয়ে রাখা সম্ভব হবেনা।

বাঙালি ঐক্যমঞ্চের দাবি, যদিও একথা আর নতুন করে বলার অবকাশ রাখেনা যে, অসমাবাসী বাঙালি হিন্দুর একছত্র ভোটারদের কারণেই আজ দিসপুরের (অসমের প্রশানিক কেন্দ্র) ক্ষমতায় বিজেপি সরকার। তবে আনন্দদের মত যুব সমাজকে এই সরকার যদি প্রতিবাদ করতে পথেই নামতে বাধ্য করে তাহলে সে দিন আর বেসিদিন লাগবেনা ক্ষমতাশীন দলের মুখ থেকে মুখোশ খুলে আসল জায়গায় বসিয়ে দেবেন তাঁরা।

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Assam: রাতের ঘুম উড়েছিল ২০ বছর! ‘দেশহীন’ পুষ্পারানি হাইকোর্টে ফের ‘ভারতীয়’ https://ekolkata24.com/uncategorized/assam-high-court-pushparani-d-voter-case Sat, 20 Nov 2021 15:08:09 +0000 https://ekolkata24.com/?p=11868 News Desk: নিজের নাগরিকত্ব প্রমান করতে প্রায় ২০ বছর আইনি লড়াই করে শেষমেষ জয়ী হলেন বঙ্গাইগাঁওয়ের বাবুপাড়া নিবাসী পুষ্পারানি ধর। এই দীর্ঘ আইনি যুদ্ধে নিজেকে ভারতীয় প্রমাণ করতে চারটে দশক পেরিয়েছে। পুষ্পারানির পরিস্থিতি এনআরসি ও সিএএ আইনি মারপ্যাঁচের নিদারুণ উদাহরণ। অসম জুড়ে এমন বহু বাংলাভাষী আছেন যারা ‘দেশহীন’।

৭৫ বছরের পুষ্পারানি প্রয়াত মৃনালকান্তি ধরের স্ত্রী। তাঁর স্বামী রেল বিভাগের কর্মচারী ছিলেন। ভারতীয় হওয়ার পরও তাকে বিদেশির তকমা সেঁটে দেওয়া হয়েছিল। দীর্ঘ আইনি যুদ্ধের পর ভারতীয় হিসেবে নিজেকে প্রমান করতে পেরেছেন।

পড়ুুুন: কৃষি আইনের বাতিলের পর আসামে সিএএ বিরোধী আন্দোলনের হুংকার

anti-CAA movement in Assam roared

২০০০ সালে পুষ্পারানিকে এফটি কোর্ট নোটিশ জারি করেছিল।যদিও ২০১৭ সালে তাঁকে বিদেশি ঘোষণা করে। এরপরই পুষ্পারানির পরিবারে ভয় ও আতঙ্কময় পরিস্থিতির সৃষ্টি হয়। নেমে আসে ঝড়। বিভিন্ন পক্ষ থেকে শুধু প্রতিশ্রুতি দেওয়া হয়। কিন্তু বাস্তবে কেউই এগিয়ে আসেন না । এমনটা পরিস্থিতির মধ্যে একটি বছর পার হয়ে যায়।

পড়ুন: NRC: ভারতীয় ঘোষণার পরেও ‘ডি নোটিশ’ অসমে, বাঙালি ভারতীর ‘দেশহীন’ আতঙ্ক

pushparani

আইনি লড়াই করে শেষমেষ জয়ী হলেন বঙ্গাইগাঁওয়ের বাবুপাড়া নিবাসী পুষ্পারানি ধর

এফটি কোর্টের রায়ের বিরুদ্ধে চ্যালেঞ্জ জানিয়ে সম্পূর্ণ নিজস্ব প্রচেষ্টায় হাইকোর্টে দ্বারস্থ হন পুষ্পারানি। এক্ষেত্রে কোনও কোনও দল সংগঠনকে তাঁর পাশে দাঁড়াতে দেখা যায় নি। শুধু তাই নয় ,সেসময়ে প্রথমাবস্থায় ওই বৃদ্ধার জামিন মনজুর করেছিল হাই কোর্ট।পরবর্তীতে হাইকোর্ট বিষয়টি বিস্তারিত অধ্যায়ন করে তাঁকে ভারতীয় ঘোষণা করেছে।

আরও পড়ুন: NRC: ১৬শো কোটির বেশি জলে যাচ্ছে! সাদা হাতিতে পরিণত নাগরিকপঞ্জীর কাজ

ট্রাইবুনালের রায়ে বিদেশি , যদিও গুয়াহাটি হাইকোর্টের রায়ে ভারতীয় ঘোষণা করা হয় ৭৫ বছর বয়সি পুষ্পারানিকে। স্বাভাবিকভাবেই আদালতের এহেন রায়ে উৎফুল্লিত পরিবারটি।

পুষ্পারানির ছেলে অভিযোগ করতে গিয়ে তিনি বলেন ,পুলিশ উঠিয়ে নেবে বলে আমাদের ভয় দেখায়। কিন্তু এই পরিস্থিতি যদি হয় তাহলে আমি মারা যাব। রাতে খাওয়া – ঘুম চলে গিয়েছিল। সেইসঙ্গে বিদেশি বিতরণের নামে ভারতীয়কে এধরণের হয়রানি যাতে বন্ধ হয় এরজন্য সরকারের কাছে আহ্বান জানিয়েছেন পুষ্পারানি।

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কৃষি আইনের বাতিলের পর আসামে সিএএ বিরোধী আন্দোলনের হুংকার https://ekolkata24.com/uncategorized/anti-caa-movement-in-assam-roared-after-the-repeal-of-the-agriculture-act Fri, 19 Nov 2021 18:36:42 +0000 https://ekolkata24.com/?p=11783 নিউজ ডেস্ক, গুয়াহাটি: বিতর্কিত কৃষি আইন বাতিলের পর নাগরিকত্ব সংশোধনী আইন (সিএএ ) বিরোধী দল সংগঠন যেন ফের অক্সিজেন পেয়েছে। এই আইন বাতিলের দাবিতে হুংকার দিচ্ছে বিভিন্ন দল সংগঠন।শুধু তাই নয় ,কৃষি আইন বিরোধী আন্দোলন থেকে অসমে এই সংগঠনগুলি অনেকটা শিক্ষা নিতে চাইছে। কিন্তু এই আইন বিরোধী শক্তির মধ্যে অনেক নেতা ইতিমধ্যে শাসক দল বিজেপিতে অমিল হয়েছেন।

কংগ্রেস ,অখিল গগৈ নেতৃত্বাধীন রাইজর দল ,সারা অসম ছাত্র সংস্থা (আসু ), অসম জাতীয়তাবাদী যুব ছাত্র পরিষদ সহ রাজ্যের বেশ কয়েকটি জাতীয়তাবাদী সংগঠন ইতিমধ্যে এনিয়ে প্রতিক্রিয়া জানিয়েছে। ফলে সিএএ বিরোধী শক্তি আবার জাগ্রত হওয়ার প্রবল সম্ভাবনা আছে।

anti-CAA movement in Assam roared

গোটা দেশের সঙ্গে বিতর্কিত সিএএ আইন বাতিলের দাবি আসামেও উঠছে। উল্লেখ্য, সংসদে এই আইনটি পাশ হলেও সিএএর রুলফ্রেম প্রস্তুত করেনি সরকার। প্রতিক্রিয়া জানিয়েছেন আসুর নেতারা। সংগঠনটির সভাপতি দীপাংকর নাথ বলেন ,কৃষি আইন থেকে আমরা শিক্ষা নেওয়া উচিত এতে প্রমান হলো যে একটি বিষয়কে নিয়ে যদি আমরা আন্দোলন করি তাহলে ফল বৃথা হয় না। সেইসঙ্গে কৃষি আইনের মতো সিএএ বাতিল করা উচিত। তবে আগামীতে এর বিরুদ্ধে আন্দোলন ফের করা হবে।

তিনি বলেন ,করোনা মহামারীর জন্য এই আন্দোলন স্থিমিত ছিল। কেননা বিতর্কিত এই আইনকে আসামের মানুষ কোনওদিন মানবে না। তাই সর্বাত্মক এর বিরুদ্ধে গর্জে উঠার প্রয়োজনীয়তা এসে গেছে বলেও ওই আসুর নেতা দাবি করেন। বলেন ,আমাদের ঐক্যবদ্ধ আন্দোলনের কাছে সরকার শীরনত করতেই হবে।গণতান্ত্রিকভাবে আন্দোলন করলে সিএএ বাতিল হবেই।

বিধায়ক অখিল গগৈ এদিন বলেন ,আগামীদিনে সিএএ আইন বাতিলের বিজয় উৎসব অসমের মানুষ পালন করবে বলে আমাদের বিশ্বাস।এনিয়ে অপসবিহীন আন্দোলন করলে সরকার বাতিল করতে বাধ্য হতো। তাই অসমবাসীকে বিবেচনার দাবি জানিয়েছেন অখিল। তিনি বলেন ,সমগ্র প্রক্রিয়াকে বিপথে পরিচালিত করা হয়েছে।এমনকি আমাকে জেলে পাঠানো হয়েছিল।

অসম প্রদেশ কংগ্রেস সভাপতি ভূপেন বরা বলেন ,এ নিয়ে মানুষের মনে এখনও ক্ষোভের আগুন জ্বলছে। অসমের জাতীয় জীবনকে বাঁচাতে এই আইনের বিরোধিতা করতেই হবে। তবে বাস্তবে এই আইনের বিরুদ্ধে এক কাট্ঠা করাটা সম্ভব হবে ,সেটাই এখন বড় প্রশ্ন হয়ে দাঁড়িয়েছে।

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