ATM Note Withdrawal – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sun, 22 Jun 2025 18:55:29 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png ATM Note Withdrawal – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 RBI सितंबर 2025 से ATM से ₹500 के नोट बंद करने जा रहा है! https://ekolkata24.com/business/rs-500-notes-safe-rbi-refutes-atm-ban-claims-for-2025 Sun, 22 Jun 2025 18:55:29 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52019 भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सितंबर 2025 से देशभर के ATM से ₹500 के नोट निकालने की योजना बना रहा है, ऐसी एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस खबर ने रविवार की शाम से ही देश भर में हलचल मचा दी है। कुछ लोग इसे डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ते कदम के रूप में देख रहे हैं, तो कई लोग इसे बैंकिंग व्यवस्था के लिए संकट की संभावना मान रहे हैं। इस खबर की सत्यता पर अभी तक RBI या केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बन गया है।

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खबर का स्रोत और पृष्ठभूमि
यह जानकारी सबसे पहले एक X पोस्ट के माध्यम से सामने आई, जिसमें एक यूजर ने दावा किया कि RBI ATM से ₹500 के नोट हटाने की योजना बना रहा है। इस पोस्ट को सैकड़ों लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली हैं। कुछ लोग इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, जबकि कई इसे अफवाह और गलत जानकारी करार दे रहे हैं। हालाँकि, RBI के हालिया निर्देशों में बैंकों को ₹100 और ₹200 के नोटों की आपूर्ति बढ़ाने की सलाह दी गई है, लेकिन ₹500 के नोट बंद करने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है।

डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ता भारत
भारत की आर्थिक स्थिति पर नजर डालें, तो इस तरह के कदम के पीछे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की कोशिश हो सकती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में UPI ने डिजिटल लेनदेन का 70% हिस्सा कवर किया, और दिसंबर 2024 में 16.73 बिलियन ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड किए गए। सरकार का ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान कैशलेस ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित कर रहा है, जो कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मददगार हो सकता है। लेकिन ₹500 के नोट हटाने से यह लक्ष्य कितना हासिल होगा, इस पर अलग-अलग राय हैं।

जनता की प्रतिक्रिया
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों में शुरुआती प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि कई लोग इस बदलाव से परेशानी महसूस कर रहे हैं। एक व्यापारी ने कहा, “₹500 के नोट के बिना छोटे-मोटे लेनदेन में दिक्कत होगी। बाजार में ₹100 या ₹200 के नोट की उपलब्धता कम होती है, इसलिए यह हमारे लिए समस्या बन सकता है।” दूसरी ओर, युवा वर्ग का एक हिस्सा डिजिटल पेमेंट को स्वीकार्य मान रहा है। एक IT विशेषज्ञ ने कहा, “अगर ₹500 के नोट हटते हैं, तो हम UPI और अन्य डिजिटल तरीकों पर ज्यादा निर्भर होंगे, जो तेज और सुरक्षित हैं।”

इतिहास पर नजर
₹500 के नोट हटाने की बात सुनकर 2016 का नोटबंदी कांड याद आता है। उस समय सरकार ने ₹500 और ₹1000 के पुराने नोट बंद कर नए नोट जारी किए थे, जिसका उद्देश्य कालाधन और नकली मुद्रा पर लगाम लगाना था। लेकिन RBI की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, बंद नोटों का 99.3% बैंक में वापस आ गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह कदम कालेधन को नियंत्रित करने में विफल रहा। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में, क्या ATM से ₹500 के नोट हटाना सफल होगा, इस पर सवाल उठ रहे हैं।

आर्थिक प्रभाव
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर यह कदम सही है, तो इसके व्यापक प्रभाव पड़ सकते हैं। भारत की छाया अर्थव्यवस्था (shadow economy) अभी भी GDP का 23-26% है, जहाँ नकदी की भूमिका महत्वपूर्ण है। ₹500 के नोट हटने से छोटे व्यापारियों पर दबाव पड़ सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ डिजिटल पेमेंट का दायरा अभी सीमित है। हालाँकि, अगर सरकार डिजिटल पेमेंट पर सब्सिडी या मुफ्त सेवाएं शुरू करती है, तो यह बदलाव स्वीकार्य हो सकता है।

सावधानी और सलाह
RBI या सरकार की ओर से अभी तक इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए विशेषज्ञ सोशल मीडिया की अपुष्ट खबरों से भ्रम से बचने की सलाह दे रहे हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक स्रोतों से जानकारी जाँचकर ही कोई कदम उठाएँ।

सितंबर 2025 से ATM से ₹500 के नोट हटाने की बात अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह अफवाह देशव्यापी चर्चा का विषय बन गई है। चाहे यह डिजिटल भारत की ओर बढ़ते कदम हो या आर्थिक सुधार का हिस्सा, सरकार का अगला कदम नागरिकों की जिंदगी पर गहरा असर डालेगा। आने वाले दिनों में RBI की आधिकारिक घोषणा का इंतजार ही एकमात्र विकल्प है।

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