Avijit Ganguly – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Wed, 26 Jun 2024 14:30:44 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Avijit Ganguly – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 TMC के ‘जय बांग्ला’ नारे पर BJP सांसद अभिजीत गांगुली का कटाक्ष https://ekolkata24.com/uncategorized/bjp-mp-abhijit-ganguly-takes-a-dig-at-tmcs-jai-bangla-slogan Wed, 26 Jun 2024 14:30:44 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48596 कोलकाता: तामलुक से BJP सांसद और कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने TMC के ‘जय बांग्ला’ नारे पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ‘यह एक बीमारी का नाम है।’ 18वीं लोकसभा में मंगलवार को TMC के नवनिर्वाचित सांसदों ने शपथ ली।

शपथ पढ़ने के बाद ज्यादातर TMC सांसदों ने जय बांग्ला के नारे लगाये। इसके बाद सांसद गंगोपाध्याय ने TMC पर निशाना साधा। इस संदर्भ में अभिजीत ने कहा, ‘जय बांग्ला एक बीमारी का नाम है। जब हम छोटे थे तो आंखों की एक खास तरह की बीमारी होती थी, जिसे जय बांग्ला कहा जाता था। नेत्रों को निम्फल से स्थिर करना चाहिए। तभी जॉय बांग्ला नाम बनाया गया।

संसद में TMC सांसदों के जय बांग्ला के नारे सुनकर अभिजीत ने कटाक्ष किया ‘शायद उनकी आंखों से पानी गिरने का समय आ गया है इसलिए वे लोग जय बांग्ला, जय बांग्ला कह रहे हैं।’ साल 2021 में विधानसभा चुनाव के बाद से बंगाल में जय बांग्ला नारा लोकप्रिय हो गया। बीजेपी के जय श्रीराम नारे के खिलाफ TMC नेता जय बांग्ला के नारे लगाते दिखे।

पूर्वी मेदिनीपुर का तामलुक बंगाल के राजनीतिक क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक है। इस बार तामलुक में बीजेपी सांसद की जीत हुई। तामलुक शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ था। पूर्वी मेदिनीपुर जिले के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक यहां पर कभी कांग्रेस का वर्चस्व था।

TMबाद में तामलुक पर पूरी तरह से वामपंथियों का वर्चस्व हो गया। 2009 में आज़ादी की लड़ाई से जुड़े तामलुक में वामपंथियों के खिलाफ आंदोलन से बड़ा बदलाव आया। उस साल लोकसभा चुनाव में पहली बार वहां टीएमसी को जीत मिली। शुभेंदु अधिकारी सांसद बने। अधिकारी परिवार की राजनीति की शुरुआत हुई।

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