Bangla pokkho – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 23 Jun 2025 13:47:44 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Bangla pokkho – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 हिंदू देवताओं की तस्वीरों का अपमान, बंगला पक्ष की शक्तिरूपा पर कार्रवाई की मांग https://ekolkata24.com/india/bangla-pokkho-shaktirupa-sadhukhan-faces-legal-demands-over-hindu-deity-image-dispute Mon, 23 Jun 2025 13:47:20 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52068 2025 की 19 जून को पश्चिम बंगाल की एक युवती शक्तिरूपा साधुखान ने सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद तस्वीर पोस्ट की, जिसमें हिंदू धर्म के प्रिय देवता प्रभु श्रीराम की सम्मानित तस्वीर (Hindu Deity Images) के साथ एक मानव चेहरा जोड़कर उसे संपादित किया गया था। इस पोस्ट ने हिंदू समुदाय में तीव्र आक्रोश पैदा कर दिया और जल्द ही यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। हिंदू वॉयस नामक एक सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट में दावा किया गया कि शक्तिरूपा ने जानबूझकर यह तस्वीर पोस्ट की, जिसका उद्देश्य हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था। घटना के बाद उन्होंने तस्वीर हटा दी, लेकिन तब तक यह व्यापक चर्चा का केंद्र बन चुका था।

Read Bengaali: হিন্দু দেবতাদের ছবি বিকৃতি, কাঠগড়ায় বাংলাপক্ষের শক্তিরূপা

कानूनी कार्रवाई की मांग
हिंदू वॉयस की पोस्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस (उपपोलीस) से शक्तिरूपा साधुखान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। उनका कहना है कि वह 2024 से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को संपादित करके इस तरह के अपमानजनक कार्य करती आ रही हैं, जिसमें हाल ही में बाबा लोकेनाथ की तस्वीर का अपमान शामिल है। उनका दावा है कि पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि वह ‘बंगला पक्ष’ नामक संगठन की सदस्य हैं। इसलिए, उन्होंने उत्तर प्रदेश के नागरिकों से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आह्वान किया है। साथ ही, श्रीराम तीर्थ नामक संगठन से भी इस मामले में शामिल होने का अनुरोध किया गया है।

बंगला पक्ष की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद बंगला पक्ष के नेता कौशिक मैती ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि शक्तिरूपा साधुखान पिछले दो वर्षों से बंगला पक्ष से संबंधित नहीं हैं। विभिन्न संगठन-विरोधी गतिविधियों और अन्य कारणों से उन्हें निष्कासित किया गया था। इस बयान से स्पष्ट होता है कि शक्तिरूपा का यह कार्य व्यक्तिगत पहल हो सकता है और यह बंगला पक्ष के औपचारिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब नहीं है। बंगला पक्ष एक बंगाली राष्ट्रवादी संगठन है, जो बंगला भाषा और संस्कृति के संरक्षण में काम करता है, लेकिन धार्मिक संवेदनशीलता पर इस तरह के हमले से उनका सीधा संबंध सिद्ध नहीं हुआ है।

सामाजिक प्रतिक्रिया और कानूनी जटिलताएं
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। कई लोग शक्तिरूपा के खिलाफ सख्त सजा की मांग कर रहे हैं, जैसे कि उन्हें जेल भेजने के लिए कानूनी कार्रवाई का आह्वान। हालांकि, उत्तर प्रदेश में इस तरह का मुकदमा दर्ज करने की कानूनी वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। भारत के दंड प्रक्रिया संहिता (धारा 177-178) के अनुसार, यदि कोई अपराध जनता की शांति-व्यवस्था को प्रभावित करता है, तो विभिन्न राज्यों में मुकदमा दर्ज करना संभव है। लेकिन, उत्तर प्रदेश पुलिस की 2023 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक अपराध के मामलों का 65% अनसुलझा रहता है, जो इस मामले की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है।

ऐतिहासिक संदर्भ
धार्मिक संवेदनशीलता के मामले में भारत के कानून के तहत धारा 295ए के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी धार्मिक समूह की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्द, चित्र या अन्य तरीकों से अपमान करता है, तो उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है। 2021 में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी जैसे कुछ लोगों को हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो इस तरह की घटनाओं के प्रति समाज की संवेदनशीलता को दर्शाता है। इस घटना से पता चलता है कि शक्तिरूपा के खिलाफ कानूनी दबाव बढ़ सकता है, लेकिन राज्याधिकार और सबूत संग्रह की जटिलताएं इसे जटिल बना सकती हैं।

समाज की दुविधा और भविष्य
इस घटना ने समाज में गहरी दुविधा पैदा की है। एक ओर, हिंदू समुदाय के सदस्य धार्मिक प्रतीकों के प्रति सम्मान की मांग कर रहे हैं, वहीं बंगला पक्ष जैसे संगठन इस तरह के कार्यों को व्यक्तिगत पहल मान रहे हैं। इस विवाद से उठे सवाल हैं कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी व्यापक हो सकती है और धार्मिक संवेदनशीलता की सीमा कहां खत्म होती है। इस घटना का परिणाम भारतीय कानून और सामाजिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
शक्तिरूपा साधुखान की विवादास्पद पोस्ट ने धार्मिक और सामाजिक विवाद को जन्म दिया है। हालांकि वह अब बंगला पक्ष से जुड़ी नहीं हैं, फिर भी उनके पिछले कार्यों ने उनके खिलाफ सवाल खड़े किए हैं। उत्तर प्रदेश में एफआईआर की मांग लागू होगी या नहीं, यह समय पर निर्भर करेगा। यह घटना भारत के विविधतापूर्ण समाज में धर्म और संस्कृति की सीमाओं को निर्धारित करने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परीक्षा बन गई है।

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প্রাইম টাইমে বাংলা ছবির প্রদর্শন বাধ্যতামূলকের আর্জি বাংলাপক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/it-is-compulsory-to-show-bengali-films-in-prime-time Wed, 29 Dec 2021 16:25:55 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17128 নিউজ ডেস্ক, দেশের সব রাজ্যেই সিনেমা হলগুলিতে প্রাইম টাইমে সংশ্লিষ্ট রাজ্যের ভাষার ছবি দেখান হয়। ব্যতিক্রম পশ্চিমবঙ্গ। তাই এই রাজ্যেও যাতে প্রাইম টাইমে বাংলা ছবি দেখানো হয় তার জন্য মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়কে চিঠি লিখে লিখিত অনুরোধ জানাল বাংলা পক্ষ।

বুধবার সংগঠনের পক্ষ থেকে দেওয়া চিঠিতে জানানো হয়েছে, অতীতে বাংলায় বহু কালজয়ী ছবি তৈরি হয়েছে। আজও হচ্ছে। বাংলা ছবি বরাবরই বিশ্বের দরবারে দেশের মুখ উজ্জ্বল করেছে। কিন্তু দুর্ভাগ্যের বিষয় হল, বাংলা ছবিগুলি হলে জায়গা পাচ্ছে না। প্রাইম স্লটে তো বাংলা ছবির কোনও জায়গাই মেলে না। হিন্দি ছবির প্রযোজকদের আর্থিক সামর্থের কাছে পেরে ওঠেন না বাংলা ছবির প্রযোজক ও পরিচালকরা। এর ফলে বাংলার দক্ষ ও উদীয়মান প্রতিভারা বড় ধরনের বঞ্চনার স্বীকার হচ্ছেন। মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় সংস্কৃতি মনস্ক হিসাবেই পরিচিত। বাংলার অভিনয় জগতের অনেকের সঙ্গেই তাঁর ঘনিষ্ঠতা আছে। তাই বাংলার কলাকুশলীদের এই সমস্যা দূর করতে মুখ্যমন্ত্রীর দ্রুত হস্তক্ষেপ প্রয়োজন।

সংগঠনের তরফে মুখ্যমন্ত্রীকে অনুরোধ করা হয়েছে, তিনি যেন বাংলাতেও অন্য রাজ্যগুলির মত একই নিয়ম চালু করেন। অর্থাৎ রাজ্যের প্রতিটি সিনেমা হলে বাংলা ছবি দেখানো বাধ্যতামূলক করেন। প্রাইম স্লট ছাড়াও অন্য স্লটেও বাংলা ছবির জন্য যেন ৫০ শতাংশ সময় সংরক্ষিত করেন। মুখ্যমন্ত্রী একজন শিল্পদরদী এবং সমঝদার হিসেবেই পরিচিত। তাই মুখ্যমন্ত্রী যেন বিষয়টি নিয়ে দ্রুত এবং উপযুক্ত ব্যবস্থা গ্রহণ করেন।

বাংলা পক্ষের এই দাবিতে সহমত পোষণ করেছেন বাংলার প্রায় সব কলাকুশলী। বাংলা পক্ষের এই দাবির প্রতি সমর্থন জানিয়ে মুখ্যমন্ত্রীকে দেওয়া চিঠিতে সই করেছেন অরিন্দম শীল, রজতাভ দত্ত, অরিন্দম ভট্টাচার্য, শৈবাল মিত্র, সৌম্য সেনগুপ্তের মতো প্রথম সারির অভিনেতারা। আরও অনেকেই এই দাবির সপক্ষে সই করবেন বলে জানিয়েছেন।

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বাংলার স্বার্থে আবারও একবার পথে নামল বাংলা পক্ষ  https://ekolkata24.com/uncategorized/again-bangla-pokkho-has-arranged-a-rally Sun, 26 Dec 2021 12:55:51 +0000 https://ekolkata24.com/?p=16320 News Desk: বাংলায় যথেষ্ট কাজ আছে কিন্তু বাংলার ভূমিপুত্রদের কাজ নেই। অবাক হলেও, সমস্ত পরিসংখ্যান এই কথাটাই বলে। নিজ রাজ্যের ভূমিপুত্রদের স্বার্থ সুরক্ষিত করতে কাগজে-কলমে ভূমিপুত্র সংরক্ষণের পথে হাঁটছে ভারতের একাধিক রাজ্য। কর্ণাটক, গোয়া,মধ্যপ্রদেশ,হরিয়ানা, মহারাষ্ট্র, অন্ধ্রপ্রদেশ, তেলেঙ্গানার মতো রাজ্যে কোথাও ভূমিপুত্র সংরক্ষণ আইন পাশ হয়েছে, আবার কোথাও এই আইন পাশের ঘোষণা করা হয়েছে। এইবার বাংলার ভূমিপুত্র আইন সংরক্ষণ পাশের জন্য পথে নামল বাংলা পক্ষের উত্তর ২৪ পরগনা শিল্পাঞ্চল শাখা। শুধুমাত্র ভূমিপুত্র সংরক্ষণ আইন পাশের দাবিতে নয় বরং বাংলা ভাগের বিরুদ্ধে তুলতে এই পথসভার আয়োজন বাংলা পক্ষের।

অন্যদিকে, বিজেপি সাংসদ জন বার্লা, সৌমিত্র খাঁ, রাজু বিস্তা ও ও বিজেপি বিধায়ক গঙ্গাপ্রসাদ শর্মার মতো একাধিক নেতা বারংবার বাংলা ভাগের পক্ষে সওয়াল করেছেন এবং ক্রমাগত উস্কানি দিয়ে চলেছেন। বাংলা ভাগের ঘৃণ্য চক্রান্তের বিরুদ্ধে একই সাথে লড়াই চালিয়ে যাচ্ছে বাংলা পক্ষ।

বাংলাতেও অবিলম্বে ভূমিপুত্র সংরক্ষণ আইন পাশের দাবিতে এবং বাংলা ভাগের চক্রান্তের বিরুদ্ধে বাঙ্গালিদের একত্রিত করতে এবং প্রতিবাদ জানাতে আজ ২৬ শে ডিসেম্বর বাংলা পক্ষ উত্তর ২৪ পরগনা শিল্পাঞ্চল শাখার উদ্যোগে বেলা ২:৩০ তে সোদপুর স্টেশনের ১ নং প্ল্যাটফর্মের দিকে সংহতি ক্লাবের সামনে থেকে শুরু করে, আগরপাড়া, ঘোষপাড়া মোড় পর্যন্ত একটি মিছিল এবং মিছিলের শেষে এক পথসভার আয়োজন করা হয়েছিল।

এই সভায় উপস্থিত ছিলেন বাংলা পক্ষর সাধারণ সম্পাদক গর্গ চট্টোপাধ্যায়, বাংলা পক্ষর শীর্ষ পরিষদের অন্যতম সদস্য ডঃ অরিন্দম বিশ্বাস, কালাচাঁদ চট্টোপাধ্যায়, মনন মন্ডল সহ বিভিন্ন জেলা সংগঠনের সম্পাদক ও সদস্যরা।

বাংলা পক্ষর সাধারণ সম্পাদক গর্গ চট্টোপাধ্যায় বলেন, “বাংলার সব চাকরিতে বাঙালী সহ ভূমিপুত্রদের অগ্রাধিকার আছে। কিছুদিন আগে মুখ্যমন্ত্রী প্রশাসনিক সভায় বাংলার কাজে ভূমিপুত্র সংরক্ষণের ইঙ্গিত দিয়েছিলেন। কিন্তু শুধু মুখের কথায় কাজ হবে না, বাংলা পক্ষ ভূমিপুত্র সংরক্ষণ আইন পাশ না হওয়া পর্যন্ত লড়াই থামাবে না।” তিনি আরো বলেন, ” অন্যান্য রাজ্যের মত বাংলার সব সরকারি চাকরিতে অবিলম্বে বাংলা ভাষার লিখিত পরীক্ষা বাধ্যতামূলক করতে হবে।”

বাংলা পক্ষর শীর্ষ পরিষদের অন্যতম সদস্য মনন মন্ডল বলেন, “বাংলা ভাগের সমস্ত চক্রান্তের বিরুদ্ধে বাঙালীকে একজোট করে এই চক্রান্ত ব্যর্থ করবে বাংলা পক্ষ।”

 বাংলা পক্ষ শিল্পাঞ্চলের সম্পাদক ইমতিয়াজ আহমেদ বলেন,” উত্তর ২৪ পরগণা শিল্পাঞ্চলের কারখানাগুলোতে ভূমিপুত্র কে কাজে নেওয়া হয় না, বাইরের রাজ্য থেকে কর্মী নিয়ে আসা হয়। তাই ভূমিপুত্র সংরক্ষণ আইন চালু না হওয়া পর্যন্ত বাংলা পক্ষ উত্তর ২৪ পরগণা শিল্পাঞ্চল লড়াই চালিয়ে যাবে। আগামিতে আরো বড় কর্মসূচির পরিকল্পনা আছে।”

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Bangla Pokkho: সরকারি-বেসরকারি চাকরিতে ভূমিপুত্রদের জন্য সংরক্ষণের দাবিতে বিক্ষোভ https://ekolkata24.com/uncategorized/demonstration-of-bangla-pokkho-demanding-reservation-for-bhumiputras-in-public-private-employment Sat, 11 Dec 2021 15:10:04 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14480 নিউজ ডেস্ক, কলকাতা: বিভিন্ন সরকারি ও বেসরকারি চাকরির ক্ষেত্রে বাংলার ভূমিপুত্রদের জন্য সংরক্ষণ চালুর দাবিতে কোলাঘাটে শনিবার অবস্থান বিক্ষোভ ও জনসভা করল বাংলা পক্ষের (Bangla Pokkho) পূর্ব মেদিনীপুর শাখা। রাজ্যের স্থায়ী বাসিন্দা বা ভূমিপুত্রদের বিভিন্ন দাবি-দাওয়া আদায়ের জন্য দীর্ঘদিন ধরে আন্দোলন করে আসছে বাংলা পক্ষ। সংগঠনের দাবি, দেশের বিভিন্ন রাজ্যে সরকারি ও বেসরকারি ক্ষেত্রে ভূমিপুত্রদের জন্য সংরক্ষণের আইন চালু রয়েছে। এবার পশ্চিমবঙ্গেও সেই আইন চালু করতে হবে।

ভূমিপুত্রদের জন্য সংরক্ষণের দাবি জানাতে শনিবার পূর্ব মেদিনীপুরের কোলাঘাটের হলদিয়া মোড়ে অবস্থান বিক্ষোভ করে বাংলা পক্ষের সদস্যরা। সংগঠনের সাধারণ সম্পাদক ডক্টর গর্গ চ্যাটার্জি বলেন, কংগ্রেস, বিজেপি, শিবসেনা, টিআরএস ও অন্যান্য রাজনৈতিক দল শাসিত রাজ্যে ভূমিপুত্রদের জন্য কোথাও ৭৫ কোথাও বা ৮৫ শতাংশ আসন সংরক্ষণের কথা বলা আছে। ওইসব রাজ্যে সরকারি এবং বেসরকারি সবক্ষেত্রেই ভূমিপুত্ররা সংরক্ষণের সুবিধা পায় কিন্তু বাংলায় আজও সেই সুবিধা মেলে না। এ রাজ্যও অবিলম্বে সেই সুবিধা চালু করতে হবে।

Demonstration of Bangla Pokkho

সংগঠনের কেন্দ্রীয় কমিটির সদস্য কৌশিক মাইতি বলেন, বাঙালিদের মাইগ্রেশনের হার মাত্র ৪.৮ শতাংশ। অথচ বাংলায় কমপক্ষে ৩০ শতাংশ ভিন রাজ্যের বাসিন্দা চাকরি করেন। কোনও কোনও শিল্পাঞ্চলে চাকুরীজীবিদের ৭০ থেকে ৮০ শতাংশই বহিরাগত। তাই বাংলা পক্ষের দাবি, বিভিন্ন সরকারি চাকরির ক্ষেত্রে ১০০ শতাংশ ভূমিপুত্রদের নিয়োগ করতে হবে। বিভিন্ন বেসরকারি সংস্থায় চাকরি, ঠিকা কাজ, টেন্ডার ও ক্যাবের লাইসেন্স প্রদানের ক্ষেত্রে ৯০ শতাংশই ভূমিপুত্রদের দিতে হবে।

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p style=”text-align: justify;”>বাংলা পক্ষের জেলা সম্পাদক সুতনু পণ্ডিত বলেন, আগামী দিনে ভূমিপুত্রদের জন্য সংরক্ষণের দাবিতে তাঁরা পূর্ব মেদিনীপুর জুড়ে জোরদার আন্দোলন করবেন। কয়েকদিন আগেই মুখ্যমন্ত্রী মালদহে গিয়ে ভূমিপুত্রদের জন্য সংরক্ষণের কথা বলেছেন। এ জন্য তাঁকে ধন্যবাদ জানাই। কিন্তু আমরা চাই, তিনি মুখে যা বলেছেন সেটাই আইনে পরিণত করুন।

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Maldah: সুজাপুরে আইন কলেজ তৈরির জন্য জমি অধিগ্রহণের বিজ্ঞপ্তি জারি রাজ্যের https://ekolkata24.com/uncategorized/state-has-issued-a-notification-for-acquisition-of-land-for-setting-up-a-law-college-at-maldah-sujapur Sun, 05 Dec 2021 11:39:29 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13651 নিউজ ডেস্ক, কলকাতা: বেশ কয়েক বছর ধরেই মালদা (Maldah) জেলায় একটি আইন কলেজ (law college) তৈরির দাবি জানিয়ে আসছিল সাধারণ মানুষ। আমজনতার সেই দাবি আদায় করতে আন্দোলনে সামিল হয়েছিল বাংলা পক্ষ (Bangla Pokkho)। শেষ পর্যন্ত বাংলা পক্ষের প্রবল আন্দোলনের চাপে মালদহের সুজাপুরে (sujapur) আইন কলেজ তৈরির জন্য জমি অধিগ্রহণের প্রক্রিয়া শুরু করতে চেয়ে একটি বিজ্ঞপ্তি জারি করল রাজ্য সরকার।

বাংলা পক্ষের পক্ষ থেকে দাবি করা হয়েছে, সরকারের আইন কলেজ তৈরির এই দাবি মেনে নেওয়া অবশ্যই অভিনন্দনযোগ্য। সুজাপুরের মানুষের কাছে এটি একটি বড় পাওনা। তবে যতক্ষণ না আইন কলেজ তৈরি হচ্ছে ততক্ষণ নিশ্চিত হওয়া যাচ্ছে না। কারণ এর আগেও সুজাপুরে কলেজ তৈরির কথা বলা হয়েছিল। কিন্তু জমি নিয়ে জটিলতা তৈরি হওয়ায় ভিত্তিপ্রস্তর স্থাপন হলেও শেষ পর্যন্ত কলেজ গড়ে ওঠেনি। তবে আশা করা যায়, এবার আর তেমনটা হবে না।

Bangla Pokkho

বাংলা পক্ষের তরফ থেকে আরও বলা হয়েছে, সুজাপুরে আইন কলেজ তৈরি হলে শুধু যে এলাকার ছাত্রছাত্রীরা উপকৃত হবে তা নয়। উত্তরবঙ্গের অন্যান্য জেলা থেকেও ছাত্র-ছাত্রীরা পড়তে আসবে। যা সুজাপুরের অর্থনৈতিক উন্নয়নের সহায়ক হবে। তবে বাংলা পক্ষ এখনই তাদের লড়াই থেকে সরে আসছে না। আইন কলেজের পাশাপাশি সুজাপুরে একটি ডিগ্রী কলেজ তৈরির দাবিও জানিয়েছে বাংলা পক্ষ। সুজাপুরের সাধারণ ছাত্রছাত্রীরা যাতে বিএ, বিএসসি এবং বিকম পড়ার সুবিধা পায় সে জন্যই এই কলেজ তৈরির দাবি তুলেছে বাংলা পক্ষ।

সংগঠনের দাবি, এই মুহূর্তে যদি আলাদা করে কলেজ তৈরির সামর্থ্য সরকারের না থাকে তাহলে আইন কলেজের পরিকাঠামো ব্যবহার করেই এই ডিগ্রী কলেজ চালানো সম্ভব। সে ক্ষেত্রে আইন কলেজের মধ্যেই প্রাতঃকালীন বিভাগ বা সান্ধ্যকালীন বিভাগে ডিগ্রী কলেজ চলতে পারে। আগামী দিনে সুজাপুরে ডিগ্রী কলেজ তৈরির জন্য বাংলা পক্ষ আন্দোলন চালিয়ে যাবে।

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ব্রিটিশ সরকার ক্ষুদিরামের নশ্বর দেহকে ধ্বংস করতে পারে, তাঁর আদর্শকে নয়, দাবি বাংলা পক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/bangla-pokkho-celebrated-khudiram-basus-birthday-in-medinipur Fri, 03 Dec 2021 15:41:15 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13400 নিউজ ডেস্ক: মহান বিপ্লবী ক্ষুদিরাম বসুর জন্মদিন। শুক্রবার ক্ষুদিরাম বসুর জন্মদিবস উপলক্ষে তাঁর জন্মভিটা পশ্চিম মেদিনীপুরের মোহবনীতে বাংলা পক্ষের কেশপুর শাখার উদ্যোগে একটি অনুষ্ঠানের আয়োজন করা হয়। এ দিনের অনুষ্ঠানে বাংলা পক্ষের তরফে কেশপুর শাখার অন্যতম সদস্য পার্থ নন্দী, চিনময় বড়োদলই সমীরণ বড়দোলই প্রণব কারক প্রমুখ উপস্থিত ছিলেন। বাংলা পক্ষের তরফে ক্ষুদিরামের মূর্তিতে পুষ্পার্ঘ্য নিবেদন করে শ্রদ্ধা জানানো হয়।

ক্ষুদিরামের মূর্তিতে মাল্যদানের পর বাংলা পক্ষের কেশপুর শাখার পক্ষ থেকে ক্ষুদিরামের আদর্শ বাংলাদেশের প্রতিটি ঘরে ঘরে পৌঁছে দেওয়ার শপথ নেওয়া হয়।

আয়োজকদের পক্ষ থেকে জানানো হয়েছে, করোনা পরিস্থিতির জন্য চলতি বছরে ক্ষুদিরামের জন্ম দিবস পালনে সেভাবে কোনও অনুষ্ঠান করা সম্ভব হয়নি। তবে আগামী বছর তাঁরা যথারীতি আড়ম্বরের সঙ্গেই ক্ষুদিরামের জন্ম ও মৃত্যু দুই-ই পালন করবেন।

অনুষ্ঠানে উপস্থিত পার্থ নন্দী বলেন, ক্ষুদিরাম বসুর দেখানো পথই বাংলার যুব সমাজের এগিয়ে চলার পাথেয় হবে। ক্ষুদিরাম বসুর চোখে যে স্বপ্ন ছিল সেই স্বপ্ন পূরণ করা দেশের যুব সমাজের দায়িত্ব। ব্রিটিশ সরকার হয়তো ফাঁসি দিয়ে ক্ষুদিরামের নশ্বর দেহটিকে শেষ করে দিতে পারে, কিন্তু তাঁর আদর্শকে কখনওই মানুষের মন থেকে মুছে দিতে পারে না।  ক্ষুদিরাম বসুর এই আদর্শকে বাংলা পক্ষ বাংলার প্রতিটি ঘরে ঘরে পৌঁছে দেবে।

বাংলা পক্ষের তরফ চিন্ময় বড়দোলই বলেন, বাংলায় বলেন ১৮ বছর বয়সি এক তরতাজা কিশোরের আত্মবলিদান ভারতের স্বাধীনতা সংগ্রামের ইতিহাসে চিরস্মরণীয় হয়ে থাকবে। হিন্দি সাম্রাজ্যবাদ ক্ষুদিরামের কথা আমাদের ভুলিয়ে দিতে চাইলেও বাংলাপক্ষ সকলকে তাঁর অবদানের কথা স্মরণ করিয়ে দেবে। দেশের মাঝে বাংলা ও বাঙালি একদিন নিশ্চিতভাবেই তাদের অধিকার পুনঃপ্রতিষ্ঠা করবে। ক্ষুদিরামের জন্মদিনে এটাই আমাদের শপথ।

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গুটখা-বিরোধী বাইকমিছিল বাংলাপক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/bangla-pokkho-rally-against-gutka-pan-masala Sun, 07 Nov 2021 04:53:52 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10582 News Desk, Kolkata: সারা রাজ্যে গুটখা বিক্রি বন্ধ করবার রাজ্য সরকারী সিদ্ধান্তকে সাধুবাদ জানিয়ে এবং এই সিদ্ধান্তের কঠোর প্রয়োগের দাবিতে দক্ষিণ ২৪ পরগনা জেলা বাংলাপক্ষের উদ্যোগে বিকেল কামালগাজী মোড় থেকে একটি বাইকমিছিলের আয়োজন করা হয়েছে।

মিছিলটি কামালগাজী মোড় থেকে শুরু হয়ে, শীতলা মন্দির, ব্রহ্মপুর, রানিয়া, ৩০ ফুট, নতুনহাট, কালীবাজার হয়ে আবার কামালগাজীতে ফিরে এসে একটি পথসভার মাধ্যমে শেষ হবে। ওই কর্মসূচিতে দঃ ২৪ পরগনা জেলার বিভিন্ন প্রান্ত থেকে সহযোদ্ধারা উপস্থিত থাকবেন। এছাড়াও প্রতিবেশী জেলার সহযোদ্ধারা তথা বাংলাপক্ষের শীর্ষ পরিষদের সদস্যরাও অংশগ্রহণ করবেন।

মঙ্গলবার গোটা বাংলায় আরও এক বছরের জন্য পান মশালা আর গুটখা নিষিদ্ধ ঘোষণা করল। রাজ্য সরকারের দ্বারা জারি করা এই নিষেধাজ্ঞা আগামী ৭ নভেম্বর থেকে ১ বছরের জন্য লাগু থাকবে। রাজ্য সরকারের তরফ থেকে জারি বিজ্ঞপ্তি অনুযায়ী, সাধারান মানুষের স্বাস্থ্যের কথা মাথায় রেখেই এই নিষেধাজ্ঞা জারি করা হয়েছে।

রাজ্যের মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের সরকার গুটখা, পান আর অন্যান্য তামাকজাত দ্রব্যের উপর ২০১৩ সালে প্রথম নিষেধাজ্ঞা জারি করেছিল। এরপর থেকে বছর বছর সেই নিষেধাজ্ঞার মেয়াদ বাড়াতে থাকে সরকার। আর এখন ৭ নভেম্বর ২০২১ থেকে ৬ নভেম্বর ২০২২ পর্যন্ত এই নিষেধাজ্ঞা বাড়ানো হল। রাজ্যের যেকোনো খাদ্যপণ্যে উপাদান হিসেবে তামাক ও নিকোটিন গুটখা, পান মশলা তৈরি, সংরক্ষণ ও বিতরণের ওপর নিষেধাজ্ঞা জারি থাকবে এক বছর।

এখন গুটখা ও পান মশালায় তামাক ও নিকোটিন পাওয়া আইনত অপরাধ। যে কোনও ব্যক্তি তামাক এবং নিকোটিনযুক্ত খাদ্যদ্রব্য তৈরি, সঞ্চয় এবং বিক্রি করলে ফুড সেফটি অ্যান্ড স্ট্যান্ডার্ডস অ্যাক্ট ২০০৬ এর অধীনে ব্যবস্থা নেওয়া হবে।

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জিন্দাল ফ্যাক্টরিতে বাঙালির কাজের দাবিতে বিক্ষোভ বাংলাপক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/bangla-pokkho-protest-in-jindal-factory Mon, 25 Oct 2021 04:19:00 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9036 News Desk, Kolkata: শালবনিতে জিন্দাল ফ্যাক্টরিতে কাজে বাঙালি সহ ভূমিপুত্রদের বঞ্চিত করা হচ্ছে। এমনকি সম্প্রতি ফ্যাক্টরি থেকে ৫০ জন বাঙালি কর্মীকে কারণ না দেখিয়ে ছাঁটাই করা হয়েছে। এমনই অভিযোগ বাংলাপক্ষের। প্রতিবাদে পথে নামল তারা।

জিন্দাল ফ্যাক্টরিতে বাঙালি সহ ভূমিপুত্রদের কাজের দাবিতে বাংলা পক্ষর পশ্চিম মেদিনীপুর শাখা বিক্ষোভ কর্মসূচী করে। এই বিক্ষোভ কর্মসূচিতে উপস্থিত ছিলেন বাংলা পক্ষর সাধারণ সম্পাদক অধ্যাপক গর্গ চট্টোপাধ্যায়, শীর্ষ পরিষদের সদস্য কৌশিক মাইতি, ডাঃ অরিন্দম বিশ্বাস, অমিত সেন, সোয়েব আমিন, জেলা নেতৃত্ব অমিত দে সহ সায়ন মিত্র, আনোয়ার হোসেন ও অন্যান্যরা। বাঙালির স্বার্থের দাবিতে প্রতিবাদী সংগঠন দাবি তুলেছে, জিন্দাল ফ্যাক্টরি সহ বাংলার সমস্ত ফ্যাক্টরি, কোম্পানীতে ৯০% ভূমিপুত্র সংরক্ষণ চাই।

Bangla pokkho protest in jindal factory

সাধারণ সম্পাদক গর্গ চট্টোপাধ্যায় জানান, “আমাদের মাটিতে শিল্প হয়েছে, কারখানার ধোঁয়া খাই৷ চাকরিও স্থানীয় মানুষের চাই। স্থানীয় প্রশাসনের প্রতিটা প্রতিনিধিকে অনুরোধ, জিন্দালের ফ্যাক্টরিতে বাঙালির কাজের ব্যবস্থা করুন। আপনারা তো বাংলার প্রতিনিধি, বিহার-ইউপির না।”

কৌশিক মাইতি বলেন, “বাংলা জুড়ে বাংলা পক্ষ বাঙালির চাকরি ও কাজের দাবিতে লড়ছে। জিন্দাল কর্তৃপক্ষকে ধিক্কার। তারা এখানে ব্যবসা করলেও ভূমিপুত্রিদের বঞ্চিত করে বিহার-ইউপি থেকে লোক আনা হচ্ছে। স্থানীয় বাঙালিদের ছাঁটাই করা হচ্ছে। বাংলা পক্ষ মানবে না, বাঙালি মানবে না।”
ডাঃ অরিন্দম বিশ্বাস স্থানীয় সমস্ত ভূমিপুত্রদের ঐক্যবদ্ধ হয়ে নিজের অধিকার ছিনিয়ে নেওয়ার আহ্বান জানান। বাঙালি ঐক্যবদ্ধ হলে তবেই বাঙালির অধিকার আদায় হবে।

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বাংলাদেশ নিয়ে বরাহনগরে বিরাট বিক্ষোভ বাংলাপক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/bangla-pokkho-protest-on-bangladesh-issue-at-barahanagar Thu, 21 Oct 2021 17:59:34 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8608 নিউজ ডেস্ক: বরানগরের টবিনরোড অঞ্চলে বিক্ষোভ কর্মসূচির আয়োজন করল বাংলাপক্ষ। বাংলাদেশে সদ্য ঘটা সাম্প্রদায়িক বিশৃঙ্খলার প্রতিবাদে তারা এই বিক্ষোভ কর্মসূচির আয়োজন করেছিল।

বাঙালির অধিকার নিয়ে লড়াই করা এই সংগঠনের প্রধান বক্তা গর্গ চট্টোপাধ্যায় বলছেন, “বাংলাদেশে কুমিল্লা, চট্টগ্রাম, ফেনী সহ নানা জেলায় সংখ্যালঘু হিন্দু বাঙালিদের দুর্গাপুজোয় সাম্প্রদায়িক গুন্ডা আক্রমণকে ধিক্কার। বাংলাদেশে সংখ্যালঘু নিরাপত্তা নিশ্চিত না করতে পারা বাংলাদেশ সরকারকে ধিক্কার! জামাত-এ-ইসলামি ও পাকিস্তান চেতনার বাহক সকল বাঙালি-বিরোধী শক্তিকে নিশ্চিহ্ন করো”

Bangla pokkho protest on bangladesh issue

বাংলা পক্ষের শীর্ষ পরিষদ সদস্য কৌশিক মাইতি বলেন, “ভারতের হিন্দি বলয় জুড়ে উত্তরপ্রদেশ, মধ্যপ্রদেশ, ছত্তিশগড়ে দুর্গাপুজোয় আক্রমণ ও খুনকে ধিক্কার ! পশ্চিমবঙ্গের ব্যারাকপুর এলাকায় বহিরাগত বিএসএফ জওয়ান দ্বারা দুর্গাপুজোয় গুলি চালানোকে ধিক্কার !

তাদের দাবি,” অমিত সেন,আব্বাস সিদ্দিকী, তরুণজ্যোতি তেওয়ারি সহ ধর্মীয় হিংসার সকল উস্কানীদাতাকে গ্রেফতার করতে হবে।” তাদের আরও দাবি “বাংলাদেশকে তিস্তার জল দিতে চাওয়া পশ্চিমবঙ্গ-বিরোধীদের ধিক্কার ! তিস্তা চুক্তি ধ্বংস করো !পশ্চিমবঙ্গের ১০০০০ একর জমি বাংলাদেশকে দিয়ে দেওয়া কেন্দ্রীয় সরকার ধিক্কার! ওই জমি ফেরত চাই!

বাংলাদেশে ২০১৪-র পর ধর্মীয় নির্যাতনের বলি হয়ে ভারতে আসা বাঙালিকে অবৈধ অনুপ্রবেশকারী বানানো সিএএ আইন বাতিল করো! বাংলাদেশ থেকে নিপীড়িত হয়ে ভারতে আসা বাঙালিদর ডিটেনশন ক্যাম্পে ঢোকানো বন্ধ করো !”প্রশ্ন তুলেছে, কার স্বার্থে ভারত-বাংলাদেশ বর্ডার সম্পূর্ণ সিল করছেনা বিএসএফ, অমিত শা জবাব দাও !

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বাংলাদেশে দূর্গাকাণ্ড টেনে উস্কানি আব্বাস সিদ্দিকীর, গ্রেফতারের দাবি বাংলাপক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/bangla-pokkho-wants-abbas-siddiquis-arrest-for-communal-speech-bringing-bangladesh-durga-idol-breaking-issue Sun, 17 Oct 2021 08:17:47 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7982 নিউজ ডেস্ক: সম্প্রতি সামাজিক মাধ‍্যমে ছড়িয়ে পড়া একটি ভিডিওবার্তায় দেখা গিয়েছে, আইএসএফ নেতা আব্বাস সিদ্দিকী তীব্র আক্রমণাত্মক এবং সাম্প্রদায়িক বক্তব‍্য রাখছে। এমনটাই দাবী বাংলা পক্ষের। এর বিরুদ্ধে প্রতিবাদ জানিয়ে তাঁকে গ্রেফতারের দাবী জানিয়েছে বাংলা পক্ষ। রীতিমতো চিঠি গিয়েছে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়, সিপি, ডিজিপি’র কাছে।

বাংলাপক্ষ জানিয়েছে, “দুর্গাপূজাকে কেন্দ্র করে প্রতিবেশী রাষ্ট্রে যে সাম্প্রদায়িক উত্তেজনা তৈরী হয়েছে, আমাদের পশ্চিমবঙ্গ তা থেকে সুরক্ষিত আছে। এখানকার বাঙালি নিজেদের অসাম্প্রদায়িক চরিত্র বজায় রাখতে সক্ষম হয়েছে ধর্ম নির্বিশেষে। বিগত বিধানসভা নির্বাচনে তার প্রমাণ আমরা পেয়েছি। বর্তমান পরিস্থিতিতে প্রতিবেশী রাষ্ট্রের বিষয়কে টেনে এনে এই বাংলার মাটিকেও অশান্ত করার অপচেষ্টা হচ্ছে। বাঙালি বিরোধী বহিরাগত অপশক্তি যারা ধর্মের ভিত্তিতে বাঙালিকে ভাগ করতে চায়, তারা এইসব উস্কানির মদতদাতা।”

এরপরে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের কাছে তাঁদের আবেদন, ” আপনার কাছে বিনীত আবেদন অবিলম্বে এদের বিরুদ্ধে কঠোর ব‍্যবস্থা অবলম্বন করুন। আব্বাসের মতো মৌলবাদীরা স‌খ‍্যাগুরু ধর্মীর মৌলবাদীদের ভিত মজবুত করে। পশ্চিম বাংলার অসাম্প্রদায়িক, মৌলবাদ বিরোধী চেতনা আপনার হাতে সুরক্ষিত থাকবে বলেই বিশ্বাস করি।এছাড়াও যে কোন ধর্মের যে কেউ ধর্মীয় সাম্প্রদায়িক উস্কানি ছড়ালে সঙ্গে সঙ্গে গ্রেফতার করে কঠোর আইনানুগ ব্যবস্থা গ্রহণের দাবি জানাই।” 

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নিট বাতিল করে বাংলায় জয়েন্টের দাবিতে পথে বাংলাপক্ষ https://ekolkata24.com/uncategorized/bangla-pokkho-fights-for-bengali-joint Tue, 21 Sep 2021 11:39:20 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=5192 নিউজ ডেস্ক: বাংলার বুকে সমস্ত চাকরিতে ভূমিপুত্র সংরক্ষণ এবং মেডিকেলে ভর্তির ক্ষেত্রে নিট পরীক্ষা বাতিল করে বাংলা জয়েন্ট এন্ট্রান্স পরীক্ষাকে বাধ্যতামূলক করার দাবিতে পথে নামল বাংলাপক্ষ।

বাঙালিদের দাবি নিয়ে বেলঘরিয়া ষ্টেশনের এক নম্বর প্লাটফর্মের বাইরে থেকে একটি প্রতিবাদ মিছিল শুরু হয় এবং বিটি রোড রথতলায় সেই মিছিল শেষ হয়ে একটি পথসভা অনুষ্ঠিত হয়। মিছিলে ও সভায় মানুষের ভিড় ছিল চোখে পরার মত।এই প্রসঙ্গে বাংলাপক্ষের তরফে কৌশিক মাইতি বলেন, “পাহাড় থেকে মোহনা বাংলা পক্ষ তার বিস্তার রোজ জানান দিচ্ছে। নিজভূমে যখন কেউ তার ন্যায্য অধিকার থেকে বঞ্চিত হয় তখন সেই অধিকার বল পূর্বক আদায় করে নিতে হয়। ঠিক সেই দাবিতেই আমাদের এই মিছিল”

সংগঠনের তরফ থেকে সাধারণ সম্পাদক ও প্রতিষ্ঠাতা ডাঃ গর্গ চট্টোপাধ্যায় বলেন যে, “আমরা একটি অদলীয় রাজনৈতিক সংগঠন এবং তারা ভোটে লড়াই করে না কিন্তু বাঙালির অধিকার আদায়ের জন্য লড়াই করে এবং আমাদের এই লড়াই ভূমিপুত্র সংরক্ষণ করানোর জন্য যা সংগঠনের সদস্যরা আমৃত্যু লড়াই করবে”

গর্গ চট্টোপাধ্যায় তার ভাষনে স্পষ্ট করে বলে দেন বাঙালি জাতি এতদিন যে ভোট দিয়েছে এবার তাদের অধিকার বুঝে নেওয়ার সময় এসেছে। অন্যদিকে বাংলা পক্ষ শীর্ষ পরিষদের সদস্য কৌশিক মাইতি পশ্চিমবঙ্গে নিট বাতিল করে রাজ্য সরকারের জয়েন্ট পরীক্ষার প্রয়োজনীয়তা সম্পর্কে বলেন। এছাড়াও বক্তব্য রাখেন শীর্ষ পরিষদের সদস্য অমিত সেন এবং উত্তর ২৪ পরগনা শহরাঞ্চল জেলা সম্পাদক পিন্টু রায়।

প্রসঙ্গত, এই পরীক্ষার বিরোধিতা করেছে তামিলনাড়ু। এখন থেকে ডাক্তারি পড়ার জন্য তামিলনাড়ুর পড়ুয়াদের আর নিট পরীক্ষায় নাও বসতে হতে পারে। এই সংক্রান্ত একটি বিল সেখানকার বিধানসভায় পাশ করেছে। নতুন বিল অনুযায়ী ছাত্র ছাত্রীরা তাঁদের দ্বাদশের ফাইনাল পরীক্ষায় পাওয়া নম্বরের ভিত্তিতেই চিকিৎসা নিয়ে কলেজে ভর্তি হতে পারবেন। বিলটির নাম ‘তামিলনাড়ু অ্যাডমিশন টু মেডিক্যাল ডিগ্রি কলেজ বিল’।

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