Bengali representation – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 30 Nov 2024 07:55:40 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Bengali representation – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 दिल्ली में बंगाली उम्मीदवारों की मांग, भाजपा सांसद का बयान https://ekolkata24.com/top-story/mp-saumitra-khan-why-bengali-candidates-are-key-for-bjp-in-delhi-elections-2025 Sat, 30 Nov 2024 07:55:40 +0000 https://ekolkata24.com/?p=50405 दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) से पहले बंगाली मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति तेज कर दी है। बंगाली वोटर्स दिल्ली की राजनीति में एक अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में बिष्णुपुर के भाजपा सांसद सौमित्र खां ने बंगाली उम्मीदवारों को टिकट देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में बंगाली समुदाय का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

दिल्ली में बंगाली वोट का महत्व
दिल्ली में बंगाली बहुल क्षेत्र, खासकर चित्तरंजन पार्क (सीआर पार्क), बंगाली संस्कृति और वोटिंग पावर का केंद्र है। हालांकि, मुनिरका, करोल बाग, और गोविंदपुरी जैसे क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी (आप) की मजबूत पकड़ है। भाजपा इस बार बंगाली वोटर्स को लुभाने और पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए नई रणनीति बना रही है।

सांसद सौमित्र खां का बयान
सौमित्र खां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा,

“दिल्ली विधानसभा में बंगाली प्रतिनिधित्व होना चाहिए। सीआर पार्क जैसे बंगाली बहुल क्षेत्रों में बंगाली उम्मीदवार को टिकट दिया जाना चाहिए। इसके लिए मैं केंद्रीय नेतृत्व से आग्रह करूंगा।”

भाजपा की नई रणनीति
भाजपा अब बंगाली सांसदों और नेताओं को प्रचार में उतारने की तैयारी कर रही है। पार्टी का लक्ष्य है कि बंगाली मतदाताओं के बीच प्रभावी संपर्क बढ़ाया जाए और आप के गढ़ों में सेंध लगाई जाए।

चुनाव से पहले चुनौती और संभावना
दिल्ली में आम आदमी पार्टी का प्रभाव पिछले कई चुनावों में स्पष्ट रहा है। ऐसे में भाजपा के लिए बंगाली उम्मीदवार उतारना और उनकी जीत सुनिश्चित करना एक चुनौती होगी। हालांकि, सौमित्र खां की यह मांग बंगाली समुदाय के मतदाताओं को आकर्षित करने में सहायक हो सकती है।

भविष्य की तस्वीर
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को अब यह तय करना होगा कि वे इस मांग को किस तरह से अपनी चुनावी रणनीति में शामिल करेंगे। बंगाली उम्मीदवारों को टिकट देना पार्टी के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में इस बार बंगाली समुदाय का रुख तय करेगा कि सत्ता का समीकरण किस दिशा में जाएगा।

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