पुलिस की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही धमकी भरा ईमेल मिला, पुलिस तुरंत हरकत में आई। बैंक के सभी कर्मचारियों और ग्राहकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड ने बैंक के हर कोने की गहन जांच की।
डीसीपी ईस्ट डिवीजन ने कहा,
“ट्रिनिटी सर्कल स्थित HSBC बैंक को बम धमकी वाला ईमेल मिला। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच की। कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, और इसे फर्जी धमकी घोषित किया गया।”
धमकी से फैला डर
बम धमकी की खबर से बैंक और उसके आस-पास के इलाके में दहशत फैल गई। स्थानीय लोगों और कर्मचारियों ने घबराहट में बैंक छोड़ दिया। पुलिस ने आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी और स्थिति को नियंत्रण में रखा।
फर्जी धमकी की जिम्मेदारी
फर्जी बम धमकी न केवल जनता में डर पैदा करती है, बल्कि पुलिस और प्रशासनिक संसाधनों का दुरुपयोग भी करती है। पुलिस ने कहा कि ऐसी गैर-जिम्मेदार हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच जारी
साइबर सेल के सहयोग से ईमेल भेजने वाले की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह काम किसी व्यक्ति का है या किसी संगठन का। जांच में तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इस तरह की घटनाएं प्रशासन के लिए एक चुनौती हैं। हालांकि, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई कर स्थिति को संभाला। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा से जुड़े मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
]]>मल्लेस्वरम में रहने वाली महालक्ष्मी एक माल में काम करती थी और उसके पति शहर से दूर एक आश्रम में काम करते हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद वह भी पहुंचे।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिमी क्षेत्र) एन सतीश कुमार ने कहा कि व्यालिकावल थाना क्षेत्र के एक घर में फ्रिज से महिला के शव के टुकड़े मिले। फोरेंसिक विशेषज्ञ ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में रह रही महिला मूल रूप से दूसरे राज्य की निवासी थी। अपार्टमेंट में पहुंची पुलिस टीम ने सबसे पहले 165-लीटर, सिंगल-डोर फ्रिज को चालू देखा और पाया शरीर में कीड़े पड़ गए थे।
इस घटना ने 18 मई, 2022 को दिल्ली के महरौली में श्रद्धा वाकर की उनके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला की तरफ से की गई नृशंस हत्या की याद दिला दी है। आफताब ने श्रद्धा का गला घोंटकर हत्या करने के बाद उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे। शहर के अलग-अलग भागों में फेंकने से पहले लगभग तीन हफ्ते तक उसने शव के टुकड़ों को अपने आवास में फ्रिज में रखा था।
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ज्ञात हो कि . फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो केस में गैर जमानती वारंट जारी किया था। बता दें कि बीएस यदियुरप्पा पर एक नाबालिग से यौन शोषण करने का आरोप है। इस प्रकरण में वारंट जारी होने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इसके साथ ही उन्होंने केस को भी रद्द करने की मांग की थी। जिसपर आज सुनवाई हुई।
फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा पॉक्सो एक्ट के तहत येदियुरप्पा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया किया है। बता दें यह पूरा मामला 2 फरवरी 2024 की है। जब एक महिला अपनी 17 साल की बेटी के साथ येदियुरप्पा के निवास पर रेप केस में मदद मांगने गई थी। उस दौरान आरोप है कि यदियुरप्पा के घर में लड़की से छेड़छाड़ की घटना हुई।
इस मामले में पीड़िता नाबालिग लड़की की मां ने 14 मार्च को बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर में येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो और धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक डीआईजी ने मामले को सीआईडी को सौंप दिया था. बुधवार को सीआईडी ने येदियुरप्पा को पेश होने के लिए समन भेजा था। इसपर जवाब देते हुए उनके वकील ने एक हफ्ते का वक्त मांगा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यदियुरप्पा ने 17 जून को पूछताछ में शामिल होने की बात कही, लेकिन CID फास्ट ट्रैक कोर्ट से वारंट ले आई। इन आरोपों को खारिज करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वे कानूनी रूप से लड़ेंगे।
हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसे हिन्दी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है। दरअसल पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट होता है।
बता दे यह एक्ट नाबालिग लडकी और लड़के दोनों में से किसी के भी खिलाफ़ हुई यौन हिंसा के खिलाफ़ लागू होता है। इस कानून को 2012 में लाया गया था। पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजाओं का भी प्रावधान किया गया है। इस एक्ट को लाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य था नाबालिग बच्चों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण देना। इस एक्ट के तहत दोषी पाए जाने वाले अपराधी के खिलाफ उम्रकैद जैसी सजा का भी प्रवधान है।
वर्तमान समय में यौन शोषण के आरोपी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा दक्षिण के कद्दावर नेता है। भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में इनका नाम लिया जाता है। बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के 19वें मुख्यमंत्री है, इन्होंने 30 मई 2008 को शपथ ग्रहण किया था। अभी येदियुरप्पा कर्नाटक राज्य की विधानसभा में शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं।
बता दें कि भाजपा संगठन में येदियुरप्पा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया था. लेकिन राज्य की राजनीति में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हे राज्य का अध्यक्ष बना दिया गया। ये कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। साथ ही साल 2007 में जद(एस) के साथ गठबंधन टूटने से पहले भी थोड़े समय के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। बताते चलें येदियुरप्पा किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं।
]]>रक्षा मंत्री राजनाथ के अनुसार, उत्तर भारत ने सीधे आक्रमणकारियों का सामना किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत भारतीय संस्कृति का सुरक्षित घर है।उन्होंने कहा कि अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण आक्रमणकारियों के लिए दक्षिण भारत काफी दूर रहा है।
]]>এদিন পরপর ২টি ভূমিকম্পে কেঁপে ওঠে দক্ষিণের রাজ্য কর্ণাটক। কম্পন অনুভূত হয় রাজ্যের রাজধানী বেঙ্গালুরুতেও। তবে জানা গিয়েছে, কম্পনের মাত্রা কম হওয়ায় কোনও বড়সড় ঘটনা ঘটেনি।
ন্যাশনাল সেন্টার ফর সিসমোলজির তথ্য অনুযায়ী, বেঙ্গালুরুতে রিখটার স্কেলে ৩.৩ মাত্রায় কম্পন অনুভূত হয়। এদিকে কর্ণাটক রাজ্য প্রাকৃতিক দুর্যোগ পর্যবেক্ষণ কেন্দ্র জানায়, আজ সকালে চিক্কাবল্লাপুর জেলায় ২.৯ ও ৩ মাত্রার ২টি ভূমিকম্প রেকর্ড করা হয়েছে। ন্যাশনাল সেন্টার ফর সিসমোলজি এদিন টুইটারে জানিয়েছে, সকাল ৭টা ১৪ মিনিট নাগাদ একটি ভূমিকম্প অনুভূত হয়। ২৩ কিলোমিটার গভীরে এটি হানা দেয়। ভূমিকম্পের কেন্দ্রস্থল কর্ণাটকের রাজধানী থেকে ৬৬ কিলোমিটার দূরে ছিল। এর ৫ মিনিট আগেই প্রথম ভূমিকম্পটি হয়।
টুইট করে ন্যাশনাল সেন্টার ফর সিসমোলজি জানায়, ‘ভূমিকম্পের মাত্রা: ৩.৩, ২২-১২-২০২১, ভারতীয় সময় ৭টা ১৪ মিনিট ৩২ সেকেন্ড, অক্ষাংশ: ১৩.৫৫ এবং দীর্ঘ: ৭৭.৭৬, গভীরতা: ২৩ কিমি, অবস্থান: বেঙ্গালুরু, কর্ণাটকের ৬৬ কিমি উত্তর উত্তর-পূর্বে।’ এর আগের ভূমিকম্প নিয়ে টুইটে ন্যাশনাল সেন্টার ফর সিসমোলজি লেখে, ‘ভূমিকম্পের মাত্রা: ৩.১, ২২-১২-২০২১, ভারতীয় সময় ৭টা ৯ মিনিট ৩৬ সেকেন্ড, অক্ষাংশ: ১৩.৫৯ এবং দীর্ঘ: ৭৭.৭৩, গভীরতা: ১১ কিমি, অবস্থান: বেঙ্গালুরু, কর্ণাটকের ৭০ কিমি উত্তর উত্তর-পূর্বে।’
]]>Earthquake of Magnitude:3.1, Occurred on 22-12-2021, 07:09:36 IST, Lat: 13.59 & Long: 77.73, Depth: 11 Km ,Location: 70km NNE of Bengaluru, Karnataka, India for more information download the BhooKamp App https://t.co/QwfkjFOGRX pic.twitter.com/LQ87OjGcA7
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) December 22, 2021
২০২০ সালের ২ জুলাই (July) করোনা সংক্রমণের কারণে মৃত্যু হয়েছিল বেঙ্গালুরুর বাসিন্দা দূর্গা সুমিত্রা (Druga Sumitra) (৪০) ও মুনিরাজু (৫০) (Muniraju) নামে দুই জনের । সেসময় বেঙ্গালুরু এমপ্লয়িজ স্টেট ইনসিওরেন্স কর্পোরেশন অ্যান্ড মডেল হাসপাতাল কর্তৃপক্ষ জানিয়েছিল, করোনায় (Corona) মৃতদের দেহ কখনওই পরিবারের হাতে দেওয়া যাবে না। এমনকী, দুই পরিবারের সদস্যদের তাঁদের মৃত আত্মীয়কে শেষ দেখাও দেখতে দেওয়া হয়নি। হাসপাতাল কতৃপক্ষ জানিয়েছিল, সংক্রমণের ঝুঁকি এড়াতে দেহ পরিবারের হাতে দেওয়া হবে না। তারাই মৃতদেহ দু’টি সৎকার করবেন।
কয়েকদিন আগে ওই হাসপাতালের এক কর্মী মর্গে ঢুকে দেখতে পান, দু’টি দেহ এখন পড়ে রয়েছে। প্রায় ১৭ মাস ধরে দেহ দু’টি মর্গে পচছে। হাসপাতাল কর্মীর মুখ থেকে এই কথা জানার পর বেঙ্গালুরুর দুই পরিবারে এক অভাবিত নতুন ধাক্কা লাগল। প্রিয়জনকে হারানোর শোকের পাশাপাশি দেহ দু’টির শেষকৃত্য না হওয়ায় আরও এক নতুন আঘাত লেগেছে তাঁদের।
বিষয়টি প্রকাশ্যে আসতেই নড়েচড়ে বসেছে প্রশাসন। কেন এরকম হল তা খতিয়ে দেখার নির্দেশ দিয়েছে জেলা প্রশাসন।
ইতিমধ্যেই মৃত দুই ব্যক্তির পরিবার সংশ্লিষ্ট হাসপাতালের বিরুদ্ধে অবহেলার অভিযোগ তুলেছে। জানা গিয়েছে, দেহ দুটি ময়নাতদন্তের পর শেষকৃত্যের জন্য তা পরিবারের হাতে তুলে দেওয়া হবে। হাসপাতাল কর্তৃপক্ষের এই সিদ্ধান্ত নতুন বিতর্ক তৈরি করেছে। অনেকেই বলেছেন, যদি ওই দুইজনের করোনায় মৃত্যু হয়ে থাকে, তাহলে কিভাবে সেই দেহ এখন পরিবারের হাতে তুলে দেওয়া হবে?
এই ঘটনার তীব্র ক্ষোভ প্রকাশ করেছেন এলাকার বিজেপি বিধায়ক সুরেশ কুমার। হাসপাতাল কর্তৃপক্ষের সমালোচনা করে তিনি বলেছেন, এটা অত্যন্ত নিন্দনীয়। মৃতদের দেহ নিয়েও ছিনিমিনি খেলেছে বেঙ্গালুরুর এমপ্লয়িজ স্টেট ইনসিওরেন্স কর্পোরেশন অ্যান্ড মডেল হাসপাতাল। এই ঘটনার উচ্চ পর্যায়ের তদন্ত হওয়া উচিত। যারা এই ঘটনার জন্য দায়ী তাদের কঠোর শাস্তি হওয়া উচিত।
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