Black money – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Fri, 20 Jun 2025 07:02:35 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Black money – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 Black Money वापसी का वादा अतीत! मोदी युग में स्विस बैंकों में भारतीयों का भारी जमा https://ekolkata24.com/business/modis-black-money-recovery-promise-fades-as-swiss-bank-deposits-soar-in-2024 Fri, 20 Jun 2025 07:02:35 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51873 सत्ता में आने पर विदेश में जमा काले धन (Black Money ) को वापस लाएंगे—यह वादा लेकर 2014 में नरेंद्र मोदी सत्ता में आए। उस समय दावा किया गया था कि वापस लाए गए धन से हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा होंगे और देश के विकास में इसका उपयोग होगा। लेकिन यह वादा केवल एक चुनावी नारा बनकर रह गया। काले धन की वापसी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया, फिर भी केंद्र सरकार चतुराई से अपनी जिम्मेदारी से बच निकली। आज भी विपक्षी दल 15 लाख रुपये के वादे को लेकर सरकार पर तंज कसते हैं। ऐसे में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है—काला धन वापसी तो दूर, भारत से भारी मात्रा में पैसा स्विस बैंकों में जमा हो रहा है।

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स्विस नेशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारतीयों के स्विस बैंकों में जमा राशि तीन गुना बढ़कर 3.54 बिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग 37,600 करोड़ रुपये) पहुंच गई है। यह 2021 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस राशि का केवल 10% ही ग्राहकों के सीधे जमा से आया है; बाकी का हिस्सा बैंक चैनलों और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से प्रवाहित हुआ है। यह तथ्य कई सवाल खड़े करता है—आखिर इतनी बड़ी राशि विदेश कैसे पहुंच रही है और यह पैसा देश के विकास में क्यों नहीं लगाया जा रहा?

भारत का काला धन लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारतीयों ने स्विस बैंकों में 1.06 से 1.40 ट्रिलियन डॉलर की अवैध राशि जमा की है। हालांकि, स्विस प्राधिकरण और स्विस बैंकर्स एसोसिएशन ने इन आंकड़ों को गलत और मनगढ़ंत बताया है। उनका कहना है कि भारतीयों का स्विस बैंकों में कुल जमा केवल 2 बिलियन डॉलर है। इन विरोधाभासी आंकड़ों के बावजूद, 2024 में हुई यह तीन गुना वृद्धि सरकार की काले धन नियंत्रण नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाती है।

2016 में नोटबंदी के जरिए काले धन पर लगाम लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन इसके परिणामों को लेकर अलग-अलग राय हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि नोटबंदी ने काले धन को पूरी तरह खत्म नहीं किया; बल्कि यह विदेश भेजने का नया रास्ता खोल दिया। स्विस बैंक के आंकड़े इस धारणा का समर्थन करते प्रतीत होते हैं। इसके अलावा, भारत सरकार ने 2010 से स्विट्जरलैंड के साथ डबल टैक्सेशन से बचने के समझौते को संशोधित कर काले धन की जांच की सुविधा बढ़ाई, फिर भी इसके परिणाम उत्साहजनक नहीं रहे।

इस स्थिति में जनता में चिंता बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर यूजर्स सरकार की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ लोग मजाक में कह रहे हैं, “15 लाख रुपये देश में आने की बजाय, स्विस बैंकों में 37,600 करोड़ रुपये चले गए!” अन्य लोग सरकार की पारदर्शिता पर चर्चा कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस धन प्रवाह को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की ईमानदार कोशिशें जरूरी हैं।

सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। काला धन वापसी का वादा अब अतीत की बात बनता जा रहा है, और स्विस बैंकों में पैसा जमा होने की यह वृद्धि भारत की आर्थिक नीतियों और भ्रष्टाचार नियंत्रण की प्रभावशीलता पर नए सवाल खड़े करती है। जनता अब इंतजार कर रही है कि सरकार इस चुनौती का सामना कैसे करती है।

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