दलजीत सिंह चौधरी ने बीएसएफ की सीमा पर परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। इन परियोजनाओं में सीमा चौकियाँ, सीमा बाड़ और सीमा पर सड़कों का निर्माण शामिल है, जो की सीमा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक हैं।
ये परियोजनाएं सीमा सुरक्षा बढ़ाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षा की भावना को सुदृढ़ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
चौधरी ने राजरहाट स्थित बीएसएफ मुख्यालय में अधिकारियों के साथ भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा की। आईजी साउथ बंगाल फ्रंटियर द्वारा ऑपरेशनल तैयारियों की जानकारी मिलने के बाद, उन्होंने अधिकारियों और जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने जवानों के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान देने की बात कही और उनकी सुविधाओं में सुधार के लिये निर्देश दिए। उनका दौरा राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा पार अपराध रोकने और देश की सुरक्षा में बीएसएफ की भूमिका को मजबूत करने का प्रतीक है।
]]>जानकारी के अनुसार, 12 सितंबर को बीएसएफ ख़ुफ़िया विभाग द्वारा सीमा चौकी दयारामपुर के जवानों को चांदी की संभावित तस्करी के बारे में एक विशेष सूचना दी गई। सूचना मिलने पर सभी जवानों और पेट्रोलिंग पार्टियों को सतर्क कर दिया गया।
सुबह लगभग साढे आठ बजे पेट्रोलिंग पार्टी को दयारामपुर के सीमा क्षेत्र में जूट के सरकंडा में कुछ सामान दबा हुआ दिखा,जवानों ने इलाके की तलाशी ली। तलाशाी में 5.9 किलो चांदी के दाने बरामद हुए। जब्त चांदी को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए कस्टम्स विभाग, जालंगी को सौंप दिया है।
इस विषय पर दक्षिण बंगाल सीमान्त के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी रोकने के लिए बीएसएफ सख्त कदम उठा रही है। इसके चलते ऐसे अपराध में शामिल लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आगे अधिकारी ने कहा कि हम किसी भी हालत में अपने इलाके से तस्करी नहीं होने देंगे।
]]>तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू की
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद दक्षिण कश्मीर जिले के कोकेरनाग इलाके के अहलान गडोले में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. आतंकवादियों द्वारा तलाशी दल पर गोलीबारी करने पर सुरक्षा बलों ने जवाब में गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.
कठुआ हमले में शामिल चार आतंकियों के स्केच जारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कठुआ जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में ‘ढोक’ (मिट्टी के घर) में देखे गए चार आतंकवादियों के स्केच शनिवार को जारी किए और उनके बारे में पुख्ता जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की. इसके साथ ही आतंकियों की धरपकड़ के लिए जिले के वन क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया. कठुआ में आठ जुलाई को माछेड़ी के सुदूर वन क्षेत्र में सेना के गश्ती दल पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैनिक शहीद हो गए थे. बड़े पैमाने पर तलाश अभियान के बावजूद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक छद्म समूह ‘कश्मीर टाइगर्स’ से जुड़े आतंकवादियों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. इन आतंकवादियों ने हाल ही में भारत में घुसपैठ की थी.
इस विषय पर बीएसएफ का कहना है कि ये लोग बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले के पांच गांवों के थे जिसकी सीमा जलपाईगुड़ी से लगती है। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेशी सीमा पर एकत्र हुए थे, लेकिन सीमा पूरी तरह सील होने के कारण कोई भी भारत में प्रवेश नहीं कर सका। बाद में, बीजीबी उन्हें वापस ले गया।
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के फील्ड कमांडरों ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के अपने समकक्षों से संपर्क किया और महिलाओं और बच्चों के साथ आए 120-140 लोगों के इस समूह को रोका गया तथा उन्हें वापस जाने को कहा गया। अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है।
बीएसएफ पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिलों समेत कुल 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के 932.39 किलोमीटर हिस्से की रक्षा करती है।
इस संबंध में एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि कंटीले तारों के पार इकट्ठा हुए लोग अंदर आने देने की गुहार लगा रहे थे। व्यक्ति ने कहा कि हम असहाय हैं। इस दौरान उन्होंने अपने भयावह अनुभव बताए। भीषण हिंसा के चलते शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ने और भागने के लिए मजबूर होने के बाद बांग्लादेश में अनिश्चितता व्याप्त है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद भंग कर दी और नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया।
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इनमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ़) जैसे सुरक्षाबलों में होने वाली भर्तियां शामिल है। इसके तहत अग्निवीर की सेवा से रिटायर हुए जवानों को उम्र सीमा और शारीरिक दक्षता में भी छूट मिलेगी।साल 2022 में सेना के तीन अंगों में जवान, एयरमैन और नाविक के पदों पर भर्ती के लिए सरकार अग्निपथ योजना लेकर आई थी।
इस योजना के तहत सेना में शामिल ‘अग्निवीर’ का कार्यकाल चार साल का है, जिसके बाद इनमें से 25 फ़ीसदी आगे सेना में काम करते रहेंगे जबकि 75 फ़ीसदी को सेना से रिटायर होना होगा। इस योजना को लेकर विपक्ष ने सरकार से कई सवाल किए थे और कहा था कि ट्रेनिंग ले चुके अग्निवीर सेना से रिटायर होने के बाद क्या करेंगे इसे लेकर कोई योजना होनी चाहिए।
हाल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद अग्निवीर के मुद्दे पर फिर से चर्चा छेड़ी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को ख़त्म कर दिया जाएगा। जहां कुछ युवाओं को इससे उम्मीद जगी है, वहीं कुछ युवा कहते हैं कि इससे कितना फायदा होगा, ये देखना होगा।
सीआईएसएफ़ की महानिदेशक नीना सिंह ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों के केंद्रीय सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है। उन्होंने कहा, “इसके अनुसार सीआईएसएफ़ ने भी पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के लिए सारी तैयारी कर ली है. सीआईएसएफ़ ने कांस्टेबल पद की भर्ती में उनके लिए 10 फ़ीसदी सीटें आरक्षित की गई हैं।”
“पूर्व अग्निवीरों को पीईटी यानी फ़िज़िकल एफ़िशिएंसी टेस्ट में छूट दी गई है और शुरू में अधिकतम उम्र की सीमा में 5 साल (पहले साल में) और बाद के सालों में 3 साल की छूट दी जाएगी।” उनका कहना है कि सीआईएसएफ़ सुनिश्चित करेगी कि पूर्व अग्निवीर इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
सीआईएसएफ़ के अलावा सीमा सुरक्षा बल या बीएसएफ़ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने भी भारत के सरकारी समाचार चैनल दूरदर्शन को बताया है कि बीएसएफ़ की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फ़ीसदी पद आरक्षित होंगे। उन्होंने पूर्व अग्निवीरों के लिए कहा, “चार साल इन्होंने मशक्कत की है, नौकरी की है और अनुभव हासिल किया है। ये कड़े अनुशासन में रहे हैं और बीएसफ़ के लिए अनुरुप हैं. हमें एक तरह से तैयार सैनिक मिल रहे हैं।” “हम इन्हें कम ट्रेनिंग देने के बाद सीमा पर तैनात कर सकते हैं. हम इनके आने का इंतज़ार कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि बीएसएफ़ की कुल रिक्तियों में से इनके लिए 10 फ़ीसदी इनके लिए आरक्षित होगा।
सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने इसके बारे में और जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “नियुक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फ़ीसदी का कोटा निर्धारित है. सशस्त्र सीमा बल में नियुक्ति से जुड़े नियमों में ये बदलाव कर दिया गया है।” “पहले बैच के लिए उम्र में पांच साल का रिलेक्सेशलन होगा। उनके लिए कोई फ़िज़िकल एफ़िशिएंसी टेस्ट नहीं किया जाएगा “
रेलवे पुलिस बल के महानिदेशक मनोज यादव ने कहा, “भविष्य में जो भी भर्ती कांस्टेबल यानी आरक्षक के लेवल पर होगी उसमें भी सभी श्रेणियों में 10 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा. न सिर्फ आरक्षण दिया जाएगी बल्कि उम्र की सीमा में छूट भी दी जाएगी।”
“दिसंबर 2026 से जनवरी 2027 में अग्निवीरों का जो पहला बैच सेना से रिटायर होगा उनके लिए छूट पांच साल की होगी, वहीं उसके बाद के बैचों के लिए आयुसीमा तीन साल की होगी।” “उनके आने से आरपीएफ़ को नई गति, नई उर्जा और नया मनोबल मिलेगा।”
वहीं सीआरपीएफ़ के महानिदेशक अनीष दयाल सिंह ने कहा कि इससे सीआरपीएफ़ को फायदा होगा क्योंकि सैनिक के तौर पर उन्हें सेना से प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति मिलेगा। उन्होंने कहा, “हमने इसके लिए तैयारी कर ली है और नियुक्ति से जुड़े नियमों में बदलाव किया जा चुका है।”
]]>किशनगंज में लगातार बारिश होने के कारण सीमा पार तस्कर नियमित रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा बाड़ को तोड़ने का प्रयास करते रहते हैं। वर्तमान स्थिति की बात करें तो 152 बटालियन बीएसएफ को बाड़ तोड़ने की कोशिश कर रहे दोनों तरफ के तस्करों से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
किशनगंज सेक्टर के अंतर्गत सैनिकों के अथक प्रयास से तस्करों के नापाक मंसूबों को बार-बार विफल किया जा रहा है. वहीं, गुरुवार को सीमा के बाड़ काटने के दौरान बीएसएफ जवानों की गोलीबारी में एक बांग्लादेशी तस्कर मारा गया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मुताबिक बीओपी तीनगांव, 152 बटालियन बीएसएफ के सतर्क सैनिकों ने 06/07 बांग्लादेशी तस्करों की आवाजाही देखी. जो तस्करी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा बाड़ को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे. बीएसएफ जवानों ने तस्करों को अपनी गतिविधियां बंद करने के लिए चेतावनी नोटिस जारी किया।
लेकिन तस्करों ने चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया और अपनी गतिविधियां जारी रखीं। गैर-घातक निरोध रणनीतियों के अनुसार बीएसएफ सैनिकों ने एक स्टन ग्रेनेड फेंका, लेकिन तस्कर डटे रहे और उन्होंने ऑन-ड्यूटी बीएसएफ जवानों पर हमला करने का प्रयास भी किया।
]]>इस संबंध में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीइओ) डॉं. आरिज आफताब ने अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शनिवार तक राज्य में केंद्रीय बल की कुल 1020 कंपनियां तैनात थीं। इनमें से 400 कंपनी को छोड़ कर अन्य सभी को लौटा दिया जायेगा।
डॉ. आफताब ने बताया कि राज्य की 42 लोकसभा सीटों की मतगणना के लिए 55 मतगणना केंद्र बनाये गये हैं। ऐसे में केंद्रीय बल की 42 कंपनी मतगणना केंद्रों के लिए उतारी जायेगी, जबकि 308 कंपनी केंद्रीय बल को चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए उतारा जायेगा। उन्होंने बताया कि, देश भर में छह जून तक आचार संहिता लागू रहेगी, इसलिए केंद्रीय बल के जवान छह जून तक राज्य के विभिन्न जिलों में ड्यूटी पर रहेंगे।
]]>উত্তর ২৪ পরগনার হাকিমপুর সীমান্ত পেরনোর সময় ৫ বাংলাদেশি অনুপ্রবেশকারীকে আটক করে সীমান্তরক্ষীরা। হাকিমপুর সীমান্ত পেরনোর সময় তারা ধরা পড়ে।
বিএসএফ জানিয়েছে, সেই দলেই ছিল বাংলাদেশের খুলনা বিভাগের সাতক্ষীরার বাসিন্দা লুৎফর রহমান। জাল আধার কার্ড ও ভোটার কার্ড তৈরি করার চক্র চালায় সে। লুৎফর সহ পাঁচ অভিযুক্তকে উত্তর ২৪ পরগনার স্বরূপনগর থানার হাতে তুলে দেয় বিএসএফ।
পুলিশ সূত্রে খবর, লুৎফর রহমানের বিরুদ্ধে লুক আউট নোটিশ রয়েছে বাংলাদেশে। বিভিন্ন সময় ভারতে ঢুকে নকল আধার কার্ড, ভোটার কার্ডের কারবার করে। বাকি ধৃতদের মধ্যে ২ জন পুরুষ ১ জন মহিলা ও একজন তৃতীয় লিঙ্গের ব্যক্তি।
সীমান্তে অনুপ্রবেশ রুখতে আগাম সতর্কতা নেওয়া হয়েছে বলে জানিয়েছে বিএসএফ। সীমান্তে বসানো হয়েছে বিশেষ আলো। ফলে সীমান্ত সুরক্ষা আরও বেশি জোরদার হয়েছে বলে দাবি বিএসএফের।
অন্যদিকে নদিয়ার হাঁসখালির গোগড়ায় আন্তর্জাতিক ভারত-বাংলাদেশ সীমান্তে বিপুল পরিমাণ রুপোর গহনা উদ্ধার করেছে বিএসএফ। সোমবার ভোরে সীমান্ত অতিক্রম করবার সময় পাচারকারীদের তাড়া করে বিএসএফ। জওয়ানরা কাঁদানে গ্যাসের শেল ফাটিয়ে পাচারকারীদের ধরে ফেলে। ৬ কেজি রুপোর গহনা উদ্ধার করা হয়।
]]>সূত্রের খবর, হাকিমপুর সীমান্ত পেরনোর সময় ৫ জনকে আটক করা হয়। সেই দলেই ছিল লুৎফর রহমান। এরপর লুৎফর সহ পাঁচ অভিযুক্তকে স্বরূপনগর থানার হাতে তুলে দেন বিএসএফ আধিকারিকরা। পুলিশ সূত্রে খবর, লুৎফর রহমানের বাড়ি বাংলাদেশের সাতক্ষীরায়। তার বিরুদ্ধে লুক আউট নোটিশ রয়েছে সেদেশে। বিভিন্ন সময় ভারতে ঢুকে নকল আধার কার্ড, ভোটার কার্ডের কারবার করে সে।
বাকি ধৃতদের মধ্যে ২ জন পুরুষ ১ জন মহিলা ও একজন তৃতীয় লিঙ্গের ব্যক্তি রয়েছেন। সীমান্তে অনুপ্রবেশ রুখতে আগাম সতর্কতা নেওয়া হয়েছে বলে জানানো হয়েছে বিএসএফের তরফে। সীমান্তে বসানো হয়েছে বিশেষ আলো। ফলে সীমান্ত সুরক্ষা আরও বেশি জোরদার হয়েছে বলে দাবি বিএসএফের।
]]>এই ঘটনা নিয়ে সোমবার কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহর ‘ভুল বোঝাবুঝি’র আখ্যাকে হাতিয়ার করে তিনি বলেন, ‘অসম রাইফেলস এর মতো বিএসএফও(BSF) ‘ভুল বোঝাবুঝির’ কারণে গুলি চালায়, ভবিষ্যতেও চালাবে। তৈরি থাকুন।’ ফেসবুক পোস্টে তাঁর এরকম মন্তব্য নতুন করে বিতর্ক উসকে দিল।
এর আগে তিনি রাজ্যে বিএসএফের কাজের সীমা বাড়িয়ে দেওয়ার কেন্দ্রীয় সিদ্ধান্তের বিরোধিতা করতে গিয়ে বিধানসভার মধ্যেই আপত্তিজনক মন্তব্য করেছিলেন। সেই আঁচ নিভতে না নিভতেই এবার নতুন বিতর্ক।
সোমবার নাগাল্যান্ডের (Nagaland) ঘটনা নিয়ে সংসদে শোরগোল ফেলে দেন বিরোধীরা। চাপে পড়ে এ নিয়ে বিবৃতি দিতে বাধ্য হন স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহ (Amit Shah)। তিনি বলেন, ‘ওটিং গ্রামে চরমপন্থী কার্যকলাপ চলছিল। সেনা কম্যান্ডোরা এলাকায় বিস্ফোরক বিছিয়ে রেখেছিলেন। সেই সময় একটি যাত্রীবোঝাই গাড়ি আসে। গাড়িটিকে দাঁড়াতে বললে পালানোর চেষ্টা করে তা। তখনই জঙ্গি সন্দেহে গুলি চালিয়ে দেয় সেনা। পরে বোঝা যায়, পরিচয় নিয়ে বিভ্রান্তি তৈরি হয়েছিল। আর সেই কারণেই ভুল বোঝাবুঝি হয়েছে।’
প্রসঙ্গত, ঘটনার পর অসম রাইফেলসের ছাউনিতে জনরোষ আছড়ে পড়লে সেখানেও গুলি চলে। তাতেও বেশ কয়েকজন গ্রামবাসী নিহত হন। ফলে সরাসরি স্বরাষ্ট্রমন্ত্রকের অধীনস্ত অসম রাইফেলসকেও ঘটনায় দায়ী করা হয়েছে।
]]>বিএসএফের ডিজি পঙ্কজ সিং (Pankaj Singh) জানিয়েছেন, আফগানিস্তানে (Afganisthsn) জঙ্গি বাহিনীর সরকার গঠন ভারতের পক্ষে যথেষ্ট উদ্বেগের। এই প্রথম বিএসএফ বা সীমান্তরক্ষী বাহিনী তালিবানদের বিপদের কথা স্বীকার করল।
বিএসএফের ডিরেক্টর জেনারেল পঙ্কজ সিং বলেন, এই মুহূর্তে আফগানিস্তানের ক্ষমতা ভোগ করছে তালিবান জঙ্গিরা। তাদের হাতে রয়েছে বিপুল পরিমাণ অস্ত্র। যা ভারতের পক্ষে অত্যন্ত উদ্বেগের। কারণ ওই অস্ত্রশস্ত্র চোরাপথে ভারতে পাঠানো হতে পারে। জঙ্গিরা যাতে এভাবে ভারতে গোপনে অস্ত্র পাঠাতে না পারে তার জন্য ইতিমধ্যেই বাহিনীকে সতর্ক করা হয়েছে। পাশাপাশি সীমান্তে বাড়ান হয়েছে নিরাপত্তা বাহিনীর সংখ্যা।
পঙ্কজ সিং আরও বলেন, তালিবানের হাতে যে সমস্ত অত্যাধুনিক অস্ত্র রয়েছে সেগুলি তারা পাক মদতপুষ্ট জঙ্গিদের পাঠাতে চাইছে। আফগানিস্তানের ক্ষমতা দখল করতে তালিবানকে সব ধরনের মত জুগিয়েছে পাকিস্তান। তাই কৃতজ্ঞতাবশত এবার পাক মদতপুষ্ট জঙ্গিদের অস্ত্র দিয়ে সাহায্য করতে পারে তালিবান। তালিবান জঙ্গিরা ইতিমধ্যেই গোপনে অস্ত্র পাঠানোর চেষ্টা করছে বলেও ডিজি জানান। একই সঙ্গে তিনি বলেন, তালিবান জঙ্গিরা যাতে গোপনে ভারতে অস্ত্র পাচার করতে না পারে তার জন্য সীমান্তে নিরাপত্তা ব্যবস্থা আরও মজবুত করা হয়েছে। বাড়ানো হয়েছে বাহিনীর সংখ্যা।
সম্প্রতি ভারত-পাক সীমান্তে বেশ কয়েকটি ড্রোন ভারতীয় ভূখণ্ডে প্রবেশ করেছে। এ প্রসঙ্গে বিএসএফের ডিজি বলেন, এখনও পর্যন্ত ভারত-পাক নিয়ন্ত্রণ রেখার কাছাকাছি ৬৭ টি ড্রোনের দেখা মিলেছে। বেশির ভাগ ড্রোনই ছিল ছোট। সেগুলি অধিকাংশই চিনের তৈরি। এই ড্রোনের মাধ্যমে মাদক ও অস্ত্র দুই পাঠানো হচ্ছে।
ডিজি আরও বলেন, ড্রোনের গতিবিধি আটকানোর জন্য ইতিমধ্যেই সীমান্তে অ্যান্টি ড্রোন সিস্টেম লাগানোর কাজ শুরু হয়েছে। কিন্তু ভারত ও পাকিস্তানের মধ্যে ২৩০০ কিলোমিটার দীর্ঘ এলাকায় অ্যান্টি ড্রোন সিস্টেমের ব্যবস্থা করা অত্যন্ত খরচ সাপেক্ষ। সে কারণে বিকল্প কোনও পদ্ধতির কথা ভাবা হচ্ছে। সীমান্তে নিরাপত্তা আরও মজবুত করতে সীমান্ত সংলগ্ন রাজ্যগুলির পুলিশ বাহিনীকে সতর্ক করা হয়েছে বলে বিএসএফের ডিজি জানান।
]]>বাহিনী এই বছর সীমান্তে একটি উল্লেখযোগ্য কাজ করেছে এবং তারা যেকোন চ্যালেঞ্জের মোকাবেলা করতে প্রস্তুত। বিএসএফ তার ৫৭ তম প্রতিষ্ঠা দিবস উদযাপন করছে। এটি আমাদের জন্য অত্যন্ত আনন্দের একটি সময়।’ পাশাপাশি এদিন তিনি বাহিনীর দ্বারা গৃহীত উল্লেখযোগ্য মিশনগুলি স্মরণ করিয়ে দিয়ে বলেন, ‘বিএসএফ প্রস্তুতি নিয়ে সীমান্তে উপস্থিত রয়েছে। সীমান্তে এ বছর বেশ কিছু কৃতিত্ব অর্জন করেছে বিএসএফ। যেকোন চ্যালেঞ্জ মোকাবেলা করতে আমরা প্রস্তুত।’
বিএসএফ জম্মু বর্তমানে পাকিস্তানের সাথে আন্তর্জাতিক সীমান্তের প্রায় ১৯২ কিলোমিটার নিয়ন্ত্রণ করছে এবং ভারতীয় সেনাবাহিনীর সাথে নিয়ন্ত্রণ রেখাতেও মোতায়েন রয়েছে। ২০২১ সালে বাহিনীটি কিছু গুরুতর চ্যালেঞ্জ গ্রহণ করেছে, যেমন ড্রোন কার্যকলাপ, টানেলিং এবং চোরাচালানের প্রচেষ্টা সহ প্রতিপক্ষের আক্রমণ থেকে রক্ষা। বিএসএফ জম্মু প্রতিপক্ষের সমস্ত প্রচেষ্টাকে ব্যর্থ করে দেয় এবং তাদের ঘৃণ্য পরিকল্পনা নস্যাৎ করে দেয়।
01 Dec 2021
On #BSFDay2021 as we turn 57, our 'journey' in the service of the motherland continues for eternity.
It is an honour to serve & protect.A promise we shall forever keep: जीवन पर्यन्त कर्त्तव्य
सीमा सुरक्षा बल – सर्वदा सतर्क#JaiHind #FirstLineofDefence#NationFirst pic.twitter.com/HLoxqORukc
— BSF (@BSF_India) November 30, 2021
আন্তর্জাতিক সীমান্তে সীমান্ত বাহিনীর শক্তিশালী আধিপত্য এবং নজরদারি জম্মু আন্তর্জাতিক সীমান্তে শান্তি অব্যাহত রেখেছে। গত বছরে, বিএসএফ জম্মু আন্তর্জাতিক সীমান্তে একাধিক টানেল বিরোধী অভিযান চালায় এবং ২০২১ সালের জানুয়ারি মাসে দুটি টানেল সনাক্ত করতে সক্ষম হয়। বাহিনী পাকিস্তান থেকে ANE-এর অনুপ্রবেশের প্রচেষ্টা বন্ধ করতে সক্ষম হয়েছিল। বাহিনীটি পাকিস্তান ভিত্তিক সন্ত্রাসী বা পাচারকারীদের দেশে তাদের পথ তৈরি করার জন্য এই ধরনের টানেল ব্যবহার করা থেকেও বাধা দেয়।
বিএসএফের সেনারা মাদকের চালান পাচারের চেষ্টাকারী বেশ কয়েকজন পাকিস্তানি চোরাকারবারীকেও নিষ্ক্রিয় করেছে। আন্তর্জাতিক সীমান্তে এই সফল অভিযানে প্রায় ২৭ কিলোগ্রাম মাদকদ্রব্য বাজেয়াপ্ত করেছে বিএসএফ। এছাড়াও, বিএসএফ গত ৩০ আগস্ট নওশেরা থেকে ২,৭৫,০০০ টাকার প্রায় ৯.৯৯৫ কিলোগ্রাম মাদকদ্রব্য আটক করতে সক্ষম হয়েছিল। বিএসএফ-এর অব্যাহত প্রচেষ্টার কারণে, ২০২১ সালের জানুয়ারি থেকে এখন পর্যন্ত আন্তর্জাতিক সীমান্তে অনুপ্রবেশ করার সময় বাহিনী পাঁচজন অনুপ্রবেশকারীকে নিষ্ক্রিয় করেছে এবং তিনজন পাকিস্তানি অনুপ্রবেশকারীকে আটক করেছে।
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তৃণমূল সাংসদ কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্র মন্ত্রকের কাছে জানতে চান, পাঞ্জাব, পশ্চিমবঙ্গের মত রাজ্যে বিএসএফের সীমানা বৃদ্ধির ব্যাপারে কেন্দ্র কি ২০১৪ সালের বিজ্ঞপ্তিটি সংশোধন করেছে? যদি করে থাকে তবে সরকার সে বিষয়টি সংসদে বিস্তারিত জানাক। বিএসএফের এলাকা বৃদ্ধির এই সিদ্ধান্ত নেওয়ার আগে কেন্দ্র কি সংশ্লিষ্ট রাজ্যগুলির সঙ্গে আলোচনা করেছে? সরকার যদি রাজ্যগুলির সঙ্গে আলোচনা করে থাকে সেক্ষেত্রে কি ফলাফল হয়েছে তা জানানো হোক।
সৌগতবাবু আরও জানতে চান, বিশেষজ্ঞরা কি বিএসএফের আওতা বাড়ানোর বিষয়ে কোনও সুপারিশ করেছিলেন? কারণ বিএসএফের এলাকা বৃদ্ধির ফলে সীমান্তরক্ষী বাহিনীর সঙ্গে রাজ্য পুলিশ প্রশাসনের মধ্যে একটা সংঘর্ষের সম্ভাবনা তৈরি হয়েছে, যা কখনওই কাম্য নয়। কোনও রাজ্য কি বিএসএফের আওতাধীন এলাকার পরিধি বাড়ানোর এই সিদ্ধান্তের বিরোধিতা করেছে? যদি করে থাকে তবে সে বিষয়টি জানানো হোক। কেন্দ্র কি রাজ্যগুলির এই উদ্বেগ ও বিরোধিতার বিষয়টি নিয়ে ভাবনাচিন্তা করছে? রাজ্যগুলির দাবি মেনে কেন্দ্র কি তাদের ভুল সংশোধনের জন্য কোনও ব্যবস্থা নিয়েছে?
বিএসএফ-এর আওতাধীন এলাকার সীমানা বাড়ান সংক্রান্ত এই প্রশ্নের উত্তরে কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্র মন্ত্রকের প্রতিমন্ত্রী নিত্যানন্দ রাই বলেন, সরকার ২০১৪ সালের বিজ্ঞপ্তিটি সংশোধন করেছে। সেই সংশোধনের জেরেই বিএসএফের আওতাধীন এলাকা পশ্চিমবঙ্গ, পাঞ্জাবের মত রাজ্যে বাড়ান হয়েছে। মন্ত্রী আরও বলেন, ১৯৬৮ সালের বিএসএফ অ্যাক্টের ১৩৯ (১) ধারা অনুযায়ী প্রয়োজনে কেন্দ্র সীমান্তরক্ষী বাহিনীর ক্ষমতা এবং তাদের দায়িত্ব বাড়াতে পারে।
একইসঙ্গে মন্ত্রী স্বীকার করে নেন, তাঁদের এই সিদ্ধান্তের তীব্র বিরোধিতা করেছে পশ্চিমবঙ্গ ও পাঞ্জাব। এই দুই রাজ্যে মনে করছে, বিএসএফের আওতাধীন এলাকার পরিধি বাড়ান রাজ্যের অধিকারের উপর হস্তক্ষেপ। কিন্তু রাজ্যগুলির এই ধারণা একেবারেই ঠিক নয়। বরং সীমান্ত সংলগ্ন রাজ্যগুলির সুরক্ষা বৃদ্ধির জন্যই এই সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে। বিশেষ করে আন্তর্জাতিক সীমান্ত এলাকায় চোরাচালান ও অপরাধ বন্ধ করতেই এই উদ্যোগ। রাজ্যগুলির অধিকারে হস্তক্ষেপ করার কোনও প্রশ্নই ওঠে না।
]]>দিনে চিকিৎসার নাম করে আনা গোরু, রাতে পাচার হয়ে যাচ্ছে বাংলাদেশে। সর্বস্ব হারাচ্ছেন হতদরিদ্র কৃষকরা। কারণ জমির সবজি নষ্ট করেই এই কারবার চলছে। উপার্জনের লোভে স্থানীয় অনেকেই কাজ শুরু করেছেন গোরুর ক্যারিয়ার হিসেবে।

দার্জিলিং জেলার ফাঁসিদেওয়া সীমান্তে এখন এমনই চিত্র দেখা যাচ্ছে। বাংলাদেশিরা খোলা সীমান্ত দিয়ে ভারতে প্রবেশ করে। উত্তর প্রদেশ, বিহার থেকে আসা গোরু এই সীমান্ত দিয়ে পাচার করে। পাচারকারীদের টার্গেট ফাঁসিদেওয়ার ব্লকের প্রায় সাড়ে তিন কিলোমিটার কাঁটাতারহীন সীমান্ত। মহানন্দা নদী পেরিয়ে গেলেই বাংলাদেশ। সেই কারণেই সুবিধা পাচারে।
বিএসএফ এর নজর এড়িয়ে নদী পেরিয়ে, বাংলাদেশের পঞ্চগড় জেলা হয়ে ওপার বাংলায় গোরু পাচার হচ্ছে বলে অভিযোগ। পাচার ঠেকাতে ফাঁসিদেওয়া সীমান্তে সিমেন্টের গার্ডওয়াল তৈরি হয়েছে। কিন্তু, পড়েনি কাঁটাতার। কাজ শুরু হলেও, দুই বছর ধরে সেই কাজ আটকে রয়েছে। সীমান্তে বিএসএফ এর গুলি চালানোর আওয়াজে হামেশাই আত্মা কেঁপে ওঠে গ্রামবাসীদের। অথচ, আটকানো না পাচার।
ফাঁসিদেওয়ার কাছেই পশু হাসাপাতাল। সেখানে চিকিৎসার নাম করে গোরু আনা হয়। এরপর সেই গোরু স্থানীয়দের বাড়িতে ৫ হাজার টাকা জোড়া দরে রাখা হয়। রাতে বাংলাদেশি পাচারকারীরা ভারতে প্রবেশ করে সেই গোরু নিয়ে যায় বাংলাদেশে।
লাইনম্যান দুই হাজার টাকার বিনিময়ে বিএসএফ এবং স্থানীয় পুলিশের উপর নজর রাখে। নদী পেরিয়ে বাংলাদেশে চলে যায় গোরু। ক্যারিয়াররা গোরু প্রতি প্রায় ৪০ হাজার টাকা নিয়ে থাকে। ব্লকের চেনা রুট কালুজোত হয়ে ক্যানাল রাস্তা ধরে ধনিয়া মোড়, গ্যাস গোডাউন, বন্দরগছ এলাকা দিয়ে জমির ধান, ফুলকপি, বাঁধাকপি, টমেটো সহ নানা ধরণের সবজি মাড়িয়েই নিয়ে যাওয়া হয় গোরু। মাথায় হাত কৃষকদের। সবাই জানলেও, চুপ রয়েছেন ক্ষমতাসম্পন্ন বাবুরা।

শীতের মরশুমে কুয়াশাকে হাতিয়ার করে এই কারবার প্রতি বছর বেড়ে যায়। কাঁধে ব্যাগ নিয়ে গাঁজা, কাফ সিরাপও এই সীমান্তকে কাজে লাগিয়ে ভারত থেকে পাচার করা হচ্ছে। দেশের নিরাপত্তা এখন ঝুঁকির মুখে পড়ছে।
উত্তরবঙ্গের এই গ্রামে গোরু পাচার বন্ধ করা চ্যালেঞ্জ। স্থানীয় কৃষক হরিপদ দেবনাথ বলেন, আমাদের লক্ষ লক্ষ টাকার ফসল নষ্ট হচ্ছে। পুলিশ, বিএসএফ, কাউকে জানিয়েও কোনও লাভ হয়নি। বহুবার স্মারকলিপি দেওয়া হয়েছে। বিভিন্ন দপ্তরে আর্জি জানিয়েও, কাঁটাতার তৈরি হয়নি।
স্থানীয় তৃণমূল কংগ্রেস নেতা মহম্মদ আইনুল হক কৃষকদের ফসল ক্ষতির কথা স্বীকার করেছেন। এলাকায় কাঁটাতারের বেড়া দেওয়ার কাজ শুরু হলেও, কেন শেষ সেই কাজ হল না তা নিয়ে তিনি প্রশ্ন করেন। সীমান্ত কাঁটাতার দিয়ে। এই ঘটনায় পুলিশ আধিকারিকদের কাছে কোনও সদুত্তর নেই। কার্সিয়াংয়ের অতিরিক্ত জেলা পুলিশ সুপার মনোরঞ্জন ঘোষ বলেন, এই বিষয়ে আমাদের কাছে এখনও কোনও অভিযোগ আসেনি। এর বিরুদ্ধে কড়া ব্যবস্থা গ্রহণের আশ্বাস দিয়েছেন তিনি।
]]>কোচবিহারের দিনহাটার বিধায়ক উদয়ন গুহর মন্তব্য ঘিরে শাসক টিএমসি ও বিরোধী বিজেপির মধ্যে শুরু হয়েছে পারস্পরিক উত্তপ্ত বাক্য বিনিময়।বিরোধী দলনেতা শুভেন্দু অধিকারী জানিয়েছেন এই ধরণের মন্তব্য মেনে নেওয়া যায় না।

বিএসএফের এডিজি জানান, মহিলাদের তল্লাশি হয় সম্পূর্ণ আইন অনুসারে। তিনি বলেন, ইস্টার্ন কমান্ডে ৪০০০ মহিলা বিএসএফ জওয়ান ও অফিসার আছেন। তল্লাশির যে নির্দিষ্ট পদ্ধতি আছে সেই অনুযায়ীই প্রয়োজনে তল্লাশি করা হয়।
বি়এসএফ অভিযোগ উড়িয়ে দিলেও, রাজনৈতিক তরজা বাড়ছেই। উদয়ন গুহ প্রতিক্রিয়া দেননি। তবে রাজ্যে বিএসএফের এক্তিয়ার ভুক্ত এলাকা বৃদ্ধিতে সরব বিশিষ্টরা। এই ইস্যুতে সিপিআইএম ও কংগ্রেস রাজ্য সরকারের পাশে থাকার বার্তা দিয়েছে।
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p style=”text-align: justify;”>কেন্দ্রীয় সরকারের জারি করা বিজ্ঞপ্তি অনুযায়ী বিএসএফের সীমানা দেশের ভেতর ১৫ কিলোমিটার থেকে বাড়িয়ে ৫০ কিলোমিটার পর্যন্ত করা হয়েছে। পশ্চিমবঙ্গের শাসক তৃণমূল কংগ্রেসের অভিযোগ, অভ্যন্তরীন আইন শৃঙ্খলায় মাথা গলাতেই বিএসএফের এই সীমানা বৃদ্ধি করা হয়েছে। বিএসএফের কাজের সীমানা বাড়ানোর বিরোধিতা করে প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীকে চিঠি দিয়েছেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। বিধানসভায় প্রস্তাব পাশ করা হয়েছে।
]]>থলি খুলতেই গলা বাড়িয়ে দিল হাঁস। তারপর হেলতে দুলতে বাইরে এসে নিজের মতো চরতে শুরু করল। সবকটা থলিতেই হাঁসের প্যাঁকপ্যাঁকানি শুরু ততক্ষণে। বাকি থলি খুলতেই গোটাকয়েক রাজহাঁস ফের গলা বাড়িয়ে দেয়।
নদিয়ার বানপুর সীমান্তে এমনই চোরাই রাজহাঁস উদ্ধার করেছে বিএসএফ। মোট ৯টি থলিতে বাংলাদেশ থেকে এই হাঁস পাচার করা হচ্ছিল। তবে পাচারকারীরা পলাতক।
জানা গিয়েছে বাংলাদেশের কুষ্টিয়া, পাবনায় রাজহাঁসের লাভজনক চাষ চলছে। হাঁস পালনের সঙ্গে বাড়ছে তার চোরাচালান। উদ্ধার করা বাংলাদেশি রাজহাঁসগুলি এখন বিএসএফ জিম্মায়।
কুষ্টিয়া লাগোয়া পশ্চিমবঙ্গের নদিয়ার বানপুর সীনান্ত দিয়ে চোরাকারবার চলে। কখনও ফেন্সিডিল, মাদক তো কখনও বেআইনি আগ্নেয়াস্ত্র সহ বিভিন্ন জিনিষের লেনদেন হয়।
]]>কেন্দ্রীয় সরকার এক বিজ্ঞপ্তিতে জানিয়েছে, মণিপুর, মিজোরাম, ত্রিপুরা, নাগাল্যান্ড, মেঘালয় কেন্দ্রশাসিত জম্মু কাশ্মীর ও লাদাখ এবং বাংলা পাঞ্জাব, অসম ও রাজস্থানে আন্তর্জাতিক সীমানার অভ্যন্তরে ৫০ কিলোমিটার পর্যন্ত এলাকা বিএসএফ-এর আওতায় থাকবে। কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্তের কড়া সমালোচনা করেছে পশ্চিমবঙ্গ ও পাঞ্জাব সরকার। রাজ্যের শাসক দল তৃণমূল কংগ্রেস কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্তের তীব্র প্রতিবাদ জানিয়েছে। রাজ্যের পরিবহণ মন্ত্রী ও তৃণমূল কংগ্রেস নেতা ফিরহাদ হাকিম মোদি সরকারের এই সিদ্ধান্তকে অগণতান্ত্রিক ও স্বৈরাচারী পদক্ষেপ বলে উল্লেখ করেছেন।
কেন্দ্রের নতুন নির্দেশিকা অনুযায়ী, এবার পশ্চিমবঙ্গ, অসম, পাঞ্জাবে আন্তর্জাতিক সীমান্ত থেকে ভারতীয় ভূখণ্ডের ৫০ কিলোমিটার এলাকা পর্যন্ত বিএসএফ প্রয়োজনে যেকোনও কাউকে গ্রেফতার করতে পারবে। শুধু গ্রেফতার নয়, চালাতে পারবে তল্লাশি অভিযান এবং যেকোন জিনিসপত্র বাজেয়াপ্ত করতে পারবে কেন্দ্রীয় বাহিনী।
নরেন্দ্র মোদি সরকারের এই একতরফা সিদ্ধান্তের তীব্র প্রতিবাদ জানিয়েছেন পশ্চিমবঙ্গের পরিবহণ মন্ত্রী তথা তৃণমূল কংগ্রেস নেতা ফিরহাদ হাকিম। মন্ত্রী বলেছেন, কেন্দ্রীয় সরকার দেশে যুক্তরাষ্ট্রীয় কাঠামোকে অস্বীকার করছে। আইন-শৃঙ্খলা সম্পূর্ণ রাজ্য সরকারের বিষয়। কিন্তু নরেন্দ্র মোদি সরকার কেন্দ্রীয় সংস্থার মাধ্যমে রাজ্যের কাজেও হস্তক্ষেপ করার চেষ্টা করছে। এটা অন্যায় ও অনৈতিক। মোদি সরকার অগণতান্ত্রিক উপায়ে দেশ চালাতে চাইছে। মোদি সরকার যে স্বৈরাচারী মনোভাব নিয়ে চলে কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্তে সেটাই আরও একবার স্পষ্ট হয়ে গিয়েছে। কিন্তু সরকারের এই সিদ্ধান্ত কোনওভাবেই মেনে নেওয়া যায় না। আমরা কেন্দ্রকে এই সিদ্ধান্ত প্রত্যাহার করার আর্জি জানাচ্ছি। মোদি সরকার যদি আমাদের দাবি মেনে না নেয়, তাহলে আমরা কেন্দ্রের বিরুদ্ধে পথে নেমে লড়াই করব।
ফিরহাদ সুরে সুর মিলিয়ে একই কথা বলেছেন পাঞ্জাবের মুখ্যমন্ত্রী চরণঞ্জিৎ সিং চান্নি। তিনি বলেছেন, কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্ত অযৌক্তিক। তাই কেন্দ্রকে অবিলম্বে এই সিদ্ধান্ত প্রত্যাহার করতে হবে।
অন্যদিকে কেন্দ্রের দাবি, সম্প্রতি কাশ্মীর সীমান্তে প্রকৃত নিয়ন্ত্রণরেখা পেরিয়ে বেশ কয়েকবার ড্রোনের মাধ্যমে অস্ত্র পৌঁছে দিয়েছে জঙ্গিরা। এ ধরনের ঘটনা ঠেকাতেই কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রক বিএসএফ-এর আওতাধীন এলাকা বাড়ানোর সিদ্ধান্ত নিয়েছে। অমিত শাহর স্বরাষ্ট্রমন্ত্রক মনে করছে, বিএসএফের ক্ষমতা বৃদ্ধি পেলে জঙ্গিদের এ ধরনের কার্যকলাপ প্রতিরোধ করা সম্ভব হবে।
সে কারণেই পাকিস্তান ও বাংলাদেশের সঙ্গে আন্তর্জাতিক সীমান্ত রয়েছে এমন ৩ রাজ্য বাংলা, অসম ও পাঞ্জাবে সীমান্তরক্ষী বাহিনী বা বিএসএফের ক্ষমতা বাড়ানো হয়েছে। তবে কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্তকে নিন্দনীয় বলেছে পশ্চিমবঙ্গ ও পাঞ্জাব সরকার। দুই রাজ্যের পক্ষ থেকে বলা হয়েছে, তাদের সঙ্গে কোনও রকম আলোচনা না করেই মোদি সরকারের এই সিদ্ধান্ত নিয়েছে। আসলে মোদি সরকার সরাসরি পেরে উঠতে না পেরে ঘুরিয়ে রাজ্যের অধিকারে হস্তক্ষেপ করতে চাইছে। এটা কখনওই মানা যায় না।
]]>আরও পড়ুন : শান্তি প্রতীক যীশু, ত্রিপুরায় BSF জওয়ান খুন করা NLFT জঙ্গিদের গলায় ক্রুশ লকেট থাকে
ধরা দেওয়া চার জঙ্গিদের নাম দোবারাম রিয়াং, শৈলেন্দ্র রিয়াং, শুভলাল ত্রিপুরা, সমপ্রল দেববর্মা। তারা জানায়, বাংলাদেশের রাঙ্গামাটি, পানছড়ি এলাকায় দুর্গম বনাঞ্চলে একটার পর একটা জঙ্গি শিবির চলছে। তবে একদা রক্তাক্ত পরিবেশ তৈরি করা এনএলএফটি এখন আর্থিক সংকটে পড়েছে। আত্মসমর্পণকারী জঙ্গিদের বয়ানে তাও উঠে এসেছে।

একটি পিস্তল, একটি গ্রেনেড, একটি রাইফেল, চারটি বুলেট সহ বাংলাদেশি বেআইনি ৮০০ টাকা ত্রিপুরা পুলিশের কাছে জমা দিয়েছে জঙ্গিরা। তারা জানায় ২০১৯ সালে বাংলাদেশ চলে গিয়েছিল। রাজ্যে তখন বিজেপি জোট সরকার চলে এসেছে।
আরও পড়ুন: বাংলাদেশে ঢুকে ট্রেনিং, ত্রিপুরা ফিরে আত্মসমর্পণ তিন জঙ্গির
ন্যাশনাল লিবাকেশন ফ্রন্ট অফ ত্রিপুরা (NLFT) এই সংগঠনটি ‘স্বাধীন ত্রিপুরা’ দাবিতে নাশকতার পথ নিয়েছে সেই নব্বই দশক থেকে। তবে টানা ২৫ বছর বামফ্রন্ট সরকারের আমলে সংগঠনটির বিষদাঁত উপড়ে দিয়েছিলেন পূর্বতন মুখ্যমন্ত্রী মানিক সরকার। ২০১৮ সালের বিধানসভা ভোটে তাঁর পরাজয় হয়। আগামী নির্বাচনের আগেই ত্রিপুরায় ফের সক্রিয় হয়েছে এনএলএফটি।

ত্রিপুরার সংবাদ মাধ্যমের সামনে জঙ্গিরা জানায়, বাংলাদেশ থেকে সীমান্ত টপকে ত্রিপুরায় তারা ফিরেছে। তাদের নির্বিঘ্নে ভারতে ঢুকে পড়ায় বিএসএফের (BSF) পাহারা দেওয়া নিয়ে প্রশ্ন উঠতে শুরু করেছে। একইভাবে প্রশ্ন উঠছে প্রতিবেশি দেশের সীমান্তরক্ষী বর্ডার গার্ড বাংলাদেশ (BGB) ভূমিকা নিয়েও।
যদিও আগেই বাংলাদেশের প্রধানমন্ত্রী শেখ হাসিনার সরকার জানিয়েছে, সে দেশের মাটিতে কোনও ভারত বিরোধী জঙ্গি সংগঠনের ঠাঁই নেই। তবে মুখ্যমন্ত্রী থাকাকালীন মানিক সরকার জানিয়েছিলেন বাংলাদেশের জমিতে সক্রিয় ভারত বিরোধী জঙ্গি সংগঠন। এর পরেই ঢাকা থেকে নয়াদিল্লি পাঠানো বার্তায় বলা হয়েছিল, শেখ হাসিনার নেতৃত্বে চলা আওয়ামী লীগ সরকার সন্ত্রাসবাদ দমনে ‘জিরো টলারেন্স’ নীতি নিয়েছে।
মায়ানমার, ভারত ও বাংলাদেশের ত্রিদেশীয় আন্তর্জাতিক সীমান্ত এলাকায় ভারতের কিছু বিচ্ছিন্নতাবাদী সংগঠনের অস্ত্র প্রশিক্ষণ শিবির চলে।এই এলাকাটি বাংলাদেশের চট্টগ্রাম বিভাগ। সেখানে সক্রিয় সেদেশের কিছু পার্বত্য সশস্ত্র গোষ্ঠী।
সম্প্রতি ত্রিপুরার লাগোয়া বাংলাদেশ সীমান্তরেখার কাছেই এনএলএফটি জঙ্গিদের সঙ্গে বিএসএফের গুলি বিনিময় হয়। তাতে দুই বিএসএফ জওয়ান মারা যান।
]]>বিবিসি জানাচ্ছে, শেখ মহম্মদ সোহেল রানা ঢাকা মহানগর পুলিশের অধীন বনানী থানার ইন্সপেক্টর। তদন্তে উঠে এসেছে বাংলাদেশ থেকে গোপনে ভারত পেরিয়ে নেপাল যাওয়ার চেষ্টা করেছিল ওই পুলিশ অফিসার।
জানা গিয়েছে, বাংলাদেশের অন্যতম ই-কমার্স প্রতিষ্ঠান ই-অরেঞ্জের মালিক সোনিয়া মেহজাবিনের নিজের ভাই অনুপ্রবেশকারী পুলিশকর্মী সোহেল রানা। দু’হাজার সাত সালে ই-অরেঞ্জ চালু হয়। সম্প্রতি সংস্থার বিরুদ্ধে গ্রাহকরা টাকা নিয়ে সময়মত পণ্য সরবরাহ না করার অভিযোগ করেছেন। গ্রাহকদের ১১০০ কোটি টাকা আত্মসাতের অভিযোগে দায়ের করা এক মামলায় প্রতিষ্ঠানটির মালিক সোনিয়া মেহজাবিন ও তার স্বামী মাসুকুর রহমান এখন জেলে।

এদিকে কোচবিহারে ঢুকে পড়া বাংলাদেশ পুলিশের ইন্সপেক্টর সোহেল রানাকে প্রাথমিক জেরা করে বিএসএফ। সে জানায়, তার গন্তব্য ছিল নেপালের কাঠমান্ডু। সেখানে তার এক বোন থাকেন। গোপনে নেপাল যাওয়ার জন্য সাত দিনের ছুটি নিয়েছে এই অনুপ্রবেশকারী অফিসার।
কোচবিহার থেকে দার্জিলিং হয়ে নেপাল যাওয়ার চেষ্টা করছিল ঢাকা পুলিশের কর্মী সোহেল রানা। তদন্তে জানা গিয়েছে, কোচবিহারের চ্যাংড়াবান্ধা থেকে শিলিগুড়ি হয়ে পানিট্যাংকি সীমান্ত পেরিয়ে নেপালের মেচিতে যাওয়ার কথা ছিল অনুপ্রবেশকারী বাংলাদেশ পুলিশ অফিসারের। মেচি থেকে কাঠমাণ্ডু যাওয়াই ছিল লক্ষ্য।
আটক বাংলাদেশ পুলিশ কর্মকর্তার কাছ থেকে বাংলাদেশ ছাড়াও থাইল্যান্ড এবং ব্রিটেনের একটি করে ব্যাংকের কার্ড মিলেছে।তার পাসপোর্টে থাইল্যান্ড, সৌদি আরব, ফ্রান্স, চিন সহ বিভিন্ন দেশের ভিসা রয়েছে।
ঘটনার জেরে বাংলাদেশে চাঞ্চল্য ঢাকা মেট্রোপলিটন পুলিশ জানিয়েছে, শেখ সোহেল রানা ভারতে আটক হওয়ার বিষয়টি সংবাদমাধ্যম সূত্রে পাওয়া। ভারত সরকারের রিপোর্ট আসেনি।
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