bsp – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Wed, 21 Aug 2024 05:02:04 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png bsp – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 राजस्थान-बिहार और झारखंड के गिरिडीह में भारत बंद का असर https://ekolkata24.com/uncategorized/impact-of-bharat-bandh-in-rajasthan-bihar-and-giridih-of-jharkhand Wed, 21 Aug 2024 05:02:04 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49339 नई दिल्ली :  आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज भारत बंद के पक्ष में प्रदर्शन किया।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखती हैं, “ बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश।”

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भारत बंद का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखते हैं, “आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा. जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।”

दिल्ली में भारत बंद का कोई खास असर नहीं दिखेगा। दिल्ली के व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के प्रमुख संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के अनुसार, राजधानी के सभी 700 बाजार खुले रहेंगे। CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, करोल बाग, कमला नगर, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर समेत 100 से अधिक बाजारों के एसोसिएशनों से बातचीत की गई है। सभी ने स्पष्ट किया कि 21 अगस्त को होने वाले भारत बंद के संबंध में किसी भी व्यापारी संगठन से संपर्क नहीं किया गया है और न ही समर्थन मांगा गया है। इसलिए दिल्ली के सभी बाजार पूरी तरह खुले रहेंगे। साथ ही, सभी 56 औद्योगिक क्षेत्र भी सामान्य रूप से कार्य करेंगे।

भारत बंद का असर रामगढ़ में व्यापक रूप से देखा जा रहा है। नेशनल हाईवे 33 रांची-पटना मुख्य मार्ग जाम कर दिया है। भारत बंद के समर्थक सड़क पर लेटकर प्रदर्शन कर रहे हैं। SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित और बहुजन संगठनों द्वारा आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। भारत बंद का असर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ज्यादा दिख सकता है। भारत बंद का सबसे ज्यादा असर राजस्थान में दिखाई देने की उम्मीद की जा रही है।

भारत बंद के दौरान देश में क्या-क्या बंद रहेगा और क्या-क्या खुला रहेगा। इसे लेकर किसी भी प्रकार की कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई है। लेकिन भारत बंद के दौरान कई जगहों पर सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रभावित हो सकती है। हालांकि एंबुलेंस, हॉस्पिटल सहित इमरजेंसी सेवाएं खुली रहेंगी। इसके साथ ही सरकारी कार्यालय, बैंक, पेट्रोल पंप, स्कूल और कॉलेज में सामान्य रूप से काम-काज होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत बंद के आह्वान के बावजूद सार्वजनिक परिवहन के साथ ही रेल सेवाएं चालू रहेंगी।

BSP, RJD ने आरक्षण के मुद्दे पर भारत बंद का समर्थन किया है। इसके साथ ही चिराग पासवान की पार्टी ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है। भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी इंस बंद का सपोर्ट किया है।भारत बंद के ऐलान को देखते हुए आज राजस्थान में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए फैसले के विरोध में आज कई सामाजिक संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी (BSP) और आरजेडी जैसी राजनीतिक दलों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।

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बसपा ने मायावती को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की मांग https://ekolkata24.com/uncategorized/bsp-demands-to-make-mayawati-the-face-of-prime-minister-2 Fri, 29 Dec 2023 14:41:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47030 मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उन्हें आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की मांग की है। बीएसपी सांसद मलूक नागर ने गुरुवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि मायावती जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए। इस टिप्पणी को मायावती की पार्टी द्वारा विपक्षी इंडिया गुट में शामिल होने की शर्त के रूप में देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का संदर्भ देते हुए नागर ने कहाहमारे कुछ विधायकों को अपने साथ ले जाने के लिए कांग्रेस को मायावती जी से माफी मांगनी चाहिए और उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। तभी 2024 में भारत गठबंधन ही बीजेपी को रोक सकता है।कांग्रेस पीएम पद के लिए दलित चेहरा चाहती है तो मायावती जी से बेहतर कोई नहीं हो सकता। मायावती को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया जाए तो हम 60 से ज्यादा सीटें जीत सकते हैं। बसपा सांसद ने समाजवादी पार्टी के साथ अपनी पार्टी के मतभेदों से भी इनकार किया।अखिलेश यादव ने कभी भी मायावती के भारत गठबंधन में शामिल होने पर आपत्ति नहीं जताई। ऐसी खबरें कि अखिलेश, मायावती से नाखुश हैं, पूरी तरह से झूठी हैं।

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बसपा ने मायावती को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की मांग https://ekolkata24.com/uncategorized/bsp-demands-to-make-mayawati-the-face-of-prime-minister Thu, 28 Dec 2023 14:43:27 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47025 मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उन्हें आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की मांग की है। बीएसपी सांसद मलूक नागर ने गुरुवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि मायावती जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए। इस टिप्पणी को मायावती की पार्टी द्वारा विपक्षी इंडिया गुट में शामिल होने की शर्त के रूप में देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का संदर्भ देते हुए नागर ने कहाहमारे कुछ विधायकों को अपने साथ ले जाने के लिए कांग्रेस को मायावती जी से माफी मांगनी चाहिए और उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। तभी 2024 में भारत गठबंधन ही बीजेपी को रोक सकता है।कांग्रेस पीएम पद के लिए दलित चेहरा चाहती है तो मायावती जी से बेहतर कोई नहीं हो सकता। मायावती को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया जाए तो हम 60 से ज्यादा सीटें जीत सकते हैं। बसपा सांसद ने समाजवादी पार्टी के साथ अपनी पार्टी के मतभेदों से भी इनकार किया।अखिलेश यादव ने कभी भी मायावती के भारत गठबंधन में शामिल होने पर आपत्ति नहीं जताई। ऐसी खबरें कि अखिलेश, मायावती से नाखुश हैं, पूरी तरह से झूठी हैं।

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UP Election: আচমকা পিসি-ভাইপো ‘সমঝোতা’ ইঙ্গিত, লখনউ সরগরম https://ekolkata24.com/uncategorized/up-election-sp-and-bsp-political-understanding-may-consolidate-again Sun, 09 Jan 2022 11:37:43 +0000 https://ekolkata24.com/?p=18570 লখনউয়ের মসনদ দখল যুদ্ধে ফের পিসি-ভাইপো অর্থাৎ বুয়া বাবুয়া জুটি দেখা যেতে পারে। এমনই সম্ভাবনার কথা উস্কে দিলেন উত্তর প্রদেশের (UP) প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী তথা সমাজবাদী পার্টি প্রধান অখিলেশ সিং যাদব। তিনি ইঙ্গিতে বিএসপি প্রধান মায়াবতীর আশীর্বাদ চেয়েছেন।  উত্তর প্রদেশ বিধানসভা ভোটে (UP election) এর আগে সরগরম পরিস্থিতি।

লখনউতে এক অনুষ্ঠানে সপা নেতা অখিলেশ সিং যাদবের কাছে প্রশ্ন ছিল, তিনি মায়াবতীর সঙ্গে কেমন সম্পর্ক চান? অখিলশে জানান, এবার সমাজবাদী ও আম্বেদকরবাদী একসঙ্গে বিজেপিকে পরাজিত করবে। আমি মায়াবতীর আশীর্বাদ চাই।

বহুজন সমাজ পার্টি (বিএসপি) মূলত দলিত রাজনীতি ভিত্তিক দল। বাবাসাহেব আন্বেদকরের তত্ত্বে বিশ্বাসী। বিএসপিকে রাজনৈতিক মহলে আম্বেদকরবাদী বলা হয়। একইভাবে সমাজবাদী হিসেবে পরিচিত মুলায়ম-অখিলেশের দল।

অখিলেশ সিং যাদব সরাসরি মায়াবতীর আশীর্বাদ চাওয়ায় ফের জোট সম্ভাবনা উস্কে উঠেছে। যদিও গত ২০১৯ লোকসভা ভোটে সপা ও বিএসপি জোট তেমন কিছু করতে পারেনি। পরে জোট ভেঙে দেন মায়াবতী। দুই দলের জোট রাজনীতি আগেও হয়েছে। ১৯৯৩ সালে জোট হয়। ১৯৯৫ সালে দুই দলে চিড় ধরে। তৎকালীন মুখ্যমন্ত্রী মুলায়ম সিং যাদবের সঙ্গে জোট ভেঙে দেন মায়াবতী। সরকার পড়ে গেছিল।

উত্তর প্রদেশের ভোট রাজনীতিতে পিসি অর্থাৎ বুয়া স্বয়ং মায়াবতী। আর বাবুয়া অর্থাৎ ভাইপো অখিলেশ সিং যাদব। বয়জ্যোষ্ঠ কারণে মায়াবতীতে বুয়াজি বলেন অখিলেশ।

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UP: পিসি-ভাইপো-যোগী কার দখলে লখনউ গদি https://ekolkata24.com/uncategorized/who-will-get-the-lucknow-seat-mayawati-or-akhilesh-yadav Sat, 08 Jan 2022 13:17:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=18454 পশ্চিমবঙ্গের মতো উত্তর প্রদেশেও (UP) ‘পিসি-ভাইপো’ আছেন। এরা দুজনেই লখনউয়ের মসনদে বসেছেন। সেক্ষেত্রে বুয়াজি অর্থাৎ পিসির কেরিয়ার ঝলমলে। বুয়াজির রাজনৈতিক পোশাকি নাম ‘বহেনজি’। প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী ও বিএসপি নেত্রী মায়াবতী বয়সজনিত কারণে অপর প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী অখিলেশ যাদবের ‘বুয়াজি’। অখিলেশ হলেন এই নজরে ‘বাবুয়া’-ভাইপো!

সমাজবাদী পার্টির সঙ্গে বহুজন সমাজ পার্টির আদায় কাঁচকলা সম্পর্ক। তবে ভোটের স্বার্থে একও হয়েছেন। পশ্চিমবঙ্গে যেমন মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়কে হটাতে একসময়ের ‘কামড়া-কামড়ি’ করা সিপিআইএম ও কংগ্রেস এক হয়েছে। তবে গত ভোটগুলিতে দুই রাজ্যেই এমন জোট কাজে আসেনি। আসন্ন উত্তর প্রদেশ ভোটে আবার যুযুধান বুয়া-বাবুয়া।

রাজ্যে ক্ষমতাসীন বিজেপি বনাম সমাজবাদী পার্টির মূল লড়াই হিসেবে বিবেচ্য। বিএসপি ও কংগ্রেসও আছে লড়াইতে। কিছু পকেট এলাকা বাদ দিলে মূলত চতুর্মুখী ভোট হবে এই রাজ্যে।

নির্বাচন কমিশন ৫ রাজ্যে মোট ৭ দফায় হবে ভোট নির্ঘণ্ট ঘোষণা করেছে। গোয়া, উত্তরাখণ্ড, মণিপুর, পাঞ্জাবের থেকেও সর্বাধিক গুরুত্বপূর্ণ উত্তরপ্রদেশের ভোট। ৪০৩টি আসনের বিধানসভায় যার সরকার তার হাতেই ভারত শাসনের চাবিকাঠি থাকে। এখন যেমন বিজেপি।

বিজেপিরও চিন্তা সেই বুয়া-বাবুয়াকে নিয়েই। এদের পারস্পরিক ভোট কাটাকাটি, কংগ্রেসের ভোট সবমিলে জটিল অংক কষতে শুরু করেছেন বিজেপির ভোট কুশলীরা। সমাজবাদী পার্টির জনসমর্থন বাড়ছে ফের তা সমীক্ষা থেকে স্পষ্ট। বহুজন সমাজপার্টির সমর্থন কম নয়। একসঙ্গে মিশেছে কৃষক বিক্ষোভ। বিজেপির পক্ষে গতবারের মতো তরতর করে জয় সম্ভব নয় তা দলীয় নেতাদের ভাষণেই স্পষ্ট।

মায়াবতীর নিজস্ব জনপ্রিয়তা যেমন, তেমনই অখিলেশ সিং যাদবেরও। মুখ্যমন্ত্রী যোগী আদিত্যনাথের সূচক নিম্নমুখী। এই প্রেক্ষিতে দলিত ও সংখ্যালঘু ভোটের থেকে বিজেপির নজর উচ্চবর্ণ ও সাধারণ হিন্দু ভোট। অন্যদিকে লখিমপুর খেরিতে কৃষকদের পিষে দেওয়ার ঘটনা ভোটে প্রভাব ফেলবে। সমীক্ষাগুলি দেখাচ্ছে, বুয়ার থেকে বাবুয়া বেশি এগিয়ে ইস্যুভিত্তিক রাজনীতিতে।

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দলিত ভুলে ব্রাহ্মণদের ভোট পেতে মরিয়া মায়াবতী https://ekolkata24.com/offbeat-news/mayawati-targets-bramhin-voters-for-next-assembly-election Mon, 19 Jul 2021 06:01:38 +0000 https://www.ekolkata24x7.com/?p=984 নিউজ ডেস্ক: নিজেকে দলিত সমাজের প্রতিনিধি বলে বরাবর দাবি করেন বহজন সমাজবাদী পার্টির নেত্রী মায়াবতী। জাতীয় রাজনীতিতে ‘দলিত কী বেটি’ বা দলিতের মেয়ে বলে তাঁর আলাদা পরিচয় রয়েছে। এই অবস্থায় বিধানসভা ভোটের মুখে বড় চমক দিলেন উত্তরপ্রদেশের প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী।

বিপুল সংখ্যক ব্রাহ্মণদের নিয়ে সম্মেলনের আয়োজন করতে চলেছেন বিএসপি নেত্রী মায়াবতী। চলতি মাসের ২৩ তারিখ থেকে শুরু হবে সেই সম্মেলন। যা চলবে আগামী ২৯ জুলাই পর্যন্ত। উল্লেখযোগ্য বিষয় হচ্ছে এই ব্রাহ্মণ সম্মেলন শুরু হবে রাম জন্মভূমি অযোধ্যা থেকে। ছয়টি জেলায় ব্রাহ্মণদের নিয়ে সম্মেলন অনুষ্ঠিত করা হবে।

জানা গিয়েছে যে ২৩ জুলাই সতীশ্চন্দ্র মিশ্রের মাধ্যমে এই সম্মেলন শুরু হবে। তিনি ব্রাহ্মণদের অযোধ্যার মন্দির দর্শন করাবেন। ইতিমধ্যেই শতাধিক ব্রাহ্মণ রাজ্যের বিভিন্ন প্রান্ত থেকে রাজধানী লখনউ শহরে এসে উপস্থিত হয়েছেন। আর দলিত বা সংখ্যালঘু নয়, এবার ব্রাহ্মণদের সমর্থন নিয়েই ভোটের বৈতরণী পার করতে চাইছেন মায়াবতী। সেই কারণেই এই উদ্যোগ বলে মনে করছে রাজনৈতিক মহল।

আগামী বছরের শুরুর দিকে উত্তরপ্রদেশে বিধানসভা ভোট রয়েছে। যার উপরে আগামী লোকসভা নির্বাচনের ফলাফল নির্ভর করছে। সকল রাজনৈতিক দল বিজেপিকে পরাস্ত করতে মরিয়া। তবে সপা, বিএসপি বা কংগ্রেস কেউই জোটের পথে হাঁটবে না বলে জানিয়েছে। এই অবস্থায় মায়াবতীর এই ব্রাহ্মণ সম্মেলন বিশেষ গুরুত্বপূর্ণ।

ব্রাহ্মণদের একাংশ যোগী সরকারের উপরে সন্তুষ্ট নয়। অন্যদিকে, ব্রাহ্মণ ভোট ব্যাংক ফিরিয়ে আনতে মরিয়া হয়ে উঠেছে কংগ্রেস এবং সপা। সেই একই পথে হাঁটছেন বিএসপি নেত্রী মায়াবতী। যদিও ব্রাহ্মণ বা উচ্চবর্ণের সমর্থন কখনই মায়াবতীর দিকে ছিল না। ২০০৭ সালে বিএসপি ব্রাহ্মণদের কিছু ভোট পেলেও পরে সেই ভোট বাংকে ভাটা পরে। যা ফেরাতে সচেষ্ট হয়েছেন তিনি। তবে ভোট ভাগাভাগিতে বিজেপির সুবিধা হয়ে হয়ে যাওয়ার আশঙ্কাও উড়িয়ে দেওয়া যাচ্ছে না।

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