CAA – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Fri, 29 Dec 2023 14:43:22 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png CAA – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 मथुआ कार्यक्रम में सीएए मुद्दे पर संसद शांतनु ठाकुर ने खोया आपा https://ekolkata24.com/uncategorized/parliamentarian-shantanu-thakur-lost-his-cool-on-caa-issue-in-mathua-program-2 Fri, 29 Dec 2023 14:43:22 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47033 मथुआ के कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण पेश करने का आरोप. मथुआ महासंघ नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर के खिलाफ भक्तों का गुस्सा फूट पड़ा. इस घटना के कारण आयोजन स्थल यानी बनगांव तंगरा में तनाव फैल गया। अशांति के कारण शांतनु ठाकुर ने खोया आपा मालूम हो कि बनगांव के ठाकुर कॉलोनी इलाके में मथुआ महासंघ की ओर से एक धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था. मथुआ महासंघ के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर वहां गये. उन्होंने मथुआ समुदाय को संबोधित करते हुए सीएए का मुद्दा उठाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू किया जाएगा। भाषण के बाद मंत्री भोजन स्थल का निरीक्षण करने गये. कथित तौर पर कुछ भक्तों ने मंत्री को घेर लिया और पूछा कि धार्मिक कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण क्यों? इसके बाद उनकी मंत्री से बहस हो गई. मंत्री भी अपना आपा खो बैठे. आयोजक फाल्गुन मालाकार के पास जाएं. शांतनु ठाकुर ने कहा कि मैंने सीएए के बारे में बात की तो कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया.

मेरे पिता ने नाम उठाया और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। हमला करने का प्रयास किया. वे तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हैं. सीएए हमारा नागरिक अधिकार है.’ उन्होंने पीआर टैगोर और बारामा वीणापाणि देवी का दावा करते हुए आगे कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने नागरिकता के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी.’ मंदिर समिति के सचिव फाल्गुन मालाकार ने दावा किया कि शांतनु ठाकुर ने अश्लील टिप्पणी की है. इसलिए आम लोगों ने उन्हें कहने को कहा. शांतनु ठाकुर की शिकायत के संबंध में तंगरा ग्राम पंचायत के तृणमूल प्रमुख स्वरूप विश्वास ने कहा कि धार्मिक समारोहों में कोई राजनीति नहीं है, केवल चुनाव के दौरान मतदान होता है। आम लोगों ने विरोध किया है क्योंकि यहां मंत्री ने अभद्र टिप्पणी की है, तृणमूल कोई मुद्दा नहीं है.

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मथुआ कार्यक्रम में सीएए मुद्दे पर संसद शांतनु ठाकुर ने खोया आपा https://ekolkata24.com/uncategorized/parliamentarian-shantanu-thakur-lost-his-cool-on-caa-issue-in-mathua-program Thu, 28 Dec 2023 15:04:02 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47027 मथुआ के कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण पेश करने का आरोप. मथुआ महासंघ नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर के खिलाफ भक्तों का गुस्सा फूट पड़ा. इस घटना के कारण आयोजन स्थल यानी बनगांव तंगरा में तनाव फैल गया। अशांति के कारण शांतनु ठाकुर ने खोया आपा मालूम हो कि बनगांव के ठाकुर कॉलोनी इलाके में मथुआ महासंघ की ओर से एक धार्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था. मथुआ महासंघ के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर वहां गये. उन्होंने मथुआ समुदाय को संबोधित करते हुए सीएए का मुद्दा उठाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू किया जाएगा। भाषण के बाद मंत्री भोजन स्थल का निरीक्षण करने गये. कथित तौर पर कुछ भक्तों ने मंत्री को घेर लिया और पूछा कि धार्मिक कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण क्यों? इसके बाद उनकी मंत्री से बहस हो गई. मंत्री भी अपना आपा खो बैठे. आयोजक फाल्गुन मालाकार के पास जाएं. शांतनु ठाकुर ने कहा कि मैंने सीएए के बारे में बात की तो कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया. मेरे पिता ने नाम उठाया और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। हमला करने का प्रयास किया. वे तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हैं. सीएए हमारा नागरिक अधिकार है.’ उन्होंने पीआर टैगोर और बारामा वीणापाणि देवी का दावा करते हुए आगे कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने नागरिकता के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी.’ मंदिर समिति के सचिव फाल्गुन मालाकार ने दावा किया कि शांतनु ठाकुर ने अश्लील टिप्पणी की है. इसलिए आम लोगों ने उन्हें कहने को कहा. शांतनु ठाकुर की शिकायत के संबंध में तंगरा ग्राम पंचायत के तृणमूल प्रमुख स्वरूप विश्वास ने कहा कि धार्मिक समारोहों में कोई राजनीति नहीं है, केवल चुनाव के दौरान मतदान होता है। आम लोगों ने विरोध किया है क्योंकि यहां मंत्री ने अभद्र टिप्पणी की है, तृणमूल कोई मुद्दा नहीं है.

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Bankura: অসমে ডি-ক্যাম্পের ভয়াবহ বন্দিদশা কাটিয়ে ফের ভোটার গঙ্গাধর https://ekolkata24.com/uncategorized/after-released-from-d-camp-indian-citizen-gangadhar-received-new-voter-card Tue, 07 Dec 2021 11:35:56 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13966 তিমিরকান্তি পতি, বাঁকুড়াঃ অবশেষে ভোটার সচিত্র পরিচয় হাতে পেলেন চার বছর অসমের ডিটেনশন ক্যাম্পে কাটানো, বিষ্ণুপুরের (Bankura) রাধানগর গ্রামের যুবক গঙ্গাধর প্রামানিক। মঙ্গলবার স্থানীয় মহকুমাশাসক অনুপ কুমার দত্ত গঙ্গাধরের বাড়িতে গিয়ে তাঁর হাতে সচিত্র ভোটার পরিচয়পত্র তুলে দেন।

মাত্র ১৬ বছর বয়সে বাড়ি থেকে কাজের খোঁজে বেরিয়ে অসমে পৌঁছে গেছিলেন রাধানগর গ্রামের যুবক গঙ্গাধর প্রামানিক। সেখানে কিছুদিন হোটেলে কাজ করেন তিনি। সঙ্গে সচিত্র ভোটার পরিচিতি পত্র সহ অন্যান্য প্রয়োজনীয় কাগজপত্র না থাকা ২০১৭ সালে অসম পুলিশ তাকে বাংলাদেশি অনুপ্রবেশকারী সন্দেহে গ্রেফতার করে।

ওই বছরেরই ১২ ডিসেম্বর থেকে ‘গোয়ালপাড়া ডিটেনশান ক্যাম্পে’ জায়গা হয় বাঁকুড়ার বাসিন্দা গঙ্গাধরের। অসমের ‘সিটিজেন ফর জাস্টিস অ্যাণ্ড পিস’ নামে একটি স্বেচ্ছাসেবী সংগঠনের সৌজন্যে বন্দিদশা থেকে মুক্তি পেয়ে চলতি বছরের সেপ্টেম্বর মাসে রাধানগরের বাড়িতে ফেরেন গঙ্গাধর প্রামানিক।

বিষ্ণুপুর মহকুমা শাসকের সৌজন্যে সচিত্র ভোটার পরিচিতিপত্র হাতে পেয়ে খুশি এক সময় ‘নিজ দেশে পরবাসী জীবন কাটানো গঙ্গাধর প্রামানিক।

মহকুমাশাসক অনুপ কুমার দত্ত বলেন, ভোটার পরিচিতি পত্র না থাকায় অসমে কাজ করতে গিয়ে সমস্যায় পড়েছিল রাধানগরের গঙ্গাধর প্রামানিক। সেখান থেকে ফেরার পর সচিত্র ভোটার পরিচিতিপত্রের জন্য সে আবেদন করেছিল। সমস্ত তথ্য, প্রমাণ যাচাই করে তার হাতে এই পরিচিতি পত্র তুলে দেওয়া হলো।

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এখনই গোটা দেশে NRC কার্যকর হচ্ছে না, জানাল কেন্দ্র https://ekolkata24.com/uncategorized/no-decision-on-nationwide-nrc-said-union-minister Tue, 30 Nov 2021 15:52:09 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12904 News Desk: এখনই গোটা দেশে এনআরসি (NRC) বা জাতীয় নাগরিকপঞ্জি কার্যকর করার কোনও পরিকল্পনা নেই সরকারের। মঙ্গলবার সংসদে এক প্রশ্নের উত্তরে জানালেন স্বরাষ্ট্র মন্ত্রকের প্রতিমন্ত্রী নিত্যানন্দ রাই।

তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদ মালা রায় কেন্দ্রের কাছে জাতীয় নাগরিকপঞ্জি সম্পর্কে জানতে চান। সাংসদ প্রশ্ন করেন,দেশে কবে থেকে এনআরসি চালু হবে? প্রশ্নের জবাবে মন্ত্রী বলেন, এখনই দেশজুড়ে এনআরসি কার্যকর করার কোনও পরিকল্পনা কেন্দ্রের নেই।

উল্লেখ্য,এনআরসি নিয়ে রক্তাক্ত চেহারা নিয়েছিল অসম। এনআরসি বিরোধিতা করে দেশজুড়ে প্রতিবাদ আন্দোলন শুরু করেছিল বিরোধীরা। ঘটনার জেরে এনআরসি এবং নাগরিকত্ব সংশোধনী আইন বা সিএএ নিয়ে ধীরে চলো নীতি নিয়েছে মোদী সরকার।

কেন্দ্রীয় মন্ত্রী নিত্যানন্দ রাই জানিয়েছেন, এখনও পর্যন্ত শুধু অসমে এনআরসি কার্যকর হয়েছে। ২০১৯-এর ৩১ অগাস্টে অসমে এনআরসির চূড়ান্ত তালিকা প্রকাশ করা হয়েছে। তবে গোটা দেশে এখনই এনআরসি বা জাতীয় নাগরিকপঞ্জি কার্যকর করার কোনও চিন্তা-ভাবনা নেই সরকারের।

নাগরিকত্ব সংশোধনী আইন নিয়ে মন্ত্রী বলেন, এ ব্যাপারে ২০১৯ সালের ১২ ডিসেম্বর একটি বিজ্ঞপ্তি জারি হয়েছে। ২০২০ সালের ১০ জানুয়ারি থেকে ইতিমধ্যেই এই আইন চালু হয়েছে।

এনআরসি ও সিএএ নিয়ে পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভা ভোটে তীব্র আক্রমনাত্মক ছিলেন বিজেপির হয়ে প্রচারে আসা অমিত শাহ, উত্তর প্রদেশের মুখ্যমন্ত্রী যোগী আদিত্যনাথ। অপর দিকে তৃণমূল কংগ্রেস নেত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় ছিলেন তীব্র বিরোধিতায়। এনআরসি ও সিএএ বিরোধিতা করে বামফ্রন্ট ও কংগ্রেস। রাজ্যের নাগরিক সমাজের বড় অংশ এই নিয়ম প্রয়োগের বিরোধিতা করেন। প্রচারে বিজেপি বারবার দাবি করে রাজ্যে ক্ষমতায় এলে লাগু হবে এনআরসি।

বিজেপি বিরোধীরা অসমের উদাহরণ টেনে দেখান সে রাজ্যে এনআরসি ও সিএএ প্রয়োগে বাংলাভাষীদের চরম দূর্দশার চিত্র। অসমে যে ১৯ লক্ষ মানুষ এন়ারসিতে কাটা পড়েছেন তাদের বেশিরভাগ হিন্দু। ফলে চরম বিড়ম্বনায় পড়ে বিজেপি। তবে অসমে বিজেপি সরকার ধরে রেখেছে। অভিযোগ, এনআরসি ও সিএএ নিয়ে সে রাজ্যে দুর্দশার কবলে পড়া বাংলাভাষী সমাজ ক্ষুব্ধ। তারা অচিরেই বিজেপি থেকে মুখ ঘুরিয়ে নেবেন বলে হুঁশিয়ারি দিয়েছে বাঙালি সংগঠনগুলি।

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Assam: বৃদ্ধা মালতি সরকারের আতঙ্ক, ভারতীয়ত্ব প্রমাণের জোড়া নোটিশে বিপুল আর্থিক বোঝা https://ekolkata24.com/uncategorized/nrc-victims-of-bengali-speaking-assamese-community-threatening-bjp-government Fri, 26 Nov 2021 15:38:21 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12512 News Desk: ‘ডি” ভোটার, বিদেশি ন্যায়াধীকরণ, ডিটেনশন ক্যাম্পের নামে অসমের (Assam) বাঙালিদের হয়রানি করার কাহিনী আর নতুন হয়ে থাকেনি । ১৯৯৭ সাল থেকে ‘ডি’ ত্রাস চলেছে। ভোট আসে ভোট যায় ,কিন্তু ‘ডি’-র তকমা সেঁটে দেওয়া বাঙালিদের বদলায় না ভাগ্য। এনআরসি তালিকায় দাগ পড়ে যাওয়া লক্ষ লক্ষ অসমবাসীর বেশিরভাগই হিন্দু-অভারতীয় বলে চিহ্নিত।

এই ইস্যু নিয়ে বহু অসমের বাঙালি নেতাা নিজের পলিটিক্যাল কেরিয়ার গড়েছেন। যদিও ভোটার পর সবই হিমঘরে চলে যায়। তবে রাজনৈতিক কারণেই বা প্রশাসনিক গাফিলতির শিকার হচ্ছেন বাঙালিরা। মাঝে মধ্যে এমন কিছু কর্মকান্ড সবাইকে বাকরুদ্ধ করে দেয়।

একই ব্যক্তির নামে দুটি ‘ডি’ নোটিশ। এমনটাই ঘটনা ঘটেছে বরপেটা জেলার বরপেটা রোড, কাটাঝার গ্রামের বাসিন্দা মালতী সরকারের সাথে। জানা গেছে, বরপেটা জেলার ৯ নং বিদেশি শনাক্তকরণ ট্রাইবুনাল ২৭২৯ /৯৭ নাম্বারের বিদেশি সংক্রান্তিও একটি মামলার ভিত্তিতে ২০২১ সালের ২০শে জানুয়ারী জারি করা হয়েছে নোটিশ। এই নোটিশে মালতির পিতা ও স্বামীর নাম উল্লেখ করা হয়নি।

D-voter malati sarkar

মালতি দেবীর পরিবার জানায়, ১৮ ফেব্রুয়ারি ভারতীয় নাগরিকত্বের যাচাই করতে প্রয়োজনীয় নথি নিয়ে হওয়ার নির্দেশ দেওয়া হয়েছিল। এই নির্দেশ মেনেই তিনি বরপেটা জেলার ফরেনার্স ট্রাইবুন্যালে নিজের ভারতীয় নাগরিকত্বের পরীক্ষায় নির্ধারিত সময়ে হাজির হন।

এই মামলার চূড়ান্ত না হতেই ফের প্রয়াত রাধাকৃষ্ণ সরকারে কন্যা ও প্রয়াত পি সরকারের স্ত্রী মালতী সরকারের নামে ৩৬৬৯/০৯ নাম্বারের একটি মামলায় আরেকটি নোটিশ জারি করা হয়। মালতি দেবীর ছেলে আনন্দ সরকারের নতুন বাড়ি বঙ্গাইগাঁও জেলার অন্তর্গত মানিকপুর থানা এলাকায় আবারও একটি “ডি” নোটিশ গত ফেব্রুয়ারি ১৮ তারিখে জারি করা হয়। এতে মানসিকভাবে ভেঙ্গে পড়েছেন বয়স্ক মহিলা ও তাঁর পরিবার।

উপায়ন্তর হয়ে আবারও আইনজীবীর সাহায্যে বঙ্গাইগাওঁ ১ নং বিদেশি ন্যায়াধীকরণে দৌড়ঝাঁপ আরম্ভ করেছেন ছেলে আনন্দ সরকার। তিনি জানান, ইতিমধ্যেই বরপেটার কাটাঝারের বাড়ি থেকে চলতি মামলাতেই তাদের আর্থিক ক্ষতি হয়েছে। মানসিক অশান্তিতে মায়ের শরীরের অবস্থা আজকাল ভালো যায়না। অনেকটাই ভেঙ্গে পড়েছেন মা। তবে বঙ্গাইগাওঁ ১নং এফ টি থেকে বলা হয়েছে , যত তাড়াতাড়ি সম্ভব বরপেটা জেলার এফটিতে ভারতীয় নাগরিকত্বের তথ্য জমা দিয়ে এই মামলার নিস্পত্তি করতে হবে।

এই ঘটনায় সারা অসম বাঙালি ঐক্যমঞ্চের নজরে আসলে সাধারণ সম্পাদক অমৃতলাল দাস বলেন , বর্তমানের অসম সরকার বাঙালি জনসাধারণকে কেবলমাত্র ভোট ব্যাঙ্ক হিসাবে চাইলে সেই আত্মীয়তা আর বেশিদিন টিকিয়ে রাখা সম্ভব হবেনা।

বাঙালি ঐক্যমঞ্চের দাবি, যদিও একথা আর নতুন করে বলার অবকাশ রাখেনা যে, অসমাবাসী বাঙালি হিন্দুর একছত্র ভোটারদের কারণেই আজ দিসপুরের (অসমের প্রশানিক কেন্দ্র) ক্ষমতায় বিজেপি সরকার। তবে আনন্দদের মত যুব সমাজকে এই সরকার যদি প্রতিবাদ করতে পথেই নামতে বাধ্য করে তাহলে সে দিন আর বেসিদিন লাগবেনা ক্ষমতাশীন দলের মুখ থেকে মুখোশ খুলে আসল জায়গায় বসিয়ে দেবেন তাঁরা।

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Assam: রাতের ঘুম উড়েছিল ২০ বছর! ‘দেশহীন’ পুষ্পারানি হাইকোর্টে ফের ‘ভারতীয়’ https://ekolkata24.com/uncategorized/assam-high-court-pushparani-d-voter-case Sat, 20 Nov 2021 15:08:09 +0000 https://ekolkata24.com/?p=11868 News Desk: নিজের নাগরিকত্ব প্রমান করতে প্রায় ২০ বছর আইনি লড়াই করে শেষমেষ জয়ী হলেন বঙ্গাইগাঁওয়ের বাবুপাড়া নিবাসী পুষ্পারানি ধর। এই দীর্ঘ আইনি যুদ্ধে নিজেকে ভারতীয় প্রমাণ করতে চারটে দশক পেরিয়েছে। পুষ্পারানির পরিস্থিতি এনআরসি ও সিএএ আইনি মারপ্যাঁচের নিদারুণ উদাহরণ। অসম জুড়ে এমন বহু বাংলাভাষী আছেন যারা ‘দেশহীন’।

৭৫ বছরের পুষ্পারানি প্রয়াত মৃনালকান্তি ধরের স্ত্রী। তাঁর স্বামী রেল বিভাগের কর্মচারী ছিলেন। ভারতীয় হওয়ার পরও তাকে বিদেশির তকমা সেঁটে দেওয়া হয়েছিল। দীর্ঘ আইনি যুদ্ধের পর ভারতীয় হিসেবে নিজেকে প্রমান করতে পেরেছেন।

পড়ুুুন: কৃষি আইনের বাতিলের পর আসামে সিএএ বিরোধী আন্দোলনের হুংকার

anti-CAA movement in Assam roared

২০০০ সালে পুষ্পারানিকে এফটি কোর্ট নোটিশ জারি করেছিল।যদিও ২০১৭ সালে তাঁকে বিদেশি ঘোষণা করে। এরপরই পুষ্পারানির পরিবারে ভয় ও আতঙ্কময় পরিস্থিতির সৃষ্টি হয়। নেমে আসে ঝড়। বিভিন্ন পক্ষ থেকে শুধু প্রতিশ্রুতি দেওয়া হয়। কিন্তু বাস্তবে কেউই এগিয়ে আসেন না । এমনটা পরিস্থিতির মধ্যে একটি বছর পার হয়ে যায়।

পড়ুন: NRC: ভারতীয় ঘোষণার পরেও ‘ডি নোটিশ’ অসমে, বাঙালি ভারতীর ‘দেশহীন’ আতঙ্ক

pushparani

আইনি লড়াই করে শেষমেষ জয়ী হলেন বঙ্গাইগাঁওয়ের বাবুপাড়া নিবাসী পুষ্পারানি ধর

এফটি কোর্টের রায়ের বিরুদ্ধে চ্যালেঞ্জ জানিয়ে সম্পূর্ণ নিজস্ব প্রচেষ্টায় হাইকোর্টে দ্বারস্থ হন পুষ্পারানি। এক্ষেত্রে কোনও কোনও দল সংগঠনকে তাঁর পাশে দাঁড়াতে দেখা যায় নি। শুধু তাই নয় ,সেসময়ে প্রথমাবস্থায় ওই বৃদ্ধার জামিন মনজুর করেছিল হাই কোর্ট।পরবর্তীতে হাইকোর্ট বিষয়টি বিস্তারিত অধ্যায়ন করে তাঁকে ভারতীয় ঘোষণা করেছে।

আরও পড়ুন: NRC: ১৬শো কোটির বেশি জলে যাচ্ছে! সাদা হাতিতে পরিণত নাগরিকপঞ্জীর কাজ

ট্রাইবুনালের রায়ে বিদেশি , যদিও গুয়াহাটি হাইকোর্টের রায়ে ভারতীয় ঘোষণা করা হয় ৭৫ বছর বয়সি পুষ্পারানিকে। স্বাভাবিকভাবেই আদালতের এহেন রায়ে উৎফুল্লিত পরিবারটি।

পুষ্পারানির ছেলে অভিযোগ করতে গিয়ে তিনি বলেন ,পুলিশ উঠিয়ে নেবে বলে আমাদের ভয় দেখায়। কিন্তু এই পরিস্থিতি যদি হয় তাহলে আমি মারা যাব। রাতে খাওয়া – ঘুম চলে গিয়েছিল। সেইসঙ্গে বিদেশি বিতরণের নামে ভারতীয়কে এধরণের হয়রানি যাতে বন্ধ হয় এরজন্য সরকারের কাছে আহ্বান জানিয়েছেন পুষ্পারানি।

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NRC: ১৬শো কোটির বেশি জলে যাচ্ছে! সাদা হাতিতে পরিণত নাগরিকপঞ্জীর কাজ https://ekolkata24.com/uncategorized/assams-nrc-renewal-process-has-failed Wed, 17 Nov 2021 17:03:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=11661 News Desk: প্রায় ১৬০২.৬৬ কোটি টাকা খরচ করে কার্যত সাদা হাতিতে পরিনত হতে চলেছে জাতীয় নাগরিকপঞ্জী (এনআরসি ) নবায়ন প্রক্রিয়া। অতলে যাওয়ার পথে একাজ। এনআরসি নবায়ন কাজে ঢিলেমি আসায় বহু মানুষের মনে আশংকা যাদের নাম বাদ পড়েছে তাদের কী হবে।

অসমে এনআরসি তালিকায় নাম না আসা প্রায় ১৯ লক্ষ মানুষ এখনো নিজের নাগরিকত্ব প্রমান করতে পারেননি। কথা ছিল নাগরিকপঞ্জী ছুটরা ১২০ দিনের মধ্যে ট্রাইবুনালে নাগরিকত্ব প্রমানের সুবিধা পাবেন। কিন্তু বাস্তবে কিছুই হল না। তাদের বিষয়টি ঝুলেই রইলো।

সম্প্রতি আরটিআই আবেদনে উঠে এসেছে বিস্ফোরক তথ্য। যেখানে বলা হয়েছে এনআরসি চূড়ান্ত খসড়ায় প্রায় এক হাজারের অধিক সন্দেহভাজন লোকের নাম রয়েছে। এক্ষেত্রে প্রয়োজনীয় ব্যবস্থা গ্রহণ করতে জেলাশাসকের পত্র প্রেরণ করা হয়েছে। এনআরসির স্টেট কো-অর্ডিনেটর ওই আর টি আই -এর জবাব দিতে গিয়ে এমনটাই উল্লেখ করেছেন।

NRC aasam

অসমে ৩ কোটি ২৯ লক্ষ আবেদনকারীর মধ্যে ১৯ লক্ষ মানুষের নাম ২০১৯ সালের ৩১ আগস্ট প্রকাশিত চূড়ান্ত তালিকা থেকে বাদ দেওয়া হয়েছিল। এর জেরে প্রবল উত্তপ্ত হয়েছিল অসম। উল্লেখ্য ,বিজেপি শাসিত অসম সরকার সেই এনআরসি-কে চ্যালেঞ্জ জানিয়েছে। তারা এটাকে মানতে চাইছে না।

অসম সরকার বাংলাদেশ সীমান্ত এলাকায় কম পক্ষেও ৩০ শতাংশ ও রাজ্যের অন্যান্য প্রান্তে ১০ শতাংশ জনসংখ্যা অনুপাতে পুনরায় যাচাইয়ের দাবি করেছিল। এমনকি, এনআরসি-এর স্টেট কোঅর্ডিনেটর হিতেশ দেবশর্মা গত মে মাসে ওই তালিকা ফের যাচাই করার আবেদন জানিয়ে সুপ্রিম কোর্টের দ্বারস্থ হয়েছিলেন।

এনআরসি ছুটদের ” প্রত্যাখ্যান স্লিপ’ জারি করতে ‘মিশন মোড’- এ সম্পূর্ণ করা হবে বলে স্বরাষ্ট্র মন্ত্রকের অধীনে রেজিস্টার জেনারেল অফ ইন্ডিয়া (আরজিআই ) এবছরের ২৩ মার্চ অসম সরকারকে নির্দেশ দিয়েছে। জাতীয় একটি সংবাদ গোষ্ঠী দাখিল করা আর টি আইয়ের জবাবে এনারসির স্টেট কোর্ডিনেটর জানিয়েছেন ,নাগরিকত্ব বিধির অনুযায়ী প্রয়োজনীয় ব্যবস্থা নেওয়ার জন্য ডিভি /ডিএফ /পিএফটি /ডিভিডি/ডিএফডি /পিএফটিডি শ্রেণীর ১০৩২ টি মামলা সংশ্লিষ্ট জেলাশাসকের কাছে প্রেরণ করা হয়েছে।

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p style=”text-align: justify;”>উল্লেখিত বিষয়টি সন্দেহভাজন ভোটারের ক্ষেত্রে ব্যবহৃত হয়।অর্থাৎ ঘোষিত বিদেশি ,এফটি কোর্টে ডি ভোটারের বংশধর ,ঘোষিত বিদেশির বংশধর ,বিচারাধীন ঘোষিত বিদেশির বংশধর এই শ্রেণীতে পরে। তবে এন আর সি ছুটদের এখনো রিজেকশন স্লিপ জারি করা হয়নি বলেও আর টি আই- এ উল্লেখ করা হয়।

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Assam: বিরোধীদের ৫-০ গোল দিয়ে উচ্ছসিত BJP, মুখ্যমন্ত্রী বললেন সব জিতব! https://ekolkata24.com/uncategorized/bjp-celebrated-masive-win-in-assam-by-election Tue, 02 Nov 2021 18:01:04 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10094 News Desk: পশ্চিমবঙ্গে গোহারা হেরেছে বিজেপি। আর অসমে বিরাট জয়। উপনির্বাচনে দুই প্রতিবেশি রাজ্যে এই ভিন্ন ছবি। এই রাজ্যে ৫-০ ব্যবধানে এনডিএ শিবির জয়ী হওয়ার পর উচ্ছসিত মুখ্যমন্ত্রী হিমন্ত বিশ্বশর্মা।

উপনির্বাচনের ফল প্রকাশের গেরুয়া শিবিরে আনন্দের জোয়ার উঠেছে। মঙ্গলবার দুপুরে চূড়ান্ত ফলাফল আসার পরই গুয়াহাটি হেংড়াবাড়িতে রাজ্য রাজ্য বিজেপির কার্যালয়ে দলীয় কর্মকর্তাদের মধ্যে আগাম দীপাবলি লেগেছে।

জয়ের আনন্দে সামিল হলেন মুখ্যমন্ত্রী ডক্টর হিমন্তবিশ্ব শর্মা, রাজ্য বিজেপি সভাপতি ভবেশ কলিতা ও অন্যান্য নেতারা। উপনির্বাচনে বিজেপিকে ফের জয়ী করায় জনগণকে কৃতজ্ঞতা জ্ঞাপন করেন মুখ্যমন্ত্রী।

অসমের মুখ্যমন্ত্রী বলেন , এখন আমাদের আর বসে থাকার সময় নেই। বিশ্রাম নিলেই মানুষ আমাদের ভুলে যাবে। দুরন্ত গতিতে কাজ করতে হবে। ৫ টি বিধানসভা কেন্দ্রের মানুষকে আমি প্রণাম করছি। ভোটার আগে জনগণকে দেওয়া প্রতিটি প্রতিশ্রুতি সফল রূপায়ণ করব।

হিমন্ত বিশ্বশর্মা বলেন, কেউ আমাদের ভোট দিয়েছে কিনা সেটা বড় কথা নয়। আমরা সবার উন্নয়নের জন্য কাজ করব। এবার বহু সংখ্যালঘু সম্প্রদায়ের মানুষ ভোট দিয়েছেন বিজেপিকে।

রাজ্যে বিতর্কিত উচ্ছেদ অভিযান প্রসঙ্গে মুখ্যমন্ত্রী বলেন ,চরাঞ্চলে জমির সার্ভে হওয়াটা খুবই জরুরি। বহু সরকারি ভূমিতে জবদখল চলছে। লামডিং বনাঞ্চলে মহাজনি ব্যবস্থা বন্ধ করতে হবে। এতে বহু সংখ্যালঘু মানুষ ভূমি পাবেন।

উল্লেখ্য, মিজোরাম ,নাগাল্যান্ড ,মেঘালয় ও অসমে বিজেপি জোটের বিজয় হয়। মুখ্যমন্ত্রী বলেন, এই জয় ফের প্রমাণ করল যে আমাদের প্রতি মানুষের সমর্থন রয়েছে। মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন ,গত বিধানসভা নির্বাচনে সুশান্ত বরগোহাঁই এবং ফণীধর তালুকদার তিন হাজার ভোট জয়ী হয়েছিলেন। কিন্তু এবার বৃহৎ ব্যবধান রয়েছে তাঁদের জয়ে।রাজ্যের মরিয়নি কেন্দ্রে রেকর্ড ভোট জয়ী বিজেপি প্রার্থী।

প্রতিটি বিধানসভা কেন্দ্রে উপনির্বাচনের ফলাফল বিশ্লেষণ করেন মুখ্যমন্ত্রী। তিনি বলেন, আগামী সাড়ে চার বছর জনগণকে বিশ্বাসে নিয়েই সরকার কাজ করবে। সভ্যতা ও বিকাশকে সামনে রেখেই আগামীতে অসমকে দেশের ৫ টি শ্রেষ্ঠ রাজ্য হিসেবে গড়ে তোলার ক্ষেত্রে যাবতীয় পদক্ষেপ নেওয়া হবে।

তিনি বলেন,১২৬ টি বিধানসভা কেন্দ্রে বিজেপি জয়ী করাটাই আমার লক্ষ্য। জীবনে এমনটা দিন আসবে বলে আমি আশাবাদী। প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীর প্রতি অসম তথা সমগ্র উত্তর পূর্বাঞ্চলের মানুষের আদর রয়েছে। মানুষ উন্নয়ন ও বিকাশকে বিশ্বাস করেন।

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NRC: ‘ডি’ ভোটারে অসম বিজেপি জেরবার, প্রচারে বাঙালিদের মন পেতে মরিয়া হিমন্ত https://ekolkata24.com/uncategorized/ahead-of-assam-by-election-cm-assured-d-voter-issue-must-be-solve Wed, 27 Oct 2021 15:58:11 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9394 News Desk: ‘ডি’ ভোটার সমস্যার বিতর্কে জর্জরিত অসম সরকার। রাজ্যে উপনির্বাচনে এই ইস্যু ভোটে প্রভাব পড়ছে বলে মনে করছে রাজ্যে শাসক দল বিজেপি। অসমের বাঙলিরা যে জর্জরিত সেটা মুখ্যমন্ত্রী হিমন্তবিশ্ব শর্মা স্বীকার করলেন।

বুধবার উপনির্বাচনের প্রচারে বাংলাভাষী অধ্যুষিত ভবানীপুর, গোসাইগাঁও ও তামুলপুরে বিধানসভা কেন্দ্রে গিয়ে মুখ্যমন্ত্রী বলেন, ডি ভোটার ও নোটিশ সংক্রান্ত সমস্যা দ্রুত সমাধান হবে।

অসমের মুখ্যমন্ত্রী বলেন,এনআরসি’র জন্য বায়োমেট্রিক করতে গিয়ে আধার আটকে পড়ে বহু মানুষকে সমস্যায় পড়তে হচ্ছে। এহেন সমস্যার সমাধান খুব শীঘ্রই করা হবে বলে আশ্বাস দিলেন মুখ্যমন্ত্রী। বাংলায় ভাষণ দেন তিনি।

মুখ্যমন্ত্রী বলেন, আধার সমস্যা সমাধানের জন্য সরকার যাবতীয় ব্যবস্থা করছে। এনিয়ে কেউ যেন চিন্তা না করেন।

আরও পড়ুনNRC: ভারতীয় ঘোষণার পরেও ‘ডি নোটিশ’ অসমে, বাঙালি ভারতীর ‘দেশহীন’ আতঙ্ক

রাজ্যের বিরোধী দল কংগ্রেসের বিরুদ্ধে বেশ আক্রমণাত্মক ছিলেন তিনি। হিমন্ত বিশ্বশর্মা বলেন, রাজ্যে কংগ্রেস আমলেই অসমে ঘুষ নেওয়ার সংস্কৃতি শুরু হয়েছিল। টাকার বান্ডিল না দিলে কাজ হতো না। সে সময়ে ঘুষ দিতে দিতে মানুষ পাগল হয়ে গিয়েছিল। শিক্ষক,আশাকর্মী অঙ্গনওয়াড়িতে চাকরিতে পাওয়ার জন্য দিতে হতো ঘুষ। মুখ্যমন্ত্রীর দাবি, এমন সংস্কৃতি মাত্র চারমাসে পরিবর্তন ঘটানো হয়েছে। প্রশাসনিক অব্যবস্থা বিজেপি সরকার বন্ধ করেছে। আগামী সাড়ে চার বছর সব কলঙ্ক মুছেই ছাড়ব বলে দাবি করেন তিনি।

উপনির্বাচনের প্রচারে মুখ্যমন্ত্রীর আরও দাবি, আগামীদিনে প্রায় ১ লক্ষ যুবক যুবতীকে স্বচ্ছতা বজায় রেখে চাকরি দেওয়া হবে। এক পয়সাও ঘুষ দিতে হবে না। তিনি বলেন, কংগ্রেস শুধু ধর্মের ভিত্তিতে ভোট নিতে জানে।

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NRC: ভারতীয় ঘোষণার পরেও ‘ডি নোটিশ’ অসমে, বাঙালি ভারতীর ‘দেশহীন’ আতঙ্ক https://ekolkata24.com/uncategorized/controversial-d-notice-issue-against-bengalies-in-assam Wed, 27 Oct 2021 14:49:54 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9379 News Desk: ‘ডি নোটিশ’ শব্দটাই আতঙ্কের। ‘ডাউটফুল’ বা সন্দেহজনক তালিকায় যার নাম ওঠে সেই ব্যক্তিকে তাড়া করে দেশহীন হওয়ার আতঙ্ক। যেতে হয় ডিটেনশন ক্যাম্পে।বিশেষত অসমের বাংলাভাষীদের ক্ষেত্রে আতঙ্কের নাম ‘ডি নোটিশ’।

ফরেনার্স ট্রাইবুনাল বা বিদেশি চিহ্নিতকরণ তালিকায় যে ব্যক্তিতে একবার । ভারতীয় করা হয়েছে তাকেও ফের সন্দেহভাজন নাগরিকে তকমা সেঁটে দেওয়া হয়েছে অসমে।

ফের এমন ঘটনাটি ঘটেছে নাম্নী অসমের বঙ্গাইগাঁও জেলার মানিকপুর থানার ২ নম্বর জামদহা গ্রামে। এই গ্রামের প্রয়াত অবিনাশ সরকার ওরফে প্রেম দাস সরকারের কন্যা ভারতী। তিনি গোপালচন্দ্র সরকারের স্ত্রী। কৃষক পরিবারের গৃহবধু ভারতী।

১৩৭১/২০০২ সালের বিদেশি সংক্রান্ত মামলায় একই জেলার এক নম্বর বিদেশি শনাক্তকরণ ট্রাইবুনাল আদালত ২০১৯ সালে ভারতী সরকারকে ভারতীয় হিসেবে ঘোষণা করে। আদালতে পেশ করা ১০ টি তথ্যের উপর ভিত্তি করে উল্লেখিত নির্দেশ দেওয়া হয়। ১৯৪৬ ফরেনার্স এক্টের ৯ ধারা অনুযায়ী আদালত ভারতী সরকারকে ভারতীয় ঘোষণা করেছে।

আশ্চর্যের বিষয়ট, বিএনজিএন/এফটি ১২০১/২০১০ এর ভিত্তিতে আরেকটি মামলায় ভারতীকে একই ট্রাইবুনালের পক্ষ থেকে ফের ‘ডি’ভোটারের নোটিস জারি করা হয়। খুবই দরিদ্র পরিবার ভারতী এই নোটিশ পেয়ে চিন্তিত হয়ে পড়েছেন। মামলা চালাতে টাকা জোগাড় করতে হিমশিম খাচ্ছেন তিনি। নিজের জমি বিক্রি করে মামলার টাকা জোগাড় করেছেন।

নোটিশে বলা হয়েছে যে, ১৯৭১ সালের ২৪ মার্চের পর অবৈধভাবে প্রবেশ করেছে কিনা, সেটা প্রমান করতে সেটার তথ্য সাবুদ নিয়ে ১৬ নভেম্বরের মধ্যে আদালতে হাজির হতে হবে। কয়েকদিন আগেই এই নোটিশ জারি করা হয়েছে।

এদিকে ,জামদহা এলাকাটি বন্যা কবলিত। কৃষক এবং খুবই দুঃস্থ পরিবারের ভারতী।একটি দরিদ্র কৃষক পরিবারের সদস্য হিসেবে ফের নোটিশ পাওয়ায় ভেঙে পড়েন ভারতী সরকার।

ঘটনার নিন্দা জানিয়েছেন সারা অসম বাঙালি মঞ্চের সাধারণ সম্পাদক অমৃতলাল দাস। তিনি বলেন, কয়েকদিন যাবত নিম্ন অসমের বিভিন্ন এলাকায় হিন্দু বাঙালিদের ডি নোটিশ দেওয়া চলছে। ইচ্ছাকৃত ও আক্রোশমূকলভাবে একাজ করা হচ্ছে। শীঘ্রই এসব বন্ধ রাখার দাবি জানিয়েছেন তিনি।

অমৃতলাল দাসের অভিযোগ, সরকারি উদাসীনতার শিকার হচ্ছেন অসমের বাঙালিরা। বিদেশি শনাক্তের নামে প্রকৃত ভারতীয়কে হয়রানি মেনে নেওয়া যায় না। স্বরাষ্ট্র দফতর দায়িত্বে থাকা মুখ্যমন্ত্রী ডক্টর হিমন্তবিশ্ব শর্মাকে এক্ষেত্রে সঠিক পদক্ষেপ নেওয়ার জন্য আর্জি জানিয়েছেন অমৃত বাবু।

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NRC: অসমে ফরেনার্স ট্রাইব্যুনাল থেকে চাকরি ছাড়লেন কর্মীরা https://ekolkata24.com/uncategorized/13-members-of-assam-foreigners-tribunal-quit-from-post Sat, 23 Oct 2021 17:29:17 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8896 নিউজ ডেস্ক: কোটি কোটি টাকা খরচ করে সরকার গড়েছে বিদেশি চিহ্নিতকরণ ট্রাইব্যুনাল। এতে বিদেশি চিহ্নিত হলেই যেতে হবে চরম দুর্ভোগের ডিটেশন ক্যাম্পে। সেই ফরেনার্স ট্রাইব্যুনালের কর্মীদের এখন চাকরি ছাড়ার হিড়িক।

বিদেশি শনাক্তকরণ ট্রাইবুনালে নবনিযুক্ত  ১৩ জন সদস্য এবার চাকরি ছাড়লেন। অভিযোগ, ফরেনার্স ট্রাইব্যুনালের কর্মীদের জন্য  পর্যাপ্ত পরিকাঠামোর অভাব। এই কারণে ১৩ জন চাকরি ছাড়ার সিদ্ধান্ত নিতে বাধ্য হলেন। বিদেশি শনাক্তকরণের নামে অসম সরকার কোটি কোটি টাকা খরচ করার সময় ১৩ জন সদস্যের এভাবে সরে আসাটা তাৎপর্য্যের বিষয়।

জাতীয় নাগরিকপঞ্জী থেকে নাম ছিটকে পড়া ১৯ লক্ষ মানুষের নাগরিকত্ব প্রমান করতে নতুন করে খোলা হয়েছিল ফরেনার্স ট্রা়ইব্যুনাল। এখানে নিয়োগ করা হয় ২০০ জন সদস্যকে। যদিও আজ অব্দি শুরু করা হয়নি অতিরিক্ত ২০০ ট্রাইবুনালের কাজ ।

অধিকাংশ ট্রাইব্যুনালে পরিকাঠামোর সমস্যা ছিল। এমনকি বসার চেয়ার ,টেবিল পর্যন্ত নেই বলেই অভিযোগ। একটি টেবিলেই ৫-৬ জন সদস্য বসেন । সমস্যা সমাধান করতে গত সপ্তাহে রাজ্যের মুখ্য সচিবের সঙ্গে বৈঠক হয়। কিন্তু তারপরও সমাধান সূত্র বেরিয়ে আসেনি।

জাতীয় নাগরিকপঞ্জী ঘিরে বিতর্কিত পরিস্থিতি অসমে। লক্ষ লক্ষ অসমবাসীর নাম বাতিল হয়েছে। বাদ যাওয়াদের তালিকায় বেশিরভাগই হিন্দু সম্প্রদায়ের। এতে আরও বিপাকে পড়েছে বিজেপি।

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Durga Puja: NRC, CAA বিরোধী মণ্ডপ গড়ে উঠছে শহরের বুকে https://ekolkata24.com/offbeat-news/a-puja-pandal-made-against-caa-and-nrc-bill Mon, 20 Sep 2021 14:51:20 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=5142 বিশেষ প্রতিবেদন : এনআরসি , সিএএ বিল নিয়ে উত্তাল হয়েছে রাজ্য ও কেন্দ্রীয় রাজনীতি। কেন্দ্রের বিল পাসে মাথায় হাত পড়েছিল বহু মানুষের। এবার কী ঠাঁই ডিটেনশন ক্যাম্প। হঠাৎ ভিটে মাটি হারানোর ভয় জাগতে শুরু করে মানুষের মনে। কোথা থেকে দেখাবে কাগজ? সেই কাঁটাতারের ভয়ের কথা ফুটে উঠবে উল্টোডাঙ্গা বিধান সংঘের পূজো মণ্ডপে। বলা যেতে পারে এনআরসি , সিএএ’এর বিরুদ্ধে একটি প্রতিবাদী মণ্ডপ গড়ে উঠছে কলকাতার উল্টোডাঙ্গা বিধান সংঘে।

একদিকে দেশভাগ অন্য দিকে ভাষা আন্দোলন। লড়াই যে, কতটা তা সেই মানুষগুলোই যানে যাদের আধখানা ধুতি বা গামছায় মুড়ে জীবনের শেষ সম্বলটুকু আঁকড়ে ধরে নিজের পৈতৃক ভিটে ছেড়ে অনিশ্চিত পারাপারের খেলায় নিজেদের জীবনকে সপে দিতে হয়েছিল। আজও কাঁটাতারের অপর দিকে তাকিয়ে থাকেন একবুক স্মৃতি আর ভয় মাখা রক্তাক্ত দিন গুলির ছবি বুকে নিয়ে। ভিটেহারা মানুষটি বুঝতেই পারেনি কখন যেন নিজের গ্রাম ছেড়ে সে হয়ে উঠেছিল উদ্বাস্তু। শেষে ঠাঁই হয়েছিল নাম-গ্রোত্রহীন কোনও এক ফালি জমিতে। ঠিকানা কলোনি বা খেটে খাওয়া মানুষের পাল l

দিন যায় রাত আসে, বারুদের গন্ধভরা ভয়ে ভয়ে কেটে যায় বছরের পর বছর। জন্ম নেয় নতুন সংসার, তৈরী হয় নতুন জীবন কাহিনী, নতুন ঠিকানা, নতুন দেশ, কাল, গোত্র, সবই ঠিক চলছিল। দেশভাগের পর কেটে গিয়েছিল অনেকগুলি বছর, নদী দিয়ে বয়ে গিয়েছে অনেক জল, হয়েছে জীবন ধারণের উন্নতি, জুটেছে ভাত, কাজ, শিক্ষা, সঙ্গে হয়েছে পুনর্বাসন, পালন হয়েছে ভাষা দিবস l সেই প্রান্তিক মানুষগুলো আজ অনেকেই কালের নিয়মে একবুক রক্তক্ষরণ নিয়ে অন্তিম যাত্রায় গিয়েছেন, রেখে গিয়েছেন তাদের পরবর্তী প্রজন্ম, আবার কেউ কেউ আজও এক চিলতে সুখ খুঁজে যাচ্ছেন। জোগাড় করেছে তার স্বাধীনতার সুখ, পেয়েছে গনতন্ত্রের অধিকার সঙ্গে আধার, জীবন যখন কিছুটা স্থিতিশীল হতে চলেছে তখন শুরু হয়েছে নতুন করে আবার কাঁটাতার বিছানোর খেলা।

puja pandal made against CAA and NRC

শিল্পী প্রশান্ত পাল জানিয়েছেন, “জন্মের পর থেকে গণতন্ত্র প্রয়োগ করা আজকের মানুষটিকে নাগরিকত্ব প্রমাণ করার জ্বালা কাঁটাতার হয়ে বুঁকের মাঝে গেঁথে যায়। আচ্ছা, সত্যিই কি এই মানুষগুলো তাদের এই অবস্থার জন্য নিজেরা দায়ী? কে ভাবে তথাকথিত উদ্বাস্তু মানুষগুলোর কথা। সেদিনও কিছু স্বার্থন্বেষী মানুষ নিজেদের আখের গোছাতে এই মানুষগুলোকে ব্যবহার করেছিল। স্বাধীনতার চুয়াত্তর বছর পরও রাষ্ট্রের চোখ রাঙানিতে তাদের রাতের ঘুম যেন চোখের জলে ভেজে, মনে হয় এই বুঝি প্রাণের মাঝে কাঁটাতারের বেড়া দিতে হবে। লুকোতে হবে আধপেটা খেটে খাওয়া মানুষ গুলোর জীবন কাহিনী, কত প্রশ্ন হয় তাদেরকে নিয়ে। এইতো সেদিনও রাষ্ট্র বলে উঠেছে প্রমান চাই? না হলে ফিরতে হবে l কোথায় ফিরবে? এলো প্রমান করার পালা, জন্ম তারিখ কত? কত সালে এসেছো? এপার না ওপার? ইলিশ না চিঙড়ি? ঘটি না বাঙাল? ওপারের কোথায় বাড়ি ছিল? কাগজ পত্র আছে কি?’

তিনি আরও বলেন, “আজও ৪০ ঊর্ধ ছেলেটা তার বৃদ্ধ বাবা মায়ের মাতৃভূমির ভাষা আর বেঁচে থাকার অধিকারের হাজার প্রশ্নের মুখে পরাধীনতার গ্লানি তাকে এপার না ওপার ভাবিয়ে তুলছে l আজও আপন করতে পারেনি রাষ্ট্র। এনআরসি’র নাম করে আবারও ঠেলে দিচ্ছে অনিশ্চিত ভবিষ্যতের দিকে। আবারও ভিটে হারানোর ৭১ সালের ভয় তাদের তাড়া করে বেড়াচ্ছে। “

শিল্পীর কথায়, “আমরা এক ৭৫ বছরের স্বাধীন দেশের নাগরিক । বর্তমান মহামারী পৃথিবী ও দেশকে যখন অচল করেছে, বেঁচে থাকার লড়াইয়ে আমাদের দায়িত্ব বাড়িয়ে দিয়েছে ঠিক তখনো আমরা মনে করি কিছু দায়িত্ব আমাদেরও আছে । আর সেই দায়িত্ববোধ থেকেই এই প্রান্তিক মানুষগুলোর তখন থেকে এখন পর্যন্ত যে ধারাবাহিক জীবনযাত্রা তাকে তুলে ধরতেই আমাদের এই উদ্যোগ। আমরা বেঁচে নিয়েছি এক মায়ের কান্না থামাতে আরেক মায়ের বোধনকে। দেখেছি অসুর কূলকে ধ্বংস করতে মায়ের দশাবতারে দশ হাতে অস্ত্র ধারণ করতে। অন্যায়ের বিরুদ্ধে আন্দোলন হয়েছে যুগে যুগে, কোনো সময় কবির লেখার জোরে, আবার কখনো অস্ত্র হাতে, আজ শিল্পীর প্রতিবাদ হোক শিল্পকর্মের মাধ্যমে। আর সেই অস্ত্র নিয়েই আজ আমরা প্রান্তিক মানুষদের পাশে। আসুন আজ আমরা তাদের হাত ধরে নির্ভরতা টুকু অন্তত ফিরিয়ে দিই । দুচোখে আশার আলো দেখাই আর চিৎকার করে বলি আমরা একই মায়ের সন্তান। মাকে কোনদিন টুকরো করা যায় না বাধা যায়না কাঁটাতার দিয়ে l চাইনা জাতের লড়াই, চাইনা ধর্মের লড়াই l

তাইতো আসুন সবাই মিলে বলি, কিসের কাগজ? কিসের জাত? ধর্ম যখন পেটের ভাত। রাষ্ট্র তোমার আমার সবার, লড়াই করে দুহাতে ভাঙবো ‘কাঁটাতার'”

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