Read Bengaali: হিন্দু দেবতাদের ছবি বিকৃতি, কাঠগড়ায় বাংলাপক্ষের শক্তিরূপা
कानूनी कार्रवाई की मांग
हिंदू वॉयस की पोस्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस (उपपोलीस) से शक्तिरूपा साधुखान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। उनका कहना है कि वह 2024 से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को संपादित करके इस तरह के अपमानजनक कार्य करती आ रही हैं, जिसमें हाल ही में बाबा लोकेनाथ की तस्वीर का अपमान शामिल है। उनका दावा है कि पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि वह ‘बंगला पक्ष’ नामक संगठन की सदस्य हैं। इसलिए, उन्होंने उत्तर प्रदेश के नागरिकों से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आह्वान किया है। साथ ही, श्रीराम तीर्थ नामक संगठन से भी इस मामले में शामिल होने का अनुरोध किया गया है।
बंगला पक्ष की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद बंगला पक्ष के नेता कौशिक मैती ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि शक्तिरूपा साधुखान पिछले दो वर्षों से बंगला पक्ष से संबंधित नहीं हैं। विभिन्न संगठन-विरोधी गतिविधियों और अन्य कारणों से उन्हें निष्कासित किया गया था। इस बयान से स्पष्ट होता है कि शक्तिरूपा का यह कार्य व्यक्तिगत पहल हो सकता है और यह बंगला पक्ष के औपचारिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब नहीं है। बंगला पक्ष एक बंगाली राष्ट्रवादी संगठन है, जो बंगला भाषा और संस्कृति के संरक्षण में काम करता है, लेकिन धार्मिक संवेदनशीलता पर इस तरह के हमले से उनका सीधा संबंध सिद्ध नहीं हुआ है।
सामाजिक प्रतिक्रिया और कानूनी जटिलताएं
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। कई लोग शक्तिरूपा के खिलाफ सख्त सजा की मांग कर रहे हैं, जैसे कि उन्हें जेल भेजने के लिए कानूनी कार्रवाई का आह्वान। हालांकि, उत्तर प्रदेश में इस तरह का मुकदमा दर्ज करने की कानूनी वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। भारत के दंड प्रक्रिया संहिता (धारा 177-178) के अनुसार, यदि कोई अपराध जनता की शांति-व्यवस्था को प्रभावित करता है, तो विभिन्न राज्यों में मुकदमा दर्ज करना संभव है। लेकिन, उत्तर प्रदेश पुलिस की 2023 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक अपराध के मामलों का 65% अनसुलझा रहता है, जो इस मामले की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है।
ऐतिहासिक संदर्भ
धार्मिक संवेदनशीलता के मामले में भारत के कानून के तहत धारा 295ए के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी धार्मिक समूह की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए शब्द, चित्र या अन्य तरीकों से अपमान करता है, तो उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है। 2021 में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी जैसे कुछ लोगों को हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो इस तरह की घटनाओं के प्रति समाज की संवेदनशीलता को दर्शाता है। इस घटना से पता चलता है कि शक्तिरूपा के खिलाफ कानूनी दबाव बढ़ सकता है, लेकिन राज्याधिकार और सबूत संग्रह की जटिलताएं इसे जटिल बना सकती हैं।
Dear @Uppolice , requesting you to take necessary action against this girl named Shaktirupa Sadhukhan,from West Bengal.
This girl intentionally posted(on 19th June) an edited photo to insult Prabhu Sri Ram and to hurt the feelings of the Hindus.
Also requesting @ShriRamTeerth… pic.twitter.com/ermOLP6Hzm
— Hindu Voice (@HinduVoice_in) June 23, 2025
समाज की दुविधा और भविष्य
इस घटना ने समाज में गहरी दुविधा पैदा की है। एक ओर, हिंदू समुदाय के सदस्य धार्मिक प्रतीकों के प्रति सम्मान की मांग कर रहे हैं, वहीं बंगला पक्ष जैसे संगठन इस तरह के कार्यों को व्यक्तिगत पहल मान रहे हैं। इस विवाद से उठे सवाल हैं कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी व्यापक हो सकती है और धार्मिक संवेदनशीलता की सीमा कहां खत्म होती है। इस घटना का परिणाम भारतीय कानून और सामाजिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
शक्तिरूपा साधुखान की विवादास्पद पोस्ट ने धार्मिक और सामाजिक विवाद को जन्म दिया है। हालांकि वह अब बंगला पक्ष से जुड़ी नहीं हैं, फिर भी उनके पिछले कार्यों ने उनके खिलाफ सवाल खड़े किए हैं। उत्तर प्रदेश में एफआईआर की मांग लागू होगी या नहीं, यह समय पर निर्भर करेगा। यह घटना भारत के विविधतापूर्ण समाज में धर्म और संस्कृति की सीमाओं को निर्धारित करने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परीक्षा बन गई है।
रोबिन्हो का संदेश
सोशल मीडिया पर रोबिन्हो ने लिखा,
“बसुंधरा किंग्स के साथ मेरा अनुबंध खत्म होने वाला है। टीम के सभी समर्थकों, खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के प्रति मैं आभारी हूं। हमने साथ में कई खिताब जीते। टीम का कप्तान होना और 10 नंबर की जर्सी पहनने का अनुभव अविस्मरणीय है। एएफसी कप और एएफसी चैंपियंस लीग जैसे टूर्नामेंट में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है।”
हालांकि, इन सुखद यादों के साथ उन्होंने क्लब मैनेजमेंट की तीव्र आलोचना भी की।
“क्लब मैनेजमेंट में कुछ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षी लोग हैं, जो खिलाड़ियों का सम्मान नहीं करते। 8 महीने की सैलरी के बिना क्लब छोड़ने की नौबत आ गई है। हालांकि हमने उचित समझौते के लिए चर्चा की, लेकिन क्लब ने कोई वादा पूरा नहीं किया।”
ईस्ट बंगाल में शामिल होने की संभावना
रोबिन्हो की इस पोस्ट के बाद, इमामी ईस्ट बंगाल में उनके शामिल होने की अफवाहें तेज हो गई हैं। ईस्ट बंगाल के स्पेनिश कोच ऑस्कर ब्रूजन पहले ही कुछ विदेशी खिलाड़ियों को हटाने का निर्णय ले चुके हैं, जिनमें ब्राज़ीलियन फॉरवर्ड क्लेटन सिल्वा प्रमुख हैं। उनकी जगह रोबिन्हो को लाने की योजना बनाई जा रही है।
पिछले सीज़न में बसुंधरा किंग्स के लिए एएफसी चैलेंज लीग में मोहन बागान को हराने में रोबिन्हो ने अहम भूमिका निभाई थी। उनकी इस परफॉर्मेंस ने ईस्ट बंगाल का ध्यान आकर्षित किया। उनकी गति और गोल करने की क्षमता ईस्ट बंगाल के लिए एक मजबूत हथियार बन सकती है।
मैनेजमेंट की आलोचना और भविष्य की योजनाएं
रोबिन्हो की आलोचना के बाद बसुंधरा किंग्स का मैनेजमेंट अब तक चुप है। लेकिन उनकी पोस्ट में उल्लिखित 8 महीने की सैलरी बकाया होने की बात ने फुटबॉल जगत में हलचल मचा दी है। रोबिन्हो ने कहा,
“बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात थी, लेकिन क्लब ने मेरी भरोसे की भावना को ठेस पहुंचाई है।”
रोबिन्हो का बसुंधरा किंग्स छोड़ने का मामला सिर्फ एक खिलाड़ी और एक क्लब के बीच का रिश्ता नहीं है। यह खिलाड़ी की पेशेवरता, मैनेजमेंट की जिम्मेदारी और फुटबॉल में वित्तीय अनुशासन जैसे मुद्दों को उजागर करता है। अगर रोबिन्हो ईस्ट बंगाल से जुड़ते हैं, तो यह लाल-पीले क्लब के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।
]]>मीडिया से बातचीत में उन लोगों ने कहा ‘ हमने हिरन चटर्जी के चुनावी हलफनामे में उनकी शैक्षणिक योग्यता/उपलब्धियों के संबंध में विसंगतियां देखीं।वह मई 2023 से “आईआईटी खड़गपुर में रिसर्च फेलो” होने का दावा करता है हालाँकि, हाल ही में आईआईटी खड़गपुर के एक आरटीआई जवाब से पता चला है कि “वह न तो एक शोध सहयोगी है, न ही एक वैज्ञानिक, न ही वे किसी विभाग का कोई कर्मचारी है।
इससे साफ है कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में निजी जानकारी में गड़बड़ी की है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है। हमने अपनी चिंता व्यक्त करने और आगामी आम चुनावों में उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग रखी।
]]>শনিবার রাতে এক বিবৃতিতে পিএসজি ক্লাব জানায়,একজন কর্মী সদস্যেরও COVID-19 ছিল। ওই দিন আর কারোরই নাম ছিল না। তবে রবিবার ক্লাবের মেডিকেল নিউজে এক নতুন বিবৃতিতে জানানো হয়, লিওনেল মেসি, লেফট ব্যাক জুয়ান বার্নাট, ব্যাকআপ গোলরক্ষক সার্জিও রিকো এবং ১৯ বছর বয়সী মিডফিল্ডার নাথান বিতুমাজালা কোভিড-১৯ পজিটিভ।
এমন খবরে স্বভাবতই হতাশ হয়ে পড়ে মেসি ভক্তরা। তবে অসমর্থিত সূত্রে খবর, লিওনেল মেসি পরের ম্যাচ লিওনের বিপক্ষে খেলা খেলতে পারবেন।
অসমর্থিত সূত্রে এও খবর, লিও মেসি খ্রীস্টমাসের আগেই কোভিড-১৯ পজিটিভ হয়েছিলেন। কিন্তু ওই সময় তিনি সুস্থ বোধ করায় প্যারিসের উদ্দেশ্যে যাত্রা করেন। অসমর্থিত সূত্রের দাবি, রবিবার মোটেও লিওনেল মেসির কোভিড-১৯ টেস্ট করা হয়নি, কিন্তু মেসির ক্লাব লিওনেল মেসির কোভিড-১৯ রিপোর্ট পজিটিভ এমন খবর রবিবার সামনে এনেছে।
]]>এখন আইএসএলের ১১ তম রাউন্ডে ATK মোহনবাগানের অবস্থা সাপ লুডোর খেলার মতো। প্লে অফ নিশ্চিত হলেও হাফ ছাড়ার উপায় নেই।কেননা এই রাউন্ডে এখনও সবুজ মেরুন শিবিরের দু’ম্যাচ বাকি, ৫ জানুয়ারি লিগ টেবিলে থাকা দু’নম্বর দল হায়দরাবাদ এফসি’র বিরুদ্ধে। আর জানুয়ারি ৮ ফেরান্দোর ছেলেরা খেলবে ওডিশা এফসি’র বিরুদ্ধে, এই দল লিগ টেবিলে ৮ ম্যাচে ১০ পয়েন্টে সপ্তম স্থানে।
এমন আবহে ATK মোহনবাগান চলতি আইএসএলে প্লে অফের টিকিট এক্কেবারে নিশ্চিত করে নিতে চাইছে এমন আবহে দলের পয়লা নম্বর গোলকিপার অমরিন্দর সিং বর্ষবরণ রাতে নিজের ইনস্ট্রাগ্রাম হ্যান্ডেলে একটি সংক্ষিপ্ত সময়ের ভিডিও পোস্ট করেছে যেখানে ২০২০-২১ সপ্তম আইএসএল সংস্করণে অমরিন্দরকে মুম্বই সিটি এফসি দলের হয়ে আইএসএল টুর্নামেন্টে চ্যাম্পিয়ন হওয়ার আনন্দে উল্লাস প্রকাশ করতে দেখা যাচ্ছে।
ওই পোস্টের ক্যাপসনে বর্তমানে ATK মোহনবাগান দলের এক নম্বর গোলকিপার লিখেছে,”আমার জীবনের সেরা বছরের উল্লাসের মুহুর্ত। আইএসএল ট্রফি থেকে জাতীয় দলের প্রতিনিধিত্ব, আমার স্বপ্নের ক্লাবগুলির একটির অংশ হওয়া পর্যন্ত, এটি একটি রোলারকোস্টার রাইড ছিল আরো অনেকের জন্য যে আসতে হবে।#NewYear2k22#ATKMohunBagan#JoyMohunBagan#LoveLife#Life#Mumbaicity#ISL#IndianFootball”।
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প্রসঙ্গত, ২০২০-২১ আইএসএল মরসুমে চ্যাম্পিয়ন হয়েছিল মুম্বই সিটি এফসি ATK মোহনবাগানকে ২-০ গোলে হারিয়ে। এই টাইটেল জয়ের সঙ্গেই মুম্বই সিটি এফসি দ্বিতীয় দল হিসেবে (এফসি গোয়ার পর) AFC চ্যাম্পিয়ন্স লিগে খেলার যোগ্যতা অর্জন করে সার্জিও লোবেরার মুম্বই সিটি এফসি এবং ওই চ্যাম্পিয়ন দলের গোলকিপার ছিলেন বর্তমানে ATK মোহনবাগানের পয়লা নম্বরের গোলকিপার অমরিন্দর সিং।
কাকতালীয় হলেও চলতি আইএসএল লিগ টেবিলের দিকে চোখ রাখলে দেখা যাবে সবুজ মেরুন শিবির এবারেও মুম্বই সিটি এফসি’র ঘাড়ে নিশ্বাস ফেলে চলেছে। তাই গত আইএসএলের উলট পুরাণ হয় কিনা, সবুজ মেরুন গোলকিপার অমরিন্দর সিং এবার কতটা পয়মন্ত হয়ে ওঠে টুর্নামেন্টে তা নিয়ে কৌতুহল তুঙ্গে, বিশেষত অমরিন্দরের করা ইনস্ট্রাগ্রাম পোস্ট এই নিয়ে আরও বেশি করে দেশের ফুটবল এরিনায় চাঞ্চল্য ছড়িয়েছে।
]]>গত বুধবার বিরাট কোহলি এক সাংবাদিক বৈঠকে বিস্ফোরক বয়ানে বলেন, ভারতীয় ওডিআই দলে গার্ড (নেতৃত্ব) পরিবর্তনের বিষয়ে বিসিসিআই এবং এর সদস্যরা তার সাথে কোনও আলোচনা করেনি।
বৃহস্পতিবার কলকাতায় বিসিসিআই প্রেসিডেন্ট সৌরভ গঙ্গোপাধ্যায় চলতি বিতর্কে রাশ টেনে ধরার মুহুর্তে পরিষ্কার প্রতিক্রিয়া ,”নো কমেন্টস (কোন মন্তব্য নেই), বিসিসিআই এটা নিয়ে কাজ করছে। আমি কোনও মন্তব্য করবো না এবং এই সময়ে কিছু বলব না।”
বিরাট- সৌরভ বিতর্কের শুরু,বিরাট কোহলিকে ওডিআই অধিনায়কের পদ থেকে অপসারণের একদিন পরে। বোর্ড প্রেসিডেন্ট সৌরভ গঙ্গোপাধ্যায় বলেছিলেন যে তিনি সত্যিই বিরাটের সাথে নেতৃত্বের পরিবর্তনের বিষয়ে কথা বলেছিলেন এবং কথোপকথনে তিনি (সৌরভ গঙ্গোপাধ্যায়) বিরাটকে টি-টোয়েন্টি অধিনায়কত্ব ছেড়ে না দেওয়ার জন্য অনুরোধ করেছিলেন।
]]>প্রতিবেশী দেশের প্রাক্তন অধিনায়ক নিজের ইউটিউব চ্যানেলে বিতর্কিত বয়ানে বলেন, “ভারতীয় ক্রিকেটের উন্নতির জন্য, গাঙ্গুলিকে এগিয়ে আসা উচিত এবং তাদের উত্তর দিয়ে এই জন্মগত বিতর্কের অবসান ঘটানো উচিত”।
৩৭ বছর বয়সী প্রাক্তন পাক অধিনায়ক সলমান বাটের ইউটিউব চ্যানেলে দেওয়া বয়ানের মূল বক্তব্য যা এখন বিতর্কিত এবং ওই বিতর্কিত বয়ানে বাটের অযাচিতভাবে হস্তক্ষেপ হল এরকম,” বিরাট কোহলি সবার সামনে যা বলেছেন তা ছোট কথা নয়। একদিকে গাঙ্গুলি বলছেন যে তিনি বিরাটকে টি-টোয়েন্টি ফর্ম্যাট থেকে অধিনায়কত্ব ছাড়তে নিষেধ করেছিলেন, অন্যদিকে কোহলি বলেছেন যে বিসিসিআই পক্ষের কোনও কর্মকর্তা এই বিষয়ে তাঁর সাথে কখনও কথা বলেননি। এই গুরুতর বিষয়ে উভয় খেলোয়াড়েরই ভিন্ন বক্তব্য রয়েছে। এই সমস্যা উপেক্ষা করা যাবে না”। প্রাক্তন পাক অধিনায়ককের এমন বিতর্কিত বয়ানকে ভারতের ক্রিকেট মহল মোটেও পচ্ছন্দ করছে না।
এখানেই থেমে না থেকে ইউটিউব চ্যানেলে সলমান বাট স্টেপ আউট করে বিতর্কে আরও বেশি করে ঘি ঢেলে দিয়ে বয়ানে বলতে থাকেন, “বিষয়টি শুধু অধিনায়কত্বের নয়। অবশ্যই, অধিনায়ক হিসাবে রোহিতের আরও ভাল রেকর্ড রয়েছে। কিন্তু যেভাবে একজন সিনিয়র খেলোয়াড়কে হঠাৎ করেই অন্য একজন খেলোয়াড়ের হাতে অধিনায়কত্ব দেওয়া হয়, সে মনোভাব ঠিক নয়। সৌরভকে এই বিষয়ে আলোচনা করে সমাধান বের করতে হবে। নইলে তার ও কোহলির মধ্যে আস্থা ভেঙে যেতে পারে”। ভারতীয় ক্রিকেটে এখন “ফিল গুড ফ্যাক্টর” মানে মুক্ত ফুরফুরে বাতাস বয়ে চলেছে, টিম ইন্ডিয়া দক্ষিণ আফ্রিকার বিরুদ্ধে তিন টেস্ট এবং তিন ওডিআই ম্যাচের সিরিজ খেলতে উড়ে গিয়েছে,বৃ্হস্পতিবার সকালে।
এমন আবহে ‘রুটি করার চাটু গরম’ করতে উদ্দ্যেশ্যপ্রণোদিত ভাবে বিতর্কিত বয়ান করেছে প্রাক্তন পাকিস্তান অধিনায়ক সলমান বাট।
]]>অসমর্থিত সূত্রে খবর, বিরাট কোহলি স্বেচ্ছায় ওয়ানডে দলের অধিনায়কত্ব থেকে সরে যাওয়ার সিদ্ধান্তের জন্য বিসিসিআই গত ৪৮ ঘন্টা ধরে অপেক্ষা করেছিল, কিন্তু বিরাট কোহলি তা করেননি। শেষমেশ বোর্ড রোহিত শর্মার হাতেই টিম ইন্ডিয়ার ওয়ানডে নেতৃত্বর ব্যাটন তুলে দেয়।
গত বুধবার বিসিসিআই যে প্রেস বিবৃতি প্রকাশ করেছিল তাতে কোথাও উল্লেখ করা হয়নি ওয়ানডে ফর্ম্যাটে ভারতের অধিনায়ক পদ থেকে বিরাট কোহলিকে সরানো হল। ওই প্রেস বিবৃতিতে শুধুমাত্র বলা হয়েছে নির্বাচক কমিটি রোহিতকে ওয়ানডে এবং টি-টোয়েন্টি দলের অধিনায়ক হিসাবে নিয়োগের সিদ্ধান্ত নিয়েছে।
বিসিসিআই এবং জাতীয় নির্বাচক কমিটির পাখির চোখ এখন ২০২৩’র ওয়ানডে বিশ্বকাপ। তাই দীর্ঘমেয়াদী পরিকল্পনার অংশ হিসেবে বিরাট কোহলিকে অধিনায়কত্ব থেকে সরিয়ে দেওয়া হয়েছে।
টি টোয়েন্টি বিশ্বকাপের সুপার ১২ স্টেজ থেকে ভারতের ছিটকে যাওয়ার পর, প্রায় নিশ্চিত ছিল বিরাট কোহলির ক্রিকেটের সংক্ষিপ্ত ফর্ম্যাট থেকে অধিনায়কত্ব ইস্যুতে অপসারণ। অন্যদিকে অসমর্থিত সূত্রে এমন খবর প্রকাশ্যে এসেছে, বিসিসিআই চেয়েছিল সম্মানজনক পথেই এই গোটা প্রক্রিয়া সম্পন্ন হোক। অসমর্থিত সূত্রের দাবি, শেষ মুহুর্তে বিরাট কোহলির অনমনীয় অবস্থান ভারতীয় ক্রিকেট কন্ট্রোল বোর্ডকে বিকল্প ব্যবস্থা বেছে নিতে বাধ্য করে এবং রোহিত শর্মার হাতে ওয়ানডে এবং টি টোয়েন্টি ক্রিকেটে ভারতের অধিনায়কত্বর লাগাম তুলে দেওয়ার সিদ্ধান্ত নিতেই হয়।
]]>এই ঘটনা নিয়ে সোমবার কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহর ‘ভুল বোঝাবুঝি’র আখ্যাকে হাতিয়ার করে তিনি বলেন, ‘অসম রাইফেলস এর মতো বিএসএফও(BSF) ‘ভুল বোঝাবুঝির’ কারণে গুলি চালায়, ভবিষ্যতেও চালাবে। তৈরি থাকুন।’ ফেসবুক পোস্টে তাঁর এরকম মন্তব্য নতুন করে বিতর্ক উসকে দিল।
এর আগে তিনি রাজ্যে বিএসএফের কাজের সীমা বাড়িয়ে দেওয়ার কেন্দ্রীয় সিদ্ধান্তের বিরোধিতা করতে গিয়ে বিধানসভার মধ্যেই আপত্তিজনক মন্তব্য করেছিলেন। সেই আঁচ নিভতে না নিভতেই এবার নতুন বিতর্ক।
সোমবার নাগাল্যান্ডের (Nagaland) ঘটনা নিয়ে সংসদে শোরগোল ফেলে দেন বিরোধীরা। চাপে পড়ে এ নিয়ে বিবৃতি দিতে বাধ্য হন স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহ (Amit Shah)। তিনি বলেন, ‘ওটিং গ্রামে চরমপন্থী কার্যকলাপ চলছিল। সেনা কম্যান্ডোরা এলাকায় বিস্ফোরক বিছিয়ে রেখেছিলেন। সেই সময় একটি যাত্রীবোঝাই গাড়ি আসে। গাড়িটিকে দাঁড়াতে বললে পালানোর চেষ্টা করে তা। তখনই জঙ্গি সন্দেহে গুলি চালিয়ে দেয় সেনা। পরে বোঝা যায়, পরিচয় নিয়ে বিভ্রান্তি তৈরি হয়েছিল। আর সেই কারণেই ভুল বোঝাবুঝি হয়েছে।’
প্রসঙ্গত, ঘটনার পর অসম রাইফেলসের ছাউনিতে জনরোষ আছড়ে পড়লে সেখানেও গুলি চলে। তাতেও বেশ কয়েকজন গ্রামবাসী নিহত হন। ফলে সরাসরি স্বরাষ্ট্রমন্ত্রকের অধীনস্ত অসম রাইফেলসকেও ঘটনায় দায়ী করা হয়েছে।
]]>এদিন দলীয় সমর্থকদের একটি হোর্ডিং লাগানোকে কেন্দ্র করে ঘটনার সূত্রপাত হয়। যারপরই ক্ষোভ উগরে কটাক্ষের সুরে দলের প্রাক্তন রাজ্য সভাপতি তথা খড়্গপুর সদরের প্রাক্তন বিধায়ক দিলীপ ঘোষকে বিঁধলেন বর্তমান বিধায়ক হিরণ (Hiran Chatterjee)। হোর্ডিংয়ে বিজেপির সর্বভারতীয় সহ-সভাপতি দিলীপ ঘোষকে অভিবাদন জানানো হয়েছে। হোর্ডিংয়ে সুকান্ত মজুমদার, শুভেন্দু অধিকারী, অমিত মালব্যর ছবিও রয়েছে। এমনকি হোর্ডিংয়ে রয়েছেন জেলা সভাপতি সৌমেন তিওয়ারিও। কিন্তু, হিরণ নেই। এরপরই এই নিয়ে হিরণের তির্যক মন্তব্য, ‘আমি হোর্ডিং পোস্টারে নেই। নিরন্তর মানুষের জন্য কাজ করে চলি। গণতন্ত্রে মানুষই শেষ কথা বলে। জনতাই জনার্দন, ভগবান। আমি জনগণের পূজারি। যারা হোর্ডিং পোস্টারে আছেন, তাঁরা ভোট দিয়ে জেতাতে পারবেন না। শেষ কথা বলবে মানুষই।’
প্রসঙ্গত, বিধানসভা ভোটে গোটা রাজ্যের পাশাপাশি পশ্চিম মেদিনীপুর জেলাতেও বিজেপির ভরাডুবি হয়েছে। তবে তার মধ্যেও জেলায় দুটি আসন পেয়েছে বিজেপি। তৃণমূল থেকে বিজেপিতে নাম লিখিয়ে খড়্গপুর সদরে জিতেছেন হিরণ। আর এই খড়্গপুর সদরেরই প্রাক্তন বিধায়ক ছিলেন দিলীপ ঘোষ। রাজনৈতিক মহলের একাংশের ধারনা, এ থেকেই দুজনের মধ্যে বিবাদের শুরু, যা খুব বেশিদিন লোকচক্ষুর আড়ালে থাকেনি।
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এই প্রশ্নটি নিয়েই তৈরি হয়েছে তীব্র বিতর্ক। যদিও কিভাবে এই প্রশ্ন হল তা জানা যায়নি। সিবিএসইর (cbse) পক্ষ থেকে বিষয়টি খতিয়ে দেখে উপযুক্ত ব্যবস্থা নেওয়ার আশ্বাস মিলেছে।
সোসিওলজি প্রথমপত্রের (first paper) পরীক্ষায় প্রশ্ন ছিল, ২০২২ সালে গুজরাতে যে নজিরবিহীন মুসলিম বিরোধী হিংসা ছড়িয়ে পড়েছিল সেটা কোন সরকারের আমলে হয়েছিল? প্রশ্নের পাশাপাশি উত্তর লেখার জন্য চারটি অপশন দেওয়া হয়েছে। সেটি হল বিজেপি/কংগ্রেস/ রিপাবলিক পার্টি / ডেমোক্রেটিক পার্টি।
যথারীতি এই প্রশ্নের কথা ছড়িয়ে পড়তেই তৈরি হয়েছে তীব্র বিতর্ক। বিষয়টি জানতে পেরে সঙ্গে সঙ্গেই পাল্টা আশ্বাস দিয়ে সিবিএসসি বোর্ডের পক্ষ থেকে জানানো হয়েছে, সোসিওলজির প্রথম পত্রের পরীক্ষায় একটি প্রশ্ন এসেছে যা যথাযথ নয়। যে নিয়ম মেনে সিবিএসই-র প্রশ্নপত্র তৈরি হয় ওই প্রশ্নটি সেই নিয়মের বাইরে করা হয়েছে। এটি একটি অনিচ্ছাকৃত ভুল। যে বা যারা এই প্রশ্নটির জন্য দায়ী তাদের খুঁজে বের করে অবশ্যই উপযুক্ত ব্যবস্থা নেওয়া হবে।
উল্লেখ্য, ২০০২ সালে গুজরাতের গোধরায় সবরমতী এক্সপ্রেসের একটি কামরা জ্বালিয়ে দেওয়া হয়েছিল। যে ঘটনায় জীবন্ত দগ্ধ হয়ে মৃত্যু হয়েছিল ৫৯ জন হিন্দু পুণ্যার্থীর। সবরমতী এক্সপ্রেসে অগ্নিকাণ্ডের ঘটনার পরেই সে রাজ্যে প্রবল হিংসা ছড়িয়েছিল। যার বলি হয়েছিল কমপক্ষে ১০০০ মানুষ। ওই ঘটনার সময় গুজরাতে বিজেপির সরকার ছিল। মুখ্যমন্ত্রী ছিলেন নরেন্দ্র মোদি।
ওই দাঙ্গার ঘটনায় সরাসরি মুখ্যমন্ত্রী মোদির দিকে সরাসরি আঙুল উঠেছিল। যদিও সিবিআইয়ের স্পেশাল তদন্তকারী দল ওই মামলায় মোদিকে ক্লিনচিট দেয়।
]]>বোর্ডের এই সিদ্ধান্ত হালাল মাংস খাওয়ার কথা প্রকাশ্যে আসতেই মাইক্রো ব্লগিং সাইট টুইটার জুড়ে #BCCI_Promotes_Halal প্রতিবাদের সুনামি আছড়ে পড়তে শুরু করেছে।
বেঙ্গালুরুর কিরন আরাধ্যা নিজের টুইটার হ্যাণ্ডেলে এই ইস্যুতে পোস্টে লিখেছে,”আমরা বিসিসিআইকে হাইজেনিক মাংসের চেয়ে হালাল (গ্রহণ) মাংসের সুবিধা জিজ্ঞাসা করেছি!! আমরাও এই ডায়েট প্ল্যানের জনক জানতে আগ্রহী।
#BCCI_Promotes_Halal”
তথ্য জানার অধিকার আইনে বেঙ্গালুরুর বাসিন্দা কিরন আরাধ্যা জানতে পেরে হালাল মিট ইস্যুতে টুইট করেছে। ওই আরটিআই থেকে পাওয়া তথ্য অনুযায়ী জানা গিয়েছে,বিসিসিআই খেলোয়াড়দের ডায়েট প্ল্যানে নতুন করে হালাল মিট তালিকাভুক্ত করেছে,কারণ এর ফলে খেলোয়াড়দের ফিটনেস বজায় থাকবে। সঙ্গে নন হালাল মিট খেলোয়াড়দের ফিটনেসের ধারাবাহিতা ধরে রাখিতে পারেনা বলে ওই আরটিআই সূত্রে জানা গিয়েছে।
বিসিসিআই অবিলম্বে এই বেআইনি সিদ্ধান্ত প্রত্যাহার করবে,#BCCI_Promotes_Hala এই ইস্যুতে গৌরব গোয়েল চণ্ডীগড় রাজ্য বিজেপি মুখপত্র তথা আইনজীবী টুইটে নিজের ভিডিও বার্তায় বলেছেন,”বিসিসিআই হালাল মিটকে ক্রিকেট খেলোয়াড়দের ডায়েট প্ল্যানে অন্তর্ভূক্ত করেছে।নতুন নির্দেশে জানা গিয়েছে শুধু হালাল মিট ক্রিকেটারদের খেতে হবে।আমি বিসিসিআইকে জানাতে চাই যে যেকোন খেলোয়াড় যা খুশি খাওয়ার খাক, সেটা তার মর্জি।” এই জায়গাতেই তীব্র বিরোধিতা করে গৌরব গোয়েল বলেছেন টুইটের ভিডিও বার্তায়,”কিন্তু আপনাদের কে অধিকার দিয়েছে হালাল মিটকে খেলোয়াড়দের ডায়েট প্ল্যানে তালিকাভুক্ত করার।”
হুশিয়ারির সুরে টুইটের ভিডিও বার্তায় গৌরব গোয়েল বলেছেন,”এই ধরনের বেআইনি সিদ্ধান্তকে আমরা মেনে নেবো না।বিসিসিআই’র নেওয়া এই বেআইনি সিদ্ধান্ত দেশবাসীও মেনে নেবে না। এই সিদ্ধান্ত দেশহিতৈষী নয়।বোর্ডকে এই সিদ্ধান্ত প্রত্যাহার করে নেওয়া উচিত।”
ভিডিও বার্তায় বলেছেন এও,”এই সিদ্ধান্ত ঠিক নয়, বিনাশ কালে বিপরীত বুদ্ধি…দ্রুত এই সিদ্ধান্ত প্রত্যাহার করুন,জয় হিন্দ,জয় ভারত।”
সন্দীপ সিন্ডে গোয়ার সনাতন স্টাডি সেন্টারের কনভেনর নিজের টুইটার হ্যাণ্ডেলে হালাল মিট ইস্যুতে পোস্ট করে লিখেছেন,”@bcci দ্বারা চুক্তিবদ্ধ 28 জন খেলোয়াড় আছে
A+ গ্রেড :3
একটি গ্রেড : 10 (1 mu$lim)
বি গ্রেড: 5
সি গ্রেড: 10 (1 mu$lim)
28 টির মধ্যে 2 (3.4%) হল Mu$lims; তবে তাদের জন্য বাকি 26 জন খেলোয়াড়ও হালাল সনদপ্রাপ্ত খাবার পাবেন।
ধর্মনিরপেক্ষ ভারতে হালাল কেন বাধ্যতামূলক?
#BCCI_Promotes_Halal।”
রমেশ সিন্ডে টুইটে লিখেছেন,
“ভারতে সমান অধিকার??
ভারতের হিন্দু ও শিখ ক্রিকেটারদের উপর ইসলামিক হালাল চাপিয়ে দেওয়া হচ্ছে কেন??
@harbhajan_singh @SirJadeja
@তাপসনিয়ামা @গোল্ডেনথ্রাস্ট
#BCCI_PROMOTES_HALAL “
কর্ণাটক হিন্দু জাগৃতি সমিতির রাজ্য কো অর্ডিনেটর গুরুপ্রসাদ গৌডা টুইটে লিখেছেন,”জেগে ওঠা বিসিসিআইয়ের হাঁটু দেখিয়ে টিম ইন্ডিয়া এখন হালাল খাবার খেতে বাধ্য হচ্ছে
বিসিসিআই কি হালাল লবির দিকে ঝুঁকছে?
#BCCI_Promotes_Halal।”
Dear Vegetarians: Why are you worried about what type of meat people eat ?!!
It's none of your business if Indians want to eat halal….!!!
Thanks @bcci for #BCCI_Promotes_Halal
It's TASTY & GOOD for health
pic.twitter.com/UxIceOzIVd
— Mohd Abdul Sattar (@SattarFarooqui) November 23, 2021
এই ইস্যুতে বিপরীত মতও টুইটারে ভাইরাল হয়েছে। মানবাধিকার কর্মী মহম্মদ আব্দুল সাত্তার নিজের টুইটার হ্যাণ্ডেলের পোস্টে লিখেছেন’ “প্রিয় নিরামিষাশী: মানুষ কি ধরনের মাংস খায় তা নিয়ে চিন্তিত কেন?!!
ভারতীয়রা হালাল খেতে চাইলে এটা আপনার কাজ নয়…!!!
#BCCI_Promotes_Halal এর জন্য @bcci কে ধন্যবাদ 

এটা সুস্বাদু এবং স্বাস্থ্যের জন্য ভালো
। “
প্রসাদ হালদানকরের টুইট এই নিয়ে,”#BCCI_Promotes_Halaভারতে জাতীয় স্তরে কীভাবে হিন্দু বিরোধী এবং জাতীয় বিরোধী জিনিস চাপিয়ে দেওয়া হয় তার উদাহরণ… “
চৈতন্য প্রভু নিজের টুইটার হ্যাণ্ডেলে হালাল মিট ইস্যুতে পোস্টে লিখেছে,”হালাল প্রক্রিয়া এটিকে একটি স্পষ্ট ধর্মীয়ভাবে বৈষম্যমূলক অভ্যাস করে তোলে অনেকটা অস্পৃশ্যতার মতো এটি শুধুমাত্র একজন মুসলিম পুরুষের দ্বারা সম্পাদন করার অনুমতি রয়েছে। অমুসলিমদের একটি হালাল ফার্মে চাকরি থেকে বঞ্চিত করা হয় যা অভ্যন্তরীণভাবে একটি ইসলামিক রীতি। #BCCI_Promotes_Halal। “
Only Halal for Team India ?
Why is @BCCI enforcing 'Halal food only' diktat on non-Muslim cricket players ?
Where are religious beliefs of Hindus in their own nation ?#BCCI_Promotes_Halal pic.twitter.com/Q4UaRWNjbD
— Guruprasad Gowda (@Gp_hjs) November 23, 2021
দেশ জুড়ে সাম্প্রতিক সময়ে বিভাজনের রাজনীতি, ধর্মীয় মেরুকরণ, লাভ জিহাদ, দেশের যুক্তরাষ্ট্রীয় পরিকাঠামোতে আঘাত, কে কি খাবে-কে কি পোশাক পড়বে তা নিয়ে সমালোচনা, জয়শ্রী রাম স্লোগান নিয়ে তপ্ত বাক্যবিনিময় সহ এই ইস্যুতে গণপিটুনিতে খুন,খুনের চেষ্টার মত গুরুতর অভিযোগ প্রকাশ্যে এসেছে। এখন #BCCI_Promotes_Halal ইস্যুতে সংসদীয় গণতন্ত্রের ভারত রাষ্ট্রের সামাজিক এবং রাজনীতির উঠোনে ইতিমধ্যেই বিতর্কের ধোয়ার কুণ্ডলী পাকিয়ে তুলেছে।
]]>এদিকে ভারত তাদের চার নেট বোলারকে দেশে ফেরত পাঠিয়েছে। ইতিমধ্যে ভারতে পৌঁছে যাওয়া বোলাররা হলেন চেন্নাই সুপার কিংস (সিএসকে) স্পিনার কর্ণ শর্মা, রয়্যাল চ্যালেঞ্জার্স ব্যাঙ্গালোর (আরসিবি) স্পিনার শাহবাজ আহমেদ, চেন্নাই সুপার কিংস (সিএসকে) স্পিনার কৃষ্ণাপ্পা গৌতম এবং কলকাতা নাইট রাইডার্স (কেকেআর) অলরাউন্ডার ভেঙ্কটেশ আইয়ার।
ভেঙ্কটেশ আইয়ারের দেশে ফিরে আসা অনেক ভক্তদের কাছে অবাক করে দেওয়ার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। কারণ অনেকেই ভেবেছিলেন আইয়ার অলরাউন্ডার হার্দিক পান্ডিয়ার সম্ভাব্য বিকল্প খেলোয়াড়।যিনি এখন পর্যন্ত কোন নেট সেশনে বোলিং করেননি।
একবার টুর্নামেন্ট শুরু হলে খুব বেশি নেট সেশন হবে না – এমন মন্তব্য করেছেন বিসিসিআই’র এক আধিকারিক। ভারতীয় ক্রিকেট কন্ট্রোল বোর্ডের এক সিনিয়র আধিকারিক (বিসিসিআই) নিশ্চিত করেছেন যে সুপার ১২ পর্ব শুরু হওয়ার সাথে সাথে ভারতে খুব বেশি সেশন হবে না। এদিকে, বোলারদের ভারতে ফেরত পাঠানো হয়েছে যাতে তারা সৈয়দ মুসতাক আলী টি-২০ টুর্নামেন্ট খেলতে পারে, এই টুর্নামেন্ট ক্রিকেটারদের উপকারে লাগবে।
“হ্যাঁ, টুর্নামেন্ট শুরু হওয়ার পরে খুব বেশি নেট সেশন হবে না। জাতীয় নির্বাচকরা মনে করেন যে সব স্পিনার বিশেষ করে উপকৃত হবে যদি তারা দেশে ফিরে যায় এবং নিজের রাজ্যের হয়ে সৈয়দ মুসতাক আলী ট্রফি খেলে। তাদের ম্যাচ অনুশীলন দরকার। ” “এছাড়াও অতিরিক্ত অনুশীলনের সাথে এই গরমে, আমাদের এত স্পিনার লাগবে না,” নাম প্রকাশ না করার শর্তে বিসিসিআইয়ের একজন সিনিয়র আধিকারিকের সংবাদ সংস্থা পিটিআই’কে দেওয়া এমন মন্তব্য ঘিরে তোলাপাড় দেশের ক্রিকেট মহল।
এদিকে, ভারত তাদের সব নেট বোলারকে দেশে ফেরত পাঠায়নি। কারণ চারজন ফাস্ট বোলার আছে, যাদেরকে থাকতে বলা হয়েছে। দিল্লি ক্যাপিটালসের বোলার আবেশ খান, লুকমান মেরিওয়ালা, সানরাইজার্স হায়দরাবাদ (SRH) পেসার উমরান মালিক এবং ইন্ডিয়ান প্রিমিয়ার লিগ (আইপিএল) ২০২১’র শীর্ষস্থানীয় উইকেট শিকারী RCB পেসার হর্ষল প্যাটেল বিশ্বকাপে অনুশীলন সেশনে ভারতকে সাহায্য করবে।
]]>সাভারকরের উপর একটি বই প্রকাশ অনুষ্ঠানে বক্তব্য রাখতে গিয়ে রাজনাথ বলেন। বিংশ শতকের প্রথম সামরিক কৌশলবিদ ছিলেন সাভারকার। মহাত্মা গান্ধীর অনুরোধেই তিনি ব্রিটিশদের কাছে ক্ষমার আবেদন করেছিলেন। রাজনাথ স্পষ্ট বলেন, মার্কসবাদী-লেনিনবাদীরাই সাভারকর সম্পর্কে ভুল বার্তা পাঠিয়েছিলেন। ইচ্ছাকৃতভাবেই তাঁকে ফ্যাসিবাদী বলে অভিযুক্ত করা হয়েছিল।
সাভারকার কিন্তু আদৌ ফ্যাসিবাদী ছিলেন না। বরং তাঁকে জাতীয় আইকন বলা যেতে পারে। সাভারকার দেশের জন্য শক্তিশালী প্রতিরক্ষা ব্যবস্থার কথা বলেছিলেন। দেশের উন্নয়ন সম্পর্কে কূটনৈতিক মতামত দিয়েছিলেন। রাজনাথের মত প্রবীণ রাজনীতিবিদের মুখে সাভারকার সম্পর্কে এই মন্তব্য শুনে অনেকেই চমকে উঠেছেন।
বিজেপি ও সংঘের কাছে এমনিতেই জাতীয়তাবাদী হিসেবেই পরিচিত ছিলেন সাভারকর। কিন্তু তিনি যে সামরিক কৌশলবিদ ছিলেন সেকথা এই প্রথম জানালেন রাজনাথ সিং। ওই অনুষ্ঠানে রাজনাথ বলেন, ভারতীয় ইতিহাসের অন্যতম নায়ক ছিলেন সাভারকর। তিনি ভবিষ্যতে ওই আসনেই থাকবেন। কোনও একজন মানুষকে নিয়ে ভিন্নমত থাকতেই পারে। ভিন্নমত থাকা মানে এই নয়, কাউকে ছোট করা। কারও সম্পর্কে মিথ্যা প্রচার করা, বা কাউকে নিয়ে নিকৃষ্ট মন্তব্য করা।
রাজনাথ বলেন, কিন্তু সাভারকার সম্পর্কে কিছু মানুষ কুরুচিপূর্ণ মন্তব্য করে থাকেন। তাঁর সম্পর্কে বিকৃত তথ্য প্রচার করে থাকেন। এটা কখনওই ঠিক নয়। সাভারকার ছিলেন একজন স্বাধীনতা সংগ্রামী এবং কট্টর জাতীয়তাবাদী। এহেন একজন মানুষ সম্পর্কে কখনওই ঘৃণা প্রকাশ ঠিক নয়। বরং মানুষের উচিত যেটুকু সম্মান তাঁর প্রাপ্য সেটা তাঁকে দেওয়া। দেশের প্রতি সাভারকরের যে অবদান রয়েছে সেটা স্বীকার করে নেওয়া।
]]>আরও পড়ুন তালিবানদের বিরুদ্ধে সরব হোক দেশের মুসলিমরা: RSS
যখন তালিবান ইস্যু নিয়ে নড়েচড়ে বসছে রাষ্ট্রীয় স্বয়ংসেবক সংঘ, ঠিক তখনই আরএসএস’এর সঙ্গে তালিবানের তুলনা করলেন জাভেদ আখতার। তালিবান এবং রাষ্ট্রীয় স্বয়ংসেবক সংঘ একই কয়েনের দুটি পিঠ বলে কার্যত বুঝিয়ে দিয়েছেন তিনি। ইতিমধ্যেই দেশের প্রবীণ শিল্পীর মন্তব্য নিয়ে ইতিমধ্যেই উত্তাল সোশ্যাল মিডিয়া। শুধু নেটিজেনরাই নন, হাত জোড় করে জাভেদকে ক্ষমা চাইতে হবে বলে জানিয়ে দিয়েছেন বিজেপি নেতা রাম কদম।
আরও পড়ুন শিল্পেই বিপ্লব: তালিবানদের বিরুদ্ধে প্রতিবাদে কাবুলের গ্রাফিতি শিল্পী শামসিয়া হাসানি
আরও পড়ুন নজরে নীলছবি, আফগান পর্নস্টার খুঁজে পেলেই মাথা কাটবে তালিবানরা
সম্প্রতি এক সাক্ষাৎকারে জাভেদ আখতার বলেন, ‘‘তালিবান যেমন ইসলাম রাষ্ট্র প্রতিষ্ঠা করতে চায়, তেমন আর একদল মানুষও হিন্দু রাষ্ট্র প্রতিষ্ঠা করতে চাইছে। এরা একই মানসিকতার। তালিবান বর্বর। যাঁরা আরএসএস, বজরং দলকে সমর্থন করেন, তারাও বর্বরই।” তাঁর এই মন্তব্যের পরেই ক্ষোভে ফেটে পড়েন নেটনাগরিকরা।
Javed Akhtar compared Taliban with RSS because he is an atheist who only eats haIaI meat.
— desi mojito (@desimojito) September 5, 2021
আরও পড়ুন তালিবানদের বিপ্লবী আখ্যা দিয়ে বিপাকে কংগ্রেস বিধায়ক আনসারি
আরও পড়ুন শরিয়তি আইনে চলা আফগানিস্তান থেকে উইঘুর মুসলিমদের চিনে পাঠাবে তালিবান
https://twitter.com/AdvAshutoshDube/status/1434136441571926023?s=20
রাষ্ট্রীয় স্বয়ংসেবক সংঘের মতো একটি প্রতিষ্ঠানের সঙ্গে তালিবানের তুলনা করে জাভেদ অসংখ্য মানুষের ভাবাবেগে আঘাত করেছেন বলে অভিযোগ করেছেন ওই বিজেপি নেতা। স্বয়ংসেবক সংঘের কর্মীদের এবং অনুগামীদের কাছে বলিউডের প্রবীন শিল্পী ক্ষমা না চাইলে ভারতের মাটিতে তাঁর একটি ছবিও মুক্তি পাবে না বলে হুঁশিয়ারি দিয়েছেন তিনি।
In a country where majority r Hindus..
Ppl like Javed Akhtar oppose the idea of Hindu Rashtra..
V make them famous by liking their songs,movies n ensure their families r safe in our country..
Can they say the same thing in Pakistan or taliban n get away?
R we milking a snake?— Nitesh Rane (@NiteshNRane) September 5, 2021
https://twitter.com/Alleged_RW/status/1434199630888116224?s=20
তালিবানরা আফগানিস্তান দখল করার পর সে দেশের প্রায় প্রতিটি প্রান্তেই কায়েম হচ্ছে শরিয়তি আইন। ইসলামের আদেশ অনুসারেই চলছে দেশ। ২০০১ সালের আগে তালিবান যখন আফগানিস্তান শাসন করত, তখনও তারা কঠোর শরিয়া আইন জারি করেছিল। এবারেও আগের ছবিই দেখা যাচ্ছে গোটা দেশ জুড়ে।
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