Current affairs – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 30 Sep 2023 18:38:02 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Current affairs – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 धनखड़ का चिदंबरम पर निशाना, लोगों की अज्ञानता को राजनीतिक समानता में बदलना शर्मनाक https://ekolkata24.com/uncategorized/dhankhar-takes-aim-at-chidambaram-criticizes-converting-ignorance-into-political-gains-as-shameful Sat, 30 Sep 2023 15:30:34 +0000 https://ekolkata24.com/?p=45957 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शनिवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर निशाना साधा है। धनखड़ ने कहा कि लोगों की अज्ञानता को राजनीतिक समानता में बदलना शर्मनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास केंद्रीय मंत्री रह चुके राज्यसभा के एक वरिष्ठ सदस्य के महिला आरक्षण कानून पर की गई टिप्पणी पर अपनी पीड़ा जताने के लिए शब्द नहीं हैं.

चिदंबरम का नाम लिए बिना उनकी टिप्पणी उन्होंने इसे विकृत मानसिकता करार दिया और कहा कि क्या आज लगाया गया पौधा तुरंत फल देना शुरू कर देगा या क्या किसी व्यक्ति को संस्थान में प्रवेश के तुरंत बाद डिग्री मिल जाएगी। लोगों की अज्ञानता को राजनीतिक समानता में बदलना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को इससे लड़ना होगा क्योंकि उनकी सूचना तक पहुंच है।

गौरतलब है कि धनखड़ की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता के उस बयान पर आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि विधेयक भले ही कानून बन गया है लेकिन यह कई वर्षों तक असल में लागू नहीं हो पाएगा। यह सिर्फ सरकार द्वारा लाया गया, एक भ्रम है। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा था कि सरकार ने दावा किया है कि महिला आरक्षण विधेयक कानून बन गया है। ऐसे कानून का क्या फायदा, जो वर्षों तक लागू ही नहीं किया जाएगा। निश्चित रूप से यह कानून 2029 लोकसभा चुनाव से पहले लागू नहीं हो पाएगा। यह सिर्फ चिढ़ाने जैसा है। जैसे पानी के कटोरे में चांद की परछाई दिखती है। केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया यह कानून सिर्फ एक चुनावी जुमला है।

महिला आरक्षण से संबंधित 128वां संविधान संशोधन विधेयक 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित किया गया था। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े, जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला था। इससे पहले 20 सितंबर को विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे। एक दिन पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद से विधेयक कानून बन गया है।

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