Dhanteras – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Tue, 29 Oct 2024 10:00:41 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Dhanteras – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का नया चलन, ऋण मुक्ति की उम्मीद में खरीदार https://ekolkata24.com/offbeat-news/new-trend-of-buying-broom-on-dhanteras Tue, 29 Oct 2024 10:00:10 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49981 मानाली दत्त, बहारमपुर: धनतेरस, जो काली पूजा से दो दिन पहले त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है, में हर साल लोग विभिन्न धातुओं और घर की आवश्यक वस्तुएँ खरीदते हैं। इस दिन को विशेष रूप से सोने, चांदी और अन्य धातुओं की खरीदारी के लिए जाना जाता है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों से, इस दिन झाड़ू खरीदने की प्रवृत्ति बढ़ी है।

अब लोग सिर्फ धातुओं और अन्य घरेलू वस्तुओं की खरीदारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि झाड़ू भी खरीद रहे हैं। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन नया झाड़ू खरीदने से सभी ऋणों से मुक्ति मिलती है। इस मान्यता के कारण, बाजार में झाड़ू की मांग तेजी से बढ़ गई है। विभिन्न प्रकार के झाड़ू जैसे बांस के झाड़ू, प्लास्टिक के झाड़ू और लकड़ी के झाड़ू बाजार में उपलब्ध हैं।

व्यापारियों का कहना है कि धनतेरस के पहले झाड़ू की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कई दुकानें विशेष रूप से झाड़ू की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए तैयार की गई हैं। इस दिन खरीदारी के लिए आने वाले ग्राहकों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार झाड़ू का चुनाव कर रहे हैं और इसे खरीदने में काफी उत्सुकता दिखा रहे हैं।

झाड़ू खरीदने की इस प्रवृत्ति का मुख्य कारण सामाजिक मीडिया पर इसके प्रचार को माना जा रहा है। कई लोग अपने नए झाड़ू खरीदने के अनुभव को साझा कर रहे हैं और दूसरों को भी इसे खरीदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस दिन विशेष रूप से महिलाएँ झाड़ू खरीदने में अधिक रुचि दिखा रही हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि इससे उनके घर में लक्ष्मी का वास होगा।

एक हालिया सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि 75% महिलाएँ धनतेरस पर झाड़ू खरीदने के लिए तत्पर हैं। झाड़ू बनाने वाले कारीगर भी इस समय को लेकर पहले से ही तैयारियों में जुटे हुए हैं। उनके अनुसार, इस समय झाड़ू बनाने के लिए वे विशेष तकनीकों का उपयोग करते हैं और उत्पादन बढ़ाते हैं ताकि अधिक मात्रा में झाड़ू उपलब्ध हो सके।

धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की प्रवृत्ति केवल आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह लोगों की धार्मिक मान्यताओं और मानसिकता का प्रतिबिंब है। ऋण के बोझ तले लोग विभिन्न तरीकों से मुक्ति पाने की कोशिश कर रहे हैं, और झाड़ू खरीदने का यह चलन उसी का एक उदाहरण है।

इस प्रकार, धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की यह नई प्रवृत्ति केवल आर्थिक लाभ का स्रोत नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति का एक माध्यम भी हो सकती है। खरीदारों में ऋण मुक्ति की उम्मीद के साथ-साथ बाजार में झाड़ू की मांग भी बढ़ रही है, जिससे समाज में एक नया दृष्टिकोण विकसित हो रहा है, जो सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

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