disel – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 27 Jun 2024 10:52:15 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png disel – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 विद्यासागर पुल पर वाहनों के जाम से निजात दिलाने के लिए कोलकाता पुलिस हुई सतर्क https://ekolkata24.com/top-story/kolkata-police-becomes-alert-to-get-rid-of-traffic-jam-on-vidyasagar-bridge Thu, 27 Jun 2024 10:47:33 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48607 कोलकाता : कोलकाता पहुंचने से पहले ही विद्यासागर सेतु पर वाहनों का तेल खत्म हो रहा है। इसलिए बीच सेतु पर वाहन खड़े हो जा रहे है। जिस कारण ट्रैफिक जाम लग रहा है। ऐसी परिस्थिति में पुलिस विद्यासागर सेतु पर यातायात को चालू रखने के लिए पेट्रोल और डीजल के बैरेल तैयार रख रही है। इसके साथ ही खराब वाहनों को तुरंत हटाने के लिए वहां पर रेकर भी तैनात किया जा रहा है। दूसरे हुगली ब्रिज या विद्यासागर ब्रिज पर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक अधिकारी हावड़ा ट्रैफिक पुलिस के साथ लगातार संपर्क में हैं।

लालबाजार ने कहा कि मुख्यमंत्री का निर्देश मिलने के बाद ट्रैफिक पुलिस काफी सक्रिय हो गयी है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने नवान्न के रास्ते में दूसरे हुगली ब्रिज पर ट्रैफिक जाम देखा । उन्होंने पुलिस कमिश्नर को फोन कर जाम का कारण जानना चाहा। मुख्यमंत्री के आह्वान के बाद पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के साथ पहले दौर की बैठक में बैठे। बुधवार को उन्होंने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ एक और हुगली ब्रिज का दौरा किया। लालबाजार सूत्रों ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने इस बात की गहन जांच की कि दूसरे हुगली ब्रिज पर लगातार जाम क्यों लग रहा है।

जाम से बचने और पुल पर यातायात सुचारू करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने भी कई निर्णय लिये। लालबाजार पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने की माने तो जांच के बाद ट्रैफिक विभाग को पता चला कि दूसरे हुगली ब्रिज के दो लेन निर्माणाधीन हैं। इसलिए बाकी लेन पर दबाव है। यदि यातायात का दबाव अधिक होगा तो यातायात धीमा हो जाएगा। लेकिन पुल पर जाम लगने का मुख्य कारण वाहनों का अचानक खराब हो जाना है।

अक्सर देखा जाता है कि गाड़ियों के खराब होने के कारण वाहन पुल के बीच में ही रुक जाते हैं। धक्का देने पर भी कार स्टार्ट नहीं होगी। विद्यासागर सेतु ट्रैफिक गार्ड के कर्मी मौके पर पहुंचे और कार को सड़क के एक तरफ धकेल कर यातायात सुचारू करने का प्रयास किया।

लेकिन जब कोई बड़ा वाहन जैसे बस या मालवाहक वाहन पुल के बीच में खराब हो जाता है तो अन्य वाहनों को इधर-उधर जाने का मौका नहीं मिलता है। ऐसे में वाहन हटाने वाली गाड़ियां आने तक पुल पर जाम लगा रहता है। इस समस्या से बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने द्वितीय हुगली ब्रिज पर हर समय रेकर्स रखने का फैसला किया है। अगर कोई कार खराब हो जाए तो उसे तुरंत रेकर की मदद से हटा दिया जाएगा।

पुलिस के मुताबिक, यह भी देखा गया है कि दूर के जिलों या दूसरे राज्यों से कोलकाता आने के दौरान दूसरे हुगली ब्रिज का तेल खत्म हो गया है। कार में कोई अतिरिक्त तेल नहीं है, परिणामस्वरूप, कार अब नहीं चल सकती और इस वजह से ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है। इन्हीं सब करणों से ट्रैफिक पुलिस ने पुल पर कई बैरल तेल जमा करने का फैसला किया है। पुलिस पेट्रोल और डीजल दोनों स्टॉक में रखेगी। अगर किसी गाड़ी में तेल खत्म भी हो जाए तो तुरंत तेल भरकर स्टार्ट करने की व्यवस्था की जा रही है। पुलिस ने कहा कि इस बीच, कोना एक्सप्रेसवे या हावड़ा में किसी अन्य सड़क पर ट्रैफिक जाम की स्थिति में, लालबाजार हर समय हावड़ा पुलिस के संपर्क में रहेगा ताकि इसका असर दूसरे हुगली ब्रिज परन पड़े।

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পোস্ট অফিসে ১০ হাজারের বেশি জমা করলেই দিতে হবে টাকা https://ekolkata24.com/business/if-you-deposit-more-than-10-thousand-at-the-post-office-you-have-to-pay Sun, 02 Jan 2022 15:39:26 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17673 রাজস্ব সংগ্রহ বাড়াতে নরেন্দ্র মোদী সরকারের (modi government) একটাই পথ জানা আছে। সেটা হল মানুষের পকেট কাটা। করোনাজনিত (corona situation) পরিস্থিতিতে সাধারণ মানুষ নিতান্তই কষ্টে দিনযাপন করছেন। কিন্তু সে সব ঘটনার খবরই রাখেন না মোদী বা তাঁর অর্থমন্ত্রী নির্মলা সীতারমন। সে কারণেই কেন্দ্রের মোদী সরকার নিয়মিত পেট্রোল, ডিজেল, রান্নার গ্যাসের (petrol, disel, lpg) দাম বাড়িয়েছে। বাড়িয়েছে চাল, ডাল, ভোজ্যতেলের মত প্রতিটি নিত্যপ্রয়োজনীয় জিনিসের দাম। বছরের শুরুতেই মোদী সরকার নতুন বছরের উপহার (new years gift) হিসাবে দেশবাসীর ওপর একের পর এক খরচের বোঝা চাপিয়ে চলেছে।

এবার ডাক বিভাগে বা ইন্ডিয়া পোস্ট পেমেন্ট ব্যাংকে (payment Bank) টাকা রাখতে গেলেও গুনতে হবে চার্জ। নতুন নিয়মে পেমেন্ট ব্যাঙ্কে মাসে ১০ হাজার টাকার বেশি জমা করলেই ০.৫ শতাংশ বা ন্যূনতম ২৫ টাকা বাড়তি খরচ বহন করতে হবে। এখানেই শেষ নয়। বিনামূল্যে টাকা তোলার সীমাও বেঁধে দেওয়া হচ্ছে। মাসে ২৫ হাজারের বেশি টাকা তুললেও অতিরিক্ত ০.৫ শতাংশ কর দিতে হবে।

২০২২-এর ১ জানুয়ারি থেকে পোস্ট অফিসের সেভিংস ও কারেন্ট অ্যাকাউন্টে এই নতুন পকেট কাটা নিয়ম চালু হয়ে গিয়েছে। স্বাভাবিকভাবেই মোদী সরকারের এই সিদ্ধান্তে প্রবল ক্ষোভ জানিয়েছেন সাধারণ মানুষ। বিশেষ করে গ্রামীণ এলাকার সাধারণ ও দরিদ্র মানুষ। তাঁরা বলেছেন, মোদী সরকার যদি এভাবে সবক্ষেত্রেই তাঁদের কাছ থেকে টাকা কেড়ে নেয় তবে তাঁরা কীভাবে সংসার চালাবেন! অনেকেই আশঙ্কা করছেন, আগামী দিনে সমস্ত ব্যাংকেই এই নিয়ম কার্যকর হতে পারে। তাই অবিলম্বে বিষয়টির প্রতিবাদ জানানো দরকার।

উল্লেখ্য, শনিবার বা ১ জানুয়ারি থেকেই এটিএমে লেনদেনের ক্ষেত্রেও মানুষকে বাড়তি চার্জ দিতে হচ্ছে। ৩০ ডিসেম্বর ইন্ডিয়া পোস্ট পেমেন্ট ব্যাংকের তরফে লেনদেনের ক্ষেত্রে বাড়তি চার্জ কাটার কথা জানিয়ে বিজ্ঞপ্তি জারি করা হয়েছিল। বিজ্ঞপ্তি অনুযায়ী শনিবার ২০২২০-এর প্রথম দিন থেকেই এই বাড়তি চার্জ আদায় করছে কেন্দ্র। ইন্ডিয়া পোস্ট পেমেন্ট ব্যাংকের বিজ্ঞপ্তিতে বলা হয়েছিল, মাসে চার বারের বেশি টাকা তুললে ০.৫ শতাংশ বাড়তি কর দিতে হবে। পাশাপাশি মাসে ১০ হাজার টাকার বেশি জমা করলেই ০.৫ শতাংশ বাড়তি খরচ বহন করতে হবে।

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High Court: পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় না আনার জন্য করোনা পরিস্থিতি কোনও কারণ হতে পারে না https://ekolkata24.com/business/corona-situation-cannot-be-a-reason-for-not-bringing-petroleum-products-under-gst-hc Thu, 02 Dec 2021 11:54:37 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13205 নিউজ ডেস্ক, তিরুঅনন্তপুরম: প্রায় সব ধরনের পণ্যকেই জিএসটির (gst) আওতায় আনা হয়েছে। তাহলে পেট্রোল (petrol), ডিজেলের (disel) মত পেট্রোপণ্যকে কেন জিএসটির আওতায় আনা হল না। কেন্দ্রের কাছে এই প্রশ্নের জবাব চাইল কেরল হাইকোর্ট (High Court)।

পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় না রাখার জন্য করোনা, (corona cituation) পরিস্থিতির কথা উল্লেখ করে জিএসটি কাউন্সিল। কিন্তু কাউন্সিলের এই বক্তব্যে স্পষ্টতই অসন্তোষ প্রকাশ করে কেরল হাইকোর্ট।

বৃহস্পতিবার কেরল হাইকোর্টের প্রধান বিচারপতি এস মণিকুমার এবং বিচারপতি শাহজি পি চালির বেঞ্চে পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় নিয়ে আসার বিষয়ে একটি মামলার শুনানি হয়।

এদিনের শুনানিতে জিএসটি কাউন্সিল আদালতকে জানায় করোনাজনিত কারণে বিষয়টি নিয়ে জিএসটি পরিষদের বৈঠকে আলোচনা হয়নি। কাউন্সিলের ওই বক্তব্যে দৃশ্যতই ক্ষোভ প্রকাশ করে বেঞ্চ। বেঞ্চের পক্ষ থেকে বলা হয়, করোনা পরিস্থিতি একটা অজুহাত মাত্র। পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় না নিয়ে আসার বিষয়ে এটা কোনও কারণ হতে পারে না। কারণ করোনা পরিস্থিতির মধ্যেও কাউন্সিল বেশ কয়েকবার বৈঠক করেছে। ওই বৈঠকে বিভিন্ন পণ্যের উপর আরোপিত করের হার নিয়ে পর্যালোচনা হয়েছে। তাহলে কেন বাদ পড়ল পেট্রোল ডিজেল। কাউন্সিল যা বলছে এটা কখনওই কোনও কারণ হতে পারে না। আদালত জানতে চায়, পেট্রোপণ্যকে কী কারণে জিএসটির আওতায় আনা যাচ্ছে না।

আদালত বলে, পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় না আনার বিষয়ে কিছু সুনির্দিষ্ট কারণ থাকা উচিত। আদালত সেই কারণগুলি জানতে চায়। ওই বক্তব্যের পর বেঞ্চ জিএসটি কাউন্সিলকে পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় না আনার কারণ বিস্তারিত জানানোর জন্য নির্দেশ দেয়।

পেট্রোপণ্যের দাম বৃদ্ধি সম্পর্কে আদালতের পর্যবেক্ষণ, পেট্রোল-ডিজেলের সাম্প্রতিক অস্বাভাবিক দাম সাধারণ মানুষের জীবন বিশেষ করে নিম্ন আয়ের পরিবারগুলিকে চরম সঙ্কটে ফেলেছে। নষ্ট করেছে দেশের আর্থিক স্থিতিশীলতা। বেঞ্চ আরও বলে, পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় না নিয়ে আসার কারণে সংবিধানের ১৪ ও ২১ নম্বর ধারা লংঘন করা হয়েছে। পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় না আনার জন্য করোনা পরিস্থিতিকেই ঢাল করেছে কাউন্সিল।

কিন্তু হাইকোর্টের ডিভিশন বেঞ্চ সেই দাবি খারিজ করে দিয়েছে। আদালত স্পষ্ট বলেছে, করোনা পরিস্থিতির জন্য পেট্রোপণ্যকে জিএসটির আওতায় আনা সম্বিভব হয়নি, এই যুক্তি হাস্যকর। এটা মেনে নেওয়া যায় না। কেন আনা হয়নি এ বিষয়ে পরিষদ উপযুক্ত কারণ দেখাক। ডিসেম্বরের দ্বিতীয় সপ্তাহে এই মামলার পরবর্তী শুনানি হবে বলে বেঞ্চ জানিয়েছে।

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