EMIs – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 16 Jun 2025 16:34:55 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png EMIs – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 ईएमआई से मेडिकल बिल तक: परिवार 8th Pay Commission पर क्यों निर्भर हैं https://ekolkata24.com/business/families-await-8th-cpc-salary-hike-to-ease-emis-healthcare-costs Mon, 16 Jun 2025 16:34:55 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51783 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। ईएमआई, मेडिकल बिल और रोजमर्रा की बढ़ती लागत के दबाव से जूझ रहे परिवार इस आयोग की वेतन वृद्धि की सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं। जनवरी 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक इसका औपचारिक गठन और संदर्भ शर्तें (ToR) अंतिम रूप से तय नहीं हुई हैं। नतीजतन, लगभग 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी प्रतीक्षा में हैं।

Read Bengli: ইএমআই থেকে মেডিকেল বিল! কেন পরিবারগুলো অষ্টম বেতন কমিশনের উপর নির্ভর করছে

कोलकाता के निवासी सुनील दास (छद्म नाम), एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, कहते हैं, “मेरे घर की ईएमआई, बेटी की शिक्षा का खर्च और पिता के इलाज का बिल मेरी तनख्वाह का आधा से ज्यादा हिस्सा ले लेता है। 8वां वेतन आयोग की वेतन वृद्धि हमारी एकमात्र आशा है।” सुनील जैसे लाखों परिवार वेतन वृद्धि से आर्थिक राहत की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है, जिससे न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 से 51,000 रुपये तक हो सकता है।

महंगाई भत्ता (DA), जो वर्तमान में 55% है (जनवरी 2025 से प्रभावी), बेसिक वेतन में विलय होने की संभावना है। इससे कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी और पेंशनभोगियों की पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अलावा, सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) में सुधार की चर्चा भी चल रही है, जो कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए किफायती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती है।

हालांकि, आयोग के गठन और सिफारिश प्रक्रिया में देरी की संभावना चिंता बढ़ा रही है। कुछ स्रोतों के अनुसार, सिफारिशें जनवरी 2026 के बजाय 2027 या 2028 में लागू हो सकती हैं। इस देरी से परिवारों की वित्तीय योजनाओं पर असर पड़ सकता है। सुनील कहते हैं, “मेरे पिता के हृदय रोग के इलाज के लिए मैंने पहले ही कर्ज लिया है। वेतन वृद्धि नहीं हुई तो इस कर्ज को चुकाना असंभव हो जाएगा।”

कर्मचारी संगठन जल्द से जल्द आयोग गठन और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। वे न्यूनतम वेतन को पांच सदस्यीय परिवार के आधार पर निर्धारित करने, पेंशन पुनरीक्षण अवधि को पांच साल तक कम करने और कम्यूटेड पेंशन को 12 साल में बहाल करने की मांग उठा रहे हैं। ये मांगें मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो बढ़ती मुद्रास्फीति और जीवनयापन की लागत से जूझ रहे हैं।

8वां वेतन आयोग न केवल वेतन वृद्धि के माध्यम से, बल्कि भत्तों और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के जरिए भी केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर कर सकता है। हालांकि, समय पर कार्यान्वयन नहीं होने पर सुनील जैसे अनगिनत परिवारों का आर्थिक संकट और गहरा सकता है।

]]>