Finance Minister – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Fri, 14 Jun 2024 11:56:37 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Finance Minister – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, उद्योग जगत से मांगीं राय https://ekolkata24.com/business/nirmala-sitharaman-will-present-the-full-budget-in-july Fri, 14 Jun 2024 11:56:37 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48278 नई दिल्ली :  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं। इसके लिए उन्होंने उद्योग जगत से राय मांगी है। हाल ही में संपन्न लोकसभा के लिए चुनाव के बाद मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट के लिए व्यापार एवं उद्योग संघों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों और उनका अनुपालन बोझ कम करने के लिए कानूनों में बदलाव के संबंध में सुझाव आमंत्रित किए हैं। व्यापार एवं उद्योग संघों को अपने सुझाव 17 जून तक मंत्रालय को भेजने हैं।

वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई के अंत में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। इस साल चुनावी साल होने से फरवरी में अंतरिम बजट ही पेश किया गया था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इन सुझावों में शुल्क संरचना, कर दरों में परिवर्तन और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों पर कर आधार को व्यापक बनाने के विचार शामिल हो सकते हैं, ताकि इसके लिए आर्थिक औचित्य दिया जा सके। सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क में परिवर्तन के लिए व्यापार और उद्योग जगत को उत्पादन, कीमतों और सुझाए गए बदलावों के राजस्व निहितार्थ के बारे में प्रासंगिक सांख्यिकीय जानकारी के साथ अपनी मांगों को उचित ठहराना होगा।

इसके साथ ही, उलटे शुल्क ढांचे में सुधार के अनुरोध को उत्पाद के विनिर्माण के प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन से समर्थित करना होगा। उलटे शुल्क ढांचे में तैयार वस्तु पर लगने वाले शुल्क से अधिक शुल्क कच्चे माल पर लगता है। प्रत्यक्ष करों के संबंध में मंत्रालय ने कहा कि सुझाव अनुपालन कम करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने पर भी हो सकते हैं। इसमें कहा गया कि मध्यम अवधि में सरकार की नीति कर प्रोत्साहन, कटौतियों तथा छूटों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने तथा साथ ही कर दरों को युक्तिसंगत बनाने की है।

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जयशंकर ने विदेश, अश्विनी वैष्णव ने रेलवे और गिरिराज सिंह सहित बाकी मंत्रियों ने संभाला पदभार https://ekolkata24.com/top-story/jaishankar-gets-foreign-ministry-ashwini-vaishnav-gets-railway-ministry Tue, 11 Jun 2024 07:53:24 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48203 नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। नई सरकार में चार हाई- प्रोफ़ाइल मंत्रालय – गृह, रक्षा, वित्त और विदेश का प्रभार क्रमशः अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर को दिया गया हैं।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में सोमवार शाम को मंत्रियों के बीच मंत्रालयों का बंटवारा हो जाने के अगले दिन मंगलवार से मंत्रियों ने अपने-अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है।

अपने-अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद मोदी सरकार के इन मंत्रियों ने जिम्मेदारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहते हुए अपने-अपने मंत्रालय की चुनौतियों और प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया।

राजनयिक से नेता बने एस. जयशंकर ने मंगलवार को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाला। जयशंकर (69) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पिछली सरकार में संभाले गए मंत्रालयों की ही जिम्मेदारी दी गई है। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ”विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। मुझे यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद।” विदेश मंत्री के रूप में वर्ष 2019 से कार्यभार संभालने वाले जयशंकर ने वैश्विक मंच पर कई जटिल मुद्दों को लेकर भारत के रुख को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की अपनी क्षमता का आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन किया है।

भूपेंद्र यादव ने संभाला कार्यभार: पीएम मोदी कैबिनेट के मंत्री भूपेन्द्र यादव ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री का पदभार संभाला। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इस मंत्रालय द्वारा पिछले कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पीएम मोदी ने एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत की है। सरकार पर्यावरण और विकास को साथ-साथ लेकर आगे बढ़ रही हैं।

राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संभाला अपना कार्यभार: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संभाला कार्यभार और बोले, “पीएम नरेंद्र मोदी ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है। इस जिम्मेदारी को सर्वोत्तम संभव तरीके से निभाऊंगा…”

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बार फिर से रेल मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है। कार्यभार संभालते ही वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेल हमारे देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ की हड्डी है। दस वर्षों में रेलवे में बहुत बड़े सुधार हुए हैं, रेलवे के साथ पीएम मोदी का बहुत भावनात्मक संबंध है, रेलवे पर उनका खास फोकस है और उन्हें फिर से रेलवे की जिम्मेदारी देने के लिए वह प्रधानमंत्री के प्रति आभारी हैं।

अश्विनी वैष्णव ने सूचना और प्रसारण (I&B) मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला। सूचना और प्रसारण (I&B) मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गरीबों के लिए समर्पित है। आपने देखा कि कल प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन गरीबों और किसानों को समर्पित फैसले लिए हैं। युवाओं और नारी शक्ति के लिए और ज्यादा काम करेंगे।

कैबिनेट मंत्री जितेंद्र सिंह के शेड्यूल में हुआ बदलाव: कैबिनेट मंत्री जितेंद्र सिंह के शेड्यूल में थोड़ा बदलाव किया गया है। डॉ. जितेन्द्र सिंह 11.30 बजे के बजाय सुबह 10 बजे कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्हें कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग दिया गया है।

जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने संभाला कार्यभार: मोदी की नई कैबिनेट में जहाजरानी मंत्री बनाए गए सर्बानंद सोनोवाल ने अपना कार्यभार संभाल लिया है।

गिरिराज सिंह ने संभाला टेक्सटाइल मिनिस्टर का कार्यभार: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने टेक्सटाइल मिनिस्टर के रूप में अपना पदभार संभाल लिया है। गिरिराज सिंह ने कहा, “टेक्सटाइल ऐसा सेक्टर है जहां सबसे ज्यादा नौकरी आती है। आज दुनिया में भी हमारा निर्यात का अच्छा शेयर है। टेक्सटाइल आने वालों दिनों में देश के आकांक्षाओं के अनुरूप आगे जाएगा।”

हरदीप पुरी ने संभाला अपने मंत्रालय का कार्यभार: हरदीप पुरी ने अपने मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है। सुरेश गोपी ने संभाला पदभार, कही दी ये बड़ी बात: केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के राज्य मंत्री का पदभार संभाला लिया है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी उपस्थित रहें। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा, “यह मंत्रालय मेरे लिए नया है, मुझे इस मंत्रालय की उम्मीद नहीं थी, इसलिए यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे निश्चित रूप से उन संभावनाओं पर गौर करना होगा, जिस पर प्रधानमंत्री मुझसे आशा कर रहे हैं…”

मनोहर लाल खट्टर ने संभाला बिजली मंत्री का पदभार: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिजली मंत्री का पदभार संभाल लिया है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नए मंत्रिमंडल में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का कार्यभार संभाला। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “प्रधानमंत्री ने जो जिम्मेदारी दी है उसे इमानदारी से निभाने के संकल्प के साथ यहां आया हूं। फूड प्रोसेसिंग एक बड़ी जिम्मेदारी है, आने वाला समय फूड प्रोसेसिंग का ही है… मैं, मेरे पिता राम विलास पासवान से सीखते हुए उनकी सोच को आगे बढ़ाते हुए और प्रधानमंत्री के विकसित देश के संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से इस विभाग की एक अहम भूमिका देखता हूं।”

इनके अलावा एल. मुरुगन ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला। तो संजय सेठ ने रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री का पदभार संभाला और किरेन रिजिजू ने संसदीय कार्य मंत्री का कार्यभार संभाल लिया है।

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मोदी कैबिनेट में विभागों का बंटवारा https://ekolkata24.com/uncategorized/division-of-departments-in-modi-cabinet Tue, 11 Jun 2024 07:12:27 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48200 नई दिल्ली : मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है। रविवार शाम को नरेंद्र मोदी ने कुल 71 मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके 24 घंटे बाद सोमवार को मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया है। इस कैबिनेट की खास बात ये होगी कि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) मंत्रालयों में यथास्थिति रखी गई है।

CCS या केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति में गृह, रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय शामिल होते हैं। यह सुरक्षा संबंधी मामलों पर फैसला लेने वाली देश की सर्वोच्च समिति होती है। इस कार्यकाल में भी गृह मंत्रालय का कार्यभार अमित शाह संभालेंगे। इनके अलावा राजनाथ सिंह ही रक्षा मंत्री रहेंगे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर को ही बनाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पास कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग; सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे; और अन्य सभी विभाग जो किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं, वो अपने पास ही रखी है।

मंत्रालय और मंत्रियों की लिस्ट
राजनाथ सिंह- रक्षा मंत्री।
अमित शाह- गृह मंत्री तथा सहकारिता मंत्री।
नितिन जयराम गडकरी- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री।
जगत प्रकाश नड्डा- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा रसायन और उर्वरक मंत्री।
शिवराज सिंह चौहान- कृषि और किसान कल्याण मंत्री तथा ग्रामीण विकास मंत्री।
निर्मला सीतारमण- वित्त मंत्री तथा कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री।
डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर- विदेश मंत्री।
मनोहर लाल- आवास और शहरी मामलों के मंत्री तथा बिजली मंत्री।
एच. डी. कुमारस्वामी- भारी उद्योग मंत्री तथा इस्पात मंत्री।
पीयूष गोयल- वाणिज्य और उद्योग मंत्री।
धर्मेंद्र प्रधान- शिक्षा मंत्री।
जीतन राम मांझी- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री।
राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह- पंचायती राज मंत्री तथा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री।
सर्बानंद सोनोवाल बंदरगाह- जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री।
डॉ. वीरेंद्र कुमार- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री।
किंजरापु राममोहन नायडू- नागरिक उड्डयन मंत्री।
प्रहलाद जोशी- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री।
जुएल ओराम- जनजातीय मामलों के मंत्री।
गिरिराज सिंह- कपड़ा मंत्री।
अश्विनी वैष्णव- रेल मंत्री सूचना और प्रसारण मंत्री तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री।
ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया- संचार मंत्री तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री।
भूपेंद्र यादव- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री।
गजेंद्र सिंह शेखावत- संस्कृति मंत्री तथा पर्यटन मंत्री।
अन्नपूर्णा देवी- महिला और बाल विकास मंत्री
किरेन रिजिजू- संसदीय मामलों के मंत्री तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री।
हरदीप सिंह पुरी- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्रम और रोजगार मंत्री और युवा मामले एवं खेल मंत्री।
जी. किशन रेड्डी- कोयला मंत्री और खान मंत्री।
चिराग पासवान- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री।
सी.आर. पाटिल- जल शक्ति मंत्री।

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Tax on Fuels: জনতার পকেট কেটে পেট্রোল-ডিজেল থেকে আট লক্ষ কোটি টাকা আয় নয়াদিল্লির https://ekolkata24.com/business/rs-8-lakh-crore-earned-from-tax-on-fuels-in-3-years-finance-minister-nirmala-sitharaman Wed, 15 Dec 2021 09:43:20 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14956 News Desk, New Delhi: পেট্রোল, ডিজেল ও রান্নার (Petrol, Disel, Lpg) গ্যাসের অস্বাভাবিক দাম বৃদ্ধিতে নাজেহাল মানুষ। বিরোধীরা বারবার অভিযোগ করেছে, মোদী সরকার (Modi Goverment) জ্বালানির ওপর অস্বাভাবিক শুল্ক (Tax on Fuels) আরোপ করার কারণেই দেশের বাজারে এভাবে পেট্রোল ডিজেল ও রান্নার গ্যাসের দাম বেড়ে চলেছে।

বিরোধীদের সেই অভিযোগে কর্ণপাত করার প্রয়োজন মনে করেনি মোদী সরকার। সম্প্রতি বিভিন্ন রাজ্যের বিধানসভা ও লোকসভা আসনের উপনির্বাচনে (Bielection) মুখ থুবড়ে পড়ে বিজেপি। একই সঙ্গে আগামী বছরের শুরুতেই আছে পাঁচ রাজ্যের বিধানসভা নির্বাচন। এই পরিস্থিতিতে সম্প্রতি পেট্রোল ও ডিজেলের উপর শুল্ক কিছুটা কমিয়ে ছিল কেন্দ্র।

পেট্রোপণ্যের উপর মোদী সরকার যে অস্বাভাবিক শুল্ক ছাপিয়েছে বিরোধীদের এই অভিযোগকেই এদিন মেনে নিলেন কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রী নির্মলা সীতারমন। অর্থমন্ত্রী সংসদে জানালেন, শেষ তিন বছরে পেট্রোল ও ডিজেল থেকে শুল্ক বাবদ সরকার ৮.০২ লক্ষ কোটি টাকা আয় করেছে। এই আয়ের প্রায় অর্ধেক এসেছে ২০২০-২১ অর্থবর্ষে। এই অর্থবর্ষে কেন্দ্র পেট্রোল ও ডিজেল থেকে ৩.৭১ লক্ষ কোটি টাকা আয় করেছে।

শেষ তিন বছরে পেট্রোল ও ডিজেলের শুল্ক থেকে কেন্দ্র কি পরিমাণ আয় করেছে তার বিস্তারিত পরিসংখ্যানও দিয়েছেন নির্মলা। অর্থমন্ত্রী জানিয়েছেন, ২০১৮-১৯ অর্থবর্ষে পেট্রোল ও ডিজেল থেকে শুল্ক বাবদ সরকারের আয় হয়েছে ২ লক্ষ ১০ হাজার ২৮২ কোটি টাকা। ২০১৯-২০ সালে শুল্ক বাবদ কেন্দ্রের ঘরে এসেছে ২ লক্ষ ১৯ হাজার ৭৫০ কোটি টাকা। ২০২০-২১ অর্থবর্ষে কেন্দ্র পেট্রোল ও ডিজেল থেকে শুল্ক বাবদ আয় করেছে ৩ লক্ষ ৭১ হাজার ৯০৮ কোটি টাকা।

রাজ্যসভায় এক প্রশ্নের উত্তরে নির্মলা জানান, ২০১৮ সালের ৫ অক্টোবর পেট্রোলের উপর আবগারি শুল্ক ছিল ১৯.৪৮ টাকা। ২০২১ সালের ৪ নভেম্বর সেটাই বেড়ে হয়েছে ২৭.৯০ টাকা। অন্যদিকে ২০১৮ সালের ৫ অক্টোবর ডিজেলের উপর শুল্ক ছিল ১৫.৩৩ টাকা। ২০২১ সালে যা বেড়ে হয়েছে ২১.৮০ টাকা। ২০১৮ সালের অক্টোবর থেকে ২০১৯ সালের জুলাই মাসের মধ্যে পেট্রোপণ্যের দাম বিশ্ববাজারে অনেকটাই কমেছিল। কিন্তু মোদী সরকার শুল্ক এতটুকুও কমায়নি। এরপর ২০২০ সালে করোনাজনিত কারণে বিশ্ববাজারে তেলের দাম তলানিতে নেমে এসেছিল। কিন্তু মোদী সরকার শুল্ক না কমিয়ে আরও বাড়িয়ে দিয়েছিল।

সম্প্রতি বিভিন্ন রাজ্যের বিধানসভা ও লোকসভা উপনির্বাচনের বড় ধরনের ধাক্কা খাওয়ার পর ৩ নভেম্বর মোদী সরকার প্রতি লিটার পেট্রোলে ৫ টাকা এবং ডিজেল ১০ টাকা শুল্ক হ্রাস করার সিদ্ধান্ত ঘোষণা করে। করোনাজনিত কঠিন পরিস্থিতির মধ্যেও মোদী সরকার যে মানুষকে ইচ্ছাকৃতভাবেই সমস্যার মধ্যে ঠেলে দিয়েছে অর্থমন্ত্রীর কথাতেই সেটা স্পষ্ট হয়ে গেল। অর্থাৎ বিরোধীরা মোদী সরকারের বিরুদ্ধে জনবিরোধী নীতি রূপায়নের যে দাবি করছিল সেটাই প্রমাণ হল।

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বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রয়ত্ত সংস্থার কর্মীদের জন্য কেন্দ্রের কোন চিন্তাভাবনাই নেই https://ekolkata24.com/business/center-has-no-concern-for-the-employees-of-the-closed-state-owned-enterprises Mon, 06 Dec 2021 15:34:05 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13829 News Desk, New Delhi:  যে সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থা (public sector unit) সম্প্রতি বন্ধ হয়ে গিয়েছে সেই সমস্ত সংস্থার কর্মীরা চরম আর্থিক সমস্যায় পড়েছেন। এই সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থার কর্মীদের বিষয়ে কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রীর (Finance Minister) কাছে একাধিক প্রশ্ন রাখেন তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদ কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায় (Kalyan Banerjee )।

তৃণমূল কংগ্রেস (Trinamul congress) সাংসদ জানতে চান, বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থাগুলির কর্মীদের আর্থিক পরিস্থিতি এতটাই খারাপ যে তাঁরা তাঁদের ছেলে মেয়েদের স্কুলের বেতন দিতে পারছেন না। এজন্য তাঁরা মানুষের কাছ থেকে সাহায্য চাইছেন, এই অভিযোগ কি ঠিক? যদি এই অভিযোগ ঠিক হয়, তবে তা দূর করার জন্য কেন্দ্র কি ব্যবস্থা নিয়েছে।

একইসঙ্গে তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদ জানতে চান, ২০২১-২২ অর্থবর্ষে কেন্দ্র আর কোন কোন রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থা বিলগ্নীকরণের সিদ্ধান্ত নিয়েছে? যে সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থার বিলগ্নীকরণ হতে চলেছে সেই সমস্ত সংস্থার স্থায়ী এবং চুক্তিভিত্তিক কর্মীদের স্বার্থ রক্ষার জন্য কেন্দ্রের পরিকল্পনা কি? আগামী পাঁচ বছরের জন্য কেন্দ্রের বিলগ্নীকরণ পরিকল্পনার কথাও জানতে চান কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায়।

তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদের ওই প্রশ্নের উত্তরে কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রকের প্রতিমন্ত্রী ভাগবত কৃষ্ণরাও কারাড বলেন, যে সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থা বিলগ্নীকরণ হয়েছে সেই সমস্ত সংস্থার কর্মীদের ভিআরএস ও ভিএসএস নীতি মেনে সব ধরনের ক্ষতিপূরণ দেওয়া হয়েছে। বন্ধ হয়ে যাওয়া ওই সব সংস্থার কর্মীদের জন্য যাতে বিকল্প কোনও কাজের ব্যবস্থা করা যায় সরকার সে ব্যাপারেও আলোচনা করছে।

অর্থপ্রতিমন্ত্রী কারাড আরও বলেন, ২০১৬ সাল থেকে মোট ৩৫ টি রাষ্ট্রয়ত্ত সংস্থাকে বিলগ্নীকরণ করার সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে। এই ৩৫টি সংস্থার মধ্যে রয়েছে ব্রিজ অ্যান্ড রুফ, বিইএমএল লিমিটেড, দুর্গাপুর স্টিল প্ল্যান্ট, পবন হংস লিমিটেড, এয়ার ইন্ডিয়া এবং তার অধিনস্ত আরও পাঁচটি সংস্থা। এছাড়াও বিলগ্নিকরণের তালিকায় আছে ভারত পেট্রোলিয়াম কর্পোরেশন লিমিটেড, শিপিং কর্পোরেশন অফ ইন্ডিয়া লিমিটেড, নীলাচল ইস্পাত নিগম, রাষ্ট্রীয় ইস্পাত নিগম বেঙ্গল কেমিক্যালস অ্যান্ড ফার্মাকিউটিক্যালস লিমিটেড, হিন্দুস্থান নিউজপ্রিন্ট লিমিটেড, হিন্দুস্থান পেট্রোলিয়াম কর্পোরেশন লিমিটেড, রুরাল এলেক্ট্রিফিকেশন কর্পোরেশন লিমিটেড প্রভৃতি।

কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায়ের প্রশ্নের উত্তরে এদিন বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থার কর্মীদের তাৎক্ষণিক সাহায্যের জন্য কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রকের পক্ষ থেকে কোনও আশ্বাস দেওয়া হয়নি। কেন্দ্রের পক্ষ থেকে বলা হয়েছে, বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থাগুলির কর্মীদের পুনর্নিয়োগের জন্য চিন্তাভাবনা করছে সরকার। কিন্তু কবে পুনর্নিয়োগের প্রক্রিয়া বাস্তবায়ন হবে সে বিষয়ে কেন্দ্রের পক্ষ থেকে কোনও কিছুই বলা হয়নি।

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