flood – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 26 Sep 2024 12:14:47 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png flood – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 जितिया पर्व के दिन मचा हाहाकार, 30 से अधिक महिलाओं और बच्चों की डूबने से मौत https://ekolkata24.com/top-story/more-than-30-women-and-children-died-due-to-drowning Thu, 26 Sep 2024 12:14:47 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49783 पटना : बिहार की नदियों का जलस्तर इन दिनों बढ़ा हुआ है। मौसम का मिजाज बदला और बारिश ने दस्तक दी तो तालाब व अन्य जलाशयों का भी पेट भर गया। इधर, प्रदेश में डूबने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। बीते कुछ दिनों में अलग-अलग जिलों में डूबने से मौत की संख्या तेजी से बढ़ी। बुधवार को जितिया व्रत के लिए नहाने गये 30 से अधिक लोगों की मौत डूबने से हो गयी। करीब आधा दर्जन जिलों में ये हादसे हुए हैं। बच्चे व महिलाओं की मौत इन हादसों में हुए हैं। सबसे अधिक औरंगाबाद से मौत के मामले सामने आये। यहां आठ बच्चों की मौत डूबने से हो गयी।

बिहार में डूबने से 30 से अधिक लोगों की मौत बुधवार को हुई। औरंगाबाद में 8, कैमूर में 7, सारण, पटना व पूर्वी चंपारण में 5-5, पश्चिमी चंपारण में 3 समेत मधेपुरा व अन्य जिलों में भी डूबने से लोगों की मौत हुई. औरंगाबाद के मदनपुर और बारूण प्रखंड में आठ बच्चों की मौत डूबने से हो गयी। सभी मृतक बच्चे 8 से 14 साल के बीच के हैं। कैमूर में अलग-अलग जगहों में हादसे हुए। पूर्वी चंपारण के हादसे में मां-बेटी समेत पांच लोगों की जान गयी। पटना में जितिया पर्व के दौरान नहाने गयी चार महिलाएं डूब गयीं जिनमें केवल एक ही महिला का शव मिल सका।

कैमूर के कुदरा थाना क्षेत्र के सकरी बांध के पास बुधवार की शाम जिउतिया पर्व पर अपनी माता व परिजनों के साथ स्नान करने के दौरान एक पांच वर्षीय बच्चे की नहर में डूबने से मौत हो गयी. मृतक बच्चा सकरी गांव के संतोष खरवार का पुत्र बताया जाता है। जानकारी के अनुसार, सकरी गांव की दर्जनों महिलाएं अपने बच्चों के साथ बांध पर स्नान करने गयी थीं। उसी क्रम में बच्चों के साथ स्नान करने के दौरान बच्चा गहरे पानी में चला गया। इससे बच्चे की मौत हो गयी।

रामगढ़ थाना क्षेत्र में भी बुधवार की शाम हादसा हुआ। थाना क्षेत्र के अभैदे गांव में जिउतिया स्नान के दौरान मां के साथ सरोवर गये 17 वर्षीय किशोर की तालाब में डूबकर मौत हो गयी। मृतक विनोद सिंह का पुत्र सुमित कुमार बताया गया है। अभैदे गांव से सटे सरोवर में जिउतिया पर्व को लेकर बुधवार की देर शाम व्रती माताएं तालाब घाट पर पूजा कर रही थीं। इसी दोरान जीर्णोद्घार हुए सरोवर में स्नान के दौरान सुमित अचानक गहरे पानी में डूबने लगा। यह देख ग्रामीणों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया, किंतु वह गहरे पानी में चला गया. जिले में कई अन्य हादसे हुए।

औरंगाबाद जिले के मदनपुर और बारुण प्रखंड में हुई हृदयविदारक घटना में आठ बच्चों की मौत हो गयी। सभी की उम्र आठ से 14 साल के बीच की है। मदनपुर प्रखंड के कुशा गांव स्थित खजूर आहर में जिउतिया का स्नान करने गये महिलाओं के साथ पांच बच्चे डूबने लगे, जिसमें एक बच्ची को बचा लिया गया. जबकि, चार बच्चों की मौत हो गयी। दो सगी बहनें भी हादसे का शिकार बनीं।

जानकारी के अनुसार, बिहार में जीतिया त्योहार के दौरान अलग-अलग घटनाओं में नदियों और तालाबों में स्नान करते समय 37 बच्चों समेत 43 लोगों की डूबने से मौत हुई है। जबकि तीन अन्य लापता हो गए। राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी। ये घटनाएं बुधवार को त्योहार के दौरान राज्य के 15 जिलों में हुईं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने औरंगाबाद जिला अंतर्गत मदनपुर प्रखंड के कुशहा गांव में चार बच्चों सहित बारूण प्रखंड के इटहट गांव में तीन बच्चों की नहाने के दौरान डूबने से मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने बुधवार को कहा कि यह दुर्घटना काफी दुखद है और वे इस घटना से मर्माहत हैं।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को चार–चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

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दिल्ली में बेसमेंट कोचिंग सेंटर के पानी भरने से 3 छात्रों की मौत https://ekolkata24.com/top-story/3-students-died-due-to-flooding-in-basement-coaching-center-in-delhi Sun, 28 Jul 2024 08:02:50 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49076 नई दिल्ली :  मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पानी भर गया। इससे तीन छात्रों की मौत हो गई। यहां सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करवाई जाती थी। दिल्ली पुलिस ने IAS कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया है।

इस हादसे के बाद जहां बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हमला किया है. वहीं घटनास्थल पर पहुंची ‘आप’ सांसद स्वाति मालीवाल का प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विरोध किया और उनसे कहा-हम आपको राजनीति नहीं करने देंगे।

घटना पर ‘आप’ सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा कि छात्र बहुत दुखी और गुस्से में हैं। 12 घंटे से ज़्यादा हो गए हैं, अभी तक न तो दिल्ली सरकार का कोई मंत्री आया है, न ही MCD का मेयर, न ही कोई अधिकारी ही आया है. मेरा मानना ​​है कि ये मौतें कोई आपदा नहीं हैं, ये एक हत्या है। इन सभी बड़े सरकारी अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। अभी तक ये पता नहीं चला है कि 3 की मौत हुई है या फिर ज्यादा लोगों की जान गई है। मृतकों को 1 करोड़ रुपए का मुआवज़ा दिया जाना चाहिए।

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नेपाल में भारी बारिश, बिहार में हाइअलर्ट https://ekolkata24.com/top-story/heavy-rain-in-nepal-high-alert-in-bihar Fri, 12 Jul 2024 06:05:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48895 पटना : नेपाल में हो रही जोरदार बारिश के कारण गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. नदी गोपालगंज में खतरे के निशान से 85 सेमी ऊपर बह रही है। गुरुवार की सुबह सात बजे वाल्मीकिनगर बराज से 1.80 लाख 600 क्यूसेक डिस्चार्ज रहा, जो शाम छह बजे 2.51 क्यूसेक हो गया है।

गंडक नदी का जल स्तर के तेजी से बढ़ने के कारण तटबंधों पर जहां दबाव बढ़ने लगा है। शुक्रवार को गांवों में पानी और बढ़ने की आशंका है. वहीं निचले इलाके के 43 गांवों के 65 लाख की आबादी के सामन बाढ़ की त्रासदी शुरू होने के आसार है। पिछले छह दिनों से नदी में आयी बाढ़ से गांव पहले से ही घिरे हुए हैं। जिले के छह प्रखंडों के 43 गांवों बाढ़ से घिर गये थे। अभी पानी सड़कों से पूरी तरह से हटा भी नहीं था कि शुक्रवार को पानी और बढ़ेगा। गांवों का संपर्क शहर से कट गया है।

जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ने नेपाल के पोखरा में 174 एमएम बारिश होने से गंडक नदी में जल स्तर के बढ़ने से अलर्ट जारी किया है. इससे तटबंधों पर निगरानी को बढ़ाया गया है. डीएम मो मकसूद आलम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। बचाव कार्यों स्टाॅक की समीक्षा कर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को हाइअलर्ट मोड में संवेदकों के साथ मुस्तैद रहने का आदेश दिया।

मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार, जबकि पतहरा में अभियंता ऋषभ कुमार, टंडसपुर में निगरानी में थे. बांध को सुरक्षित रखना विभाग की चुनौती है। पानी के घटते-बढ़ते रहने से बचाव कार्यों के भी नदी में समा जाने का खतरा बना है।

विभाग ने तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा किया है. तटबंधों पर भी काफी दबाव बढ़ा हुआ है। जिले के निचले इलाके में रहने वाले 43 गांवों के लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गयी हैं। गांव चारों तरफ से घिरे हुए हैं। आने-जाने के सभी मार्ग ध्वस्त हो चुके है. स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में भी पानी भर चुका है। अब नाव ही एकमात्र सहारा बची है।

घरों में राशन व सब्जियों के भी दिक्कत होने लगी है। बच्चों को लोग स्कूल जान को जोखिम में डालकर पहुंचा रहे है। खेतों में पानी लगने के कारण पशुओं को चारा लाना भी किसानों के लिए बड़ी चुनौती है. सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना,धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं 7, भसही, मांझा प्रखंड के निमुइया, माघी, मगुरहां, भैंसही एवं पुरैना सिधवलिया के बंजरिया समेत जिले के 43 गांवों पानी से घिरा है।

गंडक नदी के बाढ़ से छह प्रखंडों के 3.64 लाख की आबादी हर साल पीड़ित होती है। नदी के जल स्तर दो लाख क्यूसेक पर पहुंचते ही 43 गांव जो बांध व नदी के बीच में बसा है, वे घिर जाता है। घरों में पानी की लहरें उठती हैं। लोगों को छतों व छप्परों पर गुजारा करना पड़ता है। जो गांव से निकल गये, तो बांध पर चार माह काटने को मजबूर होते हैं। पिछले चार दशक से यह सिलसिला जारी है। इसका स्थायी समाधान नहीं होने के कारण लोगों के सामने इस वर्ष फिर नदी तबाही मचाने को आतुर है। लोग चार माह के लिए खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

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पटना में गंगा दशहरा के दिन बाढ़ में पलटी नाव, 16 लोग लपता https://ekolkata24.com/uncategorized/a-boat-capsized-in-the-flood-on-the-day-of-ganga-dussehra-in-patna Sun, 16 Jun 2024 06:08:41 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48295 पटना : पटना के बाढ़ क्षेत्र में गंगा दशहरा के दिन बड़ा हादसा हुआ है। गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ हर जगह रविवार को उमड़ी रही। वहीं बाढ़ क्षेत्र में गंगा में एक नाव पलटने की जानकारी सामने आयी है। घटना उमानाथ घाट के पास घटित हुई है। घाट पर मौजूद लोगों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग उस नाव में सवार थे।

मिल रही जानकारी के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन श्रद्धालु बड़ी तादाद में गंगा स्नान करने के लिए यहां जुटे थे। गंगा के दोनों तरफ श्रद्धालुओं का तांता यहां लगा हुआ था। गंगा में कई नावें भी चल रही थीं और लोग इसपार से उसपार आ-जा रहे थे। इसी दौरान एक नाव अनियंत्रित हो गयी और बीच गंगा में डूब गयी. उमानाथ घाट के पास इस हादसे की सूचना है।

घटनास्थल के आसपास मौजूद लोगों का कहना है कि नाव पर करीब 25 लोग चढ़े हुए थे। बीच धार में जाकर नाव पलट गयी। इस दौरान कई लोगों ने तैरकर अपनी जान भी बचायी। हालांकि अपुष्ट जानकारी ये भी दी जा रही है कि कई लोग गंगा में डूबकर लापता हो गये हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गयी है।

वहीं नाव पलटने की खबर से घाट किनारे स्नान कर रहे श्रद्धालुओं में भी हड़कंप मच गया. इधर प्रशासन को इस घटना की जानकारी मिली तो टीम एक्शन में आयी। मिली जानकारी के अनुसार, गंगा में लापता हुए लोगों की खोज जारी है। 

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Andhra Pradesh: বন্যায় মৃতের সংখ্যা বেড়ে ১৮, নিখোঁজ শতাধিক https://ekolkata24.com/uncategorized/andhrapradesh-flood-death-toll-rises-to-18 Sat, 20 Nov 2021 08:50:53 +0000 https://ekolkata24.com/?p=11824 News Desk: বঙ্গোপসাগরের বুকে গভীর নিম্নচাপের (Depression) জেরে গত ৪৮ ঘন্টা ধরে একটানা প্রবল বৃষ্টি হয়ে চলেছে অন্ধপ্রদেশে। প্রবল বৃষ্টির কারণে শেষ ২৪ ঘন্টায় নতুন করে ১১ জনের মৃত্যু হয়েছে ফলে এই রাজ্যে মৃতের সংখ্যা বেড়ে হয়েছে ১৮। নিখোঁজ শতাধিক মানুষ। প্রশাসনের আশঙ্কা, নিখোঁজ থাকা বেশ কিছু মানুষকে জীবিত অবস্থায় উদ্ধার করা সম্ভব নাও হতে পারে। সেক্ষেত্রে স্বাভাবিকভাবেই বাড়বে মৃতের সংখ্যা।

উল্লেখ্য বুধবার থেকেই তামিলনাড়ু (Tamilnadu) ও অন্ধ্রপ্রদেশে (Andhra pradesh) গভীর নিম্নচাপের প্রভাবে অতিভারী বৃষ্টি শুরু হয়েছে। এক টানা বৃষ্টিতে দুই রাজ্যের একাধিক জেলায় তৈরি হয়েছে বন্যা পরিস্থিতি। শনিবার রাজ্যের বন্যা পরিস্থিতি পরিদর্শন করেন অন্ধ্রপ্রদেশের মুখ্যমন্ত্রী জগনমোহন রেড্ডি (Jaganmohan Reddy)।

জানা গিয়েছে তিরুমালা মন্দিরে শতাধিক পুণ্যার্থী বন্যার কারণে আটকে পড়েছেন। তিরুমালা মন্দির যাওয়ার চারটি রাস্তাই প্রবল বন্যার কারণে জলমগ্ন হয়ে পড়েছে। ফলে মন্দিরের যাওয়ার রাস্তা সম্পূর্ণ বন্ধ। ফলে পুণ্যার্থীরা মন্দিরের ভিতরে আটকে রয়েছেন। প্রশাসন এদিন ভার্চুয়াল ভগবান দর্শনও আপাতত বন্ধ রেখেছে। একই সঙ্গে আটকে পড়া পুণ্যার্থীদের বিনামূল্যে খাবার ও থাকার ব্যবস্থা করেছে তিরুমালা (Tirumala) তিরুপতি দেবস্থানাম কমিটি। তিরুমালার জাপানি অ্যাঞ্জেনিয়া স্বামীর মন্দিরেও জল ঢুকে গিয়েছে। এমনকী, দেবতার মূর্তি ও জলের তলায় চলে গিয়েছে বলে খবর।

andhra pradesh Flood

শনিবার সকালে প্রবল বৃষ্টির কারণে প্লাবিত হয়েছে বহুদা নদী। প্রবল জলের তোড়ে নদী বাঁধের একটি দেয়াল ভেঙে যায়। ফলে নদী সংলগ্ন এলাকায় হুহু করে জল ঢুকে পড়ে। প্রবল জলের স্রোতের কারণে ভেসে যায় একটি বাস। উদ্ধারকারীরা প্রায় পাঁচ ঘণ্টার চেষ্টায় ওই বাসের ২০ জন যাত্রীকে উদ্ধার করেন। তবে ওই বাসের ৮ যাত্রীর মৃত্যু হয়েছে। বেসরকারি সূত্রে খবর বাসের আরও চার যাত্রীর মৃতদেহ মিলেছে। তবে প্রশাসনের তরফ থেকে এ বিষয়ে কিছু জানানো হয়নি।

প্রবল বৃষ্টির কারণে আন্নামায়া বাঁধ প্রকল্পেরও বড় মাপের ক্ষতি হয়ে গিয়েছে। একটানা বর্ষণের কারণে তিরুপতির স্বর্ণমুখী নদীর জল ইতিমধ্যেই বিপদসীমার উপর দিয়ে বইছে। বাঁধগুলি থেকে জল উপচে পড়ছে। ইতিমধ্যেই অন্ধ্র ও তামিলনাড়ু দুই রাজ্যেই কয়েক হাজার বিঘা জমির ফসল নষ্ট হয়ে গিয়েছে। ভেসে গিয়েছে বেশ কিছু গবাদি পশু। অন্ধপ্রদেশে তিনটি এবং তামিলনাড়ুতে একটি বাসও ভেসে গিয়েছে।

অন্ধ্রের কাডাপ্পা জেলায় বন্যার কারণে ৮ জনের মৃত্যু হয়েছে। পার্শ্ববর্তী অনন্তপুর জেলায় ৩ জনের মৃত্যু হয়েছে। ইতিমধ্যেই ভারতীয় বায়ুসেনা উদ্ধার কাজ চালাচ্ছে। একই সঙ্গে রয়েছে জাতীয় বিপর্যয় মোকাবিলা বাহিনীও। তিরুপতি আন্তর্জাতিক বিমানবন্দর সম্পূর্ণ জলবন্দি হয়ে পড়ায় উড়ান চলাচল ব্যাহত হচ্ছে। মাত্রাতিরিক্ত বৃষ্টির কারণে ২৫ নভেম্বর পর্যন্ত কাডাপ্পা বিমানবন্দর বন্ধ রাখার সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে। পাশাপাশি সড়ক ও রেল পরিবহণ ব্যবস্থা অত্যন্ত ক্ষতিগ্রস্ত হয়েছে।

বন্যায় সবথেকে বেশি ক্ষতি হয়েছে রায়ালসিমা অঞ্চলের। স্থানীয় প্রশাসন জানিয়েছে, বৃহস্পতিবার থেকেই একটানা বৃষ্টি চলছে। এর ফলে চেয়েরু জলাধার সম্পূর্ণ প্লাবিত হয়ে গিয়েছে। অন্ধ্রের মুখ্যমন্ত্রী এদিন আকাশপথে রাজ্যের বিভিন্ন বন্যাদুর্গত এলাকা পরিদর্শন করেছেন। বন্যা পরিস্থিতি নিজের চোখে দেখার পর বিভিন্ন জেলার জেলাশাসক ও প্রশাসনিক কর্তাদের সঙ্গে বৈঠকে করেন রেড্ডি। এই বৈঠক রাজ্যের বন্যা পরিস্থিতি নিয়ে আলোচনা করেন তিনি। উল্লেখ্য, ইতিমধ্যেই প্রধানমন্ত্রী রাজ্যের বন্যা পরিস্থিতি নিয়ে অন্ধ্র ও তামিলনাড়ুর মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে একদফা কথা বলেছেন। দুই রাজ্যকেই সব ধরনের সাহায্যের আশ্বাস দিয়েছেন মোদি।

শনিবার সকালেও আবহাওয়া দফতর কোনও আশার কথা শোনায়নি। বরং জানিয়েছে, দক্ষিণ-পূর্ব বঙ্গোপসাগরে তৈরি হওয়া নিম্নচাপের শক্তি আরও বাড়ছে। ফলে আগামী ৪৮ ঘন্টা ভারি থেকে অতিভারী বৃষ্টি হবে। ইতিমধ্যেই তামিলনাড়ু ও অন্ধ্র প্রদেশের একাধিক জেলায় লাল সর্তকতা জারি করা হয়েছে।

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ভাসছে দেশের “মডেল রাজ্য”, কটাক্ষ দেবাংশু’র https://ekolkata24.com/uncategorized/debangshu-on-kerala-flood-and-corona-situation Mon, 18 Oct 2021 12:08:33 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8137 নিউজ ডেস্ক: কেরালার বৃষ্টি নিয়ে এবং জল যন্ত্রনা নিয়ে বামেদের দুষলেন দেবাংশু ভট্টাচার্য। বাংলায় সম্প্রতি বৃষ্টিতে নাস্তানাবুদ হয়েছে। এখনও জলে ভাসছে বহুস্থান। এর আগে বাঁধ ভেঙেই মারাত্মক অবস্থা হয়েছিল দক্ষিণবঙ্গের জেলাগুলির। তা নিয়েই বামেদের কটাক্ষ করলেন তৃণমূলের যুবনেতা দেবাংশু ভট্টাচার্য।

তিনি বলেছেন, “কেরালায় বৃষ্টিতে এখনও পর্যন্ত ২৭ জনের মৃত্যু। কয়েকদিন যাবৎ ৫টা জেলা জলের তলায়। প্রশাসন নাকে তেল দিয়ে ঘুমাচ্ছে। তারই সাথে দেশের সর্ববৃহৎ কোভিড কন্ট্রিবিউটর আজও কেরালা! কদিন আগের বাংলার অতিবৃষ্টির জল জমা নিয়ে ওদের রাজনৈতিক ব্যঙ্গবিদ্রুপ গুলো মনে থাকলেও আমরা সিপিএমের মত পাশবিক ও অমানুষ নই। তাই “মডেল রাজ্য” নিয়ে ব্যঙ্গ কদিন পরে হবে। আপাতত জল যন্ত্রণা থেকে মুক্তি পাক কেরালা, করোনা থেকে মুক্তি লাভ করে সুস্থ থাকুক সবাই, মায়ের কাছে এই প্রার্থনা করি।”

গত কয়েকদিন ধরে লাগাতার ভারী বৃষ্টি এবং তার জেরে কেরলের পাহাড়ি অঞ্চলে ভূমিধস, সব মিলিয়ে বন্যা। ভয়ানক পরিস্থিতি কেরলের। এখনও পর্যন্ত ২৭ জনের মৃত্যুর খবর পাওয়া গিয়েছে বন্যার জেরে। ১৪ জনের মৃত্যু হয়েছে কোট্টায়ামে, ৮ জনের মৃত্যু ইদুক্কিতে। কোঝিকোড়েতে এক শিশুর জলে ডুবে গিয়ে মৃত্যুর খবর পাওয়া গিয়েছে। রাজ্য সরকারের তরফে বিভিন্ন এলাকায় ধ্বংসস্তূপ সরিয়ে মৃতদেহ উদ্ধারের কাজ চালানো হচ্ছে। একই সঙ্গে জোরকদমে দুর্গতদের সরিয়ে নিয়ে যাওয়া হচ্ছে নিরাপদ স্থানে। বিশেষ করে কোট্টায়াম ও ইদুক্কির বহু এলাকা বন্যার জলে একেবারে মুছে গিয়েছে বলে জানা গিয়েছে।

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জাতীয় বিপর্যয় মোকাবিলা বাহিনী জোরকদমে উদ্ধারের কাজ চালাচ্ছে। ধসে ভেঙে পড়া বাড়ির ধ্বংসস্তূপ সরিয়ে তিন শিশুর দেহ উদ্ধার করা হয়েছে। সাত, আট ও চার বছরের শিশুরা একে অপরকে জড়িয়ে রেখেছিল ধসের সময়। সেই ভাবেই তিন জনের দেহ উদ্ধার করা হয়েছে।প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদি রবিবার কেরলের মুখ্যমন্ত্রী পিনারাই বিজয়নের সঙ্গে ফোনে কথা বলেছেন। গোটা পরিস্থিতির খোঁজ নিয়েছেন তিনি। আহত ও প্রভাবিত মানুষদের পাশে থাকার বার্তা দিয়েছে সরকার। প্রত্যেকের সুরক্ষার প্রার্থনা করে ট্যুইটও করেছেন প্রধানমন্ত্রী।

সরকারের তরফে সব রকম সাহায্যের আশ্বাস দিয়েছেন কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহও।অতি ভারী বৃষ্টি আর তার জেরে হওয়া ধসে বিধ্বস্ত ঈশ্বরের আপন দেশ কেরল। আরব সাগরে ঘনিয়ে ওঠা নিম্নচাপের বৃষ্টির জেরে দক্ষিণের রাজ্যটির মধ্য এবং দক্ষিণ প্রান্তের জেলাগুলিতে ইতিমধ্যেই হড়পা বান শুরু হয়েছে। যার ফলে ভয়ানক ক্ষতি হয়েছে একাধিক এলাকায়।গোটা কেরালাজুড়ে প্রায় ১০৫ টি রিলিফ ক্যাম্প তৈরি করা হয়েছে। জাতীয় বিপর্যয় মোকাবিলা বাহিনীর সদস্যরা উদ্ধারকাজ চালাচ্ছে জোরকদমে। সমস্ত জলাধারগুলিতে লাল সতর্কতা জারি করা হয়েছে।

লাগাতার অতি ভারী বৃষ্টি এবং হড়পা বানের জেরে গোটা রাজ্যে ভয়ংকর পরিস্থিতি তৈরি হয়েছে।ভারতীয় সেনা, নৌবাহিনী ও বায়ুসেনা উদ্ধারকাজ চালাচ্ছে। আবহাওয়াবিদরা জানিয়েছিলেন, রবিবার সকাল পর্যন্ত কেরালায় অতি ভারী বৃষ্টি হবে। পরবর্তী দু’দিনে ধীরে ধীরে বৃষ্টির তীব্রতা কমবে। এই পূর্বাভাসের পরই কেরালার পাঁচটি জেলায় লাল সতর্কতা জারি করেছিল প্রশাসন।রবিবার কেরলের মুখ্যমন্ত্রী পিনারাই বিজয়নও মেনে নিয়েছেন পরিস্থিতি বেশ গুরুতর। সাম্প্রতিক কালে এই পর্যায়ের বৃষ্টি বহুদিন হয়নি কেরালায়। রবিবার সকালে অবশ্য শুধু কেরল বা দক্ষিণের রাজ্যগুলিতে নয়, উত্তরের বেশ কয়েকটি রাজ্যেও ভারী বৃষ্টি হয়েছে। এর মধ্যে রাজধানী দিল্লি এবং সংলগ্ন এলাকাও রয়েছে।

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বন্যাক্রান্তদের জীবনে পুজোর গন্ধ, আলোর খোঁজে একদল যুবক-যুবতী https://ekolkata24.com/offbeat-news/this-young-peoples-helping-people-who-are-heavily-effected-by-flood Wed, 06 Oct 2021 06:16:58 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=6739 বিশেষ প্রতিবেদন: সবে করোনার ভ্রুকুটি কাটিয়ে ক্রমে ছন্দে ফিরতে শুরু করেছে দেশ ও জাতি। কিন্তু একের পর এক নিম্নচাপের জাঁতাকলে বিদ্ধ বঙ্গবাসী। বাংলার সবচেয়ে বড়ো উৎসবের আগেই দক্ষিণবঙ্গের বিভিন্ন প্রান্তে ভয়াবহ বন্যা পরিস্থিতির সৃষ্টি হয়েছে। তাই এবার উৎসব কিছুটা ছন্দহীন। কিন্তু তাতে কী! বাঙালির সবচেয়ে বড়ো উৎসব বলে কথা। এসব কী আর দমিয়ে রাখতে পারে উৎসবপ্রিয় বাঙালিকে। তাই অন্ধকারের মাঝেও আলোর খোঁজে ব্রতী একদল যুবক-যুবতী। উৎসবের আনন্দকে সমাজের প্রান্তিক শিশুদের সাথে ভাগ করে নিতে এগিয়ে এলো হাওড়া জেলার অন্যতম স্বেচ্ছাসেবী সংগঠন আমতার ‘স্বপ্ন দেখার উজান গাঙ’।

ঝাড়গ্রাম শহরের অদূরে চিঁচুড়গেড়িয়া গ্রাম। আদিবাসী অধ্যুষিত এই গ্রামের শিশুদের সাথে উৎসবের আনন্দকে ভাগ করে নিলেন অরুণ, তাপস, রাকেশরা। হাওড়া থেকে চিঁচুড়গেড়িয়া গ্রামে গিয়ে গ্রামের সকল শিশুকে নতুন জামাপ্যান্ট, শিক্ষাসামগ্রী ও চকোলেট উপহার দিলেন আমতার স্বেচ্ছাসেবীরা। পুজোয় নতুন জামা পেয়ে রীতিমতো খুশি প্রমিলা, রাজবীর৷ বুদ্ধেশ্বরা। সংগঠনের অন্যতম কর্তা পৃথ্বীশরাজ কুন্তী জানান, প্রতিবছরই আমরা উৎসবের আনন্দকে সমাজের প্রান্তিক শিশুদের সাথে ভাগ করে নিই। এবার আমরা জঙ্গলমহলের শিশুদের মাঝেই আমরা ‘আমাদের ছুটি ছুটি’ অনুষ্ঠিত করলাম। তিনি আরও জানান, এই গ্রাম এখনো শিক্ষার আলো থেকে বঞ্চিত। এখানেই গত আগস্ট মাস থেকে ‘স্বপ্ন দেখার উজান গাঙ’-এর পক্ষ থেকে একটি অবৈতনিক পাঠশালা ‘বর্ণ পরিচয়’ চালু করা হয়েছে।

Young peoples helping people who are heavily effected by flood

সম্প্রতি জঙ্গলমহলে শিক্ষার আলো জ্বালিয়েছে তারা। পৃথ্বীশদের স্বপ্ন ছিল জঙ্গলমহলের প্রত্যন্ত গ্রামে শিক্ষার আলো জ্বালানোর। ইচ্ছে থাকলেও উপায় সেভাবে হয়ে ওঠেনা। হঠাৎই একদিন মানস তার বন্ধু পঙ্কজের থেকে জানতে পারে তার গ্রামে শিক্ষার আলো এখনো সেভাবে প্রবেশ করেনি। আজও গ্রামের কচিকাঁচাদের অধিকাংশই স্কুলমুখো হয়না। খবর পেয়েই ওরা হাজির হয় ঝাড়গ্রাম শহরের অদূরে জঙ্গল লাগোয়া ছোট্ট একটি গ্রাম চিচুড়গেড়িয়া। ঝাড়গ্রাম জেলার ঝাড়গ্রাম ব্লকের অন্তর্ভুক্ত এই গ্রামে ২৭ টি আদিবাসী পরিবারের বাস। সকলেই কোনোরকমে অন্ন সংস্থান করেন। গ্রামে নেই কোনো স্কুল, নেই অঙ্গণওয়াড়ি সেন্টার।

Young peoples helping people who are heavily effected by flood

একদিকে প্রতিকূল আর্থসামাজিক পরিকাঠামো, অন্যদিকে শালের জঙ্গল ও রাস্তা পেরিয়ে বেশ কয়েক কিলোমিটার দূরে স্কুলে যেতে হয়। তাই গ্রামের ছেলেপুলেরা সেভাবে স্কুলমুখো হয়না। গ্রামের প্রথম গ্র‍্যাজুয়েট যুবক পঙ্কজ বাস্কে ও তাঁর স্ত্রী উত্তরা মুর্মু বেশকিছুদিন ধরেই নিজেদের গ্রামকে অন্ধকার থেকে আলোয় আনার চেষ্টা করছেন। কিন্তু ইচ্ছে থাকলেও উপায় আর হচ্ছেনা। গ্রামে গিয়ে এসব জানার পরই চিচুড়গেড়িয়ায় অবৈতনিক পাঠশালা তৈরির সিদ্ধান্ত নেয় হাওড়া জেলার আমতার অন্যতম স্বেচ্ছাসেবী সংগঠন ‘স্বপ্ন দেখার উজান গাঙ’-এর সদস্যরা। যেমন ভাবনা তেমন কাজ। ভীম মুর্মু, রাগদা বাস্কে, সাগেন মান্ডিরা গ্রামে শিক্ষার আলো জ্বালাতে সাথে সাথে সহযোগিতার হাত বাড়িয়ে দেন। কেউ নিজের ঝাড়ের বাঁশ দেন, কেউ স্বেচ্ছাশ্রম। সবুজ প্রকৃতির মাঝে গড়ে তোলা হয় অস্থায়ী চালা। সেখানেই এখন নিয়ম করে বসছে ‘বর্ণ পরিচয়’-এর আসর।

আপাতত শনি ও রবিবার পাঠের আসর বসছে। সকাল হলেই আরশু মান্ডি, সুখলাল হাঁসদা, কানাই মুর্মুরা ব্যাগ নিয়ে পাঠশালায় আসছে। জাতীয় সঙ্গীতের মধ্য দিয়ে শুরু হচ্ছে পাঠের আসর। তারপর কোনোদিন অ-আ আবার কখনও বা A-B-C-D -এর রব ওঠে শিশু পড়ুয়াদের গলায়। কখনও শুধু রং নিয়ে খাতায় আঁকিবুঁকি কাটে পল্লবী বাস্কে, ফুলমণি মান্ডি, বুদ্ধেশ্বর হাঁসদারা। কোনোদিন ওদের পড়ান গ্রামেরই পঙ্কজ দাদা, উত্তরা দিদি, আবার কোনোদিন হাওড়া থেকে আসেন রাকেশ, প্রসেনজিতরা। ‘স্বপ্ন দেখার উজান গাঙ’-এর কর্তা পৃথ্বীশরাজ কুন্তীর কথায়,”গ্রামে এসে সামগ্রিক পরিস্থিতি দেখে আমরা পাঠশালা তৈরির সিদ্ধান্ত নিই। আমরা আমাদের প্রস্তাব গ্রামের মানুষকে জানাই। তাঁরা একবাক্যে প্রস্তাব গ্রহণ করেন। আমাদের প্রস্তাব শুনেই গ্রামবাসীরা জায়গা ঠিক করে দেন। এমনকি বাঁশ-প্লাস্টিক দিয়ে নিজেরাই তৈরী করে ফেলেন নিজেদের শিশুদের জন্য শিক্ষার মন্দির। শুরু হয় ‘বর্ণপরিচয়’-এর পথচলা।”

জয়রাম মুর্মু, অমর হাঁসদারা নিজেরা পড়াশোনার সুযোগ না পেলেও নিজেদের ছেলেমেয়েদের শিক্ষিত করে তুলতে তাঁরা ভীষণভাবে উদ্যোগী। তাঁরা জানান, আগে কেউ কখনো আমাদের গ্রামে শিক্ষার আলো জ্বালানোর প্রস্তাব নিয়ে আসেনি। তাই আমরা প্রস্তাব পেয়ে আর দু-বার ভাবিনি। ইতিমধ্যেই হাওড়ার স্বেচ্ছাসেবী সংগঠনটির পক্ষ থেকে পাঠশালার তিরিশ জন পড়ুয়ার বই, খাতা-সহ যাবতীয় শিক্ষাসামগ্রী দেওয়া থেকে শুরু করে পাঠশালা পরিচালনার সব দায়িত্ব গ্রহণ করা হয়েছে। দেওয়া হয়েছে ক্রীড়াসামগ্রী। শুধু পড়াশোনাই নয়, পাঠশালা প্রাঙ্গণে সবুজায়নের লক্ষ্যে নিজে হাতে গাছ বসানোর কাজও শুরু করেছে কচিকাঁচারা। পালিত হয়েছে রাখিবন্ধন, শিক্ষক দিবসের মতো বিভিন্ন বিশেষ তিথি। এভাবেই হাওড়ার একদল যুবকের নিরলস প্রচেষ্টায় ও স্থানীয় পঙ্কজ বাস্কে, উত্তরা মুর্মুদের অক্লান্ত পরিশ্রমে আজ চিচুড়গেড়িয়ার ঘরে ঘরে শুরু হয়েছে বর্ণের পরিচয়।

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ফের আমতা-উদয়নারায়ণপুরে বন্যার আশঙ্কা, ঘুম উড়েছে বহু মানুষের https://ekolkata24.com/uncategorized/as-rain-percentage-increased-in-south-bengal-amta-udaynarayanpur-scaring-of-flood Thu, 30 Sep 2021 18:23:03 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=6156 নিউড ডেস্ক: দু-মাস কাটতে না কাটতেই আবারও বন্যার ভ্রুকুটি আমতা ও উদয়নারায়ণপুরের বিস্তীর্ণ অঞ্চলে। ডিভিসির রেকর্ড পরিমাণ জল ছাড়ার ফলে ডুবতে পারে আমতা ও উদয়নারায়ণপুর বিধানসভার বিস্তীর্ণ অঞ্চল। আর সেই আশঙ্কাতেই ঘুম উড়েছে আমতা ও উদয়নারায়ণপুরবাসীর।

জানা গেছে, বৃহস্পতিবার প্রায় দু’লক্ষ কিউসেক জল ছেড়েছে ডিভিসি। সেই জল শুক্রবার দামোদর হয়ে উদয়নারায়ণপুর পৌঁছাবে। এই জলেই প্লাবিত হতে পারে উদয়নারায়ণপুর ও আমতা-২ ব্লকের শতাধিক গ্রাম। আর তাই আগে থেকেই প্রশাসন। বৃহস্পতিবার দুপুর থেকেই শুরু হয়েছে প্রশাসনিক তৎপরতা। এদিন বিকালে উদয়নারায়ণপুর বিডিও অফিসে একটি উচ্চপর্যায়ের বৈঠক অনুষ্ঠিত হয়।

বৈঠকে উপস্থিত ছিলেন হাওড়া জেলার অতিরিক্ত জেলা শাসক (ডেভলপমেন্ট) রজত নন্দা, উলুবেড়িয়ার মহকুমা শাসক শমীক কুমার ঘোষ, উদয়নারায়ণপুরের বিডিও প্রবীর কুমার শীট, উদয়নারায়ণপুর পঞ্চায়েত সমিতির সভাপতি সুলেখা পাঁজা সহ অন্যান্যরা। এদিন বিকাল থেকেই উদয়নারায়ণপুরের বিভিন্ন গ্রামে পুলিশ ও প্রশাসনের পক্ষ থেকে মাইকিং করা হয়। ব্লক প্রশাসন সূত্রে জানা গেছে, বন্যা পরিস্থিতি মোকাবিলায় আপাতত ব্লক অফিসের সরকারি কর্মীদের সমস্ত ছুটি বাতিল করা হয়েছে।

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ইতিমধ্যেই উদয়নারায়ণপুরে ২০ টি নৌকা। আগাম প্রস্তুতি হিসেবে উদয়নারায়ণপুর ব্লকের ৪০ টি স্কুল খুলে দেওয়া হয়েছে এবং শিশুদের জন্য পর্যাপ্ত পরিমাণ বেবি ফুড মজুত রাখা হচ্ছে। পাশাপাশি, বিপর্যয় মোকাবিলায় এনডিআরএফ ও এসডিআরআফ টিমও মোতায়েন করা হচ্ছে বলে সূত্র মারফত জানা গেছে। একই চিত্র আমতা-২ ব্লকেও। বৃহস্পতিবার সন্ধ্যায় জেলাশাসকের সাথে ভিডিও কনফারেন্স করেন আমতার বিধায়ক সুকান্ত কুমার পাল। তারপর আমতা-২ ব্লক অফিসে একটি উচ্চপর্যায়ের প্রশাসনিক বৈঠক অনুষ্ঠিত হয়। বৈঠকে উপস্থিত ছিলেন উলুবেড়িয়ার মহকুমাশাসক শমীক কুমার ঘোষ, আমতার বিধায়ক সুকান্ত কুমার পাল, আমতা-২ ব্লকের বিডিও মাসুদুর রহমান, আমতা-২ পঞ্চায়েত সমিতির সহ-সভাপতি দেলোয়ার হোসেন মিদ্দ্যা সহ অন্যান্যরা। আমতা-২ ব্লক প্রশাসনের তরফে সমস্ত রকম ব্যবস্থা নেওয়া হচ্ছে বলে জানা গেছে।

উল্লেখ্য, মাস দু’য়েক আগেই ডিভিসির ছাড়া জলে উদয়নারায়ণপুর ও আমতা-২ ব্লকের বিস্তীর্ণ অঞ্চল প্লাবিত হয়ে ক্ষতির মুখে পড়েছিলেন এলাকার বাসিন্দা থেকে শুরু করে বহু কৃষিজীবী মানুষ। সেইসময় বন্যা কবলিত এলাকা পরিদর্শনে আমতায় এসেছিলেন রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। শুধুমাত্র উদয়নারায়ণপুর বিধানসভা এলাকার হরালী, রামপুর ডিহিভূরশুট আসন্ডা,কানুপাট মনসুকা,কুড়চি শিবপুর সহ প্রায় ১৬ টি গ্রাম পঞ্চায়েত এলাকা কমবেশি জলের তলায় চলে যায়। পরে এই বন্যার জল আমতা-২ ব্লকের প্রায় ১০ টি গ্রাম পঞ্চায়েত এলাকাকে প্লাবিত করে। বন্যার সেই ক্ষত কাটিয়ে উঠতে না উঠতেই আবার বন্যার ভ্রুকুটি। আর তাতেই ঘুম উড়েছে আমতা ও উদয়নারায়ণপুরবাসীর।

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উত্তরবঙ্গে বন্যা, মালদায় গিয়ে ছবি তুলে লোক দেখাচ্ছেন মুখ্যমন্ত্রী: দিলীপ ঘোষ https://ekolkata24.com/uncategorized/floods-in-north-bengal-mamata-banerjee-going-to-malda Sat, 07 Aug 2021 11:02:44 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=2008 কলকাতা: রাজ্যের বন্যা পরিস্থিতি নিয়ে শাসক-বিরোধী চাপানউতোর বাড়ল। এর আগে মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বন্যার জন্য কেন্দ্রীয় সরকারি সংস্থা ডিভিসি-র জল ছাড়াকে দায়ী করে প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীকে চিঠি লিখেছেন। তা নিয়ে বিজেপির রাজ্য সভাপতি দিলীপ ঘোষ অভিযোগ করেছিলেন, রাজ্যের বন্যা পরিস্থিতি নিয়ে মুখ্যমন্ত্রী ‘বিভ্রান্তিকর তথ্য’ দিচ্ছেন।

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এবার একধাপ এগিয়ে মুখ্যমন্ত্রীকে আক্রমণ করে বসলেন তিনি। এদিন তিনি বলেন, “মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের অভ্যাস হয়ে গিয়েছে অন্যদের দোষারোপ করা। তিনি মুখ্যমন্ত্রী থাকাকালীন কি করেছেন? কলকাতাকে বাঁচাতে পারছেন না। ঘাটাল, ময়না ইত্যাদি জায়গার অবস্থা আরও শোচনীয়। উত্তরবঙ্গে বন্যা হলেও মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় শুধু মালদা গিয়ে জলে দাঁড়িয়ে ছবি তুলে নিয়ে চলে এসেছিলেন।”

অন্যদিকে প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী মুখ্যমন্ত্রীকে আশ্বাস দিয়েছেন এই প্রাকৃতিক দুর্যোগের পরিস্থিতিতে রাজ্যের পাশেই আছে কেন্দ্র। প্রয়োজনে সব ধরনের সাহায্য করবে কেন্দ্রীয় সরকার। মুখ্যমন্ত্রীও প্রধানমন্ত্রীকে জানিয়েছিলেন, ‘আমি ইতিমধ্যেই উপদ্রুত এলাকা পরিদর্শনে বেরিয়েছি। নবান্নে ফিরে এসে সামগ্রিক রিপোর্ট প্রধানমন্ত্রীর দফতরে পাঠাব।’ তা নিয়েও অভিযোগ করেছেন বিজেপির রাজ্য সভাপতি। তিনি এদিন বলেন, সেচের বিভিন্ন প্রকল্পের জন্য কেন্দ্র টাকা পাঠিয়েছে। কিন্তু রাজ্য সরকার প্রকল্পের জন্য প্রয়োজনীয় জমি দিতে না পারায় টাকা দিল্লিতে ফেরত চলে গিয়েছে।

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এর পরেই দুর্গতদের সঙ্গে দেখা করে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীকে দামোদর ভ্যালি কর্পোরেশনের জল ছাড়ার বিষয়ে অভিযোগ জানান। এই বন্যাকে ‘ম্যান মেড’ বলেও উল্লেখ করেন তিনি। প্রধানমন্ত্রীকে তিনি বলেন, ‘ডিভিসি রাজ্যকে না জানিয়েই জল ছেড়েছে। তার উপর প্রবল বর্ষণের জন্যই রাজ্যে কার্যত বন্যা পরিস্থিতির সৃষ্টি হয়েছে।’ তা নিয়ে কার্যত তৃণমূল সূপ্রিমোকেই দায়ী করেছেন দিলীপ ঘোষ। ‘রাজ্য সরকারকে জানিয়েই জল ছাড়ে ডিভিসি। সমস্ত ঘটনাই রাজ্য সরকার জানে। এখন নাটক করছে”, মন্তব্য দিলীপের।

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রূপনারায়ণ-দ্বারকেশ্বরের বাঁধ ভেঙে প্লাবিত খানাকুল, উদ্ধারকাজে সেনা https://ekolkata24.com/uncategorized/rupnarayan-dwarkeshwar-dam-breaches-flood-hit-khanakul-army-rescues Mon, 02 Aug 2021 07:50:09 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=1732 খানাকুল: গত কয়েকদিনের টানা বৃষ্টির জের। রূপনারায়ণ ও দ্বারকেশ্বর নাদের বেশ কয়েকটি বাঁধ ভেঙে প্লাবিত খানাকুলের বিস্তীর্ণ এলাকা। হাজার হাজার পরিবার জলবন্দি। উদ্ধার কাজে নেমে হিমশিম দশা বিপর্যয় মোকাবিলা দলের সদস্যদের। জলের তোড়ে স্পিডবোটে উদ্ধারকাজ চালাতেও বেগ পেতে হয় তাদের। শেষমেষ উদ্ধারকাজে নামানো হয় , বায়ুসেনাকে। বায়ুসেনার কপ্টারে শতাধিক গ্রামবাসীকে উদ্ধার করা হয়েছে।

কয়েকদিন ধরেই খানাকুলের পরিস্থিতি বিপদজনক হয়ে উঠছে।খানাকুলের বন্দিপুরে দ্বারকেশ্বর ও ঘোড়াদহে রূপনারায়ণের বাঁধ ভেঙে হু-হু করে জল ঢুকতে শুরু করেছে লাগোয়া গ্রামগুলিতে। বেশ কয়েকটি এলাকা বিচ্ছিন্ন। রাস্তার ওপর দিয়ে বইছে জল। দ্বারকেশ্বরের বাঁধ ভেঙে প্লাবিত জাঙ্গিপাড়ার বিস্তীর্ণ এলাকা।খানাকুলের বন্দিপুরে দ্বারকেশ্বর ও ঘোড়াদহে রূপনারায়ণের বাঁধ ভেঙে হু-হু করে জল ঢুকতে শুরু করেছে। বেশ কয়েকটি এলাকা বিচ্ছিন্ন। রাস্তার ওপর দিয়ে বইছে জল। দ্বারকেশ্বরের বাঁধ ভেঙে প্লাবিত জাঙ্গিপাড়ার বিস্তীর্ণ এলাকাও।রাস্তার উপর দিয়ে নদীর স্রোতের মতো জল বইছে।

ইতিমধ্যেই জলের তোড়ে ভেসে গিয়েছে বহু গবাদি পশু।ভেঙে পড়েছে বহু কাঁচা বাড়ি।এলাকায় ত্রাণ শিবির চালু করা হয়েছে।দুর্গতদের উদ্ধার করে ত্রাণ শিবিরগুলোতে নিয়ে যাওয়া হচ্ছে।

অন্যদিকে ঘাটালের পরিস্থিতি ক্রমেই ভয়াবহ হয়ে উঠছে।ফি বর্ষায় ঘাটালের জলছবি অচেনা নয়।এ বারও তার অন্যথা হয়নি।শিলাবতী নদীর জলে প্লাবিত ঘাটালের বিস্তীর্ণ এলাকা। ঘাটালের একাধিক স্কুলে জল ঢুকেছে।জলমগ্ন ঘাটাল মহকুমা হাসপাতাল চত্বর। জল ঢুকে যায় ঘাটাল সংশোধনাগারে। ৬১ জন বন্দিকে অন্যত্র সরানো হয়েছে।

শুধু ঘাটাল নয়। পশ্চিম মেদিনীপুরের চন্দ্রকোনা, দাসপুরেরও পরিস্থিতি ভয়াবহ। ডুবে গিয়েছে চন্দ্রকোনার মনসাতলা চাতাল। যুদ্ধকালীন তৎপরতায় উদ্ধার কাজ চালাচ্ছে প্রশাসন। দুর্গত এলাকা গুলি থেকে উদ্ধার করা হচ্ছে বাসিন্দাদের।

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