Gantak River – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Fri, 12 Jul 2024 06:05:16 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Gantak River – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 नेपाल में भारी बारिश, बिहार में हाइअलर्ट https://ekolkata24.com/top-story/heavy-rain-in-nepal-high-alert-in-bihar Fri, 12 Jul 2024 06:05:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48895 पटना : नेपाल में हो रही जोरदार बारिश के कारण गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. नदी गोपालगंज में खतरे के निशान से 85 सेमी ऊपर बह रही है। गुरुवार की सुबह सात बजे वाल्मीकिनगर बराज से 1.80 लाख 600 क्यूसेक डिस्चार्ज रहा, जो शाम छह बजे 2.51 क्यूसेक हो गया है।

गंडक नदी का जल स्तर के तेजी से बढ़ने के कारण तटबंधों पर जहां दबाव बढ़ने लगा है। शुक्रवार को गांवों में पानी और बढ़ने की आशंका है. वहीं निचले इलाके के 43 गांवों के 65 लाख की आबादी के सामन बाढ़ की त्रासदी शुरू होने के आसार है। पिछले छह दिनों से नदी में आयी बाढ़ से गांव पहले से ही घिरे हुए हैं। जिले के छह प्रखंडों के 43 गांवों बाढ़ से घिर गये थे। अभी पानी सड़कों से पूरी तरह से हटा भी नहीं था कि शुक्रवार को पानी और बढ़ेगा। गांवों का संपर्क शहर से कट गया है।

जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ने नेपाल के पोखरा में 174 एमएम बारिश होने से गंडक नदी में जल स्तर के बढ़ने से अलर्ट जारी किया है. इससे तटबंधों पर निगरानी को बढ़ाया गया है. डीएम मो मकसूद आलम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। बचाव कार्यों स्टाॅक की समीक्षा कर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को हाइअलर्ट मोड में संवेदकों के साथ मुस्तैद रहने का आदेश दिया।

मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार, जबकि पतहरा में अभियंता ऋषभ कुमार, टंडसपुर में निगरानी में थे. बांध को सुरक्षित रखना विभाग की चुनौती है। पानी के घटते-बढ़ते रहने से बचाव कार्यों के भी नदी में समा जाने का खतरा बना है।

विभाग ने तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा किया है. तटबंधों पर भी काफी दबाव बढ़ा हुआ है। जिले के निचले इलाके में रहने वाले 43 गांवों के लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गयी हैं। गांव चारों तरफ से घिरे हुए हैं। आने-जाने के सभी मार्ग ध्वस्त हो चुके है. स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में भी पानी भर चुका है। अब नाव ही एकमात्र सहारा बची है।

घरों में राशन व सब्जियों के भी दिक्कत होने लगी है। बच्चों को लोग स्कूल जान को जोखिम में डालकर पहुंचा रहे है। खेतों में पानी लगने के कारण पशुओं को चारा लाना भी किसानों के लिए बड़ी चुनौती है. सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना,धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं 7, भसही, मांझा प्रखंड के निमुइया, माघी, मगुरहां, भैंसही एवं पुरैना सिधवलिया के बंजरिया समेत जिले के 43 गांवों पानी से घिरा है।

गंडक नदी के बाढ़ से छह प्रखंडों के 3.64 लाख की आबादी हर साल पीड़ित होती है। नदी के जल स्तर दो लाख क्यूसेक पर पहुंचते ही 43 गांव जो बांध व नदी के बीच में बसा है, वे घिर जाता है। घरों में पानी की लहरें उठती हैं। लोगों को छतों व छप्परों पर गुजारा करना पड़ता है। जो गांव से निकल गये, तो बांध पर चार माह काटने को मजबूर होते हैं। पिछले चार दशक से यह सिलसिला जारी है। इसका स्थायी समाधान नहीं होने के कारण लोगों के सामने इस वर्ष फिर नदी तबाही मचाने को आतुर है। लोग चार माह के लिए खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

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