Gaya – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Wed, 11 Sep 2024 06:44:32 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Gaya – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 Gaya में पिंडदान की परंपरा और पितृपक्ष के धार्मिक महत्व https://ekolkata24.com/top-story/e-tradition-of-pinddaan-in-gaya-and-the-religious-importance-of-pitru-paksha Wed, 11 Sep 2024 06:44:32 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49525 पटना: बिहार का एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल गया है, जहां पिंडदान की परंपरा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. पिंडदान एक ऐसा अनुष्ठान है, जिसे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से पितृपक्ष के दौरान, जो हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा से अमावस्या तक होता है, इस समय, लोग अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति देने के लिए खास पूजा और तर्पण करते हैं।

गया का पिंडदान एक ऐसी परंपरा है, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि परिवार और समाज के बीच की सांस्कृतिक कड़ी को भी मजबूत करती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि गया में पिंडदान क्यों इतना खास है और इस परंपरा का क्या महत्व है।

पितृपक्ष का समय भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होता है और अमावस्या तक चलता है। इस दौरान, लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके लिए पूजा अर्चना करते हैं। इस समय को पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष कहा जाता है। मान्यता है कि इस अवधि में पूर्वज धरती पर आते हैं और उनके लिए किए गए तर्पण से उन्हें शांति मिलती है।

गया में पिंडदान करने का बहुत खास महत्व है। गया में भगवान विष्णु के चरण चिन्ह हैं, इसलिए यहां पर पिंडदान करने से बहुत पुण्य मिलता है। पिंडदान का मतलब होता है कि हम अपने पूर्वजों के लिए खास पूजा करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। इसे हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे सबसे अच्छा तरीका माना जाता है पूर्वजों को मोक्ष देने का।

गया में पिंडदान करने की एक खास विधि होती है। इसमें पंडित की मदद से पूजा की जाती है। इसमें लोग तिल, जल और आटे की गोलियां (पिंड) का उपयोग करते हैं। पंडित मंत्र पढ़ते हैं और परिवार के सदस्य पिंडदान करते हैं। इसके बाद लोग विष्णुपद मंदिर जाकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसा मानते हैं कि इस पूजा से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।

पुरानी किताबों और धार्मिक ग्रंथों में गया का नाम और इसके महत्व का उल्लेख मिलता है। यह माना जाता है कि भगवान राम ने भी अपने पिता के लिए गया में पिंडदान किया था। यही वजह है कि गया का पिंडदान धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

आज के समय में भी लाखों लोग पितृपक्ष के दौरान गया आते हैं। हालांकि, अब तकनीकी सुविधाओं की मदद से पिंडदान की प्रक्रिया आसान हो गई है, लेकिन इसका धार्मिक महत्व उतना ही बड़ा है। लोग आज भी इस परंपरा को पूरी श्रद्धा के साथ निभाते हैं।

गया में पिंडदान हिन्दू धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो पितरों की आत्मा की शांति के लिए की जाती है। पितृपक्ष के दौरान, यह परंपरा विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह पितरों को समर्पित श्रद्धांजलि और उनके लिए मोक्ष की कामना का एक महत्वपूर्ण साधन है।

उत्तर: गया में पिंडदान की परंपरा पितृपक्ष के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यह पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करने का एक पवित्र तरीका है। यह धार्मिक क्रिया पितरों के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करती है।

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मालगाड़ी की चपेट में आने से 2 बच्चियों की मौत https://ekolkata24.com/top-story/2-girls-died-after-being-hit-by-goods-train Tue, 11 Jun 2024 06:28:15 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48190 गया :बिहार के गया जिले में दर्दनाक हादसा सामने आया है। जब रेल ट्रैक पार कर रहीं दो मासूम बच्चियां मालगाड़ी की चपेट में आ गई और मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। हालांकि अभी तक दोनों की पहचान नहीं हो सकी है। बच्चियों की उम्र 7 साल और 5 साल बताई जा रही है।

घटना गया जंक्शन के बेस्ट केबिन के पास आज सुबह करीब 7 बजे घटी। अभी तक दोनों बच्चियों की शिनाख्त नहीं हो सकी है और न ही उनके परिजनों का पता चल सका है। फिलहाल पुलिस परिजनों और घटना से जुड़े तमाम पहलुओं की जांच में जुटी है।

रेल ट्रैक पर दो बच्चियों की मौत की खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को उठवाया। इस घटना के बाद जंक्शन पर हड़कंप मच गया। घटना जब घटी तो बच्चियां ट्रैक पार कर रहीं थी और मालगाड़ी को आते देख नहीं सकी। जिसके चलते चपेट में आ गई। दोनों बच्चियां नाबालिग है. मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस और प्रशासन को घटना की सूचना दी।

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