बाजार विश्लेषकों की मानें तो यह स्थिरता उन लोगों के लिए बहुत अच्छी खबर है जो सोने और चांदी की खरीदारी का सोच रहे हैं। मालूम हो कि बजट 2024 के बाद सोने और चांदी की कीमतों में भारी कमी दर्ज की गई थी। लेकिन उसके बाद कुछ दिनों तक सोने और चांदी में मामूली उछाल भी देखने को मिली।
पटना सर्राफा बाजार में रविवार को 22 कैरेट सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 64,400 रुपए ही चल रहा है। वहीं, 24 कैरेट सोने का भाव आज भी प्रति 10 ग्राम 70,000 रुपए है. जबकि, इससे पहले तक 24 कैरेट सोने का भाव 73,000 रुपए प्रति 10 ग्राम चल रहा था और 22 कैरेट सोने का भाव 65,500 रुपए प्रति 10 ग्राम के हिसाब से चल रहा था। वहीं, आज 18 कैरेट सोने का भाव 54,500 रुपए है।
वहीं, चांदी की बात करें तो इसकी कीमतों में भी कल के वनिस्पत आज कोई बदलाव दर्ज नहीं किया जा रहा है। इसी के साथ आज भी चांदी 81,000 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से ही बिक रही है. जबकि, इससे पहले तक चांदी की कीमत 82,000 रुपए प्रति किलोग्राम चल रही थी।
वहीं, दूसरी ओर सोना बेचने या फिर उसे एक्सचेंज करना चाह रहे हैं, तो आज पटना सर्राफा बाजार में 10 ग्राम 22 कैरेट सोने का एक्सचेंज रेट 64,000 रुपए चल रहा है और 18 कैरेट सोने का एक्सचेंज रेट 53,700 रुपए प्रति 10 ग्राम है. जबकि, चांदी बेचने का रेट आज भी 79,000 रुपए प्रति किलोग्राम ही है।
]]>आरोपी तस्कर सोहन गोयल दिल्ली का रहने वाला है जिसे डीआरआई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। डीआरआई की टीम ने बताया कि उन्हें तस्करी की सूचना मिली थी, इसकी वजह से वह लोग लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस-वे के पहले टोल प्लाजा में कारवाई कर रहे थे।
बता दें कि पकड़े गए आरोपी के पास से दुबई मेड ग्यारह किलोग्राम गोल्ड बरामद हुआ है जिसकी कीमत 8.09 करोड़ होगी। डीआरआई की टीम ने गुरुवार-शुक्रवार की रात 12: 30 बजे गिरफ्तार किया। गिरफ्तार करने के बाद उसे लखनऊ की कस्टम में पेश किया, जहां उसे 14 दिन के कस्टडी में जेल भेजा गया है।
]]>पिछले सत्र में गोल्ड 72,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी भी मंगलवार को 91,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। दिल्ली के बाजारों में हाजिर सोने (24 कैरेट) की कीमतें 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही हैं, जो पिछले बंद भाव से 250 रुपये कम है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, कॉमेक्स में हाजिर सोना 2,316 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से 8 डॉलर कम है। गांधी ने कहा कि फेडरल रिजर्व के नीति निर्माता की हालिया आक्रामक टिप्पणियों के बाद सोने पर दबाव आया, जिससे निवेशकों की मौद्रिक नीति में ढील की उम्मीदें धराशायी हो गईं।
इसके अलावा, चांदी भी 28.95 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। पिछले सत्र में यह 29.40 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई थी। कमोडिटी बास्केट में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद सोने के वायदे एक सीमा में अटके हुए हैं, क्योंकि व्यापारी/निवेशक गुरुवार को अमेरिकी जीडीपी संख्या और शुक्रवार को महत्वपूर्ण पीसीई मुद्रास्फीति डेटा की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती के बारे में कुछ संकेत दे सकते हैं।वि
एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी एंड करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, बुधवार को सोने की कीमतें सीमित दायरे में रहीं। हाल के समापन स्तरों और डॉलर इंडेक्स के दबाव के कारण रुझान कमजोर दिखाई देता है।
]]>बता दें कि यह साल 1991 की शुरुआत के बाद से पहली बार है, जब इतनी बड़ी मात्रा में गोल्ड को लोकल लेवल पर रखे गए स्टॉक में शामिल किया गया है। आने वाले महीनों में इतनी ही मात्रा में सोना फिर से देश में भेजा जा सकता है, आधिकारिक सूत्रों की माने तो ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मार्च के अंत में आरबीआई के पास 822.1 टन सोना था, जिसमें से 413.8 टन सोना विदेशों में रखा हुआ था।
अब इस सोने को धीरे-धीरे भारत लाया जा रहा है। वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, हाल के वर्षों में सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में आरबीआई प्रमुख है, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 27.5 टन सोना अपने भंडार में शामिल किया है।
विश्व भर के केंद्रीय बैंकों के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड काफी समय से बड़ा भंडारगृह रहा है। भारत भी आजादी से पहले से लंदन के बैंक में अपना सोना रखता रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया, “आरबीआई ने कुछ साल पहले सोना खरीदना शुरू किया था। यह समीक्षा करने का फैसला किया था कि वह कहां-कहां से भारत का सोना वापस ला सकता है। चूंकि विदेशों में स्टॉक बढ़ रहा था, इसलिए कुछ सोना भारत लाने का निर्णय लिया गया। साथ ही भविष्य की परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.”
भारतीयों के लिए हर घर में सोना होता है और उसे बेचना सही नहीं माना जाता है। लेकिन 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए चंद्र शेखर सरकार द्वारा कीमती धातु को गिरवी रखा गया था। हालांकि, आरबीआई ने लगभग 15 साल पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 200 टन सोना खरीदा था। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के बदलते हालात आत्मविश्वास को दर्शाता है, जो 1991 की स्थिति के बिल्कुल अलग है.”
]]>एक एयरलाइन की चालक दल की एक महिला सदस्य को अपने मलाशय में लगभग एक किलोग्राम सोना छिपाकर मस्कट से कन्रूर तक तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने दावा किया कि भारत में यह पहला मामला है, जहां किसी एयरलाइन के चालक दल की सदस्य को मलाशय में छिपाकर सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों ने विशिष्ट सूचना के आधार पर एयरलाइन की चालक दल की सदस्य सुरभि खातून को रोका, जो 28 मई को मस्कट से कनूर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आई थी। वह कोलकाता की रहने वाली हैं। सूत्र ने बताया कि महिला की तलाशी के बाद उसके मलाशय में छुपाकर रखा गया 960 ग्राम तस्करी का सोना बरामद हुआ।
सूत्र ने कहा कि पूछताछ और आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिसने उसे कनूर में महिला कारागार में 14 दिनों के लिए भेज दिया। सूत्र ने बताया कि एक विस्तृत जांच शुरू हो गई है और अब तक एकत्र किए गए सबूतों से पता चलता है कि उसने पहले भी कई बार सोने की तस्करी की थी। सूत्र ने कहा कि तस्करी गिरोह में केरल के लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया के लिये एयरलाइन के एक प्रतिनिधि सेसंपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
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इसी तरह 22 कैरेट सोना भी आज 67,760 रुपये से लेकर 67,110 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। सोने की तरह ही आज चांदी के भाव में भी मजबूती आई है। आज की तेजी के कारण आज दिल्ली सर्राफा बाजार में चांदी 97,800 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
देश की राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोना आज 73,360 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 67,260 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। इसी तरह मुंबई में 24 कैरेट सोना 73,210 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 67,110 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।
जबकि चेन्नई में 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत 73,920 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 67,760
रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। इन प्रमुख शहरों के अलावा अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना आज 73,260 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर और 22 कैरेट सोना 67,160 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है।
इसी तरह कोलकाता में 24 कैरेट सोना 73,210 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 67,110 रुपये प्रति 10
ग्राम के स्तर पर पहुंचा हुआ है। लखनऊ के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना आज 73,360 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर और 22 कैरेट सोना 67,260 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। वहीं पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 73,260 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि 22 कैरेट सोना 67,110 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।
इसी तरह जयपुर में 24 कैरेट सोना 73,360 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 67,260 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। देश के अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा के सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमत में आज तेजी आई है।
इन तीनों राज्यों की राजधानियों बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना आज 73,210 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं इन तीनों शहरों के सर्राफा बाजारों में 22 कैरेट सोना 67,110 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।
]]>আরও পড়ুন রেট্রো কিট; পরে মোহনবাগানে হোসে র্যামিরেজ ব্যারেটো
জ্যাভলিন যাঁরা শেখেন বা প্র্যাক্টিস করেন, স্টেডিয়ামে তাঁদের জন্য আলাদা সময় বরাদ্দ করা হয়। যাতে তাদের ছোঁড়া বর্শায় কোনও ভাবে কেউ আহত না হন। ফলে সাধারণত যেঁ সময় অন্যান্য খেলোয়াড়রা প্র্যাকটিস করেন না, সে সময় ট্রেনিং করানো হয় জ্যাভলিন থ্রোয়ারদের। হয় খুব ভোরে না হলে দুপুরে ট্রেনিং চলে। তাতেও কুছ পরোয়া নেহি। জ্যাভলিনের টানে হাজির হয়ে যাচ্ছে কচিকাঁচারা।
আরও পড়ুন পুজোয় আসছে গোলন্দাজ, তার আগেই নগেন্দ্রপ্রসাদের নামে লিগ চালুর দাবি তুললেন মোহনবাগান কর্তা
এর আগে অলিম্পিক্সের মঞ্চে মিলখা সিংহ, পি টি ঊষা, অঞ্জু ববি জর্জ, বিকাশ গৌড়ার মতো ক্রীড়াবিদরা কাছে এসেও পদক জিততে পারেননি। ব্যক্তিগত ইভেন্টে একমাত্র সোনা ছিল অভিনব বিন্দ্রার কাছে। বিন্দ্রা ২০০৮ সালে বেজিং অলিম্পিক্সে শুটিংয়ে সোনা পান। ১৩ বছর পর ফের সেই নজির গড়েছেন নীরজ।
]]>আর বিশ্ব শুটিং চ্যাম্পিয়নশিপের জুনিয়র বিভাগে সোনা জিতে এই তরুণ খেলোয়াড় তার সমালোচকদের মুখ বন্ধ করে দিলেন। ISSF (International Shooting Sport Federation) বিশ্ব জুনিয়র চ্যাম্পিয়নশিপের পদক তালিকায় ভারত দ্বিতীয় স্থানে,আমেরিকা রয়েছে শীর্ষে।
পেরুর রাজধানীতে চলা এই চ্যাম্পিয়নশিপে ভারতের ইশা সিং রুপোর পদক জিতেছেন, অন্যদিকে ভারতের রিদম সাঙ্গোবান ব্রোঞ্জ পদক থেকে বঞ্চিত হয়ে চতুর্থ স্থান অর্জন করেন। ভারতের পুরুষ বিভাগে রুদ্রাক্ষ পাতিল ১০ মিটার এয়ার রাইফেল ইভেন্টে রুপোর পদক জিতেছেন।

১০ মিটার এয়ার পিস্তল বিভাগে মনু শুরু থেকেই দুরন্ত ছন্দে ছিলেন এবং শেষ পর্যন্ত ২৪১.৩ স্কোর নিয়ে সোনার পদক গলায় ঝুলিয়ে ফেলেন। ১৬ বছর বয়সী তরুণ শ্যুটার ইশা সিং ২৪০ স্কোর নিয়ে রুপোর পদক ঝুলিতে। এই বিভাগে তুরস্কের ইয়াসমিন বেজা ব্রোঞ্জ পদক পেয়ে তৃতীয় স্থানে।
ভারতের রমিতা ১০ মিটার এয়ার রাইফেল ইভেন্টে ব্রোঞ্জ পদক জিতেছেন। শুধু রমিতা’ই নয় আরও দুই ভারতীয় শুটার মেহুলি ঘোষ এবং নিশা কানওয়ারও ফাইনালে উঠেছিলেন, যদিও পদক তাদের হাতছাড়া হয়। মহিলাদের স্কেট ইভেন্টে ভারতের গনিমত সেখন রুপোর পদক জেতেন।
১০ মিটার এয়ার রাইফেল ইভেন্টে রুদ্রাক্ষ পাতিলের রুপোর পদক জেতার সঙ্গে এই বিভাগে ভারতের পার্থ মাখিজা সপ্তম এবং শ্রীকান্ত ধনুশ আট নম্বরে চ্যাম্পিয়নশিপ শেষ করে। ১০ মিটার এয়ার পিস্তল ইভেন্টে ভারতীয় শুটার নবীন পদক হাতছাড়া করে চতুর্থ স্থান পান।
ভারত এখন পর্যন্ত গোটা চ্যাম্পিয়নশিপে ১ টি সোনা, ৩ টি রুপো এবং ১ টি ব্রোঞ্জ সহ মোট ৫ টি পদক নিয়ে দ্বিতীয় স্থানে রয়েছে, আর আমেরিকা ৩ টি সোন সহ ৬ টি পদক নিয়ে শীর্ষে রয়েছে। এই চ্যাম্পিয়নশিপ ৮ অক্টোবর পর্যন্ত চলবে এবং ১০ অক্টোবর আনুষ্ঠানিকভাবে শেষ হবে।

তেলেঙ্গানায় অনুষ্ঠিত ৬০তম ন্যাশনাল ওপেন অ্যাথলেটিক্স চ্যাম্পিয়নশিপে সোনা জয়ের পর স্বপ্না।
এবার আবার সোনা ঘরে তুললেন স্বপ্না। তেলেঙ্গানায় চলছে ৬০তম ন্যাশনাল ওপেন অ্যাথলেটিক্স চ্যাম্পিয়নশিপ। তাতেই বাজিমাত বাংলার মেয়ের। হাইজাম্পে ১.৭৮ মি লাফিয়ে পেলেন সোনার মেডেল। চ্যাম্পিয়নশিপে শুধু স্বপ্নাই নয়, অসাধারণ পারফরম্যান্স করছে অন্যান্য অ্যাথলিটরাও। কালই মহিলাদের ১৫০০ মিটারে নতুন রেকর্ড গড়েছেন পাঞ্জাবের হরমিলান কৌর।
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জলপাইগুড়ির এক অত্যন্ত দরিদ্র পরিবারের মেয়ে স্বপ্নার এই সাফল্যের পিছনে রয়েছে দাঁতে দাঁত কামড়ে লড়াইয়ের দীর্ঘ ইতিহাস। স্বপ্নার বাবা পঞ্চানন বর্মন পেশায় ভ্যান চালক। অসুস্থতার জন্য গত সাতবছর ধরে তিনি শয্যাশায়ী। মা বাসনা বাড়ি বাড়ি কাজ করে ও চা বাগানে পাতা তুলে সামান্য টাকা রোজগার করেন।

পায়ের দু’ পাতায় ছ’টি করে আঙুল, ফলে ইভেন্টে পারফর্ম করার সময় প্রায়ই অসহ্য যন্ত্রণার শিকার হতেন তিনি।
স্বপ্নার পায়ের দু’ পাতায় ছ’টি করে আঙুল, ফলে ইভেন্টে পারফর্ম করার সময় প্রায়ই অসহ্য যন্ত্রণার শিকার হতেন তিনি। কিন্তু কোনও প্রতিবন্ধকতাই থামিয়ে দিতে পারেনি তাঁর অনমনীয় জেদ আর নাছোড় পরিশ্রমকে। এশিয়ান গেমসের হেপ্টাথলন ইভেন্টে সোনা জয়ী বাংলার স্বপ্না বর্মনকে সেই অসহ্য যন্ত্রণা থেকে সম্প্রতি মুক্তি দিয়েছে ক্রীড়া সরঞ্জাম প্রস্তুতকারক সংস্থা অ্যাডিডাস। বিশেষভাবে কাস্টমাইজড জুতো তৈরি করেছে তাঁর জন্য।
Swapna Barman wins the high jump 1.78m pic.twitter.com/VLRJHZtcrv
— Anand Datla
(@SportASmile) September 16, 2021
অ্যাথলেটিক্সের সবচেয়ে কঠিন ইভেন্ট বলা হয় হেপ্টাথলনকে। ট্র্যাক আর ফিল্ড মিলিয়ে মোট সাতটি ইভেন্টে পরীক্ষার মুখোমুখি হতে হয় প্রতিযোগীকে। তাতে এবার স্বপ্নার পদক সংখ্যা বাড়ে কিনা, সেদিকেই তাকিয়ে স্বপ্নার অনুরাগীরা।
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দিল্লি থেকে পানিপথ পর্যন্ত প্রায় ৬ ঘণ্টার রাস্তার অতিক্রম করে বাড়ি ফিরছিলেন নীরজ। রেড কার্পেট পেতে অলিম্পিকে সোনাজয়ীর জন্য অপেক্ষারত ছিলেন সকলে। পূর্ব পরিকল্পিত ভাবেই শুরু হয়েছিল সংবর্ধনা অনুষ্ঠান। সেই অনুষ্ঠান চলাকালীন অসুস্থ হয়ে পড়েন তিনি। তাঁর পরিবারের তরফ থেকে বলা হয়েছে, মঙ্গলবার সকালে দিল্লি থেকে পানিপথ আসতে নীরজের ছয় ঘণ্টা লেগে যায়। কখনও রোদে, কখনও গাড়ির এয়ার কন্ডিশনে থাকাতেই ঠান্ডা-গরমে জ্বর এসেছে বলে মনে করা হচ্ছে।
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কয়েক দিন আগেও তাঁর জ্বর এসেছিল। গলাতেও ব্যথা ছিল। পরে করোনা পরীক্ষা করা হলে সেই রিপোর্ট নেগেটিভ আসে। লালকেল্লায় স্বাধীনতা দিবসের অনুষ্ঠানে তাঁর যোগদানও অনিশ্চিত হয়ে পড়েছিল। কিন্তু শেষ পর্যন্ত তিনি ওই অনুষ্ঠানে যান। অসুস্থ শরীরেই প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদির ভাষণে উপস্থিত হয়েছিলেন তিনি। সেই সব সেরেই মঙ্গলবার বাড়ি ফিরছিলেন নীরজ। টোকিয়ো থেকে ফেরার পর নানা অনুষ্ঠানে যেতে হচ্ছে তাকে। সেই ধকল নিতে না পারার ফলেই বারবার অসুস্থ হয়ে পড়ছেন তিনি।
আরও পড়ুন ভারতীয় বায়ুসেনার জনকের নামেই রয়েছে জনপ্রিয় ফুটবল কাপ
টোকিয়ো অলিম্পিকে প্রথম ভারতীয় হিসেবে অ্যাথলেটিক্সে (জ্যাভলিন থ্রো) সোনা জেতেন নীরজ চোপড়া। অভিনব বিন্দ্রার পর দ্বিতীয় ভারতীয় অ্যাথলিট হিসেবে অলিম্পিকের ব্যক্তিগত ইভেন্টে সোনা জিতেছেন তিনি। জ্যাভলিনে ৮৭.৫৮ মিটার ছুড়ে ভারতকে সোনার পদক এনে দিয়েছেন। তারপর থেকে অভিনন্দনের বন্যায় ভেসে যাচ্ছেন ভারতের সোনার ছেলে।
]]>THE THROW THAT WON #IND A #GOLD MEDAL
#Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion @Neeraj_chopra1 pic.twitter.com/F6xr6yFe8J
— Olympic Khel (@OlympicKhel) August 7, 2021
দুর্দান্ত দুই থ্রোয়ে অলিম্পিক্সের ইতিহাসে ভারতের সোনার খরা কাটিয়ে দিলেন এই অ্যাথলিট। অলিম্পিক্সের ইতিহাসে প্রথম ভারতীয় হিসেবে ট্র্যাক অ্যান্ড ফিল্ডের কোনও ইভেন্টে পদক জিতলেন। শনিবার ফাইনালে দ্বিতীয় প্রচেষ্টায় ৮৭.৫৮ মিটার জ্যাভলিন ছুঁড়ে পদক জিতলেন তিনি। এর আগে অ্যাথলেটিক্সে ভারত কোনও পদকই জেতেনি অলিম্পিক্সে।
HISTORY. MADE.
Neeraj Chopra of #IND takes #gold in the #Athletics men’s javelin final on his Olympic debut!
He is the first Indian to win an athletics medal and only the second to win an individual medal!@WorldAthletics | #StrongerTogether | #Tokyo2020 | @WeAreTeamIndia pic.twitter.com/zBtzHNqPBE
— The Olympic Games (@Olympics) August 7, 2021
ফাইনালের শুরুতেই প্রথম রাউন্ডে নীরজ ছুঁড়েছিলেন ৮৭.০৩ মিটার, দ্বিতীয় রাউন্ডে নিজেকে ছাপিয়ে ছুড়লেন ৮৭.৫৮ মিটার। ফাইনালে প্রথম তিন প্রচেষ্টার পরেই ছিটকে তিনি ছিটকে জার্মানির জোহানেস ভেটার।

ফলে নীরজের লড়াইটা মূলত ছিল চেক প্রজাতন্ত্রের দুই থ্রোয়ারের সঙ্গে। কিন্তু দু’জনেই শেষ দুটি থ্রোয়ে ফাউল করে বসেন। ফলে নিজের ষষ্ঠ থ্রোয়ের আগেই সোনা জিতে যান নীরজ।
And Gold it is for @Neeraj_chopra1 .Take a bow, young man ! You have fulfilled a nation's dream. Thank you!
Also, welcome to the club – a much needed addition! Extremely proud. I am so delighted for you.— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) August 7, 2021
এর আগে অলিম্পিক্সের মঞ্চে মিলখা সিংহ, পি টি ঊষা, অঞ্জু ববি জর্জ, বিকাশ গৌড়ার মতো ক্রীড়াবিদরা কাছে এসেও পদক জিততে পারেননি। ব্যক্তিগত ইভেন্টে একমাত্র সোনা ছিল অভিনব বিন্দ্রার কাছে। বিন্দ্রা ২০০৮ সালে বেজিং অলিম্পিক্সে শুটিংয়ে সোনা পান। ১৩ বছর পর ফের কেউ সেই নজির গড়লেন। তিনিও উচ্ছ্বসিত ভারতের নতুন সোনার ছেলের এই পারফরম্যান্সে।
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