Government salary structure – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 09 Jun 2025 19:51:10 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Government salary structure – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 7th vs 8th Pay Commission: सभी को जानने योग्य प्रमुख अंतर https://ekolkata24.com/business/7th-vs-8th-pay-commission-key-differences-government-employees-must-know Mon, 09 Jun 2025 19:51:10 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51284 7th vs 8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन और भत्तों के पुनर्गठन में वेतन आयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 16 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिसके 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। इस घोषणा ने लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए नई आशा जगाई है। 7वां वेतन आयोग, जो 2016 में लागू हुआ था, ने वेतन संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव लाए थे। अब, 8वें वेतन आयोग के अपेक्षित बदलावों की तुलना करना महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम 7वें और 8वें वेतन आयोग के बीच प्रमुख अंतरों का विश्लेषण करेंगे।

7वें वेतन आयोग की मुख्य विशेषताएं
7वां वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ और 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ। इसने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में व्यापक बदलाव किए। इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:

• न्यूनतम मूल वेतन: 6वें वेतन आयोग के 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया, जो लगभग 157% की वृद्धि थी।
• फिटमेंट फैक्टर: 2.57 से 2.81 तक फिटमेंट फैक्टर तय किया गया, जो वेतन वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण गुणक था।
• पेंशन सुधार: न्यूनतम पेंशन को 3,500 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया गया।
• भत्ते: महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), और परिवहन भत्ता (टीए) की समीक्षा की गई। 2024 तक डीए 53% तक पहुंच गया।
• ग्रेच्युटी सीमा: ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया।
• स्वास्थ्य बीमा: कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई।
• पे मैट्रिक्स: पे बैंड और ग्रेड पे के स्थान पर एक सरलीकृत पे मैट्रिक्स शुरू किया गया, जिसने वेतन गणना को अधिक पारदर्शी और आसान बनाया।

7वें वेतन आयोग के परिणामस्वरूप वेतन, भत्तों और पेंशन में औसतन 23.55% की वृद्धि हुई, जिसने 2016-17 वित्तीय वर्ष में सरकार के लिए 1,02,100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ाया।

8वें वेतन आयोग के अपेक्षित बदलाव
8वां वेतन आयोग जनवरी 2025 में मंजूर हुआ है और इसके सुझाव 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। हालांकि इसे अभी औपचारिक रूप से गठित नहीं किया गया है, विशेषज्ञों ने इसके संभावित प्रभावों के बारे में कई अपेक्षाएं व्यक्त की हैं। इसके प्रमुख अंतर हैं:

• न्यूनतम मूल वेतन: प्रस्तावित न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 34,500 से 51,480 रुपये तक हो सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो यह 186% तक की वृद्धि हो सकती है।
• फिटमेंट फैक्टर: 2.28 से 2.86 तक फिटमेंट फैक्टर प्रस्तावित है, जो वेतन वृद्धि की मात्रा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
• पेंशन वृद्धि: न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़ाकर लगभग 20,500 रुपये हो सकती है, जो फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा।
• भत्ता सुधार: महंगाई भत्ता (डीए) 70% तक बढ़ सकता है। मकान किराया भत्ता (एचआरए) और परिवहन भत्ता (टीए) को मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत के साथ समायोजित किया जाएगा।
• प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन: 8वां वेतन आयोग प्रदर्शन के आधार पर वेतन संरचना शुरू करने पर विचार कर सकता है, जो उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होगा।
• पे मैट्रिक्स में सुधार: 7वें वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा, जिससे वेतन गणना आसान होगी।

प्रमुख अंतर और प्रभाव
7वें वेतन आयोग की तुलना में 8वां वेतन आयोग वेतन वृद्धि में अधिक उदार होने की उम्मीद है, जहां वेतन 20% से 35% तक बढ़ सकता है। यह मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के साथ तालमेल बनाए रखेगा। 7वां वेतन आयोग ने एक सरलीकृत पे मैट्रिक्स शुरू किया था, लेकिन 8वां आयोग इसे और बेहतर करेगा और निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए अधिक वेतन वृद्धि पर ध्यान देगा। पेंशनभोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण लाभ अपेक्षित हैं, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाएंगे।

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें अंतिम रूप लेने में अभी समय लगेगा, क्योंकि यह आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति और कर्मचारी यूनियनों की मांगों को ध्यान में रखेगा। फिर भी, यह सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और सरकारी नौकरियों को और आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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