HC – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Fri, 14 Jun 2024 13:23:40 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png HC – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 यौन शोषण मामले में बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक https://ekolkata24.com/uncategorized/big-relief-to-bs-yeddyurappa-in-sexual-harassment-case Fri, 14 Jun 2024 13:23:40 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48287 बेंगलुरु : हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को बड़ी राहत देते हुए पॉक्सो मामले में उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है और येदियुरप्पा को जांच में सहयोग करने को कहा है। साथ ही हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पॉक्सो मामले में 17 जून को सीआईडी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।

ज्ञात हो कि . फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो केस में गैर जमानती वारंट जारी किया था। बता दें कि बीएस यदियुरप्पा पर एक नाबालिग से यौन शोषण करने का आरोप है। इस प्रकरण में वारंट जारी होने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इसके साथ ही उन्होंने केस को भी रद्द करने की मांग की थी। जिसपर आज सुनवाई हुई।

फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा पॉक्सो एक्ट के तहत येदियुरप्पा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया किया है। बता दें यह पूरा मामला 2 फरवरी 2024 की है। जब एक महिला अपनी 17 साल की बेटी के साथ येदियुरप्पा के निवास पर रेप केस में मदद मांगने गई थी। उस दौरान आरोप है कि यदियुरप्पा के घर में लड़की से छेड़छाड़ की घटना हुई।

इस मामले में पीड़िता नाबालिग लड़की की मां ने 14 मार्च को बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर में येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो और धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक डीआईजी ने मामले को सीआईडी को सौंप दिया था. बुधवार को सीआईडी ने येदियुरप्पा को पेश होने के लिए समन भेजा था। इसपर जवाब देते हुए उनके वकील ने एक हफ्ते का वक्त मांगा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यदियुरप्पा ने 17 जून को पूछताछ में शामिल होने की बात कही, लेकिन CID फास्ट ट्रैक कोर्ट से वारंट ले आई। इन आरोपों को खारिज करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वे कानूनी रूप से लड़ेंगे।

हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसे हिन्दी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है। दरअसल पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट होता है।

बता दे यह एक्ट नाबालिग लडकी और लड़के दोनों में से किसी के भी खिलाफ़ हुई यौन हिंसा के खिलाफ़ लागू होता है। इस कानून को 2012 में लाया गया था। पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजाओं का भी प्रावधान किया गया है। इस एक्ट को लाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य था नाबालिग बच्चों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण देना। इस एक्ट के तहत दोषी पाए जाने वाले अपराधी के खिलाफ उम्रकैद जैसी सजा का भी प्रवधान है।

वर्तमान समय में यौन शोषण के आरोपी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा दक्षिण के कद्दावर नेता है। भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में इनका नाम लिया जाता है। बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के 19वें मुख्यमंत्री है, इन्होंने 30 मई 2008 को शपथ ग्रहण किया था। अभी येदियुरप्पा कर्नाटक राज्य की विधानसभा में शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं।

बता दें कि भाजपा संगठन में येदियुरप्पा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया था. लेकिन राज्य की राजनीति में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हे राज्य का अध्यक्ष बना दिया गया। ये कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। साथ ही साल 2007 में जद(एस) के साथ गठबंधन टूटने से पहले भी थोड़े समय के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। बताते चलें येदियुरप्पा किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं।

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শিশুদের সঙ্গে ওরাল সেক্স গুরুতর অপরাধ নয়: Allahabad HC https://ekolkata24.com/uncategorized/allahabad-hc-finds-oral-sex-with-child-less-serious Tue, 23 Nov 2021 09:52:52 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12113 News Desk: শিশুদের সঙ্গে ‘ওরাল সেক্স’ (oral sex) কোনও গুরুতর অপরাধ নয়। গুরুত্বপূর্ণ এই মন্তব্য করার পাশাপাশি এলাহাবাদ (Allahabad) হাইকোর্টের (high court) বিচারপতি দোষী সাব্যস্ত এক আসামীকে নিম্ন আদালতের দেওয়া শাস্তির মেয়াদও কমিয়ে দেন।

জানা গিয়েছে সোনু কুশওয়া (sonu kushwa) নামে এক ব্যক্তি দশ বছর বয়সি এক শিশুর সঙ্গে ওরাল সেক্স করেছিল। দোষী সাব্যস্ত হওয়ায় নিম্ন আদালত (trial curt) সোনুকে ১০ বছরের কারাদণ্ড দিয়েছিল। নিম্ন আদালতের রায়কে চ্যালেঞ্জ করে সোনু আবেদন করেছিল এলাহাবাদ হাইকোর্টে। সেই মামলায় এলাহাবাদ হাইকোর্টের বিচারপতি অনিল কুমার ওঝা দেষীর কারাদণ্ডের মেয়াদ ১০ বছর থেকে কমিয়ে ৭ বছর করে দেন। শুধু তাই নয় বিচারপতি জানান, পোকসো আইনের ৪ নম্বর ধারা অনুযায়ী কোন বাচ্চার মুখের ভিতরে পুরুষাঙ্গ প্রবেশ করানো অবশ্যই শাস্তিযোগ্য অপরাধ। কিন্তু সেটা কখনওই পোকসো আইনের ৬ ও ১০ নম্বর ধারার মতো গুরুতর অপরাধ নয়।

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বিচারপতি জানান, কোনও শিশুর মুখের ভিতর পুরুষাঙ্গ প্রবেশ করানোর বিষয়টি পোকসো আইনের ৪ নম্বর ধারায় পড়ে। পোকসো আইনের অন্যান্য ধারার তুলনায় এই ধারায় অপরাধের গুরুত্ব কিছুটা হলেও কম। সে কারণেই দোষীকে নিম্ন আদালতের দেওয়া সাজা কমানোর সিদ্ধান্ত নেন বিচারপতি।

নিম্ন আদালত সোনুকে ১০ বছরের কারাদণ্ডের পাশাপাশি ৫ হাজার টাকা জরিমানা দেওয়ার নির্দেশ দিয়েছিল। হাইকোর্ট সেই জরিমানার পরিমাণও কিছুটা কমিয়েছে।

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এই প্রথম হাইকোর্টের বিচারপতি হতে চলেছেন কোন সমকামী https://ekolkata24.com/uncategorized/delhi-hc-likely-to-get-first-openly-gay-judge Tue, 16 Nov 2021 07:49:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=11467 নিউজ ডেস্ক, নয়াদিল্লি: সুপ্রিম কোর্টের কলেজিয়ামের সুপারিশে এই প্রথম কোনও সমকামী আইনজীবী হাইকোর্টের বিচারপতি হতে চলেছেন। দেশের প্রধান বিচারপতি এনভি রামান্নার (nv ramanna) নেতৃত্বাধীন সুপ্রিম কোর্টের কলেজিয়াম সিনিয়র অ্যাডভোকেট সৌরভ কৃপালের নাম দিল্লি হাইকোর্টের (delhi high court) বিচারপতি হিসেবে সুপারিশ করেছে।

চলতি মাসের ১১ তারিখে কলেজিয়ামের বৈঠকে সৌরভ কৃপালের নাম দিল্লি হাইকোর্টের বিচারপতি হিসেবে চূড়ান্ত করা হয়। প্রধান বিচারপতি ছাড়াও কলেজিয়ামে রয়েছেন বিচারপতি ইউ ইউ ললিত এবং বিচারপতি এ এম খানউইলকর।

কেন্দ্র যদি কলেজিয়ামের সুপারিশ মেনে নেয় তাহলে সৌরভই (sourav kripal) হবেন দেশের প্রথম ঘোষিত সমকামী বিচারপতি। আইনজীবী মহলে সৌরভ প্রকাশ্যেই নিজেকে সমকামী বলে ঘোষণা করেছেন। উল্লেখ্য, প্রায় তিন বছর আগেই ২০১৮ সালে সৌরভের নাম বিচারপতি পদের জন্য সুপারিশ করেছিল কলেজিয়াম। কিন্তু সে সময় সেই সুপারিশ মেনে নেওয়া হয়নি।

saurabh kirpal

সে সময় বলা হয়, আইনজীবী সৌরভের এক ঘনিষ্ঠ বন্ধু ইউরোপীয় এবং তিনি সুইজারল্যান্ড দূতাবাসে কর্মরত। ২০২০-র ফেব্রুয়ারি মাসে তৎকালীন কেন্দ্রীয় আইনমন্ত্রী রবিশঙ্কর প্রসাদকে (ravishankar prasad) চিঠি দিয়ে সৌরভের সম্পর্কে গোয়েন্দাদের দেওয়া তথ্যের বিস্তারিত ব্যাখ্যা চেয়ে ছিলেন তৎকালীন প্রধান বিচারপতি এসএ বোবদে (s a bobdey)। সে সময় কেন্দ্রের তরফে জানানো হয়, সৌরভের বন্ধু একজন বিদেশি। তাই তাঁর নাম মেনে নিতে কিছু সমস্যা রয়েছে। আইনজীবী মহল অবশ্য মনে করছে, সৌরভ যেহেতু নিজেকে প্রকাশ্যেই সমকামী বলে ঘোষণা করেছেন সে কারণেই কেন্দ্র তাঁকে বিচারপতি হিসেবে নিয়োগ করতে গড়িমসি করছে।

উল্লেখ্য, এর আগে ২০১৭ সালে তৎকালীন প্রধান বিচারপতি গীতা মিত্তালের (gita mittal) নেতৃত্বাধীন কলেজিয়ামও বিচারপতি হিসেবে সৌরভের নাম সুপারিশ করেছিল। ইতিমধ্যেই ২০১৮ সালের ৬ সেপ্টেম্বর ভারতীয় দণ্ডবিধির ৩৭৭ নম্বর ধারাটি খারিজ করে দিয়েছে শীর্ষ আদালত। ৩৭৭ ধারায় সমকামকে অপরাধ হিসেবে গণ্য করা হত। যে মামলায় শীর্ষ আদালত ওই রায় দিয়েছিল তার অন্যতম আইনজীবী ছিলেন সৌরভ কৃপাল। এর আগে ২০১৯ সালের জানুয়ারি এবং এপ্রিলে এবং ২০২০-র অগাস্ট মাসে কৃপালকে বিচারপতি হিসেবে নিয়োগের সিদ্ধান্ত স্থগিত রেখেছিল কলেজিয়াম। তবে ২০১৯ সালের ১৯ মার্চ দিল্লি হাইকোর্টের ৩১ জন বিচারপতি সর্বসম্মতিক্রমে সৌরভকে সিনিয়র অ্যাডভোকেট হিসেবে পদোন্নতিতে সায় দিয়েছিলেন।

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p style=”text-align: justify;”>উল্লেখ্য, অক্সফোর্ড এবং কেমব্রিজ বিশ্ববিদ্যালয় থেকে আইন নিয়ে পড়াশোনা করেছেন সৌরভ। তাঁর বাবা বি এন কৃপাল একসময় ভারতের প্রধান বিচারপতি (chief justice) ছিলেন।

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