Himachal pradesh – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 26 Sep 2024 10:57:43 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Himachal pradesh – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 UP के बाद HP ने भी भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने का दिया निर्देश https://ekolkata24.com/top-story/after-up-hp-also-instructed-restaurants-to-write-the-names-of-owners Thu, 26 Sep 2024 10:57:43 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49777 नई दिल्ली: कांग्रेस के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी खाद्य विक्रेताओं और  भोजनालयों को ‘पारदर्शिता’ बढ़ाने का हवाला देते हुए मालिकों के नाम और पते लिखने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह निर्णय मंगलवार को राज्य के शहरी विकास और नगर निगम की बैठक के दौरान लिया गया, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में घोषणा की।

पठानिया ने कहा, ‘हिमाचल में हर रेस्तरां और फास्ट फूड आउटलेट को मालिक की पहचान बताना अनिवार्य होगा ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए शहरी विकास और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी किए गए हैं।’

आदेश के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति में मंत्री विक्रमादित्य सिंह और अनिरुद्ध सिंह शामिल हैं।

जिस बैठक में यह फैसला लिया गया, वह विक्रमादित्य सिंह के कार्यालय में हुई थी और इसे राज्य की स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी को अंतिम रूप देने के लिए बुलाया गया था, जो शिमला की संजौली मस्जिद से संबंधित 11 सितंबर के विवाद के बाद से सुर्खियों में है। इस महीने की शुरुआत में हुए उक्त सांप्रदायिक तनाव के पीछे अलग-अलग समुदायों के दो दुकानदारों के बीच लड़ाई थी।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस वर्ष 15 दिसंबर तक नीति को अंतिम रूप दिए जाने के पश्चात सभी स्ट्रीट वेंडर अपने पहचान पत्र तथा वेंडिंग लाइसेंस प्रदर्शित करेंगे। विक्रमादित्य ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में हमारे राज्य में अशांति थी। हमारे निर्णय किसी अन्य राज्य द्वारा प्रेरित नहीं हैं. सभी विक्रेताओं के लिए पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा – चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या किसी अन्य समुदाय से हों। राज्य में वेंडिंग जोन, वेंडिंग नीति बनाने के लिए उच्च न्यायालय से हमें निर्देश मिले हैं. हाल ही में हुई अशांति एक मजबूत वेंडिंग नीति की न होने से जुड़ी हुई थी।’

यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए इसी तरह के निर्देश के बाद आया है। सबसे पहले जुलाई में कांवड़ यात्रा से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले को उठाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस विवादास्पद कदम पर रोक लगा दी, जिसे कई लोगों ने सांप्रदायिक पहचान और भेदभाव का एक स्पष्ट कृत्य माना था।

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने यूपी में पिछले दो हफ्तों में कम से कम चार घटनाओं के मद्देनजर इसे फिर से आगे बढ़ाया है, जहां फूड स्टॉल स्टाफ या जूस सेंटर पर कथित तौर पर जूस और रोटियों को मानव मल या थूक से दूषित करने का आरोप लगाया गया था।

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शिमला में मस्जिद की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज https://ekolkata24.com/top-story/lathicharge-on-protesters-moving-towards-the-mosque-in-shimla Wed, 11 Sep 2024 07:33:11 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49532 शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच हिंदू संगठनों ने आज बड़ा विरोध प्रदर्शन बुलाया और प्रदर्शनकारियों ने इकट्ठा होकर ढली टनल पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उसके पसीने छूट गए. आखिरकार प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी।

प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा है और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। प्रदर्शनकारी मस्जिद की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें नियंत्रित करने में कुछ हद तक कामयाब हुई है। प्रदर्शनकारियों को मौके से खदेड़ा गया है, लेकिन कुछ ही दूर पर उनका विरोध प्रदर्शन जारी है।

दरअसल, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर टनल में चेकिंग के बाद केवल आम लोगों को पैदल आने जाने की अनुमति दी थी। संजौली की ढली टनल को पूरी तरह बंद कर दिया गया था, ताकि कोई भी प्रदर्शनकारी अंदर न जा सके। वहीं, टनल के पास पेट्रोल पंप के सामने प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया है।
मामले में बीती सुनवाई के बाद 5 अक्टूबर की तारीख मिली है। संजौली में शांति व्यवस्था के मद्देनजर पूरे इलाके में बुधवार की सुबह 7 बजे से धारा 163 लागू कर दी गई, जिसके बाद पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई थी।

संजौली इलाके में मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘स्थिति बिल्कुल साफ है। सभी को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है और सरकार ने भी यह कहा है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए जिससे वहां की शांतिपूर्ण स्थिति प्रभावित हो। इसलिए पुलिस ने एहतियाती कदम उठाए हैं। इलाके में धारा 163 लगा दी गई है और इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, ताकि ऐसी कोई स्थिति न आए जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठें।

जहां तक ​​उस अवैध ढांचे के निर्माण का सवाल है, मामला न्यायालय में विचाराधीन है, सुनवाई के बाद सरकार फैसला लेगी। हमने साफ तौर पर कहा है कि अगर यह अवैध पाया गया तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी और इसे गिराया जाएगा, लेकिन यह ऐसा कदम है जो नगर आयुक्त का आदेश आने के बाद उठाया जाएगा, उससे पहले कार्रवाई करना ठीक नहीं होगा।’

इससे पहले हिंदू संगठनों ने बड़े प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। प्रदर्शन को लेकर शिमला एसपी ने कहा था, ‘हमने BNSS 163 के तहत प्रक्रियाओं को लागू किया है। सब कुछ नॉर्मल है और लोग अपने स्कूलों और ऑफिस जा रहे हैं। एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात कर दी गई है। हम ड्रोन से भी निगरानी कर रहे हैं। अगर कोई कानून का उल्लंघन करता है तो हम ऐसे लोगों के खिलाफ सबूत जुटाएंगे। हिमाचल के लोग शांतिप्रिय लोग हैं। इसलिए अगर लोग जुटते भी हैं तो यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा।’

वहीं, आज सदन के अंदर कानून व्यवस्था को लेकर शिमला शहरी विधायक हरीश जनार्दन ने इस पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत चर्चा मांगी और सदन में प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बनाने रखने के निर्देश दिए. जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के ही मंत्री ने अपनी जन्म भावनाएं सदन में उठाई थी और उसके बाद कांग्रेस हाई कमान के पास ही मामला पहुंचा तो अब मंत्री को हटाने की बात कर रहे हैं इस पर मुख्यमंत्री भी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला जन भावनाओं से जुड़ा है और इसको लेकर कल शिमला में हिंदू समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे में सरकार को भी इसे शांतिपूर्ण तरीके से हैंडल करना चाहिए. उन्होंने लोगों से भी प्रदर्शन शांतिपूर्ण करने की अपील की। साथ ही जो अवैध निर्माण हुआ है उसे भी तोड़ने को लेकर कार्रवाई करने की सरकार से मांग उठाई।

प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी काम कानून के दायरे में रहकर ही होंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला किसी एक खास भवन से जुड़ा हुआ नहीं है. पूरे प्रदेश में अवैध निर्माण पर सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि संजौली मस्जिद का मामला संवेदनशील है. मामला अभी नगर निगम अदालत में चल रहा है दोनों पक्षों ने जवाब दिए हैं मामले पर जल्द फैसला आएगा।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह मामला स्ट्रीट वेंडर के मामले से शुरू हुआ था। इस बारे में पार्षद और कई संगठनों के लोग मुख्यमंत्री से भी मिले थे और प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी में संशोधन की मांग की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूरे मामले पर गंभीर है। बाहर से आना वाला व्यक्ति हो या प्रदेश का ही किसी भी घर दुकान में काम करने वाले व्यक्ति का वेरिफिकेशन जरूरी है। इसको लेकर सब कमेटी भी बनाई गई है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है। प्रदेश में सभी काम कानून के दायरे में रहकर ही किए जाने चाहिए।

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हिमाचल बाढ़ पीड़ित की दर्द “पूरा गांव बह गया सिर्फ मेरा घर बचा, अब किसके साथ रहूं “ https://ekolkata24.com/top-story/the-pain-of-himachal-flood-victims Sat, 03 Aug 2024 07:50:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49208 शिमला: हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना गहरे जख्म दे गई है। किसी ने अपना परिवार खोया दिया है, तो किसी ने अपना पूरा गांव ही खो दिया। ये दर्द भरी दास्तां शिमला जिला के रामपुर के समेज की हैं। इस दौरान रामपुर समेज की अनिता देवी ने बताया कि सिर्फ पूरे गांव में मेरा घर ही बचा है। बाकी सब कुछ मेरे सामने बह गया। फुट- फुटकर रोते हुए अनिता ने बताया कि बुधवार की रात को मैं अपने परिवार के साथ सो रही थी। धमका सा हुआ और पूरा घर हिल गया। कुछ लोग भाग कर हमारे घर आए बाहर देखा तो पूरा गांव बह गया था। हम घर छोड़कर गांव के भगवती काली माता मंदिर चले गए और पूरी रात वहां बिताई।

समेज गांव के बुजुर्ग बक्शी राम ने आंसू भरी आंखों से कहा कि मेरे परिवार के 14 से 15 सदस्य बाढ़ में बह गए। देर रात 2 बजे घटना की जानकारी मिली। समेज में बाढ़ आई में रामपुर में था। इसलिए बच गया। सुबह 4 बजे जब यंहा पहुंचा तो सब कुछ खत्म था। अब अपनों को तलाश रहा हूं।

रामपुर के समेज में राहत बचाव कार्य अभी भी जारी है। भारतीय सेना समेज ने यहां एक अस्थायी पुल का निर्माण किया है। CISF हेड कांस्टेबल राजेश कुमार ने बताया, “दो दिन पहले यहां हुई त्रासदी के बाद हम घरों में फंसे सामान को निकाल रहे हैं। अभी तक यहां कोई हताहत नहीं हुआ है।”

बता दें बुधवार रात राज्य के तीन जिलों- कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फट गया था। जिसके बाद अचानक बाढ़ आ गई। इस हादसे में अभी तक 8 लोगों की मौत हुई है। जबकि इन तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद से 49 लोगों लापता हैं। 

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हिमाचल के तोष में फटा बादल से पुल समेत दुकानें और शराब का ठेका बहा https://ekolkata24.com/top-story/cloudburst-in-himachals-tosh-swept-away-shops-and-liquor-shops Tue, 30 Jul 2024 05:26:25 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49151 कुल्लू : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश  का दौर अब शुरू हो गया है। मनाली में बीते कुछ दिन पहले फ्लैश फ्लड के बाद अब कुल्लू के मणिकर्ण में भी अब फ्लैश फ्लड आया है। मणिकर्ण के तोष में बादल फटा है और दुकानें और होटल को नुकान पहुंचा है। हालांकि, किसी भी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है।

उधर, पलचान के पास लेह मनाली हाईवे फिर से बंद हो गया है। यहां पर भारी बारिश के बाद हाईवे पर पानी और मलबा आ गया है। यहां पर अंजनी महादेव नाले में फिर से जलस्तर बढ़ा और नाले ने अपना रास्ता बदल लिया और फिर हाईवे के ऊपर से पानी बहने लगा। अब बीआरओ की मशीनरी मौके पर मलबा हटाने में जुटी हुई थी और अब दस बजे के करीब हाईवे को बहाल कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के तोष गांव में नाले में फ्लैश फ्लड आया। पहाड़ों में भारी बारिश की वजह से नाले में बाढ़ आ गई और फिर अस्थाई शेड्स, दुकानें, और शराब का ठेका बह गया है। मंगलवार रात 2 बजे के करीब बारिश हुई है और फिर तोष नाले में बाढ़ आ गई।

डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीम मौके पर नुक्सान का आंकलन के लिए भेजी है। वहीं, ग्रामीण किशन ने बताया कि पूर्व उपप्रधान के होटल को नुकसान पहुंचा है और साथ ही एक शख्य की दो दुकानें फ्लैश फ्लड में बहीं हैं। उन्होंने बताया कि मणिकर्ण में आसपास कहीं बारिश नहीं हुई है। केवल तोष में बारिश के बाद फ्लैश फ्लड आय़ा है।

इससे पहले, बीते सप्ताह मनाली के सोलांग नाला में फ्लैश फ्लड आया था और फिर पलचान गांव में तीन घरों को नुकसान पहुंचा था। वहीं, रविवार को भी मनाली के पलचान में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा था और चार घरों को खाली किया गया था। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 1 और दो अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

उधर, लेह मनाली हाईवे एक बार फिर से बंद हो गया है। यहां पर भारी बारिश के चलते हाइवे पर मलबा, पत्थर और पानी आ गया है। फिलहाल, लाहौल में इन दिनों गोभी का सीजन चल रहा है और ऐसे में किसान बागवानों को परेशानी हो रही है।

 

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भारतीय पर्वतारोहियों ने पीर पंजाल रेंज में गुप्त पर्वत को फतह किया https://ekolkata24.com/uncategorized/indian-climbers-conquer-secret-mountain-in-pir-panjal-range Wed, 26 Jun 2024 08:17:20 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48580 कोलकाता :पश्चिम बंगाल के नौ पर्वतारोहियों की एक टीम ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले के पीर पंजाल रेंज में 5,988 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक चोटी ‘गुप्त पर्वत’ को फतह किया। इस चोटी पर इससे पहले कोई भी पर्वतारोही पहुंचने में सफल नहीं हुआ था। पर्वतारोहण टीम के क्लब ने यह जानकारी दी।

पर्वतारोहियों ने बताया कि इस पर्वत का नाम इसकी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण पड़ा है। यह चोटी हिमालय पर्वतमाला की अन्य चोटियों के बीच अदृश्य है, जिसके कारण इसकी तस्वीर लेना भी लगभग असंभव है।

कोलकाता के दक्षिण में बाहरी इलाके सोनारपुर में स्थित पर्वतारोहियों के क्लब सोनारपुर आरोही द्वारा संचालित तथा पर्वतारोही रूद्र प्रसाद हलदर के नेतृत्व में टीम लगभग आठ घंटे की चढ़ाई के बाद सुबह करीब 8.45 बजे गुप्त पर्वत की चोटी पर पहुंची।

इस टीम में विश्व के सबसे युवा पर्वतारोही और प्रत्येक महाद्वीप की सात चोटियों तथा सात ज्वालामुखी चोटियों पर चढ़ने वाले भारत के पहले शख्स सत्यरूप सिद्धांत शामिल थे तथा इसमें एक महिला सदस्य दीपोश्री पॉल भी शामिल थीं।

यह टीम तीन जून को कोलकाता से माउंट शिकार बेह (6,200 मीटर) और गुप्त पर्वत की चोटी पर चढ़ने के दोहरे लक्ष्य के साथ रवाना हुई थी, लेकिन पता चला कि जब पर्वतारोही चोटी पर जाने के लिए रास्ता बनाने में सफल हो गए, तभी हिमस्खलन के कारण महत्वपूर्ण चढ़ाई उपकरण नष्ट हो गए, जिसके कारण उन्हें शिखर पर चढ़ने की उम्मीद छोड़नी पड़ी।

इसके बाद टीम ने गुप्त पर्वत को फतह करने पर ध्यान केंद्रित किया। पर्वतारोहण सहायता दल के सदस्य दीपांजन दास ने बताया, ‘‘टीम ने 5,285 मीटर की ऊंचाई पर शिविर स्थापित किया और पर्वत के पश्चिमी हिस्से के माध्यम से चोटी तक पहुंचने की योजना बनाई। पिछले तीन दिन से लगातार बर्फबारी के कारण पर्वतारोही चोटी तक पहुंचने के लिए समय का इंतजार कर रहे थे। आखिरकार उन्होंने 25 जून को तड़के एक बजे शिखर पर चढ़ने की योजना बनाई।’’

अंतिम सूचना मिलने तक, पर्वतारोही सफलतापूर्वक शिविर तक उतर चुके थे और आगे शिविर-एक की ओर जाने की योजना बना रहे थे।

सत्यरूप की मां गायत्री सिद्धांता (70) ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैं आज उन सबकी उपलब्धि से खुश हूं। लेकिन उससे भी अधिक, मुझे इस बात से बहुत राहत मिली है कि चोटियों पर कई मुश्किलों का सामना करने के बावजूद टीम के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।’’

क्लब की वेबसाइट पर बताया गया है कि सोनारपुर आरोही क्लब के सदस्यों की उपलब्धियों में माउंट एवरेस्ट पर उसके उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ से चढ़ाई, पूर्वी भारत में माउंट कंचनजंघा पर चढ़ाई से लेकर पश्चिमी क्षेत्र में कच्छ के रण, ट्रांस-हिमालयी साइकिलिंग अभियान और अफ्रीका में माउंट किलिमंजारो की चोटी तक साइकिलिंग अभियान शामिल हैं।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिल्ली को मिलेगी राहत https://ekolkata24.com/uncategorized/delhi-will-get-relief-from-the-decision-of-the-supreme-court Thu, 06 Jun 2024 07:32:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48003 नई दिल्ली :  दिल्ली जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक अतिरिक्त जल छोड़ने का निर्देश दिया और कहा कि हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए अतिरिक्त पानी के प्रवाह को हरियाणा सुगम बनाने का काम करे।

दिल्ली जल संकट पर सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। कोर्ट की ओर से हिमाचल प्रदेश को सात जून को अतिरिक्त जल छोड़ने का निर्देश दिया गया है, साथ ही उसे हरियाणा को पहले इसकी जानकारी देनी होगी।

न्यायमूर्ति पी के मिश्रा और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है और वह उसके पास उपलब्ध अतिरिक्त जल छोड़ने को तैयार है।
पीठ की ओर से निर्देश दिया गया कि हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए अतिरिक्त जल के प्रवाह को हरियाणा सुगम बनाए रखने में मदद करे ताकि जल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच सके।

पीठ की ओर से निर्देश दिया गया कि हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए अतिरिक्त जल के प्रवाह को हरियाणा सुगम बनाए रखने में मदद करे ताकि जल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच सके। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तारीख तय की है।

बता दें कि शीर्ष अदालत दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में हरियाणा को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को उपलब्ध कराया जाने वाला अतिरिक्त जल छोड़े ताकि राजधानी में जारी जल संकट को कम किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र, बीजेपी शासित हरियाणा और कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश को पक्षकार बनाने का काम किया गया था, साथ ही कहा गया है कि जीवित रहने के लिए पानी जरूरी है और यह बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है।

 

 

 

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कर्नाटक और हिमाचल के समय ज्ञान कहां गायब था: अधीर https://ekolkata24.com/uncategorized/where-was-the-knowledge-missing-during-the-time-of-karnataka-and-himachal-adhir Mon, 04 Dec 2023 10:21:51 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46766 कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधानसभा चुनाव में हार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब भाजपा कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश चुनाव हार गई तो उनका ‘ज्ञान’ (सलाह) गायब हो गया। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले, पीएम मोदी ने विपक्ष को “हताशा निकालने” के बजाय छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हार से सबक लेने की सलाह दी। इसी को लेकर प्रधानमंत्री पर कांग्रेस की ओर से पलटवार किया गया है।इसके जवाब में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बेहतर होगा कि पीएम हमारे भविष्य के बारे में सोचना बंद कर दें। क्योंकि जब बीजेपी कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश हार गई तो सब ज्ञान गायब हो गया था।अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कुछ दिन पहले कर्नाटक-हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए थे उस समय मोदी जी का ज्ञान कहां था? वे समय-समय पर अपने ज्ञान निकालते हैं।मोदी ने सोमवार को विपक्षी दलों से आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का ‘गुस्सा’ ना निकालें बल्कि उससे सीख लेते हुए पिछले नौ सालों की नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ें, तभी उनके प्रति लोगों का नजरिया बदल सकता है।

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हिमाचल प्रदेश में पीएम मोदी सुरक्षाबलों के साथ मनाएंगे दिवाली https://ekolkata24.com/uncategorized/pm-modi-celebrates-diwali-with-soldiers-in-himachals-lepcha Sun, 12 Nov 2023 08:05:05 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46534 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुरक्षाबलों के साथ दिवाली मनाने के लिए रविवार को हिमाचल प्रदेश के लेप्चा पहुंचे। साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही मोदी दिवाली मनाने के लिए सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा करते आए हैं। सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे बहादुर सुरक्षाबलों के साथ दिवाली मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के लेप्चा पहुंचा।मोदी ने लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और कामना की कि यह त्योहार सभी के जीवन में खुशी, समृद्धि और अच्छी सेहत की सौगात लेकर आए। उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘सभी को दिवाली की शुभकामनाएं! यह विशेष त्योहार सभी के जीवन में खुशी, समृद्धि और अच्छी सेहत की सौगात लेकर आए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26 सेक्टर में होने वाली इस कार्यक्रम से पहले ही खुफिया एजेंसी की टीम में पहुंच चुकी है और क्षेत्र में सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

इस कार्यक्रम के संबंध में जमीन से लेकर आसमान तक पहनी नजर रखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय वायुसेना के जवानों की तैनाती भी की गई है।हर साल की तरह हिसाब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सीमा पर सैनिकों के साथ दिवाली मनाने वाले हैं। भारतीय सेवा या फिर प्रधानमंत्री ऑफिस की तरफ से संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन संभावना है की सेना की 191 ब्रिगेड के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर की शाम को दिवाली मनाते हुए दिखाई देंगे।

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সবকা সাথ সবকা বিকাশ মডেলে চলছে দেশ, হিমাচল প্রদেশের জনসভায় দাবি মোদীর https://ekolkata24.com/uncategorized/modi-demands-at-public-meeting-in-himachal-pradesh Mon, 27 Dec 2021 15:55:31 +0000 https://ekolkata24.com/?p=16836 প্রতিবেদন, ২০২২-এর শেষ দিকে হিমাচল প্রদেশ (himachal pradesh) বিধানসভা নির্বাচন। সেই নির্বাচনের দিকে তাকিয়ে সলতে পাকানোর কাজটি এখন থেকেই শুরু করে দিলেন প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী ( narendra modi)। সোমবার প্রধানমন্ত্রী হিমাচল প্রদেশের একাধিক প্রকল্পের শিলান্যাস করেন। এই প্রকল্পগুলির জন্য ব্যয় হচ্ছে ২৮ হাজার ১৯৭ কোটি টাকা।

এদিনই রাজ্যের জয়রাম (jairam thakur) ঠাকুরের নেতৃত্বাধীন বিজেপি সরকারের চার বছর পূর্তি হল। সরকারের ৪ বছর পূর্তিতে এই প্রকল্পগুলির শিলান্যাস করেন মোদি। একই সঙ্গে মুখ্যমন্ত্রীর নিজেদের জেলা মান্ডিতে (mandi) একটি মিছিলেও অংশগ্রহণ করেন প্রধানমন্ত্রী। ওই মিছিল শেষে এক জনসভায় ভাষণ দেন তিনি।

প্রধানমন্ত্রী এদিন মান্ডিতে একটি ১১ হাজার কোটি টাকার জলবিদ্যুৎ প্রকল্পের ভিত্তিপ্রস্তর স্থাপন করেন।
ওই অনুষ্ঠানে প্রধানমন্ত্রী বলেন, উন্নয়নের দুটি মডেল হয়। একটি হল ‘সবকা সাথ সবকা বিকাশ’। আর একটা হল ‘খুদ কা স্বার্থ পরিবার কী স্বার্থ’। তাঁর সরকার প্রথম মডেলটি অনুসরণ করে। এই মন্তব্যের মাধ্যমে মোদী যে কংগ্রেসকেই কটাক্ষ করেছেন সেটা রাজনৈতিক মহলের কাছে স্পষ্ট।

প্রধানমন্ত্রী এদিন এই পাহাড়ি রাজ্যের বাসিন্দাদের আশ্বাস দেন, পাহাড়কে প্লাস্টিক মুক্ত করার জন্য সব ধরনের উদ্যোগ নিয়েছে কেন্দ্র। প্লাস্টিকের জন্যই পাহাড়ের পরিবেশের প্রচুর ক্ষতি হচ্ছে। এটা মেনে নেওয়া যায় না।
প্রধানমন্ত্রী এ দিন সাওরা-কুদ্দু জল বিদ্যুৎ প্রকল্পের উদ্বোধন করেন। ১১১ মেগাওয়াট ক্ষমতা সম্পন্ন এই জলবিদ্যুৎ প্রকল্পটি তৈরিতে খরচ হয়েছে ২ হাজার ৮০ কোটি টাকা। একইসঙ্গে প্রধানমন্ত্রী এদিন রেনুকাজি বাঁধ প্রকল্পের ভিত্তিপ্রস্তর স্থাপন করেছেন। এই বাঁধের ফলে উত্তরপ্রদেশ, হরিয়ানা, পাঞ্জাব, উত্তরাখণ্ড, দিল্লিতে সেচের সুবিধা হবে।

রাজনৈতিক মহল মনে করছে, আগামী বছরের শুরুতেই পাঁচ রাজ্যের বিধানসভা নির্বাচনের দিকে তাকিয়ে প্রধানমন্ত্রী যেমন ঘনঘন ওই রাজ্যগুলিতে সফরে যাচ্ছেন, তেমনই এবার তাঁর হিমাচল প্রদেশের আসাও বাড়তে চলেছে। কারণ ২০২২- এর একেবারে শেষ দিকে এই পার্বত্য রাজ্যে বিধানসভা নির্বাচন। প্রধানমন্ত্রী চান না, এই পাহাড়ি রাজ্যটি বিজেপির হাতছাড়া হোক। যদিও কিছুদিন আগে এ রাজ্যের কয়েকটি বিধানসভা ও লোকসভা কেন্দ্রের উপ-নির্বাচনে বিজেপি অত্যন্ত খারাপ ফল করেছে। সে কারণে আগামী নির্বাচনের কথা মাথায় রেখে এখন থেকেই সেই ক্ষত মেরামতে উদ্যোগী হয়েছেন প্রধানমন্ত্রী।

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Modi in Himachal: একাধিক কর্মসূচি নিয়ে আজ হিমাচলে মোদী https://ekolkata24.com/uncategorized/pm-modi-to-launch-hydropower-projects-in-himachal-today Mon, 27 Dec 2021 05:52:00 +0000 https://ekolkata24.com/?p=16744 নিউজ ডেস্ক : আজ হিমাচল প্রদেশের মান্ডিতে প্রায় ১১ হাজার কোটি টাকার জলবিদ্যুৎ প্রকল্পের উদ্বোধন ও শিলান্যাস করবেন প্রধানমন্ত্রী। পাশাপাশি তিনি হিমাচল প্রদেশে আন্তর্জাতিক বিনিয়োগকারীদের সম্মেলনেও যোগ দেবেন।  

অনুমোদন মিললেও রেণুকাজি বাঁধ প্রকল্পের কাজ দীর্ঘ তিন দশক ধরে আটকে ছিল। এদিন ভিত্তিপ্রস্তর স্থাপন করবেন প্রধানমন্ত্রী। হিমাচল প্রদেশ, উত্তরপ্রদেশ, হরিয়ানা, পাঞ্জাব, উত্তরাখণ্ড ও দিল্লি – এই ৬ রাজ্যের মিলিত সহযোগিতায় এই প্রকল্পের কাজ শুরু করা হচ্ছে। ৭ হাজার কোটি টাকার খরচে তৈরি ৪০ মেগা ওয়াটের এই প্রকল্পে বিশেষভাবে উপকৃত হবে দিল্লি। এদিন একাধিক উদ্বোধনী ও ভিত্তি প্রস্থর স্থাপন অনুষ্ঠানের আগে প্রধানমন্ত্রী হিমাচল প্রদেশ গ্লোবাল ইনভেস্টর মিটে যোগ দেবেন। এই সম্মেলনের হাত ধরেই হিমাচলে প্রায় ২৮ হাজার কোটি টাকার বিনিয়োগ আসতে চলেছে।

অন্যদিকে, মঙ্গলবার তিনি কানপুর মেট্রো রেল প্রকল্পের বাকি অংশের উদ্বোধন করবেন। বিনা-পাঙ্কি মাল্টিপ্রোডাক্ট পাইপলাইন প্রকল্পেরও উদ্বোধন করবেন এবং আইআইটি কানপুরের ৫৪ তম সমাবর্তন অনুষ্ঠানে যোগ দেবেন।

প্রধানমন্ত্রীর কার্যালয় (PMO) একটি বিবৃতিতে বলেছে, ‘শহরের মধ্যে যাতায়াতের গতি বাড়ানো প্রধানমন্ত্রীর অন্যতম কাজগুলির প্রধান ফোকাস। কানপুর মেট্রো রেল প্রকল্পের সম্পূর্ণ অংশের উদ্বোধন এই দিকে আরও একটি পদক্ষেপ। এই ৯ কিলোমিটার দীর্ঘ মেট্রোপথ আইআইটি (IIT) কানপুর থেকে মতি ঝিল পর্যন্ত সংযুক্ত করবে।’

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Uttarakhand: মৃত্যু উপত্যকা লামখাগা পাস, উদ্ধার ১২ পর্বতারোহীর দেহ https://ekolkata24.com/uncategorized/11-deadbody-recovered-from-uttarakhand-most-of-them-treakkers Sat, 23 Oct 2021 08:39:14 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8815 নিউজ ডেস্ক: হিমালয়ে প্রবল বৃষ্টি ও ভূমি ধসের কারণে উত্তরাখণ্ডের পরিস্থিতি ভয়াবহ। শনিবার সকালে লামখাগা পাস থেকে ১২ জনের দেহ উদ্ধার হয়েছে। এরা সবাই পর্বতারোহী। NDTV ও Indian Express এই তথ্য জানাচ্ছে। তবে সরকারিভাবে কিছু বলা হয়নি।

উত্তরাখণ্ড ও হিমাচলের বিভিন্ন জায়গায় আটকে পড়া মানুষকে উদ্ধারের কাজে বায়ুসেনা, দুই রাজ্যের বিপর্যয় মোকাবিলা বাহিনী ও আইটিবিপি জওয়ানরা।

উদ্ধারকারীদের আশঙ্কা, প্রবল তুষার ধসে বহু অভিযাত্রীর দেহ পাহাড়ের খাদে গড়িয়ে পড়েছে। নিখোঁজ ব্যক্তিদের উদ্ধারে কাজ করছে বায়ুসেনার অ্যাডভান্সড লাইট হেলিকপ্টার।

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শুক্রবার পশ্চিমবঙ্গের ট্রেকারের দেহ উদ্ধার হয়েছিল। উত্তরাখণ্ডের দুর্গম এলাকাগুলির মধ্যে অন্যতম লামখাগা পাস। সেখানে ১৭ জনের একটি দল ট্রেকিং করতে গিয়েছিল। ১৬ অক্টোবর থেকে উত্তরাখণ্ডে প্রবল প্রাকৃতিক বিপর্যয় শুরু হয়। সেই প্রাকৃতিক দুর্যোগে ধস নামে লামখাগা পাসে। ধসের কারণে ১৭ জনের দলটি নিখোঁজ হয়ে যায়।

সেই নিখোঁজ ট্রেকারদের উদ্ধার করতে বায়ুসেনার হেলিকপ্টার ১৯৫০০ ফুট উচ্চতা পর্যন্ত নেমে এসে তল্লাশি চালায়। শেষ পর্যন্ত শুক্রবার সন্ধ্যার দিকে বরফের মধ্যে ১১ জনের দেহ পড়ে থাকতে দেখা যায়। এখনও বেশ কয়েকজন ট্রেকার, গাইড এবং পোর্টারের খোঁজ নেই।

জাতীয় বিপর্যয় মোকাবিলা দলের অনুমান, নিখোঁজ যাত্রীরা ১৭ হাজার ফুট উচ্চতায় আটকে আছে। তাদের উদ্ধারের জন্য বায়ুসেনার বিমান পাঠানো হয়েছে।

শনিবার সকাল পর্যন্ত ভূমি ধসে শতাধিক পর্যটক আটকে আছেন বলে খবর মিলেছে। যার মধ্যে পশ্চিমবঙ্গের বাসিন্দা ২০ জনের বেশি। অন্যরা বিভিন্ন রাজ্যের বাসিন্দা।

গত কয়েক দিনের প্রবল বৃষ্টি ও ভূমি ধসের কারণে উপড়ে পড়েছে টেলিফোন ও বিদ্যুতের খুঁটি। ফলে বেশীরভাগ এলাকাতেই বিদ্যুৎ ও মোবাইল সংযোগ বিচ্ছিন্ন হয়ে গিয়েছে। রানিক্ষেত, আলমোড়া, পিথোরাগড়, নৈনিতাল, যোশিমঠের মত বহু এলাকার সঙ্গে যোগাযোগ বিচ্ছিন্ন হয়ে গিয়েছে। ওই সমস্ত এলাকায় জরুরি পরিষেবাও মিলছে না।

একাধিক বাড়িঘর ভেঙে ধ্বংসস্তূপে পরিণত হয়েছে। উদ্ধারকারীদের আশঙ্কা, ওই সমস্ত ধ্বংসস্তূপের মধ্যে বেশকিছু মানুষ আটকে থাকতে পারেন। যাঁদের জীবিত অবস্থায় বের করে আনার সম্ভাবনা ক্রমশই কম

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Uttarakhand: হিমালয়ের খাঁজে খাঁজে দুরন্ত পর্বতারোহীদের দেহ উদ্ধার, অনেকে নিখোঁজ https://ekolkata24.com/uncategorized/bodies-of-some-bengali-treakers-rescued Sat, 23 Oct 2021 04:10:17 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8791 নিউজ ডেস্ক: বিপর্যয় কাটার পর আসছে দু:সংবাদ। উত্তরাখণ্ড ও হিমাচলে পর্বতাভিজান করতে গিয়ে প্রাকৃতিক দুর্যোগের কবলে পড়ে মৃত পর্বতারোহীদের বেশিরভাগই পশ্চিমবঙ্গের।

পাহাড়ি এলাকা থেকে শুক্রবার পর্যন্ত অন্তত ৭ জনের দেহ উদ্ধার করা হয়েছে। দেরাদুন থেকে কফিনে সেই দেহগুলি পাঠানো হবে কলকাতায়। তবে এখনও ৫ পর্বতারোহী নিখোঁজ। আশঙ্কা বাড়ছে খারাপ খবরের।

উত্তরাখণ্ড ও হিমাচল প্রদেশ দুই রাজ্যের মধ্যে ছড়িয়ে থাকা হিমালয়ের দুর্গম গিরিখাত, হিমবাহ, পর্বত শীর্ষ ও পাহাড়ি পথ ধরে অভিযান চলে। করোনা সংক্রমণ কারণে দীর্ঘদিন সেসব বন্ধ ছিল। উৎসবের ঠিক আগে সংক্রমণ হার কমতেই পশ্চিমবঙ্গের পর্বতারোহীরা নেশার টানে পৌঁছে গিয়েছিলেন। এর পরেই শুরু হয় হিমালয়ে প্রাকৃতিক দুর্যোগ।

পড়ুনUttarakhand: দুর্গম সুন্দরডুঙ্গার খাঁজে পড়ে আছে ৪ বাঙালি পর্বতারোহীর দেহ

প্রকৃতির রোষে হিমাচল প্রদেশ, উত্তরাখণ্ড, পশ্চিমবঙ্গের পার্বত্যাঞ্চল ও সিকিমের বিস্তির্ণ অঞ্চল লন্ডভণ্ড। এই পরিস্থিতিতে উত্তরাখণ্ড ও হিমাচলের অংশে পর্বতারোহণ, অভিযানকারী দলগুলি সরাসরি পড়ে গিয়েছিল।

আরও পড়ুন:Uttarakhand: ৫ বাঙালি ট্রেকারের কফিনবন্দি দেহ আনার প্রস্তুতি, অভিযাত্রী মহল শোকাচ্ছন্ন

উত্তরাখণ্ডের হরশিল থেকে হিমাচল প্রদেশের ছিটকুলের পথে যাওয়া পর্বতারোহীদের মধ্যে এখনও পর্যন্ত সর্বাধিক মৃত। তবে উত্তরাখণ্ডেরই আরও একটি দুর্গম পথ সুন্দরডুঙ্গাতে কয়েকজন বাঙালি পর্বতারোহী মারা গিয়েছেন। এই পথেই আরও কিছু পর্বতারোহী নিখোঁজ এখনও।

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