IIT Kanpur – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 28 Nov 2024 18:25:14 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png IIT Kanpur – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 गंगा का पानी पीने लायक, आईआईटी कानपुर ने दी हरी झंडी https://ekolkata24.com/top-story/ganga-water-fit-for-consumption-in-some-parts-iit-kanpur-finds Thu, 28 Nov 2024 18:24:26 +0000 https://ekolkata24.com/?p=50369 गंगोत्री से ऋषिकेश तक गंगा के कुछ हिस्सों का पानी (Ganga water) अब भी पीने योग्य है। आईआईटी कानपुर द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन ने इस तथ्य की पुष्टि की है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई क्षेत्रों में गंगा के पानी को पीने के लिए अनुपयुक्त बताया है।

गंगा जल की गुणवत्ता पर रिपोर्ट
आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के अनुसार, गंगोत्री से ऋषिकेश के बीच गंगा का पानी अभी भी स्वच्छ है और पीने योग्य है। वैज्ञानिकों ने इस हिस्से में पानी की गुणवत्ता का गहराई से अध्ययन किया और इसे सुरक्षित पाया। पानी में घुलित ऑक्सीजन (DO), बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD), और कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा मानकों के दायरे में है।

गंगा का बढ़ता प्रदूषण
गंगा भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक है, लेकिन लगातार बढ़ते औद्योगिक कचरे और मानवजनित प्रदूषण के कारण इसका पानी कई जगहों पर बेहद दूषित हो गया है। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में गंगा का पानी पीने और स्नान के लिए अनुपयुक्त हो गया है। विशेष रूप से कानपुर, प्रयागराज, और वाराणसी में पानी की स्थिति चिंताजनक है।

गंगा को साफ रखने की पहल
सरकार गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए “नमामि गंगे” परियोजना जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस परियोजना का उद्देश्य गंगा के पानी को फिर से स्वच्छ और पीने योग्य बनाना है। आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट इन प्रयासों को बल प्रदान करती है और दिखाती है कि सही कदमों से गंगा का पानी पीने योग्य बनाया जा सकता है।

गंगा का धार्मिक और सामाजिक महत्व
गंगा नदी भारत के लाखों लोगों की जीवनरेखा है। यह न केवल जल आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि इसका गहरा धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी है। गंगा की सफाई और संरक्षण से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि भारतीय समाज के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी बनाए रखा जा सकेगा।

आगे का रास्ता
आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट इस बात की उम्मीद जगाती है कि गंगा के अन्य हिस्सों को भी सही प्रयासों और तकनीकी उपायों से प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है। गंगोत्री से ऋषिकेश तक का हिस्सा इस बात का उदाहरण है कि यदि प्रयास किए जाएं तो गंगा को फिर से पूरी तरह स्वच्छ बनाया जा सकता है।

सरकार और जनता को मिलकर गंगा के प्रदूषण को कम करने के लिए काम करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी गंगा के स्वच्छ जल का लाभ उठा सकें।

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IIT कानपुर के 57वें दीक्षांत समारोह में 2332 छात्रों को मिली डिग्रियां https://ekolkata24.com/uncategorized/2332-students-received-degrees-in-the-57th-convocation-of-iit-kanpur Sun, 30 Jun 2024 10:34:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48698 कानपुर: आईआईटी कानपुर का 57वां दीक्षांत समारोह आज संपन्न हुआ। इस दौरान छात्र-छात्राओं में गजब का जोश और उत्साह देखने को मिला। छात्र-छात्राएं अपनी डिग्रियां और मेडल प्रकार खुशी से उछल पड़े। बता दें कि विभिन्न विषयों में 2332 स्नातकों की डिग्रियां कन्वोकेशन सेरेमनी में बच्चों को दी गई है। इस दौरान आईआईटी कानपुर की ही पूर्व छात्र और ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष प्रोफेसर ज्योति वाई मूर्ति विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंची थी।

आईआईटी कानपुर के 57वें दीक्षांत समारोह में 2332 स्नातक डिग्रियां बच्चों को दी गई। 882 बीटेक की डिग्री हासिल करने वाले छात्र-छात्राएं शामिल थे। इसके साथ ही अन्य प्रोग्राम में बच्चों को डिग्रियां दी गई हैं।

वहीं, एकेडमिक में सबसे बेहतर परफॉर्म करने वाले छात्रों को विशेष मेडल दिए गए, जिसमें आईआईटी कानपुर के सर्वश्रेष्ठ मेडल की बात की जाए तो प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस के छात्र कुंवर प्रीत सिंह को मिला है। इसके साथ ही विप्लव पटेल को डायरेक्ट गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। वह इलेक्ट्रिकल व केमिकल इंजीनियरिंग में दोहरी डिग्री हासिल करने वाले छात्र हैं।

वहीं, प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र कुंवर प्रीत सिंह ने कहा कि आईआईटी कानपुर एक मैजिकल प्लेस है। यहां तनाव बिल्कुल नहीं है। हर छात्र के पास खुद की स्वतंत्रता है और बच्चे यहां पर खुलकर पढ़ सकते हैं. वह अपने जीवन और करियर को बेहतर बना सकते हैं।

वहीं, दीक्षांत समारोह में आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी कानपुर से पढ़ाई करना ही विद्यार्थियों के लिए एक मील के पत्थर के समान है। उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान के छात्र बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। देश-दुनिया में आईआईटी कानपुर के छात्रों को लोहा माना गया है।

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IIT Kanpur: চার কেজির হেলিকপ্টারই ভারতীয় সেনাকে দেবে শত্রুদের খোঁজ https://ekolkata24.com/offbeat-news/iit-kanpur-made-a-4kg-helicopter-to-help-indian-army Sun, 31 Oct 2021 09:47:35 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9812 News Desk, New Delhi: মাত্র চার কেজির হেলিকপ্টার, তা দিয়েই শত্রুদের খুঁজে বার করতে পারবে ভারতীয় সেনা। এমন এক যন্ত্র বানিয়েছে আইআইটি কানপুর।

আমরা সবাই জানি, আইআইটি কানপুর সবসময়ই নতুন কিছু করার, ভিন্ন কিছু এবং অনন্য কিছু করার ক্ষেত্রে এগিয়ে আছে রয়েছে। সেখানকার ছাত্ররা দেশের অন্য পড়ুয়াদের থেকে সব সময়েই এক ধাপ এগিয়ে থাকে। জানা গিয়েছে, আইআইএটি কানপুরের ছাত্ররা সম্প্রতি আরও একটি নতুন জিনিস তৈরি করেছেন যা তাক লাগিয়ে দিয়েছে।

তারা এমন একটি হেলিকপ্টার তৈরি করেছে, যার সাহায্যে সেনাবাহিনীর যেকোনো কঠিন মিশন সহজেই সম্পন্ন করা যায়। বিশেষ বিষয় হল এই হেলিকপ্টারটি ভারতীয় সেনাবাহিনীর কথা মাথায় রেখেই তৈরি করা হয়েছে।
দাবি করা হয়েছে যে, লুকানো শত্রুদের খুঁজে বের করার পাশাপাশি, এই হেলিকপ্টারটি আরও অনেক উপায়ে ব্যবহার করা যেতে পারে, যেমন এটি মেডিকেল কিট এবং কঠিন সময়ে প্রয়োজনে উদ্ধারের জন্যও ব্যবহার করা যেতে পারে।

এই হেলিকপ্টারটির সবচেয়ে বড় এবং বিশেষ বিষয় হল এর ওজন মাত্র ৪ কেজি। তথ্য অনুসারে, এটি আইআইটি-এর অ্যারোস্পেস ইঞ্জিনিয়ারিং বিভাগের সিনিয়র বিজ্ঞানী অধ্যাপক অভিষেকের তত্ত্বাবধানে তৈরি করা হয়েছে।

টি লক্ষণীয় যে আইআইটি কানপুরের স্টার্টআপ ইন্ডোরএয়ার হেলিকপ্টারটি বেঙ্গালুরুতে অনুষ্ঠিত হতে যাওয়া এশিয়ার বৃহত্তম শো অ্যারো ইন্ডিয়া ২০২১-এ আকর্ষণের কেন্দ্রবিন্দু হবে। আইআইটি কানপুর নিজেই টুইটারে জানিয়েছে এই তথ্য।

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