IIT – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sun, 30 Jun 2024 10:34:08 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png IIT – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 IIT कानपुर के 57वें दीक्षांत समारोह में 2332 छात्रों को मिली डिग्रियां https://ekolkata24.com/uncategorized/2332-students-received-degrees-in-the-57th-convocation-of-iit-kanpur Sun, 30 Jun 2024 10:34:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48698 कानपुर: आईआईटी कानपुर का 57वां दीक्षांत समारोह आज संपन्न हुआ। इस दौरान छात्र-छात्राओं में गजब का जोश और उत्साह देखने को मिला। छात्र-छात्राएं अपनी डिग्रियां और मेडल प्रकार खुशी से उछल पड़े। बता दें कि विभिन्न विषयों में 2332 स्नातकों की डिग्रियां कन्वोकेशन सेरेमनी में बच्चों को दी गई है। इस दौरान आईआईटी कानपुर की ही पूर्व छात्र और ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष प्रोफेसर ज्योति वाई मूर्ति विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंची थी।

आईआईटी कानपुर के 57वें दीक्षांत समारोह में 2332 स्नातक डिग्रियां बच्चों को दी गई। 882 बीटेक की डिग्री हासिल करने वाले छात्र-छात्राएं शामिल थे। इसके साथ ही अन्य प्रोग्राम में बच्चों को डिग्रियां दी गई हैं।

वहीं, एकेडमिक में सबसे बेहतर परफॉर्म करने वाले छात्रों को विशेष मेडल दिए गए, जिसमें आईआईटी कानपुर के सर्वश्रेष्ठ मेडल की बात की जाए तो प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस के छात्र कुंवर प्रीत सिंह को मिला है। इसके साथ ही विप्लव पटेल को डायरेक्ट गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। वह इलेक्ट्रिकल व केमिकल इंजीनियरिंग में दोहरी डिग्री हासिल करने वाले छात्र हैं।

वहीं, प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र कुंवर प्रीत सिंह ने कहा कि आईआईटी कानपुर एक मैजिकल प्लेस है। यहां तनाव बिल्कुल नहीं है। हर छात्र के पास खुद की स्वतंत्रता है और बच्चे यहां पर खुलकर पढ़ सकते हैं. वह अपने जीवन और करियर को बेहतर बना सकते हैं।

वहीं, दीक्षांत समारोह में आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी कानपुर से पढ़ाई करना ही विद्यार्थियों के लिए एक मील के पत्थर के समान है। उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान के छात्र बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। देश-दुनिया में आईआईटी कानपुर के छात्रों को लोहा माना गया है।

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IIT ভর্তির জন্য পড়ুয়াকে সুপ্রিম কোর্টে আসতে হচ্ছে, লজ্জাজনক: বিচারপতি চন্দ্রচূড় https://ekolkata24.com/uncategorized/student-has-to-come-to-supreme-court-for-iit-admission-shameful-justice-chandrachur Tue, 23 Nov 2021 16:19:23 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12170 News Desk: আইআইটিতে (IIT) একজন ছাত্রকে ভর্তি হওয়ার জন্য সুপ্রিম কোর্টে (supreme court) ছুটে আসতে হচ্ছে, এর চেয়ে লজ্জাজনক আর কিছুই হতে পারে না। প্রিন্স জয়বীর সিং (joybeer sing) নামে ১৯ বছরের ওই ছাত্রকে ভর্তির জন্য ৪৮ ঘণ্টার মধ্যে একটি আসন বরাদ্দ করার জন্য আইআইটিকে (IIT) নির্দেশ দিলেন সুপ্রিম কোর্টের বিচারপতি ডি ওয়াই চন্দ্রচূড়। তিনি জানিয়েছেন, জয়বীরকে জায়গা করে দিতে গিয়ে ইতিমধ্যেই যে সমস্ত পড়ুয়া ভর্তি হয়েছে তাদের যেন কোনও সমস্যা না হয়।

উত্তরপ্রদেশের গাজিয়াবাদের দলিত পরিবারের ছেলে জয়বীর বম্বে আইআইটিতে সিভিল ইঞ্জিনিয়ারিং কোর্সের জন্য সে নির্বাচিত হয়েছিল। সময়মতো সে অ্যাকসেপ্টেন্স ফি বাবদ ১৫ হাজার টাকা অনলাইনে জমা দিতে পারেনি। দিদির কাছ থেকে টাকা জোগাড় করার পর যখন অনলাইনে জমা করতে যায় তখন ওয়েবসাইটে যান্ত্রিক ত্রুটির জন্য জয়বীর টাকা জমা করতে পারেনি। টাকা জমা দিতে না পেরে সে খড়গপুর আইআইটিতে আসে। কারণ সেখানেই কাউন্সেলিং চলছিল। কিন্তু সময় মত টাকা জমা করতে না পারায় জায়বীরকে জায়গা করে দিতে রাজি হয়নি আইআইটি।

এই সিদ্ধান্তকে চ্যালেঞ্জ জানিয়ে বম্বে হাইকোর্টে আবেদন করে জয়বীর। হাইকোর্ট তার আবেদন খারিজ করে দেয়। মরিয়া হয়ে সুপ্রিম কোর্টে ছুটে আসে জয়বীর। শেষ পর্যন্ত শীর্ষ আদালতের নির্দেশে আইআইটিতে ভর্তি হওয়ার সুযোগ পাচ্ছে এই মেধাবী ছাত্র।

বিচারপতি চন্দ্রচূড় রায় দিতে গিয়ে বলেন, ৪৮ ঘণ্টার মধ্যে আইআইটিকে জয়বীরের ভর্তির ব্যবস্থা করতে হবে। শুধুমাত্র ভর্তি হওয়ার জন্য একজন দলিত ছাত্রকে সুপ্রিম কোর্টে দৌড়ে আসতে হচ্ছে এটা কোনওভাবেই মেনে নেওয়া যায় না। একজন দরিদ্র ছাত্র সময় মত ফি দিতে না পেরে যদি ভর্তি হতে না পারে এবং সুপ্রিম কোর্টে তাকে খালিহাতে ফেরায় তাহলে বিচারের নামে প্রহসন হত। এটা কখনওই হতে পারে না।

সুপ্রিম কোর্টের নির্দেশ জানার পর জয়বীর বলেন, এবার তিনি ভর্তি হয়ে খোলা মনে পড়াশুনা করতে পারবেন। উল্লেখ্য সর্বভারতীয় তালিকায় জয়বীরের স্থান ছিল ২৫৮৯৪। অন্যদিকে তপসিলি জাতির ক্যাটাগরিতে ৮৬৪। তার বাবা দিল্লি পুলিশের একজন অধঃস্তন কর্মী। মেধাবি ছাত্রের স্বপ্ন প্রতিরক্ষা প্রযুক্তি বিশেষজ্ঞ হওয়া।

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