illness – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 30 Mar 2024 14:55:18 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png illness – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 Antonio Lopez Habas: चेन्नईयिन मैच से पहले लोपेज हाबास बीमार https://ekolkata24.com/sports-news/mohun-bagan-coach-antonio-lopez-habas-falls-ill-ahead-of-chennaiyin-match Sat, 30 Mar 2024 14:55:18 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47123 मोहन बागान (Mohun Bagan ) के प्रशंसकों के लिए बुरी खबर। बीमार कोच एंटोनियो लोपेज हबास (Antonio Lopez Habas)। वह बीमारी के कारण शनिवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नहीं थे।

मोहन बागान सुपर जाइंट्स रविवार शाम को इंडियन सुपर लीग मुकाबले में उतरने जा रहे हैं. कुछ घंटे बचे हैं. इससे पहले एंटोनियो लोपेज हाबास की शारीरिक बीमारी की खबर आई थी. मालूम हो कि मोहन बागान के स्पेनिश कोच कोलकाता की इस गर्मी से परेशान हैं.

हाबास के साथ वास्तव में क्या हुआ? जैसा कि लगता है, मोहन बागान सुपर जाइंट के अनुभवी कोच ने गर्मी पर काबू पा लिया है। सर्दी गर्मी से बुखार आ गया. लेकिन इसे कोई गंभीर बात नहीं माना जाता. अगर सब कुछ ठीक रहा तो आप मैच के दिन मैदान पर मौजूद रह सकते हैं. लेकिन चूंकि समय कम है इसलिए बिना जिद किए ही यह बात कह देना बेहतर है.

लोपेज़ हाबास की जगह उनके डिप्टी मैनुअल पेरेज़ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे. वह मुख्य कोच की अनुपस्थिति का कारण हैं।’ हाबास अभ्यास में मौजूद नहीं थे। हालाँकि मुख्य कोच अभ्यास में मौजूद नहीं हैं, मैनुअल पेरेज़ को चिंता का कारण नहीं दिखता। उनका मानना ​​है कि लड़के कुछ दिनों के अभ्यास से कल के मैच से पूरे अंक लेने में सफल रहेंगे.

हालांकि, मोहन बागान सुपर जाइंट्स चेन्नईयिन एफसी के खिलाफ मैच में सहल अब्दुल समद को मैदान में नहीं उतार पाएंगे। इसके अलावा टीम में और कोई समस्या नहीं है.’ दो हफ्ते के ब्रेक के बाद मोहन बागान मैदान पर वापस आ गया है. ब्रेक से पहले टीम लय में थी. ग्रीन मैरून ब्रिगेड कल पुरानी लय में खेलना चाहेगी.

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ওষুধকে উপেক্ষা করে এই দেশে চিকিৎসা হয় গায়ে আগুন জ্বালিয়ে https://ekolkata24.com/offbeat-news/fire-therapy-is-burning-up-in-china Thu, 09 Dec 2021 11:40:38 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=1811 নিউজ ডেস্ক: চিকিৎসার জন্য ঔষধ বা জরিবুটির কথা তো আমরা সবাই জানি। তবে কখনও শুনেছেন অসুস্থ মানুষকে সুস্থ করার জন্য গায়ে আগুন জ্বালিয়ে তার চিকিৎসা করা হচ্ছে। হ্যাঁ, ঠিকই শুনেছেন! চিনে ঠিক এমনই কিছু হয়। গায়ে আগুন লাগিয়ে চিকিৎসা করার পদ্ধতিকে চীন ‘ফায়ার থেরাপি’ নামে চেনে। প্রায় ১০০ বছরের বেশী সময় ধরে চীন চিকিৎসার জন্য এই থেরাপি ব্যবহার করে এসেছে।

চিনে একাধিক অসুখের চিকিৎসার জন্য এই ‘ফায়ার থেরাপি’ ব্যবহার করা হয়। এই পদ্ধতির মাধ্যমে যারা মানুষের চিকিৎসা করে থাকেন তাদের কে ঝাং ফেঙ্গাও বলা হয়। নিজেদের কাজের জন্য এরা যথেষ্ট বিখ্যাত। চীনের কিছু মানুষ ফায়ার থেরাপিকে খুবই গুরুত্বপূর্ণ চিকিৎসা হিসেবে মনে করে। চীনবাসীরা দাবি করে এই চিকিৎসার মাধ্যমে মানসিক অবসাদ, বদহজম থেকে নিয়ে ক্যান্সারের মতো অসুখের চিকিৎসা করা সম্ভব। আগুন দিয়ে চিকিৎসা করার এই পদ্ধতি চীনের প্রাচীনতম বিধি। এর মাধ্যমে শরীরে গরম এবং ঠান্ডার মাঝে সামঞ্জস্য বজায় রাখার ওপর জোর দেওয়া হয়।

বলা হয় ফায়ার থেরাপিতে অসুস্থ মানুষের পিঠে প্রথমে জরিবুটি দিয়ে তৈরি একটি প্রলেপ লাগানো হয়। তার ওপর একটা তোয়ালে দিয়ে ঢেকে দেওয়া হয় ।তারপরে এই তোয়ালের ওপর জল এবং অ্যালকোহল ছিটিয়ে দেয়া হয়। এরপর অসুস্থ মানুষটির শ্বরীরে আগুন দিয়ে দেওয়া হয়। তবে এই ‘ফায়ার থেরাপি’ কে নিয়ে বিভিন্ন সময়ে একাধিক প্রশ্ন উঠেছে ।এই প্রশ্নগুলির মধ্যে সব থেকে গুরুত্বপূর্ণ প্রশ্ন হল এই চিকিৎসা যারা করে থাকেন তাদের কাছে বৈধ কোন সার্টিফিকেট হয়েছে কিনা? বা বৈধ কোনও প্রশিক্ষণ তারা নিয়েছেন কিনা ?।এই ধরনের চিকিৎসা করার সময় যদি কোন দূর্ঘটনা ঘটে যায় তাহলে তার জন্য কি ধরনের সুরক্ষা ব্যবস্থা নেওয়া হয়ে থাকে?

এই বিষয় নিয়ে ঝাং ফিঙ্গাও বলে থাকেন একাধিকবার মানুষ এইভাবে চিকিৎসা করাতে গিয়ে আহত হয়েছেন। অনেক সময় অসুস্থ মানুষের শরীর এবং মুখের অন্যান্য জায়গা পুড়ে গেছে। কিন্তু এইগুলো সঠিক ভাবে ফায়ার থেরাপি ব্যবহার না করার কারণে হয়েছে বলে তারা দাবি করে থাকেন।ঝাং ফিঙ্গাও বলে থাকেন আমরা হাজার হাজার মানুষের ফায়ার থেরাপির মাধ্যমে চিকিৎসা করেছি। সঠিক পদ্ধতি জানা থাকলে এমন কোন দুর্ঘটনা হবে না বলেই দাবি করে থাকেন তারা।

ঝাং ফিঙ্গাওরা বলে থাকেন ‘ফায়ার থেরাপি’ মানব ইতিহাসের চতুর্থ বড় ক্রান্তি। এই থেরাপির মাধ্যমে চিনি এবং পশ্চিমে চিকিৎসার পদ্ধতিগুলিকে অনেক পিছনে ছেড়ে দিয়েছে। তাদের দাবি ভয়ঙ্কর কিছু অসুখের চিকিৎসার জন্য অনেক সময় মানুষ অর্থ ব্যয় করতে অসমর্থ হয়। সে ক্ষেত্রে ‘ফায়ার থেরাপি’ তাদের জন্য যথেষ্ট উপযোগী এবং তুলনামূলক অনেকটাই সাশ্রয়কর বলে দাবি করেন তাঁরা।

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