Implementation Timeline – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 21 Jun 2025 18:33:50 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Implementation Timeline – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बड़ी उम्मीद: 8th Pay Commission कब लागू होगा? https://ekolkata24.com/business/central-govt-employees-await-8th-pay-commission-implementation-timeline Sat, 21 Jun 2025 18:33:17 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51938 केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) चर्चा का एक प्रमुख विषय बन गया है। लगभग 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी इस आयोग की सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं, जो उनके वेतन, भत्तों और पेंशन संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। 16 जनवरी, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, इस आयोग के लागू होने की समयसीमा और सिफारिशों के बारे में अभी तक स्पष्टता नहीं है, जिससे कर्मचारियों में उत्साह के साथ-साथ अनिश्चितता भी बनी हुई है।

Read Bengali: 8th Pay Commission: কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মচারীদের বড় আশা, বেতন কমিশন কবে কার্যকর হবে?

आठवां वेतन आयोग कब लागू होगा?
सरकारी घोषणा के अनुसार, आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की उम्मीद है। लेकिन, विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, आयोग के गठन और इसकी सिफारिशों को अंतिम रूप देने में समय लग सकता है, जिसके चलते वेतन वृद्धि और पेंशन संशोधन 2027 की शुरुआत तक टल सकता है। वित्त मंत्रालय के व्यय सचिव मनोज गोविल ने कहा है कि आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने में 15 से 18 महीने लग सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आयोग अप्रैल 2025 में अपना काम शुरू करता है, तो अंतिम रिपोर्ट 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में आ सकती है। हालांकि, सरकार चाहे तो जनवरी 2026 से पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ सिफारिशें लागू कर सकती है और कर्मचारियों को 12 महीने का बकाया दे सकती है।

फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि की उम्मीदें
आठवें वेतन आयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू फिटमेंट फैक्टर है, जो वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए गुणक के रूप में काम करता है। सातवें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने की संभावना है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये तक पहुंच सकता है। इससे कर्मचारियों का वेतन 25-35% तक बढ़ सकता है। पेंशनभोगियों के लिए भी पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर लगभग 25,740 रुपये हो सकती है।

महंगाई भत्ता और अन्य लाभ
वर्तमान में महंगाई भत्ता (डीए) मूल वेतन का 55% है। आठवां वेतन आयोग लागू होने पर डीए शून्य हो सकता है और इसे नए वेतन ढांचे के साथ फिर से गणना की जाएगी। इसके अलावा, हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस (टीए) में संशोधन की संभावना है। सातवें वेतन आयोग में एचआरए को 30% से घटाकर 24% किया गया था, जो निम्न-स्तरीय कर्मचारियों के लिए निराशाजनक था। आठवें वेतन आयोग में एचआरए बढ़ाने की मांग उठ रही है।

आयोग के गठन में देरी और चुनौतियां
हालांकि आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी गई है, लेकिन इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति अभी बाकी है। टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को अंतिम रूप देने के लिए नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में कुछ और महीने लग सकते हैं। इसके अलावा, 2025-26 के केंद्रीय बजट में आठवें वेतन आयोग के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है, जिससे कार्यान्वयन की समयसीमा को लेकर संदेह पैदा हो रहा है।

आर्थिक प्रभाव और उम्मीदें
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर इसका अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। सातवें वेतन आयोग के लागू होने से 2016-17 में सरकारी खर्च में 1 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी। आठवें वेतन आयोग से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जो उपभोग और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। हालांकि, इससे सरकारी राजस्व व्यय भी बढ़ेगा, जो पूंजीगत व्यय के लिए बजट पर दबाव डाल सकता है।

कर्मचारियों की मांगें और अपेक्षाएं
कर्मचारी यूनियनों ने पांच सदस्यों के परिवार के आधार पर न्यूनतम वेतन निर्धारण, पेंशन पुनर्स्थापना अवधि को 15 से घटाकर 12 वर्ष करने, और 50% महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करने की मांग की है। इसके अलावा, मॉडिफाइड अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एमएसीपी) स्कीम में सुधार की मांग भी उठ रही है। इन मांगों का कितना हिस्सा आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों में शामिल होगा, यह सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा।

आठवां वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी उम्मीद की किरण है। हालांकि, कार्यान्वयन की समयसीमा और सिफारिशों के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, लेकिन देरी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। कर्मचारी और पेंशनभोगी अब सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।

]]>