उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीजेआई का यह बयान लंबे समय तक याद रखा जाएगा और इससे मध्यस्थता प्रक्रिया में मजबूती आएगी। भारत में पर्याप्त संख्या में योग्य लोग हैं लेकिन मध्यस्थता व्यवस्था में उन्हें नहीं चुना जाता। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति इस देश की न्यायपालिका में बड़े बदलाव कर रहा है और वो हैं देश के मुख्य न्यायाधीश। दरअसल कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद रहे और उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मध्यस्थता व्यवस्था में विविधता की कमी है और रिटायर्ड जज इस क्षेत्र पर दबदबा बनाए हुए हैं।
]]>उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि समाज को बदलने के लिए शिक्षा सबसे प्रभावशाली, स्थायी, परिवर्तनकारी तंत्र है। यह असमानताओं को दूर कर सकता है और असमानताओं का मुकाबला कर सकता है। यदि हमारे पास गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है, तो अन्य चीजें भी अपने स्थान पर आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि मुझे इसमें कोई शंका नहीं है कि शिक्षा ही समाज को बदल सकती है। समाज में बदलाव तब आएगा जब हम नए-नए खोज करेंगे। रिसर्च करेंगे। विकास करेंगे।
]]>उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने इसपर कहा कि मैं पहले भी कई जगह गया हूं, पर कुछ लोगों ने कहा कि आप क्यों आते हो बार-बार. मैं थोड़ा अचंभित हो गया क्योंकि कहने वाले ने न तो संविधान को पड़ा, न कानून को पढ़ा और न अपने पद की मर्यादा रखी. कानून को अगर झांक लेते तो उन्हें पता लग जाता कि भारत के उपराष्ट्रपति की कोई भी यात्रा अचानक नहीं होती. बड़े सोच-विचार और मंथन चिंतन के बाद होती है. बस कह दिया कि आपका आना ठीक नहीं है.
]]>चिदंबरम का नाम लिए बिना उनकी टिप्पणी उन्होंने इसे विकृत मानसिकता करार दिया और कहा कि क्या आज लगाया गया पौधा तुरंत फल देना शुरू कर देगा या क्या किसी व्यक्ति को संस्थान में प्रवेश के तुरंत बाद डिग्री मिल जाएगी। लोगों की अज्ञानता को राजनीतिक समानता में बदलना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को इससे लड़ना होगा क्योंकि उनकी सूचना तक पहुंच है।
गौरतलब है कि धनखड़ की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता के उस बयान पर आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि विधेयक भले ही कानून बन गया है लेकिन यह कई वर्षों तक असल में लागू नहीं हो पाएगा। यह सिर्फ सरकार द्वारा लाया गया, एक भ्रम है। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा था कि सरकार ने दावा किया है कि महिला आरक्षण विधेयक कानून बन गया है। ऐसे कानून का क्या फायदा, जो वर्षों तक लागू ही नहीं किया जाएगा। निश्चित रूप से यह कानून 2029 लोकसभा चुनाव से पहले लागू नहीं हो पाएगा। यह सिर्फ चिढ़ाने जैसा है। जैसे पानी के कटोरे में चांद की परछाई दिखती है। केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया यह कानून सिर्फ एक चुनावी जुमला है।
महिला आरक्षण से संबंधित 128वां संविधान संशोधन विधेयक 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित किया गया था। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े, जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला था। इससे पहले 20 सितंबर को विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे। एक दिन पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद से विधेयक कानून बन गया है।
]]>আরও পড়ুন ত্রিপুরা: মমতার টার্গেট কংগ্রেস ভোট! সন্তোষমোহন কন্যা সুস্মিতায় আপ্লুত প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রীর পরিবার
বিষয়গুলি হল-২০১৬ থেকে এখনও পর্যন্ত প্রতি বছর কত টাকা খরচ হয়েছে? কোন কোন সংস্থার মাধ্যমে এই টাকা খরচ হয়েছে? সংস্থাটি কি সরাসরি টাকা পেয়েছে নাকি, FICCI,-র মাধ্যমে পেয়েছে? প্রতি বছর কতগুলি মউ সই হয়েছে, লগ্নি ও চাকরির প্রতিশ্রুতি দেওয়া হয়েছে? প্রতি বছর আসলে কত বিনিয়োগ এসেছে, ক’জন কাজ পেয়েছেন?
আরও পড়ুন ত্রিপুরা: সন্তোষ মোহনের নেতৃত্বে বাম হটিয়ে কংগ্রেস সরকার গড়েছিল, সুস্মিতায় বাজি মমতার
https://twitter.com/jdhankhar1/status/1433363778842738695?s=20
এক বছর কেটে যাওয়ার পরেও সেই তথ্য না পাওয়ার অভিযোগে ক্ষোভে ফেটে পড়লেন রাজ্যপাল। টুইটারে লিখলেন, “২০২০ সালের ২৫ আগস্ট বেঙ্গল গ্লোবাল বিজনেস সামিটের ১২ কোটি টাকা বিনিয়োগের তথ্য চেয়েছিলাম। কিন্তু একবছর কেটে যাওয়ার পরে এখনও তা পাইনি।”
আরও পড়ুন শরিয়তি আইনে চলা আফগানিস্তান থেকে উইঘুর মুসলিমদের চিনে পাঠাবে তালিবান
I would like to suggest @jdhankhar1 to read the series of PAGLA DASHU written by Sukumar Roy. Hope he will enjoy it and feel some kind of satisfaction. https://t.co/z8AkL0i2M8
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) September 2, 2021
ধনখড়ের এই অভিযোগের পরেই তাঁকেও আক্রমণ করেছে রাজ্যের শাসকদল তৃণমূল কংগ্রেসের নেতৃত্ব। পালটা টুইট করেছেন তৃণমূল কংগ্রেসের মুখপাত্র কুনাল ঘোষ। সোশ্যাল মিডিয়ায় তিনি লিখেছেন তিনি লিখেছেন, “আমি রাজ্যপাল জগদীপ ধনকড়কে পরামর্শ দিচ্ছি সুকুমার রায়ের পাগলা দাশু পড়ার। আশা করি উনি সেটা উপভোগ করতে পারবেন এবং ওনার ভালো লাগবে।””
]]>