Kargil War – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 08 Jul 2024 08:29:38 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Kargil War – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 12 घंटे की कारगील जंग की कहानी…टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया, पाकिस्तान को हराया https://ekolkata24.com/top-story/the-story-of-the-12-hour-kargil-war Mon, 08 Jul 2024 08:29:38 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48793 नई दिल्ली : 4 जुलाई 1999 को उधर सूरज उग रहा था। इधर भारतीय सेना के टाइगर्स ने Tiger Hill पर तिरंगा लहरा दिया था। यही वो पल था जब पाकिस्तान के धोखे का करारा जवाब मिला था। खतरनाक जंग में कई जवान शहीद हुए लेकिन देश की एक इंच जमीन भी दुश्मन को नहीं ले जाने दिया। देश कारगिल विजय का सिल्वर जुबली मना रहा है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने एक्स हैंडल (ट्विटर) पर उस जंग में फतह का एक वीडियो जारी किया है। जब 4 जुलाई 1999 को भारतीय सेना के बाघों ने टाइगर हिल को पाकिस्तानियों से मुक्त कराया था। यहीं से करगिल जंग की पूरी कहानी बदल गई थी।

हुआ यूं था कि 14 जुलाई 1999 को ही करगिल युद्ध में विजय हासिल हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘ऑपरेशन विजय’ की घोषणा की थी। साथ ही पाकिस्तान की सराकर के साथ बात करने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं।

83 दिन चले इस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को धूल चटा दी थी। लेकिन पाकिस्तान की कायरता की दास्तां तब शुरू हुई थी, जब 3 मई 1999 को सीमा पार से कुछ हथियारबंद घुसपैठिए करगिल जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में देखे गए थे। एक स्थानीय चरवाहे ने भारतीय सेना को इसकी सूचना दी थी।

भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टुकड़ी को जांच करने भेजा। लेकिन पाकिस्तानी घुसपैठियों ने पांच जवानों बंधक बना लिया। 5 मई को सूचना मिली कि उन जवानों को घुसपैठियों ने मार डाला। सेना करारा जवाब देने की तैयारी में थी। 9 मई 1999 को पाकिस्तान की तरफ से ताबड़तोड़ गोले बरसाए गए। इससे करगिल में भारतीय सेना के हथियार डिपो बर्बाद हुए। कई सैनिक जख्मी हुए और  कुछ शहीद हो गए।

24 घंटे में द्रास, ककसर, मुस्कोह में और घुसपैठिए आए अगले 24 घंटे में सीमा पार से द्रास, ककसर और मुस्कोह कई घुसपैठिए आ गए। मई के मध्य में भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में मौजूद जवानों को करगिल की तरफ रवाना किया। 26 मई को भारतीय सेना की मदद के लिए वायु सेना ने दुश्मन के कब्जे वाले पोजिशन पर गोले गिराने शुरू किए।

पाकिस्तान ने अंजा मिसाइल से एक मिग-21 और मिग-27 को मार गिराया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता को बंधक बनाया। इन्हें 3 जून 1999 को बतौर युद्धबंदी रिहा किया गया। 28 मई को पाकिस्तान ने वायुसेना के Mi-17 हेलिकॉप्टर को मार गिराया। उसमें मौजूद चार भारतीय जवान शहीद हो गए।

1 जून 1999 को पाकिस्तानी सेना के तोप के गोले लगातार NH-1 पर गिर रहे थे। इस शेलिंग से लद्दाख बाकी देश से कट गया था। इंडियन आर्मी के हथियार, मेडिकल सप्लाई और रसद लद्दाख तक नहीं पहुंच पा रहे थे। करगिल में इस राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई करीब 217.4 km है।

यह सड़क श्रीनगर को लेह से जोड़ती है। इसमें दो ही लेन है। खराब भौगोलिक स्थिति और सड़क पतली होने की वजह से यहां पर ट्रैफिक धीमी रहती है। पाकिस्तानी फौजी हाइवे के सामने की तरफ ऊंची पहाड़ियों पर थे। वहां से गोलीबारी कर रहे थे। भारत सरकार के लिए इस हाइवे को बचाना बेहद जरूरी था।

NH-1 भारतीय सेना के लिए सबसे प्रमुख मार्ग है। पाकिस्तानी फौजी इस सड़क पर मोर्टार्स, आर्टिलरी और एंटी-एयरक्राफ्ट गन से हमला कर रहे थे। लेकिन भारतीय एयरफोर्स और सेना के जवानों ने जान की परवाह न करते हुए NH-1 के सामने के सभी पोस्ट को जून मध्य तक पाकिस्तानी घुसपैठियों से छुड़ा लिया था।

9 जून को बटालिक सेक्टर की दो चोटियां मुक्त हुईं 6 जून को भारतीय सेना ने भयानक हमला किया। 9 जून को बटालिक सेक्टर की दो महत्वपूर्ण चोटियां सेना के कब्जे में वापस आ गईं। भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर को दो महत्वपूर्ण पोजिशन पर फिर से कब्जा कर लिया था। 11 जून को परवेज मुशर्रफ और लेफ्टि. जनरल अजीज खान की बातचीत को सार्वजनिक किया गया।

13 जून को भारतीय सेनाओं ने द्रास में तोलोलिंग पर कब्जा जमा लिया। इसमें इंडियन आर्मी के कई जवान शहीद हुए लेकिन सबसे महत्वपूर्ण चोटी पर सेना का वापस कब्जा हो गया। सभी घुसपैठियों को मार गिराया था। दो दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा कि वो तुरंत अपने सैनिकों और घुसपैठियों को वापस बुलाएं। 29 जून तक अंतरराष्ट्रीय दबाव बनता रहा।

3-4 जुलाई की रात भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर हमला बोल दिया था। 4 जुलाई 1999 की सुबह भारतीय सेना के तीन रेजिमेंट (सिख, ग्रेनेडियर्स और नागा) ने टाइगर हिल पर पाकिस्तान के नॉर्दन लाइट इंफ्रेंट्री को धूल चटा दी। 12 घंटे चली लड़ाई के बाद टाइगर हिल पर वापस कब्जा किया गया।

अगले ही दिन नवाज शरीफ ने हार मानते हुए सेना वापस बुलाई 5 जुलाई 1999 को नवाज शरीफ ने हार मानते हुए अपनी सेना को वापस बुलाया। 7 को भारतीय सेना ने बटालिक के जुबार हिल पर अपना कब्जा वापस जमा लिया। पाकिस्तानी फौज और घुसपैठिये दुम दबाकर भाग चुके थे। 14 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ के पूरा होने की घोषणा की गई।

 

]]>