गौरतलब है कि सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अपनी गिरफ्तारी और जमानत से इनकार किए जाने को चुनौती देते हुए अरविंद केजरीवाल ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी। इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर वकील संजीव नासियार का कहना है, “सीबीआई मामले में जमानत मिल गई है। यह राहत का बड़ा दिन है। सीएम पिछले 5 महीने से जेल में बंद थे। जहां तक गिरफ्तारी का सवाल है, दोनों न्यायाधीशों की राय अलग-अलग है। आदेश आने के बाद मैं इस पर टिप्पणी कर पाऊंगा। कुछ नियमित शर्तें हैं। वह संबंधित मामलों पर कोई सामान्य टिप्पणी नहीं कर पाएंगे। सीबीआई को क्योंकि मामला अदालत में विचाराधीन है। जब भी बुलाया जाएगा उन्हें अदालत में उपस्थित रहना होगा। हम जल्द ही उन्हें दिल्ली और फिर हरियाणा में देख सकेंगे।”
पीठ ने पांच सितंबर को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइंया की बेंच ने केजरीवाल की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के 5 अगस्त के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के इस मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और संबंधित साक्ष्यों को देखकर यह नहीं कहा जा सकता है कि गिरफ्तारी अकारण या अवैध थी। हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत संबंधी याचिका पर निचली अदालत से संपर्क करने की भी अनुमति दी थी।
यह मामला दिल्ली सरकार की शराब नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस नीति को बाद में निरस्त कर दिया गया था। ईडी ने कथित घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक अलग मामला दर्ज किया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, शराब नीति में संशोधन करके अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। शीर्ष अदालत ने धनशोधन (रोकथाम) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ‘गिरफ्तारी की आवश्यकता और अनिवार्यता’ के पहलू पर तीन सवालों के संदर्भ में गहन विचार के लिए इसे एक बड़ी पीठ (पांच-सदस्यीय संविधान पीठ) को भेज दिया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।
भ्रष्टाचार मामले में अपनी याचिका पर 5 सितंबर को सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की उस दलील का जोरदार विरोध किया था कि उन्हें जमानत के लिए सबसे पहले निचली अदालत जाना चाहिए। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने केजरीवाल की याचिकाओं के गुण-दोष पर सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में भी शीर्ष अदालत को उन्हें (केजरीवाल को) निचली अदालत जाने के लिए कहना चाहिए।
]]>कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि निचली अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने केजरीवाल को जमानत देते समय अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। हाईकोर्ट ने कहा हमने दोनों पक्षों को सुना। लेकिन निचली अदालत ने ईडी के दस्तावेजों पर गौर नहीं किया। निचली अदालत ने पीएमएलए की धारा 45 की दोहरी शर्तों पर गौर नहीं किया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने मुद्दा उठाया कि निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था की इतने दस्तावेज पढ़ना संभव नहीं था। इस तरह की टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित थी और ये दर्शाती है कि ट्रायल कोर्ट ने रिकॉर्ड पर अपना ध्यान नहीं दिया।
]]>२४ घंटे से भी कम समय बाद उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शनिवार को दोपहर में हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की। और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रचार के दौरान बारे दवा किय। उन्हों ने कहा, ”लिख लो, चुनाव जीतोगे तो ममता जेल में होंगी।”
लेकिन सिर्फ बंगाल के मुख्यमंत्री ही नहीं, केजरीवाल को डर है कि अगर बीजेपी जीती तो तेजस्वी यादव, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, पिनाराई विजयन का भी यही हश्र हो सकता है। केजरीवाल ने तमिलनाडु और केरल के मुख्यमंत्री स्टालिन और विजयन का भी ज़िक्र किया ।
प्रधानमंत्री मोदी अक्सर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहते हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के विपक्षी दल और नेता भ्रष्टाचार के पहाड़ पर चढ़ गये हैं। इसी दिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केजरीवाल ने बीजेपी नेता मोदी का समालोचना कहा, ”75 साल में किसी भी पार्टी को ऐसा धोखा नहीं मिला। भ्रष्टाचार से लड़ना है तो केजरीवाल से सीखें। सरकार बनने के बाद एक मंत्री का ऑडियो आया। मैंने बिना किसी को बताए सीबीआई से जांच करने को कहा। मैंने उसे जेल भेज दिया। और आप सभी चोरों को पनाह दे रहे हैं।”
इसके बाद मुख्यमंत्री ने बड़ा दवा किया। कहा, ”केजरीवाल को जेल में डालकर मोदी ने साबित कर दिया है कि हर किसी को जेल में डालना संभव है। पूरे देश में एक खौफनाक मिशन चलाया। मिशन का नाम ‘एक देश, एक नेता’ है. वे देश के सभी नेताओं को ख़त्म करना चाहते हैं। मनीष सिसौदिया, केजरीवाल से लेकर ममता तक के मंत्रियों को जेल भेजा गया। इसे लिख लें, अगर आप चुनाव जीतते हैं, तो ममता जेल में होंगी, तेजस्वी जेल में होंगे, स्टालिन जेल में होंगे, उद्धव जेल में होंगे, पिनाराई विजयन और सभी विपक्षी नेता जेल में होंगे।
केजरीवाल के शब्दों में, ”लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शिवराज सिंह चौहान, बशुंधरा राजे, एमएल खट्टर, रमन सिंह की राजनीति खत्म हो गई है।अब योगी आदित्यनाथ की बरी। अगर बीजेपी यह चुनाव जीतती है तो अगले २ महीने के भीतर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बदल देगी।
केजरीवाल के शब्दों में, ”लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शिवराज सिंह चौहान, बशुंधरा राजे, एमएल खट्टर, रमन सिंह की राजनीति खत्म हो गई है. फिर योगी आदित्यनाथ. अगर बीजेपी यह चुनाव जीतती है तो अगले 2 महीने के भीतर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बदल देगी।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने देश बचाने का आह्वान किया। उनका दावा, ”१४० करोड़ लोगों से भीख मांगते हुए अपने देश को बचाएं। ” मैं देश को बचाने के लिए पूरे देश में घूमूंगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुझे २१ दिन का समय दिया। एक दिन २४ घंटे का होता है, मैं ३६ घंटे काम करूंगा। मैं अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दूंगा।”
#WATCH | Delhi CM Arvind Kejriwal says "They will send opposition leaders to jail and will finish (Nipta denge) the politics of BJP leaders…Our ministers, Hemant Soren, ministers of Mamata Banerjee's party are in jail…If they win again, then Mamata Banerjee, MK Stalin, Tejashwi… pic.twitter.com/xtzToyYuQd
— ANI (@ANI) May 11, 2024
केजरी का दावा है, ”मोदी अपने लिए नहीं बल्कि अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं। अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाया जाएगा।” दिल्ली के मुख्यमंत्री का तर्क, ”वे पूछते हैं कि भारत गठबंधन का प्रधानमंत्री कौन होगा?” मैं पूछ रहा हूं कि बीजेपी का प्रधानमंत्री कौन होगा? मोदी अगले साल ७५ साल के हो जायेंगे। बीजेपी में जब कोई ७५ साल का हो जाता है तो रिटायर हो जाता है। आडवाणी, जोशी, सुमित्रा महाजन, यशवन्त सिन्हा सभी रिटायर हो चुके हैं। अगर मोदी अगले साल १७ सितंबर को रिटायर हो गए तो कौन बनेगा प्रधानमंत्री? दरअसल मोदी अपने लिए नहीं बल्कि अमित शाहजी के लिए वोट चाहते थे। वह अगले प्रधानमंत्री हैं।”
बंगाल की मुख्यमंत्री ने प्रचार में दावा किया कि इस बार चुनाव में बीजेपी को २०० सीटें भी नहीं मिलेंगी। दूसरी ओर, पद्म शिबिर का नारा है, “इस्बर ४०० पार।” केजरी ने कहा, ”हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली, बिहार, बंगाल में बीजेपी की सीटें कम हो रही हैं। बीजेपी को १२० -३० से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी।
]]>এই চাপান উতোরের মধ্যে দিল্লির মুখ্যমন্ত্রী অরবিন্দ কেজরিওয়ালকে তীব্র কটাক্ষ করলেন পাঞ্জাব প্রদেশ কংগ্রেসের সভাপতি নভজ্যোত সিং সিধু (n.s sidhu)। শনিবার আপ প্রধান অরবিন্দ কেজরীবালকে (aravinbd kejriwal) ‘রাজনৈতিক পর্যটক’ ও মিথ্যাবাদী বলে কটাক্ষ করেন সিধু। অভিযোগ করেন, কেজরিওয়াল ‘মিথ্যা প্রতিশ্রুতি’ (false assurance) দিচ্ছেন।
রবিবার এক জনসভায় সরাসরি কেজরিওয়ালকে তাঁর সঙ্গে বিতর্কে বসার চ্যালেঞ্জ ছুড়ে দেন সিধু। প্রদেশ কংগ্রেস সভাপতি সিধুর অভিযোগ, কেজরিওয়াল দিল্লিতে ৮ লক্ষ কর্মসংস্থান তৈরি করেছেন বলে যে দাবি করেন সেটা ঠিক নয়। আসলে তিনি চাকরি দিয়েছেন মাত্র কয়েক হাজারকে মানুষকে। সিধু এদিন কেজরিকে লক্ষ্য করে বলেন, “পাঞ্জাবের যেকোনও জায়গায় আমার মুখোমুখি বসুন। দরকার হলে আমাকে দিল্লিতেও ডেকে পাঠাতে পারেন। আমি আপনার বাড়িতেই আলেচনায় বসব। ওই আলোচনায় সংবাদ মাধ্যমের প্রতিনিধিরাও থাকবেন। সেখানে যদি যুক্তিতে আমি পরাজিত হই তবে রাজনীতি ছেড়ে দেব।
পাঞ্জাবে প্রচারে গিয়ে কেজরিওয়াল প্রতিশ্রুতি দিয়েছিলেন, আপ ভোটে জিতলে পাঞ্জাবের প্রত্যেক মহিলাকে মাসে ১০০০ টাকা ভাতা দেওয়া হবে। দিল্লিতেও মহিলাদের এই ভাতা দেওয়া হয়। কেজরি আরও বলেছিলেন, পাঞ্জাবে বেআইনি বালি খাদান থেকে আইন বিরুদ্ধভাবে ২০ হাজার কোটি টাকার বালি উত্তোলন করা হয়। আম আদমি পার্টি সরকারে এলে, এই পরিস্থিতি বদল করা হবে। এই প্রতিশ্রুতি নিয়েও কেজরিকে কটাক্ষ করেছিলেন সিধু। পাঞ্জাব প্রদেশ সভাপতি পাল্টা বলেছেন, “কেজরিওয়াল বলছেন, বালি খাদান থেকে ২০ হাজার কোটি টাকা আসে। পূর্ববর্তী অকালি দল ও বিজেপির সরকার বালি খাদান থেকে প্রতি বছর ৪০ কোটি আয় করেছে। বর্তমান কংগ্রেস সরকার সেই আয়কে ৩০০ কোটি টাকায় নিয়ে গিয়েছে। কেজরি ২০ হাজার কোটি টাকা কোথায় পেলেন আমি বুঝতে পারছি না। আমাকে এমন কোনও একটি রাজ্য দেখান যেখানে বালি খাদান থেকে বছরে ৩০০০ কোটি টাকার বেশি আয় হয়।”
সিধু আরও বলেন, “কেজরিওয়াল পাঞ্জাবের ব্যপারে কিছুই জানেন না। আপনি রাজনৈতিক পর্যটক এবং একজন মিথ্যেবাদী। সাড়ে চার বছর পর পর একবার আসেন এবং ভুয়ো প্রতিশ্রুতি দিয়ে চলে যান। আপনি উত্তর দিন সাড়ে চার বছরে কেন একবারও পাঞ্জাবে আসেননি?” দিল্লিতে মদের দোকানের দেদার অনুমতি দেওয়া নিয়েও কেজরিকে কটাক্ষ করতে ছাড়েননি সিধু। তিনি বলেন, রাজ্যের আয় বাড়াতেই মদের দোকানের ঢালাও লাইসেন্স দেওয়া হয়েছে। এভাবেই দিল্লির যুব সমাজকে অন্ধকারে ঠেলে দিচ্ছেন কেজরি। অন্যদিকে পাঞ্জাবে কংগ্রেস সরকার মদের রমরমা কমানোর কাজ চালাচ্ছে। এখন মানুষকেই বেছে নিতে হবে তাঁরা কেজরির কথায় বিশ্বিস করবেন নাকি, কংগ্রেসকে।
]]>শীর্ষ আদালতের প্রধান বিচারপতি এনভি রামান্নার নেতৃত্বে গঠিত ডিভিশন বেঞ্চে দূষণ সংক্রান্ত একটি মামলার শুনানি চলছে। বৃহস্পতিবার শুনানি চলাকালে শীর্ষ আদালত কেজরি সরকারকে প্রশ্ন করে, আপনারা বলেছিলেন বাড়ি থেকেই অফিসের কাজকর্ম হবে। প্রতিশ্রুতি দিয়েছিলেন, স্কুল-কলেজ বন্ধ থাকবে। কিন্তু বাস্তবে তার কিছুই দেখা যাচ্ছে না। তাহলে আপনারা করছেনটা কী? একই সঙ্গে আদালত বলে, আপনারা তো প্রতিদিনই হলফনামা দিয়ে দূষণ রোধ করতে কত কিছু করবেন বলছেন। কমিটি তৈরি করছেন, কিন্তু তাতে কি আদৌ কি কোনও কাজের কাজ হয়েছে?
দিল্লি সরকারের তরফে আইনজীবী অভিষেক মনু সিংভি বলেন, দিল্লির সরকার রাজধানীর দূষণ প্রতিরোধ করতে বেশ কিছু ব্যবস্থা নিয়েছে। ওই উত্তরের প্রেক্ষিতে প্রধান বিচারপতি রামান্না ফের প্রশ্ন করেন, আপনি বলুন রাস্তার মাঝখানে ব্যানার নিয়ে কেন ছেলে মেয়েরা দাঁড়িয়ে আছে? এটাতো সস্তার রাজনীতি হচ্ছে। ছেলেমেয়েদের স্বাস্থ্যের বিষয়টা কি আদৌ ভাবা হচ্ছে? আদালত দিল্লির দূষণের সঙ্গে কোনও রকম আপস করবে না। কেউ যদি ভেবে থাকে আদালতের ঘাড়ে বন্দুক রেখে শিকার করবে, সেটা হবে না। আগে দিল্লি সরকার বলুক কোন পরিস্থিতিতে তারা স্কুল খোলার মত এত বড় একটা গুরুত্বপূর্ণ সিদ্ধান্ত নিল।
একই সঙ্গে এদিন শীর্ষ আদালতের বেঞ্চ দিল্লি সরকারকে জানিয়েছে, ২৪ ঘন্টার মধ্যে তাদের জানাতে হবে রাজধানীর দূষণ প্রতিরোধ করতে কী কী ব্যবস্থা নেওয়া হয়েছে।
]]>শীর্ষ আদালতের প্রধান বিচারপতি (chief justice) এনভি রামান্নার নেতৃত্বাধীন তিন সদস্যের বেঞ্চে এই মামলার শুনানি হচ্ছিল। দুই সরকারের পক্ষ থেকে দূষণের জন্য কৃষকদের দায়ী করার ঘটনায় ক্ষুব্ধ হন প্রধান বিচারপতি। বিচারপতি এনভি রামান্না বলেন, কৃষকদের ঘাড়ে সব বিষয়ই দোষ চাপিয়ে দেওয়া একটা ফ্যাশনে পরিণত হয়েছে। দায় এড়াতে বলা হচ্ছে, শুধু ফসলের গোড়া পোড়ানোর কারণেই দূষণ হচ্ছে।
কিন্তু দিল্লির রাস্তায় যানবাহনের ধোঁয়া, কারখানা থেকে নির্গত দূষিত ধোঁয়া, বাজির ধোঁয়া এসবের জন্য কোনও দূষণ হচ্ছে না। বাজি পোড়ানোর উপর নিষেধাজ্ঞা থাকলেও দীপাবলির সময় পুলিশের সামনেই ইচ্ছামত বাজি পুড়িয়েছেন রাজধানীর মানুষ। পুলিশ ও প্রশাসন কেউ দেখেও দেখেনি। তাহলে এই দূষণের দায় তো পুলিশ ও প্রশাসনের ঘাড়েও বর্তায়।
একইসঙ্গে এদিনের শুনানিতে সুপ্রিম কোর্টের বেঞ্চ দূষণ নিয়ন্ত্রণে প্রয়োজনে দিল্লি সরকারকে লকডাউন ঘোষণা করার পরামর্শ দেয়। সুপ্রিম কোর্টে তীব্র সমালোচিত হওয়ার পরই এদিন দূষণ নিয়ন্ত্রণে তড়িঘড়ি এক জরুরি বৈঠকে বসেন মুখ্যমন্ত্রী অরবিন্দ কেজরিওয়াল (arvind kejriwal)।
সেই বৈঠকেই মুখ্যমন্ত্রী সিদ্ধান্ত নেন, আপাতত লকডাউন হবে না। তবে দিল্লির সমস্ত স্কুল আগামী সাত দিন বন্ধ রাখা হবে। সরকারি দফতরের সমস্ত কাজকর্ম হবে অনলাইনে। নির্মাণকাজ-সহ যে সমস্ত কাজে বেশি ধূলোকণা তৈরি হয় সেই সমস্ত কাজ ১৭ নভেম্বর পর্যন্ত বন্ধ রাখা হবে। এদিনের বৈঠকে যানবাহন চলাচলের ক্ষেত্রে জোড়-বিজোড় সংক্রান্ত নীতি নিয়ে চূড়ান্ত কোনও সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়নি। তবে অনেকেই মনে করছেন, খুব শীঘ্রই রাজধানীতে আগের মতোই যান চলাচলের ক্ষেত্রে ফিরতে চলেছে জোড়-বিজোড় (odd-even) নীতি ।
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